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Chapter 3 - Ch 3 - दक्ष और रश्मिका की दूसरी मुलाकात....

दोपहर सिर पर चढ़ आई थी , और रश्मिका घोड़े बेच कर सो रही थी , तभी उसके फोन का अलार्म बजाता हैं , और रश्मिका जो दक्ष के कारनामों की वजह से बहुत ज्यादा थकी हुई थी , उसको ना चाहते हुए भी उठाना पड़ता हैं , क्योंकि आज रश्मिका की एक बाद ज्यादा इंपॉर्टेंट मीटिंग थी |

जिसको वो किसी भी कीमत पर कैंसिल नहीं कर सकती थी , रश्मिका ने अभी कुछ महीने पहले ही अपने डैड की बिजनेस जॉइन किया था , और उसको खुद को साबित भी करना था , और जिस प्रोजेक्ट पर वो काम कर रही थी , वो वही मौका था , और इस ही प्रोजेक्ट से रिलेटेड आज दोपहर तीन बजे एक मीटिंग थी |

रश्मिका अपना पेट सहलाते हुए बोली " हमें कुछ भी करके आफिस जाना ही होगा , डैड ने हम भरोसा करके ये प्रोजेक्ट दिया हैं " फिर रश्मिका बेड से बड़ी मुश्किल से खड़ी होती हैं , और लड़खड़ाते कदमों के साथ बाथरूम में जाती हैं , और कपड़े रिमूव करके बाथटब में बैठ जाती हैं , बाथटब ऑटोमेटिक था , जिसमें अपने आप गर्म पानी भर जाता हैं|

रश्मिका को गर्म पानी से काफी अच्छा लगा रहा था , वही रश्मिका के आंसू भी बह रहें थे , वो अपनी वर्जिनिटी खो चुकी थी , और ये बात अपने परिवार से छुपा कर वो कोई गलती तो नहीं कर रही थी , रो - रो कर रश्मिका का खूबसूरत चेहरा लाल पड़ चुका था |

फिर रश्मिका खुद को समझती हैं , और बाथ लेकर बाथरोब पहना कर बाथरूम से बाहर आती हैं , और अपने बाल हेयर ड्रायर से सूखा कर क्लोजेट रूम में चली जाती हैं , कुछ देर बाद रश्मिका ऑफ व्हाइट कलर का बिजनेस सूट पहन कर बाहर आती हैं ,

और ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़े होकर अपने बाल बनाती हैं , और कानों में छोटे - छोटे डायमंड इयररिंग पहनती हैं, और अपनी कलाई में ब्रांडेड वाॅच पहनी हैं , रश्मिका नेचुरल ही इतनी ब्यूटी थी , कि वो कभी मेकअप नहीं करती थी |

रश्मिका बिना मेकअप के भी बल की खूबसूरत लगती थी , रश्मिका फोन करके मेड से व्ले चेयर मांगती हैं , कुछ देर में मेड व्ले चेयर लेकर रूम में आ जाती हैं , और रश्मिका व्ले चेयर पर बैठ कर दक्ष को याद करके मन में बहुत गालियां देती हैं , आज उसकी वजह से वो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी , और उसको व्ले चेयर का सहारा लेना पड़ा |

फिर मेड रश्मिका की वाले चेयर लेकर निकल जाती हैं , वही रश्मिका अपने आफिस पहुंच कर मीटिंग अटेंड कर लेती हैं , और उसकी मीटिंग काफी अच्छी जाती हैं , मीटिंग के बाद रश्मिका अपने कैबिन में बैठ कर दक्ष को गालियां दे रही थी, दक्ष की वजह से आज उसके शरीर के नाम जाने कोने - कोने से आग में दर्द हो रहा था |

रश्मिका खुद से बोली " अगर वो आदमी हमारे सामने आ गए ना , तो हम उसकी जान ले लेंगे " उसकी वजह से हमने हमारी वर्जिनिटी खो दी हैं " तभी कोई रश्मिका के कैबिन के डोर पर नोक करता हैं ,

रश्मिका अपनी मीठी आवाज़ में काॅम इन बोलती हैं , तो कैबिन में रश्मिका का पीए आता हैं , वो ग्रीड करके बोला " मैं मुझे सानिया कॉरपोरेशन से फोन आया था , मिस्टर सान्याल आप से मिलना चाहते हैं "

रश्मिका जो इस वक्त काॅफी पी रही थी , वो कप टेबल पर रख कर पूछती हैं " मिस्टर सान्याल एशिया के नंबर वन बिजनेस मैन, वो मुझसे क्यों मिलना चाहते हैं ?"

पीए रश्मिका के पास आकर बोला " मैम मिस्टर सान्याल टेक्सटाइल का बिजनेस शुरू करने वाले हैं , तो इस बात की पॉसिबिलिटी हैं , वो हमारे साथ जुड़ना चाहते हैं , क्योंकि मेहरा ग्रुप पीछले 50 साल से टेक्सटाइल बिजनेस में अपने पैर गढ़ाए हुए हैं , इसलिए वो हमारे साथ आप करना चाहते हो "

रश्मिका कुछ देर सोच कर बोली " ओके मीटिंग फिक्स कर लो " पीए हल्की सी स्माइल करते हुए बोला " मैम मैंने पहले ही मीटिंग फिक्स कर दी हैं , कल दोपहर दो बजे मून प्लाजा होटल में " रश्मिका हां में सिर हिलाती हैं , रश्मिका को अंदाजा नहीं था , उसने हां बोल कर अपने लिए मुसीबत बना ली थी |

वही रात के वक्त रश्मिका अपने रूम में लेट कर रेस्ट कर रही थी , तभी उसके रूम का डोर खुलता हैं , और एक अधेड़ उम्र का आदमी अपने हाथ में हल्दी वाले दूध का गिलास लेकर आता हैं , और बेड पर अपने टेडी बियर और हक करके लेटी हुई रश्मिका को देखता हैं |

वो आदमी अपनी रौबदार आवाज़ में बोला " बेटा चलों खड़ी हो जाओ , और ये हल्दी वाला स्पेशल दूध पीओ , ये तुम्हारी मोच को ठीक करने में मदद करेंगा "

रश्मिका उस आदमी की आवाज़ सुनकर बोली " नो डैड मुझे ये हल्दी वाला दूध नहीं पीना " ये आदमी और कोई नहीं रश्मिका के डैड अभिनंदन मेहरा थे , मिस्टर मेहरा दूध का गिलास नाइट स्टैंड पर रख रश्मिका से बोलें " बेटा ज़िद नहीं करते , चलों अच्छों बच्चों की तरह हल्दी वाला दूध पी लो , वरना मैं डाॅक्टर को बुला कर, तुम्हें इंजेक्शन लगवा दूंगा "

रश्मिका को इंजेक्शन से बड़ा डर लगता था , इसलिए वो झट से आंखें खोल कर बेड पर बैठ जाती हैं , और हल्दी वाला दूध मुंह बनाकर कर पी लेती हैं , मिस्टर मेहरा स्माइल करते हुए अपनी प्यारी सी बेटी को देख रहें थे |

रश्मिका दूध पीने के बाद अजीब सा मुंह बनाकर अपने डैड से बोली " डैड आप को पता हैं ना , हमें दूध पीने जरा भी पसंद नहीं हैं " मिस्टर मेहरा अपनी बेटी के मुंह पर लगा दूध सफा करके बोलें " बिल्कुल अपनी मम्मी की तरफ जिद्दी हो , अब चलो सो जाओ "

मिस्टर मेहरा जो सिंगल पेरेंट्स थे , वो अपनी बेटी को अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करते थे , मिस्टर मेहरा रश्मिका के बाल पर किस करके गुड नाईट बोला कर रूम से निकल जाते हैं |

वही दूसरी तरफ एक डिस्को की तेज़ रोशनी और धड़कते म्यूजिक के बीच, एक प्राइवेट रूम में अंधेरा छाया हुआ था, रूम के कोने में नकाबपोश इंसान बैठा था, जिसका चेहरा काले नकाब में पूरी तरह से ढका हुआ था ,उसकी आँखों में एक खौफनाक चमक थी, जो रूम में मौजूद गुंडों को बेचैन कर रही थी।

नकाबपोश ने अपने ओपर कोट की अंदर की जेब से धीरे-धीरे एक फोटो निकाल कर टेबल पर रखी , फोटो में एक खूबसूरत लड़की थी , उसकी मासूमियत भरी मुस्कान और चमकती आँखें फोटो में साफ़ दिखाई दे रही थीं |

नकाबपोश ने सर्द आवाज में गुंडों से बोला " रश्मिका , बिजनेस मैन अभिनंदन मेहरा की बेटी, ये लड़की को मुझे चाहिए , इससे किडनैप करो, और ध्यान रहे कि कोई गड़बड़ न हो "

गुंडों ने एक दूसरे की तरफ देखा, उनके चेहरों पर एक कुटिल मुस्कान उभरी, वो समझ गए थे कि यह काम आसान नहीं होगा, लेकिन नकाबपोश की धमकी भरी आवाज़ और उसके द्वारा दिए गए पैसे की चमक ने उन्हें तैयार कर दिया |

नकाबपोश ने गुंडों की आँखों में देखा और सीरियस वाॅइस में बोला "काम ठीक से होना चाहिए ,कोई गलती नहीं चलेगी " गुंडों ने सिर हिलाया और फोटो को गौर से देखते हुए रूम से बाहर निकल गए , वही प्राईवेट रूम में बैठा नकाबपोश इंसान खुद से बोला " पीछली बार तुम मुझसे बच गई थी , पर इस बार नहीं "

वही अगली सुबह की हल्की धूप खिड़की से छनकर कमरे में फैल रही हैं रश्मिका के चेहरे पर सूरज की किरणें गिरती हैं, जैसे कुदरत उसकी खूबसूरती को निहारने आई हो ,उसकी आँखे धीरे-धीरे खुलती हैं |

मानो सपनों से हकीकत में लौटने का सफर पूरा कर रही हों, उसकी घनी और लम्बी पलकें धीरे-धीरे उठती हैं, जैसे किसी सर्द सुबह की धुंध छंट रही हो, उसके चेहरे पर एक हल्की मुस्कान उभरती है, जो रात की मीठी नींद का सबूत देती है|

उसके रेशमी बाल तकिए पर बिखरे हुए हैं, जैसे काले बादल आसमान में फैल गए हों ,बालों की लटें उसके चेहरे को छूती हैं, और वह धीरे-से उन्हें हटाती है, उसका चेहरा ताजगी से भरा हुआ है |

जैसे एक नन्हीं कली अभी-अभी खिली हो ,उसकी गुलाबी होंठ, जैसे सुबह की पहली किरणें गुलाब की पंखुड़ियों पर गिरी हों, एक अल्हड़ मासूमियत के साथ चमक रहे हैं |

रश्मिका की त्वचा इतनी नर्म और चमकदार है कि उसे देखकर लगता है जैसे चाँदनी की किरणें उसके अंदर समाई हों , उसकी आँखे नींद से भरी हुई हैं |

फिर भी उनमें एक अलग सी चमक है, हर ओर शांति है, और इस शांति के बीच रश्मिका की खूबसूरती एक खामोश कविता जैसी महसूस होती है, जो दिल को गहराई तक छू जाती है |

रश्मिका बाथरूम में शावर लेने चली जाती हैं , रश्मिका Clothes रिमूव करने के बाद खुद की बाॅडी को मिरर में देखती हैं , रश्मिका की बाॅडी पर दक्ष के दिए हुए लव बाइट Mark देखती हैं , जो अब पर्पल पड़ चुके थे |

रश्मिका अपनी नेवल के पास मौजूद दक्ष दांतों के निशान देखकर, अपनी आंखें बंद कर लेती हैं , और खुद से धीमी रौंदू आवाज़ में बोली " वो बस एक गलती थी , मुझे उसके बारे में बार - बार नहीं सोचना चाहिए , वो फिर एक गलती थी , और कुछ भी नहीं "

रश्मिका अपनी आंखों से बहते हुए आंसुओं को पौंछ कर गहरी सांस लेकर शावर ओन करके, उसके नीचे खड़ी हो जाती हैं |

कुछ देर बाद रश्मिका बाथरोब पहन कर बाथरूम से बाहर शावर लेकर आती हैं , और अपने बालों को हेयर ड्रायर से सूखती हैं, फिर रश्मिका क्लोजट रूम में चली जाती हैं , और कुछ देर बाद क्लोजट रूम से बाहर आती हैं , रश्मिका ने पिच कलर का बिजनेस सूट पहना था |

रश्मिका ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़े होकर अपने बाल बनने लगती हैं , रश्मिका रेडी हो कर खुद को एक बार मिरर में देखती हैं , रश्मिका की तितली जैसी नीली आंखें चमक रही थी , उसके चेहरे का ग्लो और बढ़ गया था , रश्मिका के खुले बाल हवा में लहरा रहे थे |

रश्मिका आफिस के लिए निकल जाती हैं , आफिस पहुंच कर रश्मिका काम में बिजी हो जाती हैं , दोपहर का वक्त था , रश्मिका अपने कैबिन में बैठा कर आफिस का काम कर रही थी , तभी उसके कैबिन पर कोई नोंक करता हैं , रश्मिका अपनी मीठी आवाज़ में काॅम इन बोलती हैं |

पीए कैबिन में आकर ग्रीड करके बोला " मैम एक घंटे बाद मिस्टर सान्याल के साथ हमारी लांच मीटिंग हैं " रश्मिका की उंगलियां जो लैपटॉप पर चल रही थी , वो अचानक ही रोक जाती हैं , रश्मिका अपने पीए से बोली " आज हम इस मीटिंग को पोस्टपोन नहीं कर सकते ?"

पीए सिर झुका कर बोला " मैं मिस्टर सान्याल से मिलने का मौका हर किसी को इतनी आसानी से नहीं मिलता , और हमें मिला हैं , तो हमें इस मौकों को अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहिए "

रश्मिका गहरी सांस लेकर बोली " ओके " फिर रश्मिका बेमन मन से मीटिंग में जाने के लिए तैयार हो जाती हैं, फिर रश्मिका अपने पीए के साथ मीटिंग के लिए निकल जाती हैं , दो घंटे बाद रश्मिका मून प्लाजा होटल पहुंच जाते हैं , फिर रश्मिका अपने पीए के साथ लिफ्ट से होटल के वीआईपी फ्लोर पर पहुंच जाती हैं |

रश्मिका अपने पीए और बाॅडीगार्ड के साथ लिफ्ट से बाहर निकलती हैं , दक्ष का पीए धुनष रश्मिका को ग्रीड करके गुड आफ्टरनून बोलता हैं , और फिर सिर झुका कर रिस्पेक्ट के साथ रश्मिका से बोला " मैम चीफ़ आपसे अकेले मिलना चाहते हैं , रूम नंबर 101 "

रश्मिका हां मैं सिर हिलाती हैं , फिर रश्मिका अकेले आगे बढ़ जाती हैं , रश्मिका 101 रूम के डोर पर नोक करती हैं , रूम के अंदर से एक दमदार अट्रैक्टिव वाॅइस बाहर आती हैं " काॅम " रश्मिका रूम का डोर खोल कर जैसे ही अंदर जाती हैं , तो सबसे पहले उसकी नज़र रूम में मौजूद बेड पर पड़ती हैं , जिसको गुलाब की पंखुड़ियों से सजाया गया था |

रश्मिका हैरानी से उस बेड को देख रही थी , रश्मिका खुद से बोली " मैं किसी दूसरे रूम में तो नहीं आ गई " रश्मिका रूम से बाहर जाने के लिए मुड़ती हैं , तभी उसके कानों में फिर से वही दमदार अट्रैक्टिव वाॅइस पड़ती हैं " मिस रश्मिका मेहरा तुम सही रूम में आई हो "

रश्मिका आवाज़ की दिशा में देखती हैं , तो वो रूम के कोने में मौजूद बार पर दक्ष को सिर एक टावल में देखती हैं , दक्ष अपने हाथ में वाइन का गिलास लेकर रश्मिका की तरफ मुड़ता हैं , दक्ष का चेहरा इस वक्त एक्सप्रेस लेस था , उसके दिमाग में इस वक्त क्या चल रहा हैं , ये पता लगाना नामुमकिन था , दक्ष रश्मिका को ऊपर से नीचे तक चेक आउट करते हुए कोल्ड वाॅइस में बोला " मिस मेहरा बैठाए"

रश्मिका के सामने दक्ष की मस्कूलर अट्रैक्टिव बाॅडी थी , इस बाॅडी के नीचे लेटने के लिए लड़कियां तड़पती थी , वही रश्मिका दक्ष को सिर्फ एक टावल में देखकर अपना चेहरा दूसरी तरफ घूम कर अनकंफरटेबल होते हुए बोली " मिस्टर सान्याल आप जाकर पहले चेंज करके आए " दक्ष रश्मिका के करीब आते हुए कोल्ड वाॅइस में बोला " what is the problem in this " दक्ष की बेशर्मी भरी बात सुनकर रश्मिका की आंखें सिकुड़ जाती हैं " rude person "

दक्ष और रश्मिका की दूसरी मुलाकात में क्या होगा , क्या दक्ष एक और बार रश्मिका को अपना पाएंगे ? जाने के लिए पढ़ते रहिए.....

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