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Chapter 20 - शिन हुआन

अगली सुबह, हान सेन कई और मुसाफिरों के साथ टेलिपोर्ट स्टेशन ट्रेन से जा रहा था।

ज्य़ादातर लोग टेलिपोर्ट डिवाइस नहीं खरीद सकते थे, इसलिए वे पब्लिक टेलिपोर्ट स्टेशन से गॉड सैंचुरी जाते थे।

आज, कंडक्टर अच्छे मूड में नहीं लग रहा था। इधर हान सेन इस सोच में गहरा डूबा था कि गॉड सैंचुरी में क्या करना है, कि ट्रेन को बहुत ज़ोर का झटका लगा और हर कोई लगभग सीट से गिरने को हुआ।

हान सेन को किसी और चीज़ का ध्यान नहीं था, और वह भी कुछ कदम आगे किसी मुलायम चीज़ पर गिरा।

संतुलन वापस लाने के लिए किसी चीज़ को पकड़ने की कोशिश करते हुए, इसे हैरत हुई कि वह जिसे पकड़े हुआ था, वह और भी मुलायम और नर्म थी।

अब उसे पता चला कि वो मिलिट्री यूनिफ़ॉर्म में एक औरत पर जा गिरा था, और उसके हाथ उसकी छाती पर था।

"कमीने!" औरत चिल्लाई और कुहनी से उसपर तेज़ और कड़क वार किया। अगर वह कामयाब हो जाती, तो हान का चेहरा का ही जख्मी हो जाता। उसने एक बांह को उठाकर उस वार को रोकने की कोशिश की, वहां उसे तगड़ी चोट लगी और वह कई कदम पीछे चला गया।

वह औरत मुड़ी और गुस्से से सेन को घूरने लगी। वह एक ही नजर में गुर्राई: "तू.... कमीने.."

"शिन हुआन!" उसने अपना वाक्य पूरा भी नहीं किया था, कि हान सेन डर से चिल्लाने लगा। यूनिफ़ॉर्म में वही औरत थे, जिसने उसे एस फ़्रीक नाम दिया था।

हान सेन को उम्मीद नहीं थी कि शिन हुआन भी रोका प्लैनेट पर होगी, और लग रहा था कि उसने भी फ़ौज में नाम लिखा लिया था।

मिलिटरी यूनिफ़ॉर्म में होना एलाइंस में आम बात थी, एलायंस के हर कानूनी नागरिक को बीस साल के उम्र के बाद कम से कम पांच साल फ़ौज में सेवा करनी होती थी। जब हान सेन बीस साल का हो जाता, तो उसे भी ज़्यादातर फ़ौज में काम करना ही होता।

शिन हुआन ने हान सेन को पहचान लिया, पर कोई झगड़ा नहीं किया। उसने उसे सिर्फ़ एक ठण्डी और नाउम्मीद नजर से देखा।

हान सेन को पछतावा भी हुआ, "वह अब सोचेगी कि मैं कोई पर्वर्ट हूं। उसकी कोई गलती नहीं है। मैंने उसके पिछवाड़े में वार किया था और अब...अगर मैं उसकी जगह होता, तो मैं भी ऐसा ही सोचता। "

"एलाइंस में इतने प्लैनेट हैं और शिन हुआन यहां भी? कैसे? और उसे क्या मालूम था कि मैमं मिलूंगा और ऐसा करूंगा," हान सेन को अफसोस था। वह कुछ कर नहीं सकता था, बस वह होने दे सकता था, जो हो जाए।

एलाइंस में, दूसरों को घायल करने की आज़ादी नहीं थी। शिन हुआन मजमा नहीं लगाना चाहती थी, इसीलिए उसने उसे सिर्फ़ गुस्से से देखा और आगे कुछ नहीं किया।

हान सेन उसकी नज़र से बहुत तनाव में था, इसलिए टेलिपोर्ट स्टेशन आते ही ट्रेन से उतर आया। उसे हैरत तब हुई, जब शिन हुआन उसके पीछे-पीछे आई।

"कुत्ते को ** खाने से कोई रोक नहीं सकता। मुझे लगा था तुम मासूम हो,पर तुम एक ओछे इंसान हो।" शिन हुआन आगबबूला हो गई थी।

"तुमने देखा जो हुआ था। ट्रेन में मेरे अलावा कई लोग गिरे थे," हान सेन नकली मुस्कान के साथ बोला।

"तुम मानते, अगर मेरी जगह होते?" शिन हुआन का गुस्सा ठण्डा नहीं हुआ था।

"तुम क्या चाहती हो?" शिन हुआन ने उसे कमीना समझ लिया था, और सफाई से कुछ होनेवाला नहीं था।

"तुम सच में कमीने हो, तुम्हें कोई अफ़सोस नहीं है। तुमने ऐसा पहली बार नहीं किया होगा।" शिन हुआन देख रहा था कि हान सेन माफ़ी मांगने नहीं वाला है, और उसकी आवाज़ चढ़ गई, "तुम सोचते हो कि मैं पुलिस को बुलाऊंगी? नहीं बच्चे, इतने सस्ते में नहीं छूटेगा। यहां तुझे मैं मार नहीं सकती, पर गॉड सैंचुरी में कहानी अलग होगी। मैं तुम्हारी राह देखूंगी।"

शिन हुआन फ़ौरन निकल गई और सैनिकों ने उसे सलामी ठोंकी, "गुड मार्निंग, स्टेशनमास्टर।"

हान सेन हड़बड़ाया और उसने जो देखा, उसका यकीन उसे नहीं हुआ। वह रुआंसा हो गया।

सभी टेलिपोर्ट स्टेशन मिलिटरी सिस्टम के थे। हर गैरिसन एक स्टेशन के इख्तियार में था और स्टेशनमास्टर गैरिसन का चीफ एक्जेक्यूटिव था।

हान सेन ने सुना था कि पुराने स्टेशनमास्टर का ट्रांसफर होनेवाला है, और उसने सपने में भी सोचा नहीं था कि शिन हुआन नई स्टेशनमास्टर बनेगी।

हान सेन को अब बहुत डर लग रहा था। शिन हुआन स्टेशनमास्टर थी और वह उसके सब ठिकाने जानेगी ही।

उसके लिए टेलिपोर्ट स्टेशन इस्तेमाल करना मुमकिन नहीं था। प्लैनेट रोका पर तीन पब्लिक टेलिपोर्ट स्टेशन थे, और बाकी दो बहुत दूर थे, और वह सफर में दो दिन बर्बाद नहीं कर सकता था।

हान सेन गॉड सैंचुरी में तब दाखिल हुआ, जब शिन हुआन अपने ऑफ़िस पहुंची। हुआन के पड़ाव से निकलने तक घर वापस टेलिपोर्ट करने से पहले सेन ने रुकने की सोची।

हान सेन ने शिन हुआन को एक और मुलाकात का कोई मौका नहीं दिया। निष्क्रिय स्कॉर्पियन से बनी थोड़ी मीट जर्की खाकर, हान सेन स्टील आर्मर पड़ाव से निकला।

"क्या मेरी किस्मत काला क्रिस्टल मिलने के साथ ही खत्म हो गई?" हान सेन बहुत तनाव में था।

बहुत दूर जाने से पहले उसने स्वर्गीय पुत्र और उसकी गैंग को बाहर गप लड़ाते देखा।

हान सेन को उनसे मिलने में कोई दिलचस्पी नहीं थी और वह दूसरे रास्ते से जाने लगा। लेकिन, लुओ शिनयांग ने उसे पीछे से बुलाया: "एस फ़्रीक, यहां आ।"

परेशानी में, हान सेन न चाहते हुए भी लुओ शिनयांग की ओर मुड़ा।

"मैं बुला रहा हूं। आ जा, फ़ायदे में रहेगा।" लुओ शिनयांग ने उसकी ओर बदमाशी भरी मुस्कान के साथ हाथ हिलाया 

"उसकी कोई ज़रूरत नहीं है। मैं ताकतवर नहीं हूं। मैं सिर्फ़ साधारण प्राणियों से लड़ सकता हूं और प्राचीन प्राणियों से तो मैं लड़ भी नहीं पाऊंगा। मुझे नहीं लगता कि मैं तुम्हारी कोई मदद कर पाऊंगा।" हान सेन जानता था कि लुओ शिनयांग के इरादे नेक नहीं थे।

"चुप हो जा, मार खानी है क्या? मैंने बोला आओ।" लुओ शिनयांग ने कड़ाई से हान सेन की ओर देखा।

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