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Chapter 11 - forest romance

पिछले भाग में आपने पढ़ा की आहना जंगल में चली जाती है, जहां उसको एक शेर की आंखें दिखाई देती हैं।उन्हें देख कर वो बेहोश हो जाती है और उसे एक लड़का उठाकर एक गुफा में ले जाता है। वह लड़का उसके साथ इंटिमेट होता है, अब आगे -

सारी रात आहना बेहोश पड़ी रही और वो लड़का उसके साथ ही चिपक कर लेटा रहा। सुबह होने के बाद, उस लड़के ने काफी प्यार से आहना के माथे पर किस किया और बोला - "अच्छा स्वीट हार्ट , अब मैं चलता हूं और तुम्हें भी यहां कोई खतरा नहीं।"

उसके बाद , वह लड़का वहां से बाहर आया और जंगलों में ही गाना गाते हुए गायब हो गया।

ना तुम हमें जानो 

ना हम तुम्हें जानें 

मगर लगता है कुछ ऐसा 

मेरा हमदम मिल गया

ना तुम हमें जानो 

ना हम तुम्हें जानें 

मगर लगता है कुछ ऐसा 

मेरा हमदम मिल गया।

कुछ देर बाद ही , आहना की आंख खुली और उसने आसपास देखा तो उसे कोई दिखाई नहीं दिया। तभी उसकी नजर अपनी खुद की बॉडी पर गई, तो वह काफी ज्यादा घबरा गई।क्योंकि उसकी बॉडी में एक भी कपड़ा नहीं था।उसने देखा तो सामने उसके कपड़े रखे हुए थे।

आहना उठी और उसने झट से अपने कपड़े पहन लिए और फिर फूट-फूट कर रोने लगी। वह समझ चुकी थी उसके साथ रात को क्या हुआ होगा ।

फिर वह खुद से ही बोली कौन है यह इंसान और मेरे सामने भी नहीं आता क्यों ऐसा कर रहा है यह मेरे साथ?"

काफी देर तक आहना ऐसे ही गुफा में बैठी हुई सोचती रही , लेकिन फिर तभी उसे ख्याल आया कि वह यहां पर अकेली है ।फिर वह काफी ज्यादा घबरा गई और उसने झट से खड़ी होकर सबसे पहले उसने अपने कपड़े पहने।उसके बाद वह तेजी से गुफा में से बाहर निकलने का रास्ता देखने लगे।

थोड़ी आगे आने पर, आहना को गुफा में से बाहर आने का रास्ता भी मिल गया और वह गुफा में से बाहर आ गई बाहर आने के बाद उसने देखा कि चारों तरफ जंगल ही जंगल फैला हुआ था और उसे कुछ समझ नहीं आया कि वह अब इस जंगल में से कैसे बाहर निकले उसने अपना फोन देखा लेकिन उसमें सिग्नल नहीं था उसके बाद आना तेजी से आगे बढ़ने लगी और जंगल से बाहर निकलने का रास्ता देखने लगी उसे रास्ता ढूंढते हुए लगभग 2 घंटे से ज्यादा का वक्त हो चुका था लेकिन उसको बाहर जाने का रास्ता मिल ही नहीं रहा था उसके बाद आना वहीं एक पत्थर पर बैठ गई और उसकी आंखों से आंसू बहने लगे।

फिर वह खुद से ही बोली - "अब मैं क्या करूं और इस जंगल में से बाहर कैसे जाऊं? ऐसे तो मैं इसी जंगल में ही मर जाऊंगी, मुझे भूख भी काफी लग रही है और अब मैं थक भी रही हूं। "

तभी अचानक उसे महसूस हुआ कि जैसे आसपास कहीं पानी हो।उस पानी के बहने की हल्की-हल्की आवाज आ रही थी।जिसकी वजह से आहना के मन में अब कुछ उम्मीद जगी और वह उस दिशा में आगे बढ़ने लगी, जिस दिशा से पानी की आवाज आ रही थी।

काफी देर चलने के बाद आहना एक खूबसूरत सी जगह पर पहुंच गई , जहां पर एक खूबसूरत नदी बह रही थी और एक झरना था। चारों तरफ पहाड़ ही पहाड़ थे और आहना इस खूबसूरत नजारे को देखकर पूरी तरह से पागल हो गई।

फिर वो खुद से बोली - "wow, । कितनी प्यारी जगह है, खाना ना सही, कमसेकम पीने का पानी तो मिलेगा, कबसे प्यासी मर रही थी।"

उसके बाद, वो आगे गई और पानी पीने लगी।लेकिन तभी उसे किसी के कदमों की आहट सुनाई दी और वो काफी ज्यादा घबरा गई।वो कुछ समझ नही पा रही थी कि उसकी तरफ कोई जानवर बढ़ रहा है या इंसान।

फिर अचानक ही वो इधर उधर दौड़ने लगी और तभी किसी से टकरा गई।इससे पहले कि आहना टकराकर नीचे गिरती कि तभी उसे किसी ने अपनी बाहों में भर लिया।

घबराहट की वजह से आहना की आंखें बंद हो गईं और फिर उसे महसूस हुआ कि वह नीचे गिरने की बजाय किसी की मजबूत बाजू में झूल रही थी।

तभी उसके कानों में एक मीठी सी आवाज पड़ी - "आंखें खोल लीजिए, आप पूरी तरह से सेफ हैं।"

 आहना को ये आवाज कुछ जानी पहचानी लगी और फिर उसने धीरे-धीरे आंखें खोली, तो बुरी तरह से चौंक गई।

उसके बाद वो खुद से ही बोली - "आप और यहां?"

दरअसल इस समय वो किसी और की नही बल्कि अपने बॉस अनिकेत की बाहों में थी।फिर वो अनिकेत की बाहों से छूटकर अलग हुई और बातें करने लगी।

"जी हां, मैं यहां, दरअसल यहां पहाड़ों के बीच में मैने अपने लिए एक फार्म हाउस बनवाया हुआ है और खाली समय में कभी कभी यहां आ जाता हूं, आज सन्डे था और छुट्टी भी थी, इसीलिए सुबह ही यहां आ गया था, लेकिन अब तुम बताओ कि तुम कहां इधर उधर दौड़ती फिर रही थी?". अनिकेत ने आहना से पूछा।

जिस पर, आहना ने जवाब दिया -"हां, वो दरअसल मैं रात किसी से बचने के लिए यहां आ गई थी और फिर बेहोश हो गई, सुबह जब आंख खुली तो मैने खुद को एक गुफा में पाया... तभी से मैं रास्ता ढूंढने की कोशिश कर रही हूं, लेकिन यहां से बाहर जाने का रास्ता ही नहीं मिल रहा।"

अनिकेत ने आहना को सर से पांव तक देखा और फिर बोला - "तुम्हें देखकर साफ लग रहा है कि तुम काफी थक चुकी हो और तुम्हें भूख भी लगी है, आओ पहले मेरे फार्म हाउस में चलो , नाश्ता कर लो, फ्रेश हो जाओ, उसके बाद मैं तुम्हें गाड़ी में जंगल से बाहर छोड़ आऊंगा।"

आहना को खुद भी वहां काफी घबराहट हो रही थी, इसीलिए उसको यही सही लगा।तभी अनिकेत ने उसकी तरफ हाथ बढ़ाया और आहना ने अपना हाथ अनिकेत के हाथ में दे दिया। फिर वे दोनों कुछ ही देर में अनिकेत के फार्म हाउस में पहुंच गए।

आहना के कपड़े काफी मैले हो चुके थे और अनिकेत ने आहना को अपने कपड़े देते हुए कहा - "मेरे पास लेडिस कपड़े तो है नहीं, लेकिन तुम चाहो तो मेरे कपड़े पहन सकती हो, अपने कपड़े धोकर सुखा देना , जब सूख जाएंगे तो पहन लेना ।"

आहना को भी यही सही लगा और वो वॉशरूम में गई , नहा कर उसने अनिकेत के कपड़े पहन लिए।फिर अपने कपड़े धोकर सुखा दिए।

उसके बाद, वो हॉल में आई, तो अनिकेत ने उसके लिए खाना तैयार किया हुआ था।आहना भी अनिकेत के साथ बैठ गई और फिर दोनो खाना खाने लगे।

उसके बाद, अनिकेत ने आहना से कहा -"तुम रूम में जाकर रेस्ट करो, बाहर बारिश शुरू हो चुकी है, इसीलिए अभी नहीं जा पाएंगे, मुझे एक मेल करनी है, लेकिन यहां नेटवर्क नहीं है, इसीलिए मैं नहीं कर पाऊंगा, अभी आगे जाकर एक मचान बनी हुई है जो काफी ऊंची है, उसके ऊपर बैठकर थोड़ा सा सिग्नल आने लगता है , तो मैं वहीं से मिल करके वापस आता हूं , जब तक तुम घर के दरवाजों को अंदर से बंद कर लेना, जिससे कोई जानवर अंदर ना पाए।"

उसके बाद अनिकेत वहां से चला गया और आहना ने घर के सभी दरवाजों को अंदर से बंद कर लिया।

फिर वो बेडरूम में जाकर लेट गई और कुछ ही देर में उसकी आंख भी लग गई।फिर अचानक ही उसके कानों में शेर के दहाड़ने की आवाज आई और वो चौंक कर उठ गई।

फिर वो खुद से ही बोली -"इसका मतलब बाहर शेर है, मुझे अब यहीं अंदर ही रहना होगा।"

लेकिन अगले ही पल, शेर ने धक्का देकर घर का दरवाजा तोड़ दिया और घर के अंदर जाकर दहाड़ने लगा। जिसकी वजह से आना काफी ज्यादा घबरा गई और उसने देखा तो घर में शेर इधर-उधर घूम रहा था।

क्या आहना बचा पाएगी खुद को शेर से?आखिर कौन है वो शेर? जानने के लिए जुड़े रहिए कहानी से।

ॐ नमः शिवाय

🙏🙏🙏🙏🙏

Thnku so much to all