सर्दीयों कि छुट्टीयां में मैं एक दम अकेला पड़ गया था । एक दिन मैं अपने फोन में एक मैसेज देखा तो पता चला कि यह तो मेरे दोस्त हनी का है । हमे मिले कई साल हो गए थे ।मैसेज में यह लिखा था कि वह मुझे उसके सहर कुल्लू मनाली आने के लिए कह रहा था । साल का आखीरी दिन आने में कुछ दिन ही बाकी थे तो मैने सौचा इस बहाने मिलना भी हो जाएगा और नया साल भी वहीं मना लुंगा । मैं बहुत खुश था । मैने अपना समान बैग मैं डाला और कुल्लू मनाली के लिए सुबह सुबह निकल पड़ा और क्रिसमीस डे से एक दिन पहले श्याम को मैं वहां बस स्टैंड पर पहुँचा । मैं वहाँ पहुँच तो गया था लेकिन वहाँ तो कुछ और ही चल रहा था जो बिलकुल मेरी सोच से अलग था । बस सटैंड से कुछ दुरी पर मेरे दोस्त का घर था । मैं वहाँ के लिए निकल लिया, जैसे जैसे मैंं आगे बडता गया मुझे अजीब सा महसुस हो रहा था मेरा जी घबरा रहा था। कुछ समय बाद मैं वहाँ पहुँचा और देखा कि घर मैं कोई नहीं था । मेरा दोस्त किसी काम के लिए बाहर गया हुआ था । मै बहुत थका हुआ था तो वहीं घर के बाहर बैंच पर बैठ गया । मैने उसे फोन किया कि घर कब लोट रहे हो तो उसने कहा कि उसको वहां 3 से 4 घटें लग सकते हैं। तो मैं उसका वहां इंतजार करने लगा। मैं अपना फोन देख रहा था ,अचानक से मेरा फोन बंद हो गया और आसपास कि लाईट भी चली गई थी लेकिन फिर कुछ देर बाद वापस लाईट आ गई थी। मुझे लगा कोई फाल्ट होगा लेकिन साथ में फोन का बंद होना कुछ अलग ही शक पैदा कर रहा था । फिर मैंने ईधर उधर देखा जो बिलकुल हैरान कर देने वाला था ।