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Chapter 15 - Bhaang Ka Nasha Aur Romance

और दूसरी तरफ आदित्य अपने घर से जिया के घर के लिए निकल गया था आदित्य ने होली खेलने के लिए अपनी सारी तैयारी कर ली थी

आदित्य ने आज एक सफेद कुर्ता और जींस पहना था और वो जिया के घर के दरवाजे के बाहर खड़ा था

आदित्य डोर बेल बजाई, घर के अंदर जब बेल की आवाज सुनाई दी तो स्वाति बोली :- जा तो जिया दरवाजा खोल देख आदित्य आया होगा

जिया दरवाजा खोलने चली गई जैसे ही जिया ने दरवाजा खोला तो उसके सामने आदित्य था

जिया ने आदित्य को ऊपर से नीचे तक देखने लगी कि कहीं उसके हाथ में कोई रंग तो नहीं है ना

और दूसरी तरफ आदित्य तो एक तक बस जिया को देखे जा रहा था। जिया को देख कर तो आदित्य के होश उड़ गए थे

आदित्य कभी-कभी सोचता था कि इतनी सुंदर लड़की उसे कैसे इम्प्रेस Hogayi

आदित्य को खुदा ने घूर कर देखा जिया शर्मायी और बोली :- अब्ब बस देखते ही रहोगे या घर के अंदर भी आओगे

आदित्य जिया के पीछे पीछे घर के अंदर आता है आदित्य को देख कर स्वाति बोली :- आदित्य बेटा अच्छा हुआ तू आगया हैप्पी होली

आदित्य स्वाति और महेश दोनो को बोला :- हैप्पी होली मम्मी पापा

स्वाति बोली :- अरे बेटा खड़े क्यों हो बैठ जाओ

आदित्य और जिया सोफे पर जाकर बैठ गए और जिया फिर से गुजिया खाने लगी, गुजिया खाते खाते

बोली :- हा आई हेट होली, मतलब होली के दिन पूजा करो, शगुन का टीका लगाओ और गुजियो पर टूट पड़ो इससे अच्छा तो होली हो ही नहीं सकती

और आदित्य को देखते हुए आगे बोली :- पता नहीं लोग रंगो से कैसे खेल लेते हैं होली, और कुछ लोग तो कीचड में भी नहाते हैं येई 🤮 भगवान का शुक्र है कि मेरा आदित्य ऐसा नहीं है

स्वाति जिया से बोली :- चल अब तेरी नौटंकी होगी तो अभी मैं और तेरे पापा नीचे जाते हैं तू आदित्य के साथ बाद में आना नीचे

इतना बोल कर स्वाति और महेश नीचे चले जाते हैं अब घर में सिर्फ आदित्य और जिया वो भी अकेले

आदित्य गया और घर का गेट बैंड कर दिया और जिया के पास जाकर उसके हाथों को पकड़ कर बोले :- आज तुम बहुत ज्यादा सुंदर लग रही हो मान तो करता है बास ऐसे ही तुम्हारा हाथ पकड़कर तुम्हें देखता रहू

जिया शर्माते हुए आदित्य के आंखो में देखते हुए बोली :- तो मत लगाओ ना इस सुंदर चेहरे पर रंग प्लीज 🥹

आदित्य बोला :- ठीक है मैं तुम्हें रंग नहीं लगाऊंगा पर तुम्हें अपने प्यार का रंग जरूर लगाऊंगा

जिया ने अपने सिर शर्म से नीचे किया और बोली :- ठीक है लगा देना बास तुम कहने वाले हो पर उसे पहले क्यों ना एक गिलास भांग हो जाए

इतना बोल कर जिया भांग को दो गिलास भरने लगी उसने एक गिलास आदित्य को दिया और दूसरा खुद के लिए

और दोनो भांग पीने लगे आदित्य का नशा कंट्रोल करने का सहनशीलता स्तर जिया से अच्छा था,

पर आदित्य को ये नहीं पता था कि जिया को भांग चढ़ जाती थी

जिया ने एक और ग्लास भांग का बनाया और पीने लगी ऐसे ही दूसरा फिर तीसरा और फिर Fourth

आदित्य जिया को रोकते हुए बोला :- अरे जिया बस और कितना पियोगी नशा हो जाएगा तुम्हे बस करू

पर आदित्य को क्या पता था कि अब बहुत देर हो चुकी थी जिया को नशा सिर चढ़ने लगा था

जिया हिचकी लेती हुई नशे में आदित्य से बोली :- चुप मुझे मत रोको आदित्य आज मैं पिऊंगी आज मुझे कोई नहीं रुक सकता

इतना बोल कर जिया एक और ग्लास बनती है पर आदित्य को जिया के फिकर होने लगती है वो जिया का हाथ पकड़ लेता है और उसे और भांग नहीं पीने देता

तोह जिया नशे में बोली :- अरे मेरा हाथ छोरो मुझे और पीना है

जिया को जिद करता देख आदित्य जिया को अपनी गोदी मैं उठा लेता है, जिया भी आदित्य के गले के पीछे अपने हाथ रख देती है

है और कहती है :- तुम कितने क्यूट हो तुम्हारी ये दाढ़ी, तुम्हारी आखे है

इतना बोलने के बाद जिया ने अपने होठों का पाउट बना लिया जिया को यू देख कर आदित्य को बहुत हंसी आ रही थी

पर आदित्य जानता था अभी हंसी 🤣का नहीं जिया को संभाल ने का टाइम है

आदित्य का थोड़ा ध्यान भट्ट का तभी जिया मोके का फायदा उठा कर आदित्य की गोदी से नीचे उतर गई

और पूरे घर में भागन लगी आदित्य भी जिया के पीछे भागने लगा

आदित्य बोला :- अरे जिया कहां जा रही हो

जिया बोली :- मैं जा रही हूं उड़ने 😵‍💫

जिया आगे आगे और आदित्य उसके पीछे पीछे, पकड़ पकड़ के ये रेस शुरू हो चुकी थी

जिया भागते हुए उछल कूद कर रही थी और बेचारा आदित्य उसके पीछे पीछे भाग रहा था उसे संभाल ने के लिए

के तभी जिया को रंग दिखाए दिए जिया ने एक लाल रंग को अपने हाथ में भर लिया और आदित्य को देखा

आदित्य समाज गया के जिया क्या सोचा रही है अब भागने के बाद आदित्य की थी और पकड़ने ने की जिया की

जिया चिल्लाते हुए बोली :- रुको भागते कहां हूं मुझे सुबह से परेशान करके रक्खा हुआ था अब्ब कहाँ भाग रहे

जिया भागने लगी और आदित्य ज़्यादा तेज़ नहीं भाग रहा था इसलिए जिया ने जल्दी ही उसे पकड़ लिया

जिया ने आदित्य को धक्का दिया जिससे आदित्य दीवार के सहारे जा खड़ा हुआ और जिया उसके पास आ गई

आदित्य जिया से बोला :- जिया मुझे तुम्हारा इरादा कुछ ठीक नहीं लग रहा है

जिया हिचकी लेती हुई आदित्य के पास जाते हुए प्यार से बोली ❤️ :- अच्छा फिर कैसा लग रहा है

आदित्य ने जिया के कमर को पकड़ लिया और उसे अपने और करीब खींच लिया

और जिया के बालों को उसके कान के पीछे करते हुए बोला :- बहका बहका सा

आदित्य की बात सुन कर जिया बोली :- बहका बहका सा

आदित्य बोला :- हाआ

जिया बोली :- अब्ब जरूर तुम्हें बहका बहका सा लगे गा

इतना बोल कर जिया के हाथ में जो रंग था वो उसने अपने कोमल हाथों से आदित्य के गालो पर लगा दिए

जिया को खुदसे रोमांस ❤️करता देख अब्ब आदित्य से और नहीं Raha Jaa Raha था क्योंकि जिया खुदसे बहुत कम रोमांस करती थी

आदित्य ने जिया के हाथ से रंग लिया और पहले अपने गालो पर लगा लिया, जिया आदित्य को खुदको रंग लगाता देख कुछ समझ नहीं पाई 🤔

उसे लगा था के अब्ब आदित्य उससे रंग लगाए गा पर इसके बाद जो हुआ वो तो जिया ने कभी उम्मीद नहीं की होगी

आदित्य ने कलर लगे हुए अपने गालो को जिया के सॉफ्ट गालो से टच करा दिया और अपने गालो पर लगे हुए कलर को जिया के गालो पर लगाने लगा

वाह कितना रोमांटिक है ना 😍

फिर आदित्य ने अपने गालो को थोरा पीछे किया और जिया के चेहरे को देखने लगा जिसपे उन दोनो के प्यार का रंग चढ़ा हुआ था

शर्म 🥰के मारे जिया के आखे तभी बंद होगी जब आदित्य के गाल ने उसके गालो को चुवा था

जिया ने अपने आखे खोले और आदित्य को प्यार से देखते हुए अपने दूसरे गाल पर रंग लगाती है जहाँ पर रंग नहीं लगा था

और अपने उस गाल को आदित्य के गालो के पास ले जाती है और उसे रंग लगा देती है

जिया के दूर हटती है और जाने लगती है तो आदित्य जिया के हाथ को पकड़ कर उसे अपने पास Kheechta है

और जिया के पास जाकर बोलता है:- होली भी खेलूंगा, रंग भी लगाऊंगा Aur गले भी लगाऊंगा Par बिना खेले नहीं जाउंगा

और इतना बोल कर जिया के हाथों पर रंग लगा देता है जिया को इस वक्त बहुत शर्म 🥰आरही थी भले ही वह नशे में थी पर फिर भी

आदित्य जिया के पीछे आता है और और जिया Ke एक हाथ को पकड़ लेता है जिया को आदित्य के गर्म ♨️ सासे अपने Gardn पर महसस होती है

और इस बार फिर आदित्य अपने गालो के जिया के सॉफ्ट गालो से टच करता है. फिर आदित्य जिया को घुमा कर

जिया के कमर को कस के पकड़ कर उसे अपनी Bahoo मैं उठा लेता है Aur दोनो pe Ek Dusre ke प्यार का रंग चढ़ा हुआ था

थोड़ी देर बाद उहे जिया को उठाये आदित्य जिया को नीचे रखा Ta है । जिया को नीचे रखते ही जिया भागने लगती है

और भागते हुए घर के दरवाजे के पास पोहुचती है और दरवाजा खोल के बाहर भाग जाती है

जिया को बाहर जाते देख आदित्य भी तीजी से जिया के पीछे भागने लगता है

जब आदित्य बाहर निकलता है तो देखता है कि जिया कुछ बच्चों के साथ खड़ी है

जिया उन बच्चों को कहती है ;- अरे तुम सब ऐसे क्यों खड़े हो Lets Have Some Fun होली में कुछ मस्ती करते हैं ohhhh Holi Hai 🌈

इतना बोल कर जिया वहां से भागने लगती है और बेचारा आदित्य जिया के पीछे फिर से भागने लगता है

इससे पहले के जिया नीचे जाकर नशे में कुछ ऐसा वैसा करती तभी आदित्य ने फिर से जिया को पकड़ लिया

जिया बोली :- अरे तुम फिर से आ गए मुझे नहीं आना तुम्हारे साथ

आदित्य जिया को उठते हुए बोला :- अरे ऐसे कैसे नहीं आओगे

जिया नाटक में चिल्लाते हुए बोली :- बचाओ मुझे ये बच्ची को उठा के ले जा रहा है

आदित्य बोला :- किस एंगल से तुम बच्ची लग रही हो और मुझे रोकने की हिम्मत किसमें नहीं है

इतना बोल कर आदित्य फिरसे जिया को उठा लेता है और आदित्य जिया को फिर से घर लेकर आता है और इस बार दरवाजे को और अच्छे से लॉक करता है

और जिया को उठते हुए उसके कमरे में जाकर बिस्तर पर बैठा देता है और जिया से बोला :- अब चुप चाप यहां पर बैठो मैं अभी आता हूं

इतना बोल कर आदित्य कमरे का दरवाजा बंद करके चला जाता है और किचन में नींबू पानी बाने चला जाता है 

और कमरे में जिया अपने आप से बोली :- खड़ूस कहीं का मुझे कमरे में बंद कर दिया इतना प्यारी बच्ची को कोई कमरे में बंद करता है क्या हम्म्म

और जिया बेड पर लेटी जाती है, थोड़े देर बाद आदित्य नींबू पानी लेकर कमरे में आता है

वो देखता है कि जिया बेड पर लेती हुई है वो नींबू पानी साइड में टेबल पर रख देता है

और जिया को उठाने के लिए जाता है वो जिया को उठने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाते हैं के तभी जिया उसका हाथ खींच लेती है

और आदित्य जिया के ऊपर जा गिरता है Aur एक बार फिर आदित्य को जिया के सॉफ्ट ग्लोब्स अपने चेस्ट पर महसस हुए

आगे क्या होगा Aage Kya Hoga आदित्य और जिया का मिलन क्या होगे ये दोनो एक दूसरे के साथ इंटिमेट क्या होगा जब जिया होश में आएगी

जान ने के लिए पढ़ते रहे...