Chapter 75 - प्यार का झूठा जाल

लू टिंग जब वहाँ पर आखिरी निर्णायक की तरह बैठा हुआ था, तो वह वहाँ जा कर उन लोगों को कैसे बचा पाएगी?" निंग क्षी ने सोचा|

लू जींगली की बातें एकदम बकवास थी।

पहले तो निंग क्षी ने अपने आपको इस सब से दूर रखने का सोचा पर अगले क्षण उसे कहीं न कहीं किसी अंजान कारण से आत्मग्लानि हुई|

फिर उसने सोचा, "क्यों मै इन सब की परवाह करूँ?"

तभी उसे लू जींगली का एक और एमएमएस आया|

इस वीडियो में लू टिंग का चेहरा एकदम ठंडा और भयानक सा दिख रहा था जिसे देख निंग क्षी डर गयी| उसे ऐसा लगा कि लू टिंग उसे ही घूर कर इस तरह देख रहा था पर उसे बाद में अहसास हुआ कि यह वीडियो था और लू टिंग लू जींगली को देख रहा होगा|

"लू टिंग तुम्हारे पास आधा घंटा है, इस काम को खत्म करो नहीं तो फ़ाइनेंस विभाग में जाओ और अपना हिसाब किताब कर लो|"

वीडियो खत्म ......

जैसे ही फोन की स्क्रीन काली हुई और वीडियो खत्म हुआ उसे लगा कि लू जींगली उससे मदद के लिए पुकार रहा था, रो रहा था|

वह जानती थी कि आधे घंटे में इतना काम कर पाना न मुमकिन था|

निंग क्षी का दिमाग काम नहीं कर रहा था| करे तो क्या करे?

लू जींगली को कुछ हो गया तो उसका भूत उसे जीने नहीं देगा|

शत्रु को परास्त करना हो तो उसके राजा को बंदी बना लो पर यहाँ राजा तो खुद लू टिंग ही था|

इस राजा की कोई भी कमज़ोरी नहीं थी, फिर क्या किया जाए?

प्यार का जाल? नहीं, नहीं ...

"शेर को माँद से बाहर निकालना है तो उसे भटकाओ|" मिल गया तरीका|

निंग क्षी ने लंबी गहरी सांस ली, खुद को शांत किया और लू टिंग को फोन लगाया|

इधर मीटिंग के कक्ष में प्रॉजेक्टर लू टिंग का सेल फोन से जुड़ा हुआ था जिस पर कंपनी का इंटरनल डेटा दिखाई पड़ रहा था|

सारे के सारे कर्मचारियों का 1200% ध्यान स्क्रीन पर था, क्योंकि लू टिंग उनसे कभी कुछ सवाल पूछ सकता था|

यह आतंक प्राथमिक शाला के बच्चों और अध्यापक के बीच के आतंक जैसा था|

इस तनाव पूर्ण माहौल में अचानक लू टिंग के फोन की घंटी बजी|

लू टिंग ने कॉल उठा लिया बिना देखे की किसका था और अगले ही क्षण स्पीकर के माध्यम से पूरे कमरे में लड़की की मीठी सी प्यार भरी आवाज़ गूँज उठी|

"हैलो! लू टिंग क्या आप व्यस्त हो?"

हम्म?

पूरे कमरे में अजीब सी शांति! हर कोई सन्न ! किसी के मुंह से कुछ नहीं निकाल पा रहा था ! सब एक दूसरे का मुंह देखने लगे|

"क्या हो रहा है?"

यह तो बॉस का व्यक्तिगत फोन था?

इतनी प्यारी मीठी आवाज़ में बॉस का नाम लेने वाली कौन हो सकती थी ?

पर इससे बढ़ा झटका लोगो को तब लगा जब ये आवाज़ सुनने के बाद बॉस के चेहरे का रंग ही बादल गया|

जैसे किसी ठंडी हवा के झोंके ने उसकी आत्मा को छू लिया हो।

यह आवाज़ सुन कर के तो लू जींगली की आँख से आँसू ही निकाल गए। 

" भाभी आज बचा लिया तुमने|"

लू टिंग कुछ क्षण को रुका अपना फोन प्रॉजेक्टर से निकाला और कान पर लगा कर उसी ठंडे अंदाज़ में बोला, "क्या चाहिए ?"

यह डरावनी आवाज़ सुन के निंग क्षी डर गयी पर फिर खुद को संभालते हुए बोली, "आज रात आप क्या कर रहे हैं? हमने लिटिल ट्रेशरे को हॉट पॉट खिलाने ले जाने का वादा किया था, याद है न ?"

लू टिंग ने भावनाविहीन अंदाज में कहा, " पक्का नहीं बोल सकता, मैं कुछ काम में व्यस्त हूँ !"

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