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Chapter 2 - अध्याय 2: पहली चाल – बीवी को कमज़ोर समझने की भूल मत करना!

शनाया के लिए ये रात किसी बुरे सपने से कम नहीं थी, लेकिन उसने ठान लिया था—अगर ये दोनों उसे नज़रअंदाज़ कर सकते हैं, तो वो भी चुप नहीं बैठेगी।

सुबह होते ही उसने अपनी पहली चाल खेलने का फैसला कर लिया।

सुबह का तमाशा

सुबह का उजाला पूरे मल्होत्रा मेंशन में फैल चुका था। बड़े हॉल में हर कोई नाश्ते के लिए इकट्ठा हो रहा था। लेकिन आज का माहौल कुछ अलग था।

क्यों?

क्योंकि शनाया पूरे ठाठ-बाठ के साथ, नई नवेली दुल्हन की तरह सजी-धजी हॉल में आ रही थी!

गहरे लाल रंग की साड़ी, खुले घुंघराले बाल, माथे पर चमकता सिंदूर, और गले में भारी मंगलसूत्र—जैसे कोई महारानी हो!

सबने उसे देखा और हैरान रह गए!

"ओह माय गॉड, भाभी कितनी खूबसूरत लग रही हैं!" अनिका ने उत्साहित होकर कहा।

लेकिन जैसे ही डेविल ब्रदर्स यानी आर्यन और करण ने उसे देखा, उनके चेहरे पर झुंझलाहट आ गई।

करण ने अनिका को घूरकर देखा, "तू ज़्यादा मत उछल!"

शनाया ने हल्की-सी मुस्कान दी और जाकर आर्यन और करण के बीच बैठ गई।

"अरे वाह, इतने प्यार से सीट खाली कर रखी थी मेरे लिए?" शनाया ने शरारती अंदाज़ में कहा।

आर्यन ने गहरी सांस खींची, "तुम यहाँ क्यों आई हो?"

"क्यों?" शनाया ने आँखें बड़ी करते हुए कहा, "मैं इस घर की बहू हूँ, तुम्हारी पत्नी!"

दोनों भाइयों के चेहरे ऐसे हो गए जैसे नींबू चबा लिया हो!

पत्नी धर्म निभाने की शरारत

"लो, मैं तुम्हारे लिए पराठे निकाल देती हूँ," शनाया ने जबरदस्ती करण की प्लेट में पराठे डाल दिए।

"और तुम्हारे लिए भी," उसने आर्यन की प्लेट में भी एक पराठा रखा।

आर्यन ने गुस्से में चाकू-छुरी फेंकी, "मुझे ये सब नहीं चाहिए!"

करण भी भड़क गया, "तुम नाटक मत करो, समझी!"

लेकिन शनाया तो बिलकुल मज़े ले रही थी।

"अरे, मैं तो बस अपनी जिम्मेदारी निभा रही हूँ," उसने मासूमियत से कहा।

"तुम्हें जो करना है करो, लेकिन हमें हमारे हाल पर छोड़ दो!" आर्यन ने ठंडे स्वर में कहा।

"ठीक है," शनाया ने मुस्कुराते हुए कहा, "लेकिन याद रखना, मैं इस घर की बहू हूँ और तुम चाहो या न चाहो, मैं तुम्हारी बीवी हूँ!"

डेविल ब्रदर्स की जलन

नाश्ते के बाद, दोनों भाई गुस्से में अपने बिज़नेस ऑफिस चले गए।

लेकिन शाम को जब वे घर लौटे, तो एक और धमाका उनका इंतज़ार कर रहा था।

पूरा घर शनाया के नाम की आरती गा रहा था!

"क्या हो रहा है यहाँ?" करण ने गुस्से से पूछा।

"अरे बेटा, देखो न, हमारी बहू कितनी संस्कारी है!" दादी ने खुश होकर कहा।

"हाँ, कितनी अच्छी है हमारी शनाया!" बुआ जी ने भी मुस्कुरा कर कहा।

दोनों भाइयों के चेहरे का रंग उड़ गया!

करण ने धीरे से आर्यन के कान में फुसफुसाया, "ये लड़की हमें पूरी तरह बेवकूफ बना रही है।"

आर्यन ने गुस्से में कहा, "हमें इसे सबक सिखाना होगा।"

हल्का रोमांस – जब नफ़रत में मोहब्बत की हल्की झलक आई

रात के वक्त, शनाया अपने कमरे में थी। अचानक दरवाज़ा ज़ोर से खुला, और आर्यन अंदर आया।

उसकी आँखों में गुस्सा था, लेकिन कहीं-न-कहीं हल्की-सी बेचैनी भी झलक रही थी।

"तुम ये क्या नाटक कर रही हो?" उसने घूरते हुए कहा।

शनाया ने मुस्कुरा कर कहा, "कौन सा नाटक?"

आर्यन उसके करीब आया, इतना करीब कि शनाया की धड़कन थोड़ी तेज़ हो गई।

"ये संस्कारी बहू का ड्रामा करना बंद करो। हम पर हक जताने की कोशिश भी मत करना!"

शनाया ने हल्की सांस ली, "ओह, तो तुम डरते हो कि कहीं तुम्हें मुझसे प्यार न हो जाए?"

आर्यन ने उसकी ओर एक तीखी नज़र डाली, लेकिन इस बार उसकी आँखों में हल्का-सा कन्फ्यूजन भी था।

"प्यार?" उसने हँसते हुए कहा, "तुमसे? कभी नहीं!"

शनाया ने हल्के से उसकी शर्ट की कॉलर पकड़ ली और उसे अपनी ओर खींचा।

आर्यन को झटका लगा—ये लड़की इतनी बोल्ड कैसे हो सकती है?

"अभी तो बस शुरुआत है, डियर हसबैंड," शनाया ने फुसफुसा कर कहा, "आगे-आगे देखो, होता है क्या!"

आर्यन ने तुरंत खुद को पीछे किया और गुस्से में कमरे से बाहर निकल गया।

लेकिन जाते-जाते उसने अपने धड़कते हुए दिल को महसूस किया।

क्या ये लड़की वाकई उसे चैलेंज दे रही थी?

अगला कदम – बदला या प्यार?

शनाया को क्या पता था कि उसकी छोटी-सी चाल, डेविल ब्रदर्स को और भी ज्यादा तिलमिला देगी!

अब अगला कदम कौन उठाएगा? शनाया या डेविल ब्रदर्स?

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(अगला अध्याय: जब डेविल ब्रदर्स ने लिया बदला!)