पार्किंग एरिया में चारों गुंडे खड़े होकर रश्मिका और अम्बर का इंतजार कर रहे थे , तभी गुंडों के लीडर का फोन रिंग करता हैं , वो फोन रिसीव करता हैं , फोन के दूसरी तरफ से एक गहरी और गम्भीर आवाज़ पड़ती हैं " काम हुआ ?"
गुंडों का लेडीर बोला " हम बस जाल बिछा कर चिड़िया के इंतजार में बैठे हैं " दूसरी तरफ मौजूद इंसान बोला " ये सुनहरा मौका हैं ,
आज रश्मिका बिना बाॅडीगार्ड के पार्टी में आई हैं , कुछ भी करके आज उसका किडनैप हो जाना चाहिए " गुंडों का लीडर ओके बोल कर फोन काट देता हैं |
वही दक्ष रश्मिका को मेन गेट से अपने साथ , अपनी कार में लेकर निकल जाता हैं, दक्ष की कार में पार्टीशन ओन था , रश्मिका ये सोच कर डर से कांप रही थी , ना जाने ये सिरफिरा आदमी उसको कहां लेकर जा रहा हैं |
उसके पास उसका फोन भी नहीं था , उसका फोन उस वक्त कहीं गिर गया था , जब देख उसको अपने साथ खींच कर ले जा रहा था , रश्मिका सोच रही थी , उसके पास उसका फोन होता , तो वो अपने डैड को हेल्प के लिए फोन कर देती |
दक्ष रश्मिका को अपनी सोच में घुम देखता हैं , तो गुस्से में उससे कार की सीट पर धकेल देता हैं , और गुस्से में उसकी आंखों में देखकर बोला " मेरे साथ होते हुए भी तुम फिर किसी पराए मर्द के ख्यालों में घुम हो "
रश्मिका ना में सिर हिलाती हैं, दक्ष गुस्से में एक बार फिर से रश्मिका के होंठों पर अपने होंठ रख देता हैं , और उसको एग्रेसिव किस करने लगता हैं |
रश्मिका सीट पर जोर - जोर से पैर पटक रही थी , पर दक्ष को अपने गुस्से के आगे कुछ नहीं दिख रहा था , वो रश्मिका को पनिशमेंट देकर, ये समझना चाहता था , कि अगर वो उसके खिलाफ गई , तो उसके लिए अच्छा नहीं होगा |
रश्मिका की आंखों से आंसू बहा रहे थे , और वो दक्ष की चेस्ट पर हाथ रखकर, उसको खुद से दूर करने की कोशिश करने लगती हैं , तो दक्ष रश्मिका के हाथों की उंगलियों को अपनी उंगलियों में उल्झा लेता हैं , रश्मिका दक्ष के नीचे एक मछली की तरह तड़प रही थी |
दक्ष रश्मिका के होंठों का रस पीने में लगा था , दक्ष रश्मिका के लोअर लिप को एग्रेसिव तरीके से सक कर रहा था , रश्मिका की आंखों के आंसू उसके दर्द को बयां कर रहे थे |
रश्मिका ने सोचा भी नहीं था , अपनी फ्रेंड्स के साथ डिस्को जाना , उसके लिए इतना मंहगा पड़ जाएगा , 30 मिनट लम्बी किस के बाद दक्ष रश्मिका के ऊपर लेट जाता हैं , और गहरी - गहरी सांसें लेने लगता हैं,
वो रश्मिका के मासूम चेहरे को देखता हैं , रश्मिका इस वक्त बेहोश होने की कगार पर थी , उसको सब धुंधला - धुंधला दिख रहा था , उसको सांस लेने में तकलीफ़ हो रही थी |
दक्ष रश्मिका के गाल पर किस करके बोला " अगली बार तुम्हारे दिमाग में किसी पराए मर्द का ख्याल भी नहीं आना चाहिए , तुम अब से दक्ष सान्याल की प्रॉपर्टी हो चुकी हो , तो तुम्हारे हर एक चीज़ पर मेरा हक़ हैं , तुम्हारे ख्यालों पर भी , अंडरस्टैंड "
रश्मिका बस आंसू बहा रही थी , उसको बस कुछ भी करके अपने घर पहुंचना था , दक्ष की कार रूकती हैं , दक्ष रश्मिका के ऊपर से उठ कर अपने कपड़े ठीक करता हैं ,
फिर अपने रूमाल से रश्मिका के आंसू भरे चेहरे को साफ करता हैं , और फिर दक्ष रश्मिका को कार से लेकर उतरता हैं |
रश्मिका की आंखों हैरानी से फैला जाती हैं , वो लोग इस वक्त बीच पर थे , और उसके सामने एक छोटी बोट खड़ी थी , जो उनको समुद्र में बड़ी बोट तक लेकर जाती, दक्ष रश्मिका की कमर में हाथ डाल कर डीप वाॅइस में बोला " सरप्राइज माए लिटिल मफीन "
रश्मिका डर से कांपते हुए पूछती हैं " के..... कैसा स...सरप्राइज " दक्ष रश्मिका के रसीले होंठों को देखकर डीप वाॅइस में बोला " Muffin we are going on our one month honeymoon, we will enjoy our honeymoon in the sea for a month away from the world "
रश्मिका दक्ष की बात सुनकर हैरान हो जाती हैं , ये आदमी उसको हनीमून पर लेकर जा रहा हैं , रश्मिका अपनी आंखें बंद करके खुद से बोली " रश्मिका अगर आज तुमने हिम्मत नहीं की , तो ये आदमी तुम्हारी जिंदगी बर्बाद कर देता "
रश्मिका दक्ष से दूर हो कर गुस्से में बोली " Look at me mister, that one night stand was just a mistake, nothing more than that, it will be good for both of us, we forget him and move on with our lives "
दक्ष रश्मिका की बात सुनकर गुस्से में दांत भींच कर बोला " He was a mistake for you, you want to forget him " रश्मिका गुस्से में बोली " हां वो एक गलती था , जो नशे के कारण मुझसे हो गई , और मैं उस गलती को हमेशा - हमेशा के लिए भूलना चाहती हूॅं "
दक्ष अपनी पैंट की पॉकेट में हाथ डाल कर रश्मिका के खूबसूरत चेहरे को बड़े ध्यान से देख कर कोल्ड वॉइस में बोला " मफिन तुम्हारे पास दो चॉइस हैं , पहली मेरे साथ हनीमून पर चलो, और अपनी जिंदगी खुशी से भर लो , दूसरी यहां से अपने घर लौट जाओ , और अपनी आने वाली बर्बादी का इंतजार करों "
रश्मिका दक्ष की बात सुनकर बिना देर किए , वहां से अपने घर जाने के लिए निकल जाती हैं , दक्ष रश्मिका को खुद को ठुकरा कर जाता देख गुस्से से आग-बबूला हो जाता हैं,
दक्ष रश्मिका की पीठ को देखकर गुस्से में बोला " इस बर्बाद को तुमने चुन हैं मफ़िन , कल सूरज की पहली करण के साथ शुरू होगी , तुम्हारे बर्बाद की दस्तक, माए लिटिल क्यूट मफिन "
रश्मिका टैक्सी लेकर अपने घर के लिए निकल जाती हैं , अपने विला पहुंच कर रश्मिका सबसे पहले अम्बर को फोन करके इन्फॉर्म करती हैं , वो तबीयत खबर होने के कारण अपने घर आ गई हैं |
अम्बर रश्मिका पर प्यार भरे तरीके से गुस्सा करता हैं , कुछ देर अम्बर से बात करके रश्मिका शावर लेकर बाथरोब पहना कर बाहर आती हैं , और अपने बेड पर लेट कर गहरी सांस लेकर बोली " आए होप मुझे फिर से उस पागल आदमी ( दक्ष ) से ना मिलना पडे "
तभी दबे पांव कोई रश्मिका के रूम में आता हैं , और रश्मिका के पैर के तलवे पर गुदगुदी करता हैं , रश्मिका हंसते हुए बोली " पलक प्लीज़ स्टॉप थिस "
पलक रश्मिका की छोटी बहन जो बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रही थी , पलक मुस्कुराते हुए रश्मिका की बगल में लेट कर पूछती हैं " दीदू आज पार्टी में आप ने अम्बर जीजू को किस थी "
रश्मिका सीधे लेट कर सीलिंग को घूरते हुए अपनी छोटी बहन से बोली " पलक तुम अभी बच्ची हो , ये कैसी बातें कर रही हो " पलक रश्मिका के पेट पर सिर रखकर मुंह बनाकर बोली " दीदू मैं 19 साल की होने वाली हूॅं , और एक बायफ्रेंड की तलाश में हूॅं ,
तो अब बताओ मैं आप को बच्ची कहां से दिख रही हूॅं , वैसे जीजू सही बोलते हैं , आप बहुत अनरोमांटिक हो , आप ने अब तक अपनी लाइफ की फास्ट किस भी नहीं की , हाउ बोल्ड आर यूं "
रश्मिका अपनी बहन को क्या बताएं , कि वो नशे में अपनी लाइफ की फास्ट किस और फास्ट टाइम एक अंजान आदमी को दे चुकी हैं , रश्मिका पलक के सिर पर चपत लगा कर बोली " शैतान लड़की ज्यादा बड़बड़ की ,
तो दादी से तुम्हारी शिकायत कर दूंगी " पलक रश्मिका की बात सुनकर मुस्कुराते हुए बोली " दीदू दादी आप की तरह बोर नहीं हैं , मुझे तो लगता हैं , दादी नहीं आप बूढ़ी हो "
रश्मिका अपनी बहन की बात सुनकर क्यूट गुस्से वाला फेस बनाकर बोली " ओ अच्छा मैं बूढ़ी हूॅं " और फिर दोनों बहनें पिलो फाइट करने लगती हैं , दोनों बहनें इस वक्त हंसी - मज़ा कर रही थी , पुरा रूम उनकी खिलखिलाने की आवाज़ से भर गया था, रश्मिका अपनी बहन के साथ दक्ष को तो भूल ही गई थी |
अगली सुबह सूरज आसमान में जगमग रहा था , सूरज की कारणे हर किसी की जिंदगी में रोशनी फ़ैल रही थी , वही मेहरा विला में सभी डाइनिंग टेबल पर मौजूद थे ,
रश्मिका के डैड मिस्टर मेहरा अपनी दोनों बेटियों को एक दूसरे के साथ बच्चों की तरह झगड़ते देख कर मुस्कुरा रहें थे , मिस्टर मेहरा की मौसी जो उनके साथ ही रहती थी , वो उन से बोली " अभिनंदन बेटा मैं गरीबों को दान करने के बारे में सोच रही हूॅं "
मिस्टर मेहरा बिना कुछ बोले , अपनी मौसी को साइन करके ब्लैंक चेक देते हैं , पलक अपने डैड की मौसी से बोली " दादी यार आप रश्मिका दीदू को देख रही हो , ये अपनी शादी की शाॅपिग इंडिया से ही करने को बोल रही हैं , मैंने तो सोचा था , हम शादी की शॉपिंग लंदन या पेरिस से करेंगे "
बबिता जी रश्मिका को देखकर बोली " रश्मिका ये मैं क्या सुन रही हूॅं , तुम अपनी शादी की शाॅपिग लंदन , पेरिर और दुबई से ही करोगे , बेटा शादी जिंदगी में एक बार होती हैं , तो अपने सारे अरमान पुरे करके अपने डैड की जेब ढिली कर दो "
मिस्टर मेहरा अपनी मौसी बबिता की बात सुनकर हंसते हुए बोले " रश्मिका बेटा मौसी सही बोल रही हैं , हम सब अगले महीने तुम्हारी शादी की शाॅपिग के लिए दुबई चलेंगे "
मेहरा फैमिली ब्रेकफास्ट करते हुए हंसी - मज़ाक कर रही थी , तभी मिस्टर मेहरा फोन रिंग करता हैं , और वो डाइनिंग टेबल पर रख अपना फोन उठा कर रिसीव करते हैं,
फोन की दूसरी तरफ से एक आदमी घबराई आवाज़ में बोला " सर फैक्ट्री में वर्कर्स ने हड़ताल कर दी हैं " मिस्टर मेहरा शांत आवाज़ में बोलें " हम आते हैं "
मिस्टर मेहरा माथे पर चिंता की लकीरें देखकर बबिता जी पूछती हैं " नंदन बेटा किसका फोन था ?" मिस्टर मेहरा गहरी सांस लेकर बोलें " फैक्ट्री में वर्कर्स ने हड़ताल कर दी हैं "
रश्मिका अपने डैड की बात सुनकर बोली " डैड मैं भी आप के साथ फैक्ट्री चलूंगी " अभिनंदन जी हां मैं सिर हिलाते हैं , वो दोनों फैक्ट्री के लिए निकल जाते हैं |
वही फैक्ट्री की हवा में आज एक तीव्र तनाव था , वर्क का एक बड़ा ग्रुप, जिनके हाथों में तख्तियां और बैनर थे, फैक्ट्री के बाहर जमा हो गए थे , शोर-शराबा और नारेबाजी कर रहे थे " हमारी मांगे पुरी करों " शोर-शराबा और नारेबाजी ने पूरे इलाके में गूंज रही थी |
तभी फैक्ट्री के सामने तीन - चार कार आकर रूकती हैं , कार से मिस्टर मेहरा और रश्मिका उतरते हैं , उनको उसके बाॅडीगार्ड ने तीन तरफ से घेरा हुआ था ,
मिस्टर मेहरा रौब से चलते फैक्ट्री के वर्क के पास आते हैं , वैसे आमतौर पर मिस्टर मेहरा शांति और संयम ही रहते थे , पर इस वक्त उसके चेहरे पर परेशान और चिंता सफा दिख रही थी |
वर्क की हड़ताल आज सुबह अचानक शुरू हुई थी, और उनके लीडर ने स्पष्ट कर दिया था , कि वे तब तक काम पर लौटने को तैयार नहीं हैं , जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती , मिस्टर मेहरा ने वर्क यूनियन के लीडर के साथ मीटिंग करने का निर्णय लिया, और वो फैक्ट्रीके मीटिंग हाॅल में आ गए |
फैक्ट्री के भीतर और बाहर दोनों ही जगह तनाव का माहौल था, मिस्टर मेहरा यूनियन लीडर से हड़ताल का कारण पूछते हैं , यूनियन लीडर मुंह बनाकर बोला " साहब जी हमारी हड़ताल तो बस अपनी मांगे पुरी करने के लिए हैं , आप हमारी मांगे पुरी कर दो , हम वापस काम पर लौट जाएंगे "
मिस्टर मेहरा यूनियन लीडर से उसकी मांगे पूछते हैं , यूनियन लीडर मुस्कुराते हुए बोला " बहुत छोटी सी मांग हैं , साल में पांच बार बोनस , हफ्ते की दो छुट्टी, फैक्ट्री आने का टाइम दस बजे जाने का टाइम चार बजे , और हमारी सैलरी पांच गुना बढ़ा दो "
रश्मिका अपनी चेयर से खड़ी होती हैं , और यूनियन लीडर के पास आकर, उसके गाल पर जोरदार चांट मार कर बोली " बोलों किसके कहने पर ये सब कर रहें हो ,
तुम्हारी सारी डिमांड प्रैक्टिकल कहीं से भी नहीं हैं , हमें बहुत अच्छे से समझ आ रहा हैं , तुम हमारे बिजनेस राइवल से मिले हुए हो "
यूनियन लीडर अपने गाल पर हाथ रखकर गुस्से में दांत भींच कर रश्मिका से बोला " बीबीजी अब तो ये हड़ताल ना रूकने वाली , जब तक हमारी सभी मांगे पुरी नहीं होती , और आप सब के सामने हम से मांफ नहीं मांग लेती "
रश्मिका यूनियन लीडर के दूसरे गाल पर जोरदार चांट मार कर गुस्से में बोली " गेट लोस " यूनियन लीडर चेयर से खड़ा होकर मिस्टर मेहरा से बोला " साहब जी मीटिंग के बहाने ये जो अपने अपनी बेटी से बेज्जती करवाई , ये आप को बहुत मांगी पड़ेगी " यूनियन लीडर मिस्टर मेहरा को सफा लब्ज़ो में धमकी देकर चला गया |