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Chapter 2 - Aahhhh... दर्द हो रहा है मुझे plz

तभी ही कोई कमरे का दरवाजा खोलकर अंदर आता है और सामने बेड पर बैठी हुई लड़की को देखकर वह सब लोग एकदम से ही शौक हो जाते हैं और वहीं पर ही सब स्टैचू बनकर खड़े हो जाते हैं।_"

वहां के डॉक्टर की चौक कर सामने देख रहे थे । सामने बेड पर शिक्षा बैठी हुई थी लेकिन फिलहाल उसकी आत्मा किसी और यानी की जिस लड़की की मौत हुई थी उसका शरीर था।

 शिक्षा की आत्मा सेहर के शरीर में आई हुई थी ।और वो अभी जिंदा हुई बैठी थी ।

इसलिए सब लोगों को एक झटका लगा था । 

डॉक्टर तो सोच समझ नहीं पा रहे थे कि किसी एक लड़की जो मर चुकी थी । और वो उन लोगों ने कहा था कि वह मर चुकी है अब तो वह जिंदा कैसे हो सकती है और वह बैठ कैसे सकती है ??? 

यह देखकर सब लोग चौक के हुए थे । और सब लोग हैरानी से उसे देख रहे थे।

वही सेहर भी चौंक कर सामने सब को देख रही थी। 

 वही उसके घर वाले यानी की जो एक करीब 45 साल की उम्र की एक औरत रोते हुए ही अंदर कमरे में सेहर को बेड पर बैठा हुआ देखकर वह जल्दी से अंदर आती है और बोली __" मेरी बेटी मेरी सेहर tu जिंदा है । तुझे कुछ नहीं हुआ मैं कह रही थी कब से डॉक्टर को इतना बोलते हुए ही वह जाकर उसे अपने गले से लगा लेती है । 

और वही शिक्षा हैरानी से उसे देख रही थी । शिक्षा के पास सेहर जो मर चुकी थी उसकी सारी memory thi । vo सबको पहचान पा रही थी।

 वह सब कुछ सोच समझ पा रही थी उसे पता था कि वह जिसके शरीर में है ये उसकी मॉम है। यानी कि उसकी भी मोम हुई । इसलिए वह भी उसे अपने गले से लगा लेती है और बोली __" हां मम्मा मैं जिंदा हूं । मुझे कुछ नहीं हुआ। देखिए मैं बिल्कुल ठीक हूं । 

इतना वह बोलते हो ro rhi थी।

 वही बाकी के घर वाले भी रोते हुए ही अंदर आ जाते हैं उसके पापा उसकी दादी उसके दादा उसकी कजिन सिस्टर उसके ब्रदर वह सब लोग भी अंदर आ जाते हैं।

 क्योंकि सेहर वह सब की लाडली थी और उसे ऐसे मरते हुए हुए वह कोई नहीं देख सकते थे । इसलिए सब की आंखों में आंसू थे । लेकिन फिलहाल के लिए वह जिंदा थी तो सब ऐसे खुश हो रहे थे जैसे उन्हें सोने का खजाना मिल गया हो ।

 वही डॉक्टर तो अभी भी सदमे में थे। 

 तभी वह औरत जो जिसकी उम्र 45 साल थी जो सेहर की मॉम थी यानी कि सुषमा जी बोली _" सेहर बेटा मेरी तुझे कुछ नहीं हुआ मुझे पता था कि तू मुझे ऐसे छोड़कर नहीं जा सकती। अपने मां-बाप और बाकी सब को ऐसे छोड़कर थोड़ी ना जा सकती है । 

वहीं सेहर भी अपने मां को गले लगाए हुए उसकी आंखों से भी आंसू बह गए थे । आखिर उसके अंदर तो शिक्षा की आत्मा थी और उसे कभी इस तरह से एक मां का प्यार नहीं मिला था जो अभी सब लोग उसे दे रहे थे। वह भी ro रही थी। और वह अपनी मां को गले लगाए हुए ही ऐसे ही कुछ देर तक रोटी रहती है।

वही ऐसे कुछ देर बाद डॉक्टर वहां पर आते हैं और बोले_" प्लीज मुझे चेक करने दीजिए इससे पहले बहुत बुरी वाली बीमारी थी तो अभी ये कैसे ठीक हुई और क्या-क्या हुआ इनमें क्या चेजेस आए है ।यह सब कुछ चेक करना है ।

वही बाकी सब लोग वहां आसपास ही खड़े हो जाते हैं। वहीं डॉक्टर सेहर को चेक करने लगते हैं।

 वहीं सेहर के अंदर शिक्षा की आत्मा थी तो शिक्षा को इंजेक्शन से बहुत ज्यादा डर लगता था । वह सामने पड़े हुए इंजेक्शन को देखते हुए ही बोली _" डॉक्टर में इंजेक्शन नहीं लूंगी मुझे बहुत डर लगता है। 

 इतना सुनते ही सब लोग सेहर को देखकर मुस्कुराने लगते है ।

 वही डॉक्टर बोले हम आपको चेक करेंगे फिर बता सकते है। अभी आपको चेक कर रहे हैं और आपको इंजेक्शन भी लेना ही पड़ेगा। इतना बोलते हुए ही डॉक्टर उन्हें पहले चेक करते हैं और फिर उस हिसाब से उसे दवाई देते है।

फिर डाक्टर एक इंजेक्शन लेते हैं हाथ में और इंजेक्शन को देखकर सेहर इतना डर रही थी इतना डर रही थी कि वह अपनी आंखें मिंच लेती है और वही पास खड़ी सुषमा जी का हाथ पकड़ते हुए ही बोली _" डॉक्टर को कहिए मुझे ऐसे इंजेक्शन ना दे । मुझे बहुत ज्यादा ही डर लगता है । 

इतना सुनते ही वही है सब लोग मुस्कुराने लगते हैं और हंसने लगते हैं ।

वही डॉक्टर अब सेहर के हाथ में इंजेक्शन दे रहे थे जिससे सेहर चिल्लाते हुए हुए ही बोलि_" आह्ह्ह बहुत दर्द हो रहा है। प्लीज इस इंजेक्शन को लेकर फेंक दो मुझे नहीं लेना इंजेक्शन। डॉक्टर साहब आपको पाप लगेगा मुझ बच्ची को ऐसे डरा कर इंजेक्शन दे रहे हैं तो plz मत करिए । लेकिन तब तक डाक्टर ने इंजेक्शन दे दिया था।

 वही सेहर अपनी आंख खोलकर डॉक्टर को घूर कर देखती है । वही सेहर के एक्सप्रेशन देखकर सब हस रहे थे।

वही डाक्टर वह उसे दवाई देते हुए ही बोले_" अब यह बिल्कुल ठीक है और उनकी तबीयत में बहुत ही सुधार आ गया ये पहले की तरह ही नॉर्मल हो चुकी है।

कैसे सुधार हुआ ये तो हमें समझ में नहीं आ रहा लेकिन अभी बिल्कुल ठीक है और नॉर्मल है। बस आप सब लोगों जो इतना भगवान को मानते हैं उस हिसाब से भगवान के ही आशीर्वाद है जो आपकी बेटी इस तरह से ठीक हुई है और एक चमत्कार हीं समझ लीजिए कि आपकी बेटी आपके सामने जिंदा है । जो थोड़ी देर पहले एक लाश बनी हुई थी। 

 वहीं सेहर उन सब लोगों को ऐसे टुकुर-टुकुर देख रही थी वह सब लोग उसके लिए तो अभी नए ही थे। आखिर वह शिक्षा की आत्मा जो थी उसमें।

 वही वह सब लोगों को ऐसे देख रही थी कि तभी तभी डॉक्टर बोले _" बस अब इन्हें थोड़ी देर आराम करने दीजिए और आप सब लोग थोड़ी देर बाहर आ जाइए इंजेक्शन की वजह से थोड़ी देर सोएगी तो इससे अच्छा लगेगा और वैसे भी मैंने नींद का इंजेक्शन दिया है ।

इतना सुनते ही सब लोग बाहर आ जाते हैं ।

वहीं सेहर के मम्मी सुषमा जी _""उसके पापा धर्मेश जी उसकी दादी मां __विभा जी _" उसके दादा श्रीधर जी उसकी बहन__ उसके अंकल __आंटी __उसका भाई वह सब लोग बाहर आ जाते हैं..!

 वहीं अब कमरे का दरवाजा भी बंद कर दिया गया था वहीं अब सेहर बेड पर लेटी हुई थी और वह सामने सीलिंग को घूरते हुए ही बोली _" अब मुझे एक नया शरीर मिल चुका है जो कि सेहर का है। 

 अभी मां ने बताया कि ये शरीर सेहर का है ।

यानि की में जिस लड़की के अंदर मेरी आत्म आई है उस लड़की का नाम सेहर था।

 तो अब से में शिक्षा नहीं अब मैं एक मुझे एक नई जिंदगी मिली है तो अब मैं वही बनकर रहना चाहती हूं । शिक्षा अब सच में मर चुकी है और मैं भूल जाना चाहती हूं कि शिक्षा कितनी कमजोर थी। अब में सेहर बनाकर सबको अपनी उंगलियों पर नाचने वाली बनना चाहती हूं मैं सबको ऐसे मुंह पर जवाब देना चाहती हूं। ऐसी सेहर बनाकर दिखाऊंगी की सब लोग ऐसे देखते रह जाएंगे ।

वो खुद से बोली वैसे शिक्षा जो है इतनी कमजोर थी सबके सामने और सब कुछ सुन लिया करती थी वह अब नहीं रहेगी । भले ही मेरी आत्मा सेहर के शरीर में है लेकिन अब में नए तरीके से एक जिंदगी की शुरुआत करूंगी ।

 अब शिक्षा नहीं नई सेहर आएगी। जो खूंखार और मुहतोड़ जवाब देने वाली होगी ।

वैसे भी सेहर के घरवाले सब सब लोग कितने अच्छे हैं कैसे मुझे जिंदा देखकर यह सब लोग मुस्कुरा रहे थे सब की आंखों में कितनी खुशीके आंसू आ रहे थे। कितना प्यार करते होंगे वो सेहर से।

को कितनी खुशनसीब होगी । वह कितने साल तक उसे ऐसा प्यार मिला। 

 लेकिन ठीक है अब मैं भी अब नसीबवाली बन गई हूं अब जो मुझे ऐसा घर परिवार ऐसे सब प्यार करने वाले लोग जो मिले हैं इतना बोलते हुए ही वह मुस्कुराते हुए ही सामने सीलिंग को देख रही थी।

 लेकिन तभी उसे याद आता है कि कैसे उसकी मां और उसकी बहन जी से वह छोटी बहन और उसकी मां जिसे जो सौतेली मां थी उसे वह सगी मां मानती थी लेकिन उन्होंने उसके साथ धोखा किया और कैसे उसे मार दिया था । केसे पहाड़ी से नीचे फेंकते हुए उन दोनों को जरा सा भी उसे पर रहम नहीं आया था।

 लेकिन तभी सेहर बोली_" लेकिन मुझे अभी फिलहाल अपने पापा की बहुत याद आ रही है। कैसे उसे पता भी नहीं चलेगा कि मैं कहां पर हूं और अमृता और मा तो पता नहीं क्या स्टोरी उन्हें सुना देंगे कि मैं कहां पर गई हूं। पता नहीं क्या होगा । 

लेकिन अब बस बहुत हुआ मैं अपने पापा से जरूर मिलना चाहूंगी । लेकिन शिक्षा बनकर नहीं सेहर बनकर और अभी मैं फिलहाल कहां पर हूं यह मुझे भी नहीं पता चलो लेकिन कोई बात नहीं सब पता चल गए जाएगा आगे चलकर। इतना बोलते हुए वो अपनी आंखें बंद कर लेती है ।

वहीं दूसरी तरफ अमृता और उसकी मा यानी की शोभा जी दोनों ही घर पहुंच चुके थे और अब बहुत टाइम बीत चुका था। तो उसके पापा भी घर आ चुके थे।

 वही उसके पापा बोले _" शिक्षा बेटा मेरे लिए पानी का ग्लास ला दो। 

 इतना सुनते ही अमृता जो सोफे पर बैठी हुई थी वह अपनी मां की तरफ देखते ही और फिर अपने पापा से बोली _" पापा पता नहीं आपके जाने के बाद ही दीदी कहा यह कहीं गई हुई है अभी तक आई नहीं और हमें भी बताकर नहीं गई इतना सुनते ही उसके पापा थोड़ा परेशान हो जाते हैं और बोले _" अभी तक नहीं आई अब तो शाम होने वाली है । क्यों नहीं आई अब तक??

 तभीअमृता बोली पता नहीं कहां पर गई है लेकिन उसने कुछ बताया भी नहीं और फोन भी अपना साथ लेकर नहीं गई तो कहां गई पता नहीं ।

वही उसके पापा थोड़े परेशान होकर बोले कोई बात नहीं आ जाएगी शाम तक वेट करते हैं। वरना उसके दोस्तों और बाकी सब लोगों से पूछ लेंगे।

 वही इतना बोलकर वह वहीं पर ही बैठ जाते हैं ।

वही उसकी मम्मी ,,,अमृता को कुछ इशारा कर रही थी और वह दोनों ही एक स्माइल एक दूसरे को पास करती है 

वह दोनों ही एक दूसरे को से देख रही थी। उन दोनों की चालबाजी कामयाब जो हो चुकी थी।

वही शाम हो चुकी थी और अविस्नाध जी घर में यहां से वहां घूमते हुए हैं शिक्षा के दोस्तों को कॉल कर रही थे । और सब से पूछ रहे थे। लेकिन शिक्षा के बहुत कम दोस्त थे और वैसे उसके बेस्ट फ्रेंड या उसे क्लोज वाले तो कोई थे। बस उसके रूम में कोई लड़कीया जिसे वह आसपास रहती थी जिसे वह जानते थे उनको ही वह कॉल कर रहे थे। और सब कुछ पूछ रहे थे लेकिन शिक्षा का कोई ऐसा पता नहीं लगता तो वह थकहार कर वैसे ही बैठ जाते हैं । 

 तभी सोभा जी उसके पास आते हुए ही बोली ।_" अविनाश ये लड़की पता नहीं कहां पर गई होगी किसी लड़के के साथ भाग तो नहीं गई होगी ना ??

इतना वह बोली थी कि तभी अविनाशी गुस्से से ही शोभा जी को देखते हुए बोले _" क्या बकवास कर रही हो तुम यह मेरी बेटी ऐसा कभी नहीं कर सकती। वह ऐसी थी ही नहीं और यह अपनी बकवास बंद करो।

 हम सुबह तक का इंतजार करेंगे और फिर अगर नहीं मिली तो हम पुलिस स्टेशन जाएंगे ।

तभी सोभा जी गुस्से से खड़ी होते हुए ही बोली आपको तो बस वही दिखती है। वही आपकी एक बेटी है। अमृता तो कभी आपको दिखती ही नहीं ना। कभी आपने अमृता को अच्छे से प्यार किया ही नहीं । आपको नहीं लगता कि आपकी लाड़ली बेटी आपके लाड प्यार से शिक्षा बिगड़ चुकी । थी इसलिए वह घर पर भी अभी तक वापस नहीं आई। और वैसे भी आपकी बेटी कहीं जाती तो बताकर नहीं जाती थी और आज भी वह कहीं पर गई लेकिन बताया नहीं ,,अब कहां गई होगी किसके साथ पता नही किसके साथ काला मुंह कर रही होगी!!

 इतना सुनते ही अविनाश जी गुस्से से बोले _" अपना बकवास बंद करो अगर कुछ अच्छा नहीं बोल सकती तो अपना मुंह बंद रखो। 

 इतना बोलकर ऐसे ही वहां से चले जाते हैं और उसके जाने के बाद वह अमृता और शोभा जी एक दूसरे को हाई-फाई देती है। और बोले अब आएगा मजा अब उसकी बेटी मिलने वाली नहीं ,,सॉरी पापा आपकी बेटी तो। वह मर गई है । इतना बोलकर वह दोनों ही खुश हो रहे थे ।

लेकिन उन्हें पता नहीं था कि एक दूसरे शहर में शिक्षा की आत्मा जो सेहर के शरीर में आ चुकी थी वह अपना बदला लेने वाली है।

 दूसरी तरह 

शाहपुर 

सेहर नींद से जागते हुए aas pas देखती है । उसे सबसे पहले अपने पापा अविनाश जी की याद आती है जिससे वो थोड़ा उदास हो जाती है।लेकिन अब कुछ nhi ho सकता था । सेहर ने उसने दो घंटे की नींद ले ली थी और वह बेड पर बैठी है। तभी उसके कमरे का दरवाजा खोलकर कोई अंदर आता है जिसे देखकर सेहर के चहरे पे।बड़ी सी स्माइल आ जाती है।

to be continued 😘 

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