"मुझे बस 'हां' या 'ना' में जवाब चाहिए।"
यह कहते हुए किन चू की अभिव्यक्ति भयावह रूप से ठंडी हो गई।
"चू, हमने जो भी किया है तुम्हारी भलाई के लिए किया है। वैसे भी यह सब अतीत की बातें है..." किन चू ने मिसिज़ किन को उनकी बात खत्म करने का मौका भी नहीं दिया और वह अपनी जगह पर खड़ा हो गया।
"मुझे पता था।"
किन चू को जो जवाब अपनी माँ से चाहिए था वह उसे उनके बर्ताव से मिल चूका था। यह सुनते ही, किन चू वहां से उठ कर अपने कमरे में चला गया, जो की दूसरी मज़िल पर था।
"चू, इससे पहले कि तुम ऊपर जाओ खाना खा लो," मिसिज़ किन ने अपने बेटे को पीछे से पुकारा, वो उसके लिए चिंतित थीं।
हालाँकि, जवाब की जगह उन्हें अपने बेटे से बेरुखी मिली।
"यूमिन... क्या चू अभी भी उस लड़की के पीछे है? इतना समय हो चूका है, और वह आखिरकार घर आ गया है। मैं आशा करती हूँ की अब कुछ और गलत नहीं होगा। आपको क्या लगता है?" मिसिज़ किन अपने बेटे के व्यहवार से डर सी गई थी।
सात साल बाद उनका बेटा अपने देश वापस आया था। वह वास्तव में नहीं चाहती थी कि उन दोनों के बीच चीजें फिर से बिगड़ जाए, वो भी एक लड़की की वजह से।
"तुम इतना मत सोचो! वह अब बड़ा हो गया है और खुद के लिए निर्णय ले सकता है।" यह कहते हुए किन यूमिन ने अपनी चॉपस्टिक को उठाया और गुस्से से खाना शुरू कर दिया।
किन चू अपने कमरे में चला गया। अपना सेल फोन उठाकर उसने एक नंबर डायल किया।
"जितनी जल्दी हो सके मेरे लिए कुछ बातों का पता लगाओ," उसने यह कहा और तुरन्त फ़ोन रख दिया।
फिर, उसने धीरे से एक ड्रावर खोला और एक पीले रंग की तस्वीर निकाली।
तस्वीर में एक लड़की थी जिसने चोटी बनाई हुई थी। वह सुंदर थी और उसके विशिष्ट नैन नक्श थे। हंसने पर उसके गालों पर मनमोहक डिम्पल उभर आते थे।
उस तस्वीर में वह लड़की ढीला स्कूल ड्रेस पहने थी फिर भी बहुत खूबसूरत लग रही थी।
"मियां, मैंने तुम्हें बहुत मिस किया।"
उसने एक धीमी आवाज़ में, एक प्यार में निराश व्यक्ति की तरह कहा।
सात साल पहले ली गई इस तस्वीर से, उससे जुड़ी सारी यादें किन की आँखों में उतर आई।
नीला आसमान, सफेद बादल, स्कूल का मैदान, और ... वह लड़की जिससे वह प्यार करता था।
अगली सुबह –
हुओ मियां जल्दी उठी और बस में सवार होकर अस्पताल के लिए निकल पढ़ी जहां वह काम करती है। अपनी शिफ्ट पूरी हो जाने के बाद मियां ने खाना खाया और अपना सामान लेकर निंग ज़ियुआन की खोज में निकल गई। वह उसे समझाना चाहती थी कि आखिर कल हुआ क्या था।
आउट पेशेंट नेत्र रोग विभाग में –
जब हुओ मियां अंदर गई, तो उसने नर्स हे मैन को ज़ियुआन के माथे के घाव पर पट्टी लगाते देखा।
"डॉक्टर निंग, यह कैसे हुआ? आप इतने लापरवाह कैसे हो सकते हो?" महिला नर्स की आवाज़ कृत्रिम रूप से ऊँची थी, जिससे लोग असहज हो जाते थे।
"ज़ियुआन," हुओ मियां ने दरवाजे के किनारे से धीरे से पुकारा।
दोनों देखने के लिए घूमे। निंग ज़ियुआन की निगाहें जब हुओ मियां से मिली तब उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं था। वह क्या सोच रहा था, यह कोई नहीं बता सकता था।
"अरे! हुओ मियां, तुम यहाँ हो। तुम दोनों आराम से बैठ कर बाते करो, मैं चलती हूँ ।"
"मत जाओ।" निंग ज़ियुआन ने अचानक से हे मैन को पकड़ लिया। "मेरे घाव की मरहम पट्टी पूरी कर के जाओ।"
"डॉक्टर निंग, ... आपको अपनी प्रेमिका से यह काम करवा लेना चाहिए," उसने अजीब तरीके से हस्ते हुए कहा।
हुओ मियां कुछ कहना चाहती थी लेकिन इससे पहले की वह कुछ बोलती, निंग ज़ियुआन ने उच्ची आवाज़ में सबके सामने कहा, "वह अब मेरी प्रेमिका नहीं है।"
"क्या कहा तुमने?" हुओ मियां ने हैरान होकर पूछा।
"मैंने कहा, हमारा रिश्ता कल ख़त्म हो चूका है। तुम अब मेरी प्रेमिका नहीं हो, और मैं तुम्हारी तरह की उच्च वर्ग प्रेमिका के लायक नहीं हूं। इसलिए तुम अपने पुराने अमीर प्रेमी के पास वापस क्यों नहीं चली जाती? उसके पास बड़ी बड़ी कारें और हवेली है, और मैं एक मामूली सा डॉक्टर हूँ। यदि तुम मेरे साथ रहोगी तो तुम अपना नुक्सान ही करेगी!" निंग ज़ियुआन ने तुनुकमिज़ाज में कहा।
हुओ मियां ने एक गहरी सांस ली, और कहा "ज़ियुआन, कल रात क्या हुआ था, मैं तुम्हें यही समझाने आई हूँ।"