सीक्षा नाम की एक लड़की जो अपने घर के किचन में जो वह बर्तन धो रही थी तभी उसे एक आवाज आती है , शिक्षा बेटा " कपड़े भी ठीक से धो देना बेटा और जल्दी करना । तुम्हें पता है ना मुझे बिल्कुल भी देर पसंद नहीं है इतना बोलते हुए एक औरत जो करीब 42 साल के आसपास की होगी वह किचन में आती है।
वही वह लड़की यानी की शिक्षा वह अपना सिर हिलाते हुए ही बोली _" हां मम्मी कर दूंगी। शिक्षा एक अनाथ लड़की थी और उसे उसके पापा ने एक अनाथ आश्रम से उसे अडॉप्ट किया था यानी की अविनाश जी ने उसे adopt किया था। उसे एक बेटी तो थी जिसका नाम अमृता था। लेकिन फिर भी अविनाश जी ने अपनी पत्नी के मना करने के बावजूद भी शिक्षा को अनाथ आश्रम में देखा तो उसे बहुत प्यारी लगी थी और उनका सपना था कि उसकी दो बेटियां हो तो उसने शिक्षा को अडॉप्ट कर लिया । अविनाश जी के पास अच्छी खासी संपत्ति थी प्रॉपर्टी थी जो वह खुद संभालते थे। जिसमें उसके पास दो कंपनियां थी और बाकी की कुछ बड़ी-बड़ी महल जैसे बंगलो भी उनके पास थे। लेकिन फिलहाल वह भी एक अच्छे खासे घर में रह रहे थे जो उनका खुद का ही था जिसमें वह बरसों से रह रहे थे तो वह अभी वहीं पर ही रह रहे थे ।
वही शिक्षाअपनी मां यानी की सौतेली मां यानी की शोभा जी की बात सुनती है तो वह बोली _" हां मां में कपड़े भी धो दूंगी अब आप फिकर ना करिए । इतना बोलते हुए ही वह अब फिर से बर्तन धोने लगती है।
वही सोभा ओके बोलकर अपना मुंह बिगाड़ते हुए ही वहां से बाहर चली जाती है और वह बाहर जाकर बड़बड़ा रही थी पता नहीं मैं तो अमृता के पापा को तो मना ही किया था लेकिन वही नहीं माने और इसको उठाकर लेकर आ गए यहां पर । क्या ही जरूरत थी इसको adopt करने की और मेरी बेटी अमृता के हिस्से का प्यार भी इस मनहूस को ही मिल रहा है जो मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं है।
बस यह अमृता के पापा इसे अपना प्यार दे रहे हैं वहां तक तो ठीक है । लेकिन अगर इन्होंने कुछ और इसे भी इस नालायक लड़की को दे दिया ना तो मुझसे सहन नहीं होगा। अभी वह इतना बडबडा ही रही थी कि तभी वहां पर अमृता के पापा यानी की अविनाश जी वहां पर आ जाते हैं और बोलि_" अरे भाई क्या हुआ मेरी दोनों बेटियां कहां है दिख नहीं रही।
इतना सुनते ही शोभा जी बोली _" अरे अमृता तो अभी यहां पर ही थी लेकिन वह काम रही होगी कुछ और शिक्षा को मैंने मना किया कि बर्तन में धो दूंगी लेकिन वह मानी नहीं और वह अपनी आप ही काम कर रही है मैंने उसे कितना मना किया लेकिन वह मानती ही नहीं आपकी लाडली घर के सारे काम करती रहती है ।
तभी अविनाश जी बोले _" हां मेरी बेटी है ही इतनी प्यारी उसे काम करना और बाकी सब अच्छा लगता है । अभी तो उसका कॉलेज खत्म हुआ है और उसे दूसरीजगह उसे जो कोई कोई भी डिग्री लेने के लिए पढ़ना हो मैं उन दोनों को ही पढ़ाना चाहता हूं और उसे पूछना था कि उसे पढ़ाई में और आगे क्या करना है ।
इतना सुनते ही शोभा जी बोलिए _" अरे अब क्या जरूरत है । शिक्षा 20 साल की तो हो चुकी है इतना काफी है। इतना पढ़ लिया काफी है अब उसका ब्याह अच्छा घर देखकर कहीं करा देना चाहिए ।
इतना सुनते ही अविनाश जी बोले नहीं मेरी बेटी तो अभी बहुत छोटी है । अभी उसे पढ़ना है और उसे बड़ा जो बड़ा ऑफिसर बनना है या फिर जिस भी लाइन में वो आगे बढ़ना चहती है में उसे आगे बढ़ते हुए देखना चहता हु। और ऐसे कैसे ब्याह करा दू,,अभी तो उसने मेरा बिजनेस भी संभालना है ।
इतना सुनते ही शोभा जी के कान खड़े हो जाती है और वह बोली_" क्या बोले आप??
तभी अविनाश जी बोले_" शिक्षा बड़ी बेटी है तो मैं चाहता हूं कि वह हमारा जो दोनों कंपनी का जो बिजनेस है वह सब कुछ वह संभाले । अभी अमृता तो छोटी है तो वह ऐसे ही मस्तीखोर है तो उससे यह सब कुछ संभाला नहीं जाएगा। लेकिन मैं चाहता हूं कि शिक्षा मेरा सारा बिज़नेस संभाले और बाकी का काम भी वही देखे।
अविनाष जी कुछ पल रुककर बोले_ लेकिन अभी तो उसे पढ़ना है तो अभी वह पढ़ाई कर ले अपनी पूरी । फिर उसके बाद में देखता हूं क्या करना हैअभी वह इतना बोल ही रहे थे कि वहां पर अमृता आ जाती है और बोली पापा में आ गई मुझे कुछ पैसे चाहिए ही 20 हजार मुझे चाहिए तो आप मेरे अकाउंट में ट्रांसफर कर दीजिएगा। इतना बोलकर वो कही जाने ही वाली थी कि तभी उसके पापा अविनाशी बोले _" और रुको अमृता बेटा मुझे और कुछ भी कहना था।
इतना बोलते हुए ही वह बोले शिक्षा बेटा कहां हो यहां पर आ जाओ तुम ।
इतना सुनते ही किचन में जो बर्तन धो रही थी शिक्षा वह वहां किचन से अपने हाथ धोकर बाहर आती है और बोली हां पापा बोलिए क्या हुआ ??? तभी वह मुस्कुराते हुए हैं शिक्षा के पास जाते हैं और फिर उसे वहीं सोफे के पास लाकर अमृता के पास खड़ा करते हैं और फिर खुद शोभा जी के पास खड़े होकर मुस्कुराते हुए ही उन दोनों को देखते हुए ही बोले_" अभी मैं चाहता हूं कि मेरी दोनों बेटियां ही पढ़ाई करके और आगे बढ़े और अभी तुम्हें जो कोई भी डिग्री और आगे पढ़ना है जो कुछ भी आगे की लाइन लेनी है तुम जिस की भी पढ़ाई करना चाहती हो वह करो और एक बात और जो इंपॉर्टेंट है वह मैं कहना चाहता हूं।
most important बात ये है की " इतना सुनते ही सोभा जी ध्यान से उनके बात सुन रही थी और अमृता भी ।
तभी अविनाश जी मुस्कुराते हुए ही बोले_" मैंने डिसीजन लिया है कि सारा बिज़नस शिक्षा तुम संभालो और तुम्हारी पढ़ाई होने के बाद पुरा बिजनेस तुम संभालोगे और प्रॉपर्टी तुम दोनों बहनों के नाम में आधी आधी करना चाहता हूं। और उसके डॉक्यूमेंट मैंने बनवा लिए है बस कुछ और फाइल्स और बाकी सब कुछ बन जाए फिर मैं तुम दोनों बहनों के नाम सब कुछ आधा-आधा कर दूंगा । और बाकी जब तक अमृता सब कुछ संभालने के लायक ना बन जाए तब तक सारा बिज़नस और सब कुछ तुम संभालोगी शिक्षा ।
इतना सुनते ही जैसे अमृता और शोभा जी को 440 वोल्ट का झटका लगता है। और वो दोनों को , शौक लग जाता है और वो दोनों हैरान होकर अपने पापा को देखने लगते है ।
वही अमृता को बहुत गुस्सा आ रहा था वो बोली_" वह पापा यह क्या कह रहे हैं आप?? अभी वह इतना ही बोली थी कि तभी शिक्षा आगे आते हुए ही बोली _" नहीं पापा यह आप क्या कह रहे हैं। मुझे कुछ भी नहीं चाहिए आप सब कुछ अमृता के नाम कर दीजिए मुझे प्रॉपर्टी में हिस्सा नहीं चाहिए वो सब अमृता को दीजिए मुझे कुछ भी नहीं चाहिए । इतना बोलते हुए ही वह अपने पापा को देख रही थी ।
वही अविनाशी बोले _" नहीं तुम दोनों ही मेरी बेटी हो और तुम दोनों का ही बराबर का हिस्सा है और अब मुझे कुछ भी नहीं सुनना चलो दोनों अपना काम करो इतना बोलकर वह वहां से अन तीनो को एक मुस्कान देकर चले जाते हैं। अपने काम के लिए निकल जाते हैं।
वही अमृता गुस्से से ही शिक्षा को देख रही थी वहीं शिक्षा का ध्यान नहीं था वह बस अपना काम फिर से करने के लिए किचन में चली जाती है ।
वही अमृता गुस्से में ही अपना पैर पटकते हुए ही अपने कमरे में चली जाती है। वही सोभा जी का गुस्सा भी उससे ज्यादा बढ़ गया था और वह अपने मन में बोली_" यह क्या बात हो गई भाई इस लड़की को हमने उंगली क्या दी इसने तो हमारा पूरा हाथ ही पकड़ लिया और यह अमृता के पापा इसकी तो मैं इसकी फिर खबर लूंगी बाद में लेकिन अभी पहले इस लड़की को ठिकाने लगाना होगा ।
इतना बोलते हुए ही वह ऊपर सेकंड फ्लोर पर देखटी है जहां पर अमृता गई हुई थी। वह जल्दी से ऊपर अमृता के कमरे में जाती है।
वही अमृता अपना सारा सामान जो टेबल पर रखा हुआ था उसे नीचे फेंक रही थी गुस्से में ही ।
वही तभी अमृता जी भाग कर उसके पास जाकर उसे रोकते हुए ही बोलिए __क्या कर रही हो पागल लड़की पागल हो गई हूं क्या ?
तभी अमृता बोली हां पागल हो गई हूं मैं अपने पापा की एक छोटी बेटी हूं और उसे अनाथ लड़की को यहां पर लाया गया है और उसे मेरी जगह दी गई है उसे मेरे हिस्से का प्यार दिया गया है जो मुझे बिल्कुल भी नहीं पसंद उसे क्यों आप आप लोगों ने अडॉप्ट किया। मुझे बिल्कुल भी नहीं पसंद वह लड़की। मेरी जगह ले ली है उसने पुरी की पूरी में चाहती हूं कि वह चली जाए यहां से मेरी जिंदगी से और मुझे मेरा सारा प्यार और जो मेरा हिस्सा है वह मुझे मिले ।
प्रॉपर्टी पर उसका कोई हक नहीं है लेकिन पापा ने उसे वह प्रॉपर्टी आधी उसके नाम करना चाहते हैं जो मैं बिल्कुल भी नहीं देना चाहती ।
इतना सुनते ही शोभा जी कमरे का दरवाजा बंद करते हुए ही बोले_" फिर ठिक है चलो कोई प्लान बनाते हैं इस लड़की को ठिकाने लगाने का। मुझे भी यह लड़की बिल्कुल भी नहीं पसंद और यह प्रॉपर्टी में आधा हिस्सा बिल्कुल भी इसका नहीं हो सकता जिस पर सिर्फ और सिर्फ तुम्हारा हक है।
इतना सुनते ही अमृत के चेहरे पर एक devil स्माइल आ जाती है और वह बोले_" ठीक है अगर आप कह रही है तो चलिए यही करते हैं अब इसने मुझे बहुत तंग कर लिया और मेरे हिस्से का सारा प्यार जो पापा उसे देते हैं वह मुझे चाहिए होता है हमेशा लेकिन नहीं इसे ही सब कुछ लाड ,प्यार और बड़े होने का प्यार मिलता रहा है जो मुझे चाहिए लेकिन अब नहीं बस अब बहुत हो गया इतना बोलकर वह कुछ सोचते hhe अपनी मा को कान मे कुछ बताती है और वह दोनों ही एक शैतानी मुस्कुराहट एक दूसरे को पास करती है । फिर
अमृता बोली _" चलिए फिर आज चलते हैं वहां पर जहां पर इस शिक्षा का किस्सा खत्म होगा। इतना बोलकर वह कमरे से बाहर निकल जाती है और फिर नीचे आ जाती है ।नीचे आकर वह किचन में आते हुए ही बोली _" बर्तन धुल गई क्या ??
वही शिक्षा ने बर्तन उसने धो दिए थे और वह अपना हाथ धो रही थी वह बोली हां हो गए अब कपड़े धोने जा रही हूं इतना बोलकर वह आगे बढ़ी ही थी कि ।
तभी अमृता बोली अरे नहीं थी तुम क्या यह कर रही हो चलो ना आज कहीं घूमने चलते हैं । वैसे भी पापा तो काम पर गए हुए हैं हम तीनों ही चलते हैं ना कहीं पर घूमने के लिए ।
इतना सुनते ही शिक्षा बोली _" नहीं मुझे नहीं जाना कहीं पर भी घर का बहुत ही काम बाकी है वो भी करना है और बाकी भी बहुत कुछ बाकी है जो मुझे करना है ।
इतना सुनते ही अमृता बोली_" क्या दीदी आपभी चलो ना चलते हैं इतना बोलकर वह उसे जबरदस्ती वहां से बाहर लाती है और बोले _" चलिए आप अपने कमरे में जाए और तैयार हो जाइए मा भी आ रही है साथ में चलते हैं कहीं पर।
वही ना चाहते हुए भी शिक्षा अपने कमरे में चली जाती है और वह तैयार होने लगती है। उसे बिल्कुल भी मन नहीं था कहीं पर भी जाने का उसे बहुत बुरा लगता था जब सोभा जी उसे से ताना देती रहती थी जब देखो तब कुछ ना कुछ बोलती रहती थी जब उसके पापा घर पर नहीं होते थे तब और जब उसके पापा घर पर होते थे तब शोभा जी उससे बहुत प्यार से बातें करती थी वह उसे बहुत बुरा लगता था ।
लेकिन फिर भी वह अपने पापा या किसी को भी कुछ नहीं कहती थी और वह अपना काम अच्छे से किया करती थी। एक अनाथ बच्ची जिसे अपना पापा का इतना प्यार मिल रहा था उसे पता था कि उसकी मां उसे पसंद नहीं करती। लेकिन फिर भी उसे कहीं ना कहीं एक उम्मीद थी कि उसकी मां भी उसे प्यार करेगी कभी तो वह दिन आएगा ।
सीखा को पता था की अमृता भी हूं उसे कुछ खास पसंद नहीं करती थी यह बात भी उसे पता थी लेकिन शिक्षा , अमृता से बहुत प्यार करती थी अपनी छोटी बहन की तरह ही ।
शिक्षा जब इस घर में आई थी तब अमृता 12 साल की थी और वह खुद 13 साल की थी इस घर में आई तब और अब वह 20 साल की हो चुकी थी । 7 साल हो गए थे उसे इस घर में रहते हुए । कभी-कभी अमृता भी उसे ताने दिया दिया करती थी और उससे गुस्से में बात किया करती थी जिससे शिक्षा बहुत हर्ट होती थी लेकिन फिर उसने यह सब कुछ अपनी किस्मत मान लिया था वह उसके बाहर भी कोई दोस्त नहीं थे। वह बस अपने काम से कम रखती थी। और घर में भी पूरा काम किया करती थी।
जब अविनाश जी घर पर होते ही नहीं थे तब शोभा जी उसे पूरा का पूरा घर का काम करवाती रहती थी शिक्षा से । और सारा खाना बनाने का और बाकी का घर का सारा काम भी शिक्षा हंसते-हंसते सारा काम किया करती थी।
वही अभी फिलहाल के लिए वो तीनो ही बाहर जाने वाले थे इसलिए शिक्षा अच्छा सा ड्रेस पहनकर शिक्षा तैयार होती है और फिर वह बाहर आ जाती है।
वही अमृता और शोभा जी दोनों ही कुछ गुपचुप कर रहे थे लेकिन जब शिक्षा को आते हुए देखते हैं तो वह दोनों ही चुप हो जाती है और वह तीनों ही फिर घर से बाहर निकल जाती है और उनकी खुद की एक car थी उसमें बैठकर वह तीनों कहीं पर निकल जाते हैं ।
शिक्षा बोली _" कहां पर जा रहे हैं हम?
तभी अमृता बोली वह घूमने के लिए जा रहे हैं इतना बोलकर वह कुछ नहीं बोलते ।
वही शिक्षा भी फिर कुछ नहीं बोलती और खिड़की से बाहर देखने लगती है।
वही करीब 2 घण्टे बाद सुनसान इलाके के पास एक पहाड़ी थी वहां पर आकर उनकी कर रूकती है ।
वही car अमृता ड्राइव कर रही थी तो पास में ही शोभा जी बैठी हुई थी और पिछले वाली सीट पर शिक्षा वह तीनो ही बस कार में थे और वही सुनसान जगह पर पहाड़ी ऐसे अमृता को कार को रैकेट हुए देखकर शिक्षा बोली _" यहां पर कहां यहां पर तो दूर-दूर तक कोई नहीं दिख रहा और यह इलाका भी इतना सुनसान लग रहा है यहां पर कोई आता जाता भी नहीं होगा। यह कहां पर लाई है आप !?
शिक्षा इतना बोली थी कि तभी अमृता बोली _" अरे आप बाहर तो आओ यहां पर बहुत अच्छी घूमने लायक जगह है इतना बोलकर वह एक शैतानी मुस्कुराहट के साथ बाहर निकलती है और वह तीनों ही बाहर आ जाती है ।
वहीं शोभा जी जी के चेहरे पर एक जंग जीतने वाली स्माइल थी।
तीनो ही us पहाड़ी की ऊंची चोटी pe aa जाते हैं।
वहीं नीचे एक गहरी खाई बनी हुई थी जिसे देखते हुए ही शिक्षा बोली _" अमृता देखो यह कितनी गहरी और गहरी खाई है यहां से अगर कोई गिरे ना तो सच में मर ही जाएंगे यहां पर वैसे भी कुछ घूमने लायक है नहीं तो चलो चलते हैं यहां से।
इतना सुनते ही अमृता बोली अरे इसलिए तो यहां पर आए हुए हैं।
इतना सुनते ही शिक्षा हैरानी से अमृता को देखने लगती है । वह बोली _" क्या मतलब ?
शोभा जी बोलिए अरे कुछ नहीं वह तो बस ऐसे ही बोल रही है इतना बोलकर वह अमृता को कुछ इशारा करती है
वही अमृता शिक्षा का हाथ पकड़ कर उसे पहाड़ के एक कोने तक लेकर आती है और बोली _" आप यहां पर खड़ी रहिए यहां से आप आपकी फोटो लेती हू बहुत अच्छे से आप मस्त लगेगी।
तभी शिक्षा बोले मुझे फोटो नहीं लेनी मुझे नहीं पसंद यह सब कुछ रहने दो ना तुम और चलिए ना यहां से मुझे यहां पर कुछ अच्छा नहीं लग रहा कुछ अजीब सा लग रहा है
वह इतना ही बोली थी कि तभी अमृता बोली क्या हुआ आप ऐसे क्यों बिहेव कर रही हो ?
शिक्षा बोली कुछ नहीं बस ऐसे ही घर जाने का मन कर रहा है ।
तभी सोभा जी बोली अब घर जाने का क्या ही फायदा है बेटा यहां पर तुम्हें हमेशा के लिए तुम्हें अपने मम्मी पापा के पास पहुंचने के लिए तो हम लाए हैं ।
इतना सुनते ही शिक्षा बोली क्या मतलब आपका?
अमृता बोली बस बहुत हुआ दीदी अब आपका बहुत हुआ अब आपके जीने के दिन पूरे हुऐ।
जब तक पापा तुम्हें इतना ज्यादा प्यार दे रही थे तुम्हें सर पर चढ़ा रहे थे तब भी मैंने कुछ नहीं बोला।
मेरा दिल करता था कि मैं तुम्हें मार डालू और पापा के हिसाब का प्यार जो मुझे सिर्फ मुझे मिलना चाहिए । क्योंकि मैं उनकी इकलौती बेटी हूं । लेकिन वह तुम्हें देते थे सारा प्यार। तब तक मैंने कुछ नहीं बोला । लेकिन अब पापा जिसने कहा कि उनका सारा बिज़नस तुम संभालोगे और आधी प्रॉपर्टी में हिस्सा भी तुम्हे देने वाले हैं तो मुझसे सहन नहीं हो रहा और मैं अपनी प्रॉपर्टी में मैं किसी को भी हिस्सा देना नहीं चाहती ।
इतना सुनते ही शिक्षा की आंखों में आंसू आ जाती है और वह बोली _" अमृता तुम्हें मुझसे इतनी नफरत है तो फिर तुम कह दो कि तुम । मैं चली जाऊंगी कहीं पर भी लेकिन ऐसा मत बोलो । तुम्हें मैं नहीं पसंद तुम्हें घर से चली जाऊंगी लेकिन ऐसा क्यों बोल रही हो और प्रॉपर्टी में कोई भी हिस्सा नहीं चाहिए मुझे।
इतना सुनते ही अमृता बोले नहीं तुम कुछ भी कर लो लेकिन अब बस बहुत हो गया। मुझे पता है पापा तुमसे इतना प्यार करते हैं इतना प्यार करते हैं कि वह तुम्हें कहीं पर भी नहीं जाने देंगे और मैं नहीं चाहती कि यह सब कुछ हो और तुम घर छोड़कर तो बिल्कुल भी नहीं जाने वाली मुझे पता है पापा तुम्हें यहां से कहीं पर भी दूर नहीं जाने देने वाले।
इतना सुनते ही शिक्षा बोली _" मा आप बोलिए ना इसे कुछ,ये ऐसी बातें क्यों कर रही है??? मैं उससे कह रही हूं कि मैं मुझे कुछ भी नहीं चाहिए सारे प्रॉपर्टी तुम रखना सब कुछ लेकिन ऐसा तो मत बोलो ,,मुझसे नफरत तो मत करो तुम । और तुम लोग नहीं चाहते तो मैं घर से चली जाऊंगी।
इतना सुनते ही शोभा जी बोली _" बस बहुत हो गई अब तुम्हारा नौटंकी,,अब हमें कुछ भी नहीं सुनना बस तुम चली जाओ हमारी जिंदगी से और अब तुम्हारा तुम्हारा खेल खत्म होने की बारी आ चुकी है हम अब तुम्हें जिंदा देखना ही नहीं चाहते।
हम तुमसे पहले से ही इतनी नफरत करते थे। मैं तो मना किया था अविनाश को लेकिन वही नहीं माने और तुम ही उठा कर ले आए यहां मेरे सिर पर तांडव करने के लिए । तुम जो इतना सर पर चढ़ कर रही हो और सब बहुत बोलती हो ना मुझे बिल्कुल भी नहीं पसंद मेरे सामने कोई ऊंची आवाज करके बातें करें या फिर कुछ भी कहे और आज तो अविनाश ने तुम्हारा तुम्हें सारा बिज़नस का संभालने का भी बोल दिया और प्रॉपर्टी में आधा हिसाब देने की बात भी बोल दी है । लेकिन कौन सा हिस्सा उस सारी प्रोपर्टी पर सिर्फ मेरी बेटी अमृता का हक है ना की तुम्हारा।
तुम जो एक नाजायज अनाथ हो जो मुझे बिल्कुल भी नहीं पसंद और बस अब तुम्हारा खेल खत्म हुआ यहां पर इ।तना बोलते हुए ही वह उसे गुस्से से देख रही थी।
वहीं शिक्षा की आंखों से आंसू बह रहे थे और वह बस ऐसे हीरोते हुए ही बोली _" मा आप ये क्या बोल रही है मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा आप दोनों मुझसे इतनी नफरत करते हैं। क्या मैं इतनी बुरी हूं ।
तभी अमृता बोली हां तुम बहुत बुरी हो और मर जाओ और चली जाओ हमारी जिंदगी से। इतना बोलते हुए ही शिक्षा का ध्यान नहीं था तो अमृता ने आगे बढ़कर एकदम से ही शिक्षा को धक्का दे देती है और शिक्षा जिसकी एकदम से चीख निकल जाती है और वह पहाड़ी की चोटी से नीचे गिरने लगती है और उसकी चिल्लाने की आवाज अब वहां पर गूंज रही थी।
शिक्षा नीचे गिर रही थी और उसके आंखों से आंसू बह रहे थे वह ऊपर की तरफ देख रही थी । जहां उसकी मां शोभा जी और बहन अमृत दोनों ही मुस्कुराते हुए ही उसे नीचे गिरते हुए देख रहे थे।
वही वह खाई इतनी गहरी थी कि वहां से कोई भी गिरता तो वह मर ही जाता है या फिर उसके टुकड़े-टुकड़े हो जाते जो किसी को भी नहीं मिलते।
वही अमृता वह और शोभा जी दोनों एक दूसरे को एक स्माइल देती है और नीचे देखते हैं जो अब वहां शिक्षा नहीं दिख रही थी और शिक्षा वहां से उसे पहाड़ी से नीचे गिर चुकी थी और नीचे गिरते ही एक गहरा जो जंगल था उसमे से होते हुए वो नीचे एक नुकीले पत्थर से उसका सिर टकराता है और उसके सिर से खून की नदी बहने लगती है।
शिक्षा जंगल में इतनी झाड़ियां के बीच से होते हुए वह नीचे गिर रही थी जिसमें उसे हर जगह चोट लग चुकी थी और नीचे पहाड़ से इतने नीचे गिरने के बाद उसकी अब मौत हो चुकी थी । लेकिन अब उसमें को हल्की-हल्की जान अभी भी बची हुई थी और वह वैसे ही अपनी आंखें खोले हुए ही उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे । वह कुछ भी बोलने की हालत में नहीं थी। बस अब उसकी जान जाने ही वाले थी । लेकिन इससे पहले उसकी नज़रों में सामने वह सारे नजारे घूम रहे थे जिसमें अविनाशी ने उन्हें प्यार दिया था उसे अपनी बच्ची से भी ज्यादा प्यार दिया था। उसे एक सगी बेटी की तरह ही प्यार दिया था और अपने लाडली बना कर उसे अपने पास रखा था । वह कैसे उसे प्यार करते थे सब कुछ और उसे वह भी याद आ रहा था कि अमृता को कैसे उसने छोटी बहन मानकर उसका सारा काम करती थी। उसके कोई कोई कांड को छुपाया करती थी अपने पापा से ।
और मां शोभा जी के सारे काम काम करती थी जब भी उनकी तबीयत होती थी खराब होती थी तब उसका पूरा वह ख्याल रखती थी ।
लेकिन उन दोनों ने क्या किया सिर्फ एक प्रॉपर्टी की वजह से उसे मार डाला और उसे इस तरह से मारा कि अब किसी को पता भी नहीं चलने वाला था शिक्षा गई कहां पर और यह सब सोचते सोचते हैं उसकी बस वैसे ही मौत हो जाती है ।
शिक्षा के चारों तरफ उनके सिर से निकला खून बिखरा पड़ा था और वह उसकी आंखें बंद हो चुकी थी और उसकी मौत हो चुकी थी । लेकिन अब उसकी आत्मा वैसे ही चिल्ला रही थी कि क्यों उसके साथ यह सब कुछ हुआ क्यों क्यों क्यों क्यों...!!!!!!!!!!!!!!
वहीं दूसरी तरफ
एक बड़ा सा महल जैसा बंगला था । जो बहुत ही बड़ा बंगलो था । उस मेंशन के अंदर सब लोग एक बड़े कमरे के बहार खड़े थे और डॉक्टर उन्हें बता रहे थे कि उनकी बेटी जो उस घर की लाडली बेटी थी वो एक बीमारी के चलते वह उनकी मौत हो चुकी है।
अभी वह इतना सब कुछ बता रहे थे। लेकिन कमरे के अंदर वह लड़की जो मर चुकी थीं वह अचानक से ही एक झटके के साथ ही उठकर बैठती है और और वह लड़की अपने आप और अपने शरीर को को देखने लगती है । और खुद को ऐसे देखकर वह अपने आप को चेक करती है और ऐसे आलीशान बेड पर वह खुद को देखते हुए वो तो वह हैरान हो जाती है और फिर वह अपने आप को और पूरे कमरे को देखते हैं तो वो लड़की वह एक झटके साथ खड़े होते हुए ही आईने के सामने खड़े होते हुए ही बोली_" यह मैं कहां पर हु ?? कहा aa gai me?? में तो पहाड़ी से नीचे गिरने के बाद मर चुकी थी?? और ये शरीर ये शरीर किसका है???
ये क्या हुआ मेरे साथ और यह किसका शरीर है मैं किसके शरीर में हूं ?? मैं तो मर चुकी हूं ना तो ये में किसके शरीर में आ गई???
यह मेरी शक्ल नहीं है । ये मैं तो नहीं हूं लेकिन मैं हूं कौन और कहां पर आ गई हूं ?? इतना बोलते हुए ही वह खुद को देखती है और आईने मैं वो बार-बार खुद को चेक कर रही थी।
लेकिन उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह है कहां पर और किसके शरीर में है। उसकी आत्मा किसके शरीर में आ चुकी है। लेकिन वह कुछ खुद को शांत करती है ।
और फिर वो कमरे के पास जाकर बाहर से आ रही आवाज को सुनने लगती है तो बाहर से वो डाक्टर बोल रहे थे की आप सब रोए नहीं ,,आपकी बेटी की किस्मत ने इतना ही जीना लिखा था अब वो मर चुकी है । इतना बहार की आवाज़ सुनकर जो आत्मा थी वो शिक्षा की आत्मा थी और वो समझ गई की हा ये जिसका भी शरीर है वो लड़की मर चुकी है और वो उसी लड़की के शरीर में उसकी आत्मा aa gai है और उसका Rebirth हुआ है एक लड़की जो इस घर की princess थी उसके शरीर में उसको फिर से जीने का एक मौका मिला है । Rebirth as a Princess "
वह ये सब कुछ सोचने लगती है । यह देखते हुए ही वह खुद के चेहरे पर हाथ फेर रही थी और उसे तभी याद आता है कि कैसे उसकी मां और उसकी बहन ने उसे मार डाला था । पहाड़ी से नीचे धक्का का दे दिया था और वह मर चुकी थी । वह अपने आप अपने चेहरे को टच करते हुए ही बोली _" यानी कि मेरा Rebirth हुआ है। मुझे एक मौका मिला है अपना बदला लेने का अपने गुनहगारों को सजा दिलाने का।
और अब ये शिक्षा जिसने नया जन्म लिया है वो अपने मौत के जिम्मेदारों को मारकर अपना बदला जरूर पूरा करेगी अपना रिवेंज जरूर लेगी!!!
इतना वो खुद से बोलते हुए वह बेड पर जाकर बैठ जाती है।
तभी ही कोई कमरे का दरवाजा खोलकर अंदर आता है और सामने बेड पर बैठी हुई लड़की को देखकर वह सब लोग एकदम से ही शौक हो जाते हैं और वहीं पर ही सब स्टैचू बनकर खड़े हो जाते हैं।_"
to be continued 😘
तो कैसा लगा chapter और हमारी शिक्षा?? comment like karke जरूर बताएं की अब क्या होगा आगे??