सेहर नींद से जागते हुए aas pas देखती है । उसे सबसे पहले अपने पापा अविनाश जी की याद आती है जिससे वो थोड़ा उदास हो जाती है।लेकिन अब कुछ nhi ho सकता था । सेहर ने उसने दो घंटे की नींद ले ली थी और वह बेड पर बैठी है। तभी उसके कमरे का दरवाजा खोलकर कोई अंदर आता है जिसे देखकर सेहर के चहरे पे।बड़ी सी स्माइल आ जाती है।
⭐वही उसकी मां वहां पर आती है । और वो बोली_" अब कैसी हो सेहर बेटा?? अब केसा फील कर रही हो हो तुम ??
तभी सेहर मुस्कुराते हुए ही बोली __ में बिल्कुल ठीक हूं मामा । इतना बोलते हुए वह उसके गले लग जाती है आखिर उसके अंदर थी तो शिक्षा की आत्मा जिसे एक प्यारी मां का प्यार नहीं मिला था। लेकिन अभी उसे पता था कि उसे इन सब का प्यार मिलने वाला था। इसलिए वह बहुत खुश हो रही थी मन ही मन ।
तभी सुषमा जी बोली _" ठीक है चलो अब फ्रेश हो जाओ और फिर नीचे डाइनिंग टेबल पर आ जाना या फिर तुम्हारा खाना यहीं पर मंगवा दू । अगर तुम अब भी ठीक फील नहीं कर रही तो यही ला देती हु ।
तभी सेहर बोली _" नहीं मैं नीचे आ जाऊंगी। खाना खाने के लिए मैं थोड़ा फ्रेश हो जाऊ । इतना बोलकर वह bed se खड़ी होती है और मुस्कुराते हुए ही वह सामने एक वॉशरूम बना था वहां पर चली जाती है।
वहां जाकर वहां इस वॉशरूम में एक वार्डरोब बना हुआ था जिसमें कपड़े रखे हुए थे वही वह जो उसमें से कपड़े निकाल कर फिर वो shower ले लेती है ।
कुछ देर बाद वह बाहर निकलती है और फिर वह उसे कमरे को अच्छे से देखकर उस कमरे से बाहर निकलती है बाहर निकल कर बाहर का माहोल जब देखती है तो वो एकदम हैरान हो जाति है।
क्युकी बाहर का वह जो बांग्ला था। इतना बड़ा था और वह शायद 4th फ्लोर पर थी उसे कमरे से बाहर निकल कर वह सब कुछ हैरानी से ही देख रही थी। सब कुछ इतना जगमगा रहा था और वह बांग्ला इतना बड़ा और इतना अच्छा था कि वह सब सेहर यानी की शिक्षा वो सब देख देख रही थी। उसने वह यह सब कुछ पहली बार देख रही थी। और उसे बहुत ही खुशी हो रही थी आखिर उसकी जिंदगी में यह सब कुछ रहने ही वाला था। शिक्षा बिल्कुल भी लग्ज़री life नहीं जीना चाहती थी but चाहती थी लेकिन वह जहां पर अविनाश जी के घर पर थी वहां पर भी उसका अच्छा खासा घर था और वहां पर भी उसे बहुत अच्छी फैसिलिटी मिलती थी।
लेकिन वहां का सारा का काम शिक्षा खुद करती थी वहां पर वह दिन पर फ्री नहीं होती थी। लेकिन उसे पता था कि यहां पर वह एक प्रिंसेस की तरह रहने वाली थी इस घर की लाडली बेटी लाडली प्रिंसेस की तरह ।
सेहर अच्छे से उस बंगले को अच्छे से देखते हुए ही सिडिया के नीचे उतरती है।
तभी डाइनिंग टेबल पर सब लोग बैठ रहे थे।
वहीं सेहर को देखते हुए ही सब लोग मुस्कुराते हुए ही उसकी दादी मां बोली _" मेरी बेटी यहां पर आ जाओ मेरी प्रिंसेस इधर आ जाओ सेहर बेटा । मेरी प्रिंसेस इधर आओ।
वहीं सेहर थोड़ा हिचकी चाहते हुए ही आगे बढ़कर दादी मां के पास वाली चेयर पर बैठ जाती है ।
वहीं दादी मां उसके सर पर हाथ रखते हुए ही बोली _" आज मैं अपनी बेटी को अपने हाथों से खिलाऊंगी इतना बोलकर वहां पर जो प्लेट रखी हुई थी उसमें खाना था उसमें से निकाल कर वह सेहर को खिलाने लगती है।
वहीं सेहर की आंखों में हल्के नमी आ जाती है और वह दादी मां और बाकी सब लोगों को प्यार से देख रही थी वही सब लोग मुस्कुराते हुए खाना खा रहे थे ।और सेहर को मुस्कुराते हुए देख रहे थे ।
तभी सेहर की cousin बहन जो उसके पास में ही बेटी थी वह बोलिए _" ये लो सेहर tu ise खाओ मेरे हाथ से भी खाओ। इतना बोलते हुए वह भी उसे अपने हाथ से खिलाने लगती है।
तभी उसका ईशान वह बोला _" नहीं ,,tu चुप रह ,, सेहर मेरे हाथ से खायेगी । इतना बोलकर वो अपने हाथो से उसे खिलाता है।
वह सब लोग मुस्कुराते हुए ही सेहर को खिला रहे थे शहर की आंखों में बहुत सारे आंसु कि बाढ़ आ चुकी थी लेकिन वह खुद को कंट्रोल कर रही थी रोने से। इतना सारा प्यार उसे मिल रहा था जिससे वह खुद को रोक नहीं पा रही थी रोने से। लेकिन अभी उसे पता था कि सबके सामने अगर वह रोएगी तो सबको लगेगा कि शायद मैं दुखी हैं । इसलिए वह सब सबके हाथों से प्यार से खाना खाती है ।
कुछ देर ऐसे ही बीत जाती है सब लोग खाना खाकर हाल में बैठे हुए थे ।
वहीं सेहर भी वहां से उठकर किचन में आ जाती है और वहां पर वह अपना मुंह धो लेती है । फिर खुद को अच्छे सेअपना चेहरा अच्छे से साफ करके वह फिर मुस्कुराते हुए ही बोली _" अब सच में मैं इतनी स्ट्रांग हूं और इतनी अब सच में मुझे शिक्षा नहीं बने रहना । जो हर पल रोए ,,,में सेहर बनकर स्ट्रॉन्ग स्ट्रांग गर्ल बनना चाहती हूं।
इतना बोलते हुए ही वह एक कॉन्फिडेंस के साथ ही बाहर आती है और वहां सबके पास जाकर वह बैठ जाती है उन सब के बीच में ही सब लोग हंसते मुस्कुराते हुए बातें कर रहे थे ।
वहीं सुषमा जी सेहर के सिर पर हाथ रखते हुए ही बोली _" तेरी दोस्त पूजा का कॉल आया था वह पूछ रही थी कि तू अब ठीक है कि नहीं । तेरी तबीयत अब कैसी है तेरी अपडेट ले रही थी। अब तुम्हारा कॉलेज का सेकंड ईयर है तो तुम्हारा कॉलेज का सेकंड ईयर स्टार्ट होने वाला है वह तुम भी अब से उसके साथ ही तुम्हारा एडमिशन तो हो गया है। तुम उसके साथ ही कॉलेज जाना स्टार्ट कर दो । तुम बिल्कुल ठीक हो चुकी हो तो मैं नहीं चाहती कि तुम पढ़ाई स्किप करो। तुम पढ़ने में इतनी ज्यादा होशियार हो तो फिर तुम्हें आगे का भी सोचना चाहिए और अच्छे से पढ़ना चाहिए ।
वही तभी उसकी दादी मां विभाजी बोली _" अरे अभी तो मेरी बेटी ठीक हुई भी नहीं और तुम मेरी बेटी को मुझसे अलग करने का सोच रही हो। बिल्कुल भी नहीं बिल्कुल भी मत जाना सेहर बेटा कॉलेज। अभी दो-तीन दिन घर पर ही रहो।
तभी सेहर की कजन सिस्टर यानी की मीरा बोली _" नहीं सेहर कल ही मेरे साथ ही कॉलेज आ जाना। मेरा भी थर्ड ईयर स्टार्ट हो रहा है ।
वही सेहर तो थोड़ा हैरान हो रही थी कि अभी वह सेकंड ईयर में ही है । इसका मतलब अभी वह 18 साल की है लेकिन वह तो 20 साल की हो चुकी थी । लेकिन तभी उसे याद आता है वह वह तो सेहर के शरीर में है। उसकी आत्मा सेहर के शरीर में है।
वही सेहर तो छोटी होगी वो 18 साल की ही होगी इसीलिए अभी मे सेकंड ईयर में हूं इतना वह सोचते हुए ही अपने मन ही मन हंसती है और फिर वह अपने दादी मां के कंधे पर सिर रखते हुए ही बोली _" में बिल्कुल भी ठीक हूं और मैं कल ही यहां से कॉलेज जाना चाहती हूं अब कॉलेज भी जाना चाहिए भाई वहां पर दोस्त साथ होते हैं तो बहुत अच्छा मजा आता है सबके साथ में इतना बोलकर वह मुस्कुराने लगती है ।
सब लोग सेहर की बात सुनते हुए मुस्कुरा रहे थे और हंसी-खुशी बातें कर रहे थे ऐसे ही सब लोग फिर उठकर अपने कमरे में जाकर सब लोग सो जाते हैं ।
आज सेहर के शरीर में शिक्षा की आत्मा थी उसका पहला दिन था इस घर में तो उसे नींद नहीं आ रही थी वह कुछ देर से इधर से उधर करवटें बदलती है । फिर जब उसे नींद नहीं आती तो वह कमरे से बाहर चली जाती है ।
तभी अभी वह कमरे से बाहर निकली थी कि तभी वहां पर उसे सुषमा जी मिलती है वह बोली _" अरे मेरी princess तुझे नींद नहीं आ रही क्या??
तभी सेहर बोली " बोले नहीं मम्मा नींद ही नहीं आ रही ।
तभी सुषमा जी बोले _" चलो मैं तुम्हारे साथ सोती हूं अच्छी सी नींद आ जाएगी चलो। इतना बोलकर वह उसे फिर से कमरे में लेकर आती है और उसे बेड पर लेटा कर खुद उसके पास बैठकर उसके सर को थपथपाते हुए ही उससे बातें करने लगती है ।
वहीं सेहर की आंखों में हल्की नमी आ जाती है और वह अपनी मम्मा की गोद में से रखकर उसे प्यार से hug करते हुए ही अपनी आंखें बंद कर लेती है उसे पता था कि उसे ये सब लोग जो यहां पर है वह सब लोग सेहर से बहुत प्यार करते थे । तो उसे वह प्यार मिल रहा है । इसलिए वह प्यार से उसकी गोद में सिर रखकर सो जाती है और ऐसे ही सुबह हो जाती है ।
सुबह होते ही उस घर में उस बंगलो के अंदर चहल-पहल कुछ ज्यादा ही मच रही थी। सब लोग अपने-अपने काम पर जाने के लिए तैयार हो रहे थे ।
मीरा भी तैयार हो चुकी थी कॉलेज जाने के लिए । वहीं सेहर को भी सुषमा जी ने उसे उठा दिया था तो वह भी तैयार होकर नीचे आ चुकी थी ।और सब लोग डाइनिंग टेबल पर बैठे हुए नाश्ता कर रहे थे।
तभी मीरा बोली _" मैं और सेहर हम दोनो ही साथ में जाएंगे कॉलेज । वहीं तभी उसका मीरा का सगा भाई वह ईशान बोला _" हां मैं तुम दोनों को कॉलेज छोड़ देता हूं फिर मैं ऑफिस चला जाऊंगा वह सबसे बड़ा था उस घर में और सबसे छोटी सेहर थी तो वह सब लोग सेहर को कुछ ज्यादा ही प्यार करते थे। और सेहर इस घर की लाडली बेटी की तरह हर किसी के पास जिद किया करती थी और अपनी सारी ख्वाइस संभाला करती थीं।
वहीं सेहर और मीरा दोनो car में बैठ चुकी थी और उसका भाई ईशान भी उसके साथ ही बैठा हुआ था ड्राइवर कर चला रहा था और उसके पीछे एक बॉडीगार्ड की car भी चल रही थी। वह बड़े खानदान से थे ,, बड़ी परिवार के लोग थे तो उसके साथ हर वक्त बॉडीगार्ड के रहा करते थे।
शाहपुर के सबसे अमीर अमीर लोग थे वह और उसके पास बहुत ज्यादा ही प्रॉपर्टी थी और उनकी खुद की एक बड़ी बहुत बड़ी कम्पनी जो भारत में दूसरे नंबर पर थी इतनी बड़ी कंपनी के मालिक थे और उसे घर में सब लोग काम करते थे और फिलहाल सब लोग अपने-अपने काम पर चले गए थे । अब वही करीब 1 घंटे के बाद उनकी car आकर एक बड़े से b.s.s कॉलेज के सामने रूकती है और वह कॉलेज भी बहुत बड़ी थी। वहां पर बहुत पैसे वाले और अमीर लोग ही आते थे शायद ।
वही मीरा और सेहर दोनों ही वहां car से बाहर निकलती है और अपने भाई को bye बोलकर फिर वह कॉलेज के अंदर चली जाती है । वही दो बॉडीगार्ड भी उसने के पीछे थे। लेकिन वह उनसे दूर थे।
शहर को थोड़ा सा नया लग रहा था। लेकिन मीरा साथ में थी तो उसे थोड़ा कंफर्टेबल फील हो रहा था । आखिर वह दोनों ही मुस्कुराते हुए ही कॉलेज के अंदर जाती है और तभी वहां पर एक लड़की जो सीधा जाकर सेहर के गले लग जाती है। वहीं सेहर एकदम से ही चौंक जाती है और वह देखती सामने लड़की को देखकर वो पहचान जाती हैं । शिक्षा की आत्मा सेहर के शरीर के अंदर थी लेकिन सेहर की सारी मेमोरी अभी भी थी।
तो सेहर उस लड़की को पहचानते हुए ही उसे फिर से गले लगाते हुए ही बोली _" puja तू आ गई बेवकूफ लड़की इस तरह आकर कोन डराता है ?? तूने तो मुझे डरा ही दिया ।
वही पूजा भी मुस्कुराते हुए बोली _" तुझे बड़ी वाली बेवकूफ ऐसे अपनी तबीयत खराब करके बैठी हुई थी और कितनी टेंशन हो रही थी मुझे । लेकिन tu ab thik hai to चल अब। इतना बोलते हुए ही वह तीनों मुस्कुराते हुए ही आगे बढ़ जाती है।
वही पूजा और मीरा दोनों ही अभी कुछ बातें करते हुए आगे बढ़ रही थी। वही पूजा ने जो एक बुक दी थी उसको सेहर खोल कर देख रही थी और उसका ध्यान नहीं था ।वह उसे बुक को देखते हुए ही आगे बढ़ रही थी ।
वहीं लड़कों का एक ग्रुप जो सामने से हस्ते हुए किसी का
मजाक उड़ाते हुए ही आ रहा था। उनमें से एक लड़का जो आगे चल रहा था उसका ध्यान भी अपने फोन में था तो वह भी आगे आ रहा था और वहीं सेहर भी सामने से आ रही थी तो वह एकदम से जाकर उस लड़के से टकरा जाती है और सेहर एकदम से गिरने लगती है । लेकिन सेहत गिरती उससे पहले ही वह लड़का उसे बाहों में थाम लेता है।
दोनों ही एकदुस्रे के baho me थे। वो सारे लड़के एकदम से चुप हो जाते है और उन दोनो को देखने लगते है । वही vo ladka सेहर को बाहों में लिए हुए सेहर को ही देख रहा था। तभी सेहर अपनी आंखे खोलकर देखती है तो उसकी नज़रे us ladke se जा मिलती है ।
वही वो लड़का सेहर को देखते हुए ही बोला_" तुम तो बहोट hot 🥵 hot ho Barbie doll 🪆।
vo itna बोला ही था की सेहर एकदम से खड़ी होकर उस लड़के को अपने से दूर धक्का देते हुए बोली__" how dare you too touch me?? अंधे हो क्या दिखाई नहीं देता बेवकूफ इंसान "
to be continued 😘 😘😘
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