शनाया को लगा था कि उसने डेविल ब्रदर्स को अच्छी चुनौती दी है, लेकिन वह यह भूल गई थी कि ये दोनों केवल बिजनेस की दुनिया के शेर नहीं थे, बल्कि बदला लेने में भी माहिर थे!
साज़िश की शुरुआत
अगली सुबह, शनाया अपने कमरे से बाहर निकली तो कुछ अजीब लगा। घर में सब उसे देखकर मुस्कुरा रहे थे। कुछ नौकर तो दबे-दबे हँस भी रहे थे।
"क्या हो रहा है?" उसने अनिका से पूछा।
अनिका ने हँसी दबाते हुए कहा, "भाभी, आपने शीशे में खुद को देखा क्या?"
शनाया तुरंत पास के शीशे की ओर भागी और जैसे ही उसने खुद को देखा, उसके मुँह से चीख निकल गई!
उसके चेहरे पर काले और लाल रंग के पैच बने हुए थे, जैसे किसी ने पेंट कर दिया हो!
"ये क्या है?!" उसने गुस्से से कहा।
तभी पीछे से करण और आर्यन की हँसी गूँजी।
"क्या हुआ, डियर वाइफ?" करण ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा।
आर्यन ने हँसते हुए कहा, "लगता है हमारी संस्कारी पत्नी को हमारी छोटी-सी शरारत पसंद नहीं आई!"
शनाया ने मुठ्ठियाँ भींच लीं।
"तुम दोनों ने ये किया?" उसने गुस्से से उनकी तरफ देखा।
"अरे, हमने कुछ नहीं किया," करण ने बेवजह मासूम बनते हुए कहा।
"हाँ, हो सकता है कोई और कर गया हो," आर्यन ने आँख मारते हुए कहा।
बदला नंबर 2 – जब शनाया ने डेविल ब्रदर्स की शामत ला दी!
शनाया गुस्से में थी, लेकिन वह रोने वालों में से नहीं थी। उसे पता था कि इन दोनों को सबक सिखाना ही पड़ेगा।
शाम को जब दोनों भाई ऑफिस से लौटे, तो घर में खुशबू फैली हुई थी।
"क्या खुशबू है ये?" करण ने नाक सिकोड़ी।
"लगता है, कुछ अच्छा बना है," आर्यन ने संदेह से कहा।
डाइनिंग टेबल पर लज़ीज़ खाना लगा हुआ था। दादी, अनिका, बुआ जी सब खाने का इंतज़ार कर रहे थे।
लेकिन जैसे ही करण और आर्यन ने पहला निवाला मुँह में डाला, उनके चेहरों का रंग बिलकुल सफेद पड़ गया!
"ये…ये क्या है?" करण ने घबराकर कहा।
"इतना… तेज़ मिर्च!" आर्यन की आँखों में पानी आ गया।
शनाया ने शरारती मुस्कान दी, "अरे, आप दोनों को मिर्च बहुत पसंद है न? इसलिए मैंने खास आपके लिए मिर्च वाला स्पेशल खाना बनाया!"
दादी हँस पड़ीं, "अरे बहू, तू तो बहुत अच्छी बावर्चन निकली!"
"हमें नहीं खाना ये!" करण ने गुस्से से थाली दूर धकेल दी।
आर्यन भी गुस्से में उठ खड़ा हुआ, "तुम्हें लग रहा है कि तुम हमसे जीत जाओगी?"
शनाया ने आँखें घुमाईं, "ओह, तो ये कॉम्पिटिशन है? ठीक है, देखते हैं कौन जीतता है!"
हल्का रोमांस – जब शनाया फँस गई अपने ही जाल में!
रात में शनाया खुद से ही अपनी जीत पर मुस्कुरा रही थी कि अचानक दरवाज़ा ज़ोर से खुला।
"इतना खुश मत हो!" आर्यन अंदर आया और दरवाज़ा बंद कर दिया।
शनाया ने चौंक कर देखा, "अब क्या है?"
आर्यन ने धीरे-धीरे कदम बढ़ाए, और उसके बेहद करीब आकर रुका।
"अगर तुम सोच रही हो कि ये खेल यहीं खत्म हो गया, तो तुम बहुत बड़ी गलती कर रही हो," उसने गहरी आवाज़ में कहा।
शनाया को उसकी करीबी से हल्की बेचैनी हुई।
"ओह, तो अब धमकी दोगे?" उसने मज़ाक उड़ाने के अंदाज़ में कहा।
आर्यन ने हल्की सी मुस्कान दी, और अचानक उसका हाथ पकड़ लिया।
शनाया को हल्का-सा झटका लगा।
"तुम क्या कर रहे हो?"
आर्यन ने उसकी आँखों में देखा, "सिर्फ ये समझा रहा हूँ कि डेविल ब्रदर्स से पंगा लेना आसान नहीं।"
फिर वह उसकी कलाई छोड़कर धीरे से उसके बालों को पीछे हटाते हुए फुसफुसाया, "खेल तो अभी शुरू हुआ है, शनाया!"
शनाया थोड़ी देर तक सन्न खड़ी रही।
उसका दिल थोड़ा तेज़ धड़क रहा था।
"ये क्या था?" उसने खुद से कहा।
क्या आर्यन ने उसे सच में चैलेंज दिया, या कुछ और था इस नज़दीकी में?
अगला अध्याय: जब शनाया के दिल में पहली बार हलचल हुई!