Chapter 32 - chapter 32

जब आर्यन कॉलेज जा रहा था। तब उसके सर में बहुत ज्यादा दर्द होने लगता है। और वो अपने घुटनों पर आ जाता है। उसके बाद वो बेहोश हो जाता है। और जब उसकी आंख खुलती है। वो किसी और ही जगह पर होता है। और किसी नई जिंदगी में लेकिन इस बार भी आर्यन को कुछ भी याद नहीं था। कि उसके साथ क्या हुआ है।

वही एक और राघवेंद्र मेहरा और माइक सचिन के किए हुए कम पर खुश हो रहे थे लेकिन जब विशाल को इस बारे में पता चलता है। तब वो बहुत ही ज्यादा गुस्से में आ जाता है। और इसी गुस्से के साथ वो राघवेंद्र मेहरा के पास चला जाता है।

तुमने क्या किया मेरे दोस्त के साथ अगर उसे कुछ हुआ तो मैं तुम सबको मार दूंगा विशाल कहता है।

हमने कुछ भी नहीं किया है। और तुम्हें इन सब चीजों के अंदर आने की कोई जरूरत नहीं है। राघवेंद्र कहता है।

सचिन ने मुझे सब कुछ बता दिया है। और अब तुम मुझे बताओ कि तुमने आर्यन के साथ क्या किया नहीं तो मैं तुम सबको मार दूंगा तुम मेरे परिवार की ताकत जानते हो विशाल कहता है।

अब हम कुछ भी नहीं कर सकते है। ं आर्यन एक ऐसे चक्कर में फस गया है। जिसके अंदर से उसे खुद निकलना होगा कुछ-कुछ समय में वो नई-नई जिंदगियां जिएगा और कब वो किस जगह पर पहुंच जाए ये कोई नहीं बता सकता है। मैं भी नहीं लेकिन जब तक आर्यन हो ये सब याद नहीं आता है। तब तक वो वापस नहीं आ सकता है। और ना ही हम में से कोई उसे वापस ला सकता है। राघवेंद्र कहता है।

मैं लाउगा मेरे दोस्त को वापस विशाल कहता है। और वहां से चला जाता है।

तुम कुछ भी कर लो लेकिन आर्यन अब वापस नहीं आ सकता है। राघवेंद्र मुस्कुराते हुए कहता है।

इस बार आर्यन एक ऐसी जगह पहुंच गया था। जहां पर कोई भी शक्ति मौजूद नहीं थी और ना ही ऐसा कुछ था। आर्यन अब इसके शरीर में था। वह एक आम लड़का था। जो एक होटल के अंदर काम करता था।

लेकिन इस बार आर्यन जिसके शरीर में आया था। वह देखने में बिल्कुल आर्यन के जैसा ही था।

रेस्टोरेंट का मालिक चिल्लाते हुए आर्यन से कहता है। कुछ बाहर का भी काम कर ले सारा दिन अंदर ही रहता है।

तुरंत ही आर्यन ये काम छोड़कर बाहर की सफाई के लिए चला जाता है।

आर्यन दिल्ली मै एक छोटे से किराए के घर में रहता है। और वही से कॉलेज जाता है। और कॉलेज के बाद यहा आकर पार्ट टाइम जॉब करता है। और इस काम से जो पैसे मिलते है। उसी में काम चलता है।

आज Sunday है। इस लिए आर्यन सुबह से इसी Restaurant मै काम कर रहा है।

आर्यन काम कर रहा होता है। इतने में आर्यन का फोन बजता है। वो देखता है। तो उस पर सोनम लिखा होता है। आर्यन बोलता है। शीट यार मै भूल गया आज मुझे सोनम के साथ मूवी देखने जाना था।

आर्यन अपने गंदे हात एक कपड़े से पूछता है। और फोन उठा लेता है। सामने से आवाज आती है। तुम आ रहे हो या मै जाओ सोनम बोलती है।

यार अभी में थोड़ा काम मै फस गया हु कुछ देर में आता हु आर्यन सोनम से कहता है।

अगर तुम दस मिनट मै यहा नही आए तो मुझे भूल जाना सोनम ये बोलकर फोन गुस्से में काट देती है।

आर्यन Restaurant के मालिक मुकेश जोशी के पास जाता है। और बोलता है। सर मुझे एक बहुत ज़रूरी काम आ गया है। मुझे जाना होगा मैं कुछ घंटों में आ जाऊंगा।

आज वैसे भी दूसरा काम करने वाला नही आया अगर तुम भी चले गए तो यहाँ काम क्या मैं करूँगा और तुम वैसे भी यहाँ कितना कम ही आते हो और उस में भी ये नाटक मुकेश जोशी कहता है।

आर्यन कई बार उनको मनाने की कोसिस करता है। लेकिन वो नही मानते फिर मुकेश जोशी कहते है। अगर अब तुम गए तो अपने लिए कोई नया काम ढुंढ लेना।

आर्यन एक बड़ी मुसबीत में पड़ जाता है। अगर वो सोनम के पास नहीं गया तो वो गुस्सा हो जाएगी और अगर गया तो उसको कोई नया काम देखना पड़ेगा।

सोनम मेरा प्यार है। मै सोनम के लिए एक क्या ऐसी कई जॉब छोड़ सकता हु ये बोलकर आर्यन वहाँ से सोनम के पास जाने के लिए निकल जाता है।

वो जगह थोड़ी दूर थी इस लिए आर्यन को काफी टाइम लग जाता है। आर्यन वहाँ आने के बाद सोनम को बार बार फोन करता है। लेकिन सोनम उसका फोन नहीं उठती।

सोनम ने आर्यन को यहाँ आने के लिए दस मिनट दिए थे लेकिन अब आधे घंटे से उपर हो गया था।

आर्यन अंदर जाने लगता है। इतने मैं एक गार्ड उसको रोकता है। और बोलता है। अरे भाई कहा जा रहे हो पहले टिकेट तो दिखा दो।

भाई मेरे साथ मै एक लड़की थी मै थोड़ा लेट हो गया इस लिए वो शायद अंदर चली गयी है। टिकेट उसके पास ही है। आर्यन उसको कहता है।

तेरे जैसे यहाँ बहुत आते है। , या तो तु पहले जाकर एक और टिकेट लेले या अपनी दोस्त को फोन करके यहा भूला ले गार्ड कहता है।

आर्यन सोचता है। मेरे पास अभी पचास ही रूपए है। , इतने में तो एक और टिकेट नहीं आएगी और ना सोनम मेरा फोन उठा रही है। कुछ देर में फिल्म खत्म हो जाएगी और जब सोनम बाहर आएगी तो मै उसको मना लगा।

ये सोचकर आर्यन वही बैठे जाता है। , आर्यन के पास के लड़की बैठी होती है। वो जैसे ही आर्यन को देखती है। तो वहाँ से खड़ी हो जाती है। और दूर जाकर बैठे जाती है।

आर्यन यहाँ जल्दी जल्दी में ऐसे ही आ गया था। उसने वही पुरने वो दाग लगे हुए कपड़े पहन रखे थे और आर्यन के बाल भी बिखरे

हुए थे।

* चलो ये फिल्म कब खत्म होगी आर्यन बोलता है। "

कुछ देर के बाद अंदर से लोग बाहर आने लगते है। आर्यन उनको देख कर खड़ा होता है। और उनमे सोनम को देखने लगता है। लेकिन जब आर्यन सोनम को देखता है। तो हैरान हो जाता है। उसके पैरो के नीचे से ज़मीं निकल जाती है।

सोनम अंदर से एक लड़के के हात में हात डाले हुए हुए बाहर आ रही थी आर्यन उस लड़के को देखते ही पहचान जाता है। की ये तो उसी के कॉलेज का लड़का है। , आर्यन तेजी ने सोनम के सामने जाता है। और बोलता है। तुम इसके साथ क्या कर रही हो।

सोनम पहले तो आर्यन को उपर से नीचे तक देखती है। और फिर बोलती है। अपनी हालत देख फटीचर तेरे साथ कोन सी लड़की रहना चाहेगी तु उसको एक टाइम का खाना तो ठीक से खिला नहीं सकता।

लेकिन तुम तो मुझसे प्यार करती थी ना और मैं भी तो तुमसे कितना प्यार करता हु आर्यन सोनम से कहता है।

सोनम हस्ते लगती है। और बोलती है। मै प्यार और तुझसे तेरी ओकात ही क्या है। मुझसे प्यार करने की तु एक गरीब था। और रहेगा और ना तो तेरी किस्मत में पैसा है। और ना प्यार।

ये सुनकर आर्यन की आखों से आशु आ जाते है। , " आर्यन ने जिस लड़की के लिए इतना काम किया और उसी लड़की के लिए अपना काम छोड़ भी दिया उसने एक ही पल मै उसको छोड़ दिया।

आज के बाद अपनी शकल मत दिखाना सोनम बोलती है।

इतने मैं सोनम के पास खड़ा लड़‌का अपनी जब से एक पाँच सौ का नोट निकलता है। और आर्यन को दिखाते हुए उसकी जेब मै डाल देता है।

मुझे नहीं लगता तुने कभी इतने पैसे देखे भी होगे, और हाँ तुने आज तक सोनम पर जीतने रुपये खर्च किया है। वो इस मै से काट लेना और बाकी से हमारी तरफ से नये कपड़े ले लेना वो लड़का बोलता है।

इस बात पर सोनम और वो लड़का हसने लगते है। और फिर वहाँ से चले जाते है।

आर्यन वही खड़ा उनको जाते हुए देखता रहता है। और फिर आर्यन भी अपने घर जाने के लिए चला जाता है।

आर्यन घर जाते हुए सोचता है। मेरी ही किस्मत ऐसी क्यों है। मैने क्या किया है। किसी का क्या सबसे खराब किस्मत मेरी ही है।

इतने में हवा चलती है। हवा के साथ उड़ता हुआ एक पेपर आर्यन के चहरे पर आ कर लगता है।

आर्यन देखता है। की उस पर काफी कुछ लिखा हुआ है। आर्यन जब पड़ता है। तो उसे पता चलता है। की ये Tarot card reading देख कर फ्यूचर बताने वाली किसी औरत का है।

उस पेपर के नीचे एक लाइन लिखी होती है। अगर आपकी किस्मत आपको खराब लगती हो आप सोचते हो की ये सब आपके साथ क्यों हो रहा है। अगर आपको अपनी बारे में जाना हो तो एक बार चले आओ यहाँ।

आर्यन देखता है। की आगे उस जगह का पता भी लिखा हुआ था। फिर आर्यन वो पेपर एक कुड़े दान मै फेक कर चला जाता है। आर्यन एक ही दिन मै प्यार और काम दोनों से दूर हो जाते है। सोनम ने उसको छोड़ दिया और सोनम के लिए काम को आर्यन ने, आर्यन घर जाने के बाद यही सोच रहा था। की क्यों उसने वो काम छोड़ा |

आर्यन जब अपनी किस्मत को कोस रहा था। इतने मैं उसके कमरे में उसके दोस्त मोहित और कबीर आ जाते है। आर्यन उनको आज जो हुआ वो बताना नही चाहता इस लिए मुस्करने की कोसिस करने लगता है।

अरे आर्यन तुम क्यों इतना खुश हो रहा हमें साल बाद नहीं आए है। हम सुबह ही मिले थे मोहित हसते हुए कहता है।

आर्यन अपने दुख को छुपाने के लिए कुछ जादा ही मुस्करने लगा था। जब उसको लगा ये जादा हो रहा है। तो ध्रुब ये कम करते हुए बोला ऐसी बात नही है। आओ बैठो।

आर्यन का चहरा देख कर कबीर कहता है। आज कुछ हुआ था। क्या जो हमें नहीं पता।

क्या होगा कुछ नही हुआ वैसे तुम्हारे हाथ मैं क्या है। ये आर्यन कहता है।

कबीर अपने हाथ में पकड़े हुए कागज को देख कर कहता है। ये बाहर एक आदमी सबको दे रहा था। तो उसने हमको भी एक दे दिया किसी ने कोई नया काम शुरू किया होगा हमें क्या ये बोलकर कबीर वो कागज आर्यन की तरफ फेक देता है।

वो कागज सीधा आर्यन के पैर के पास आ कर गिरता है।

जब आर्यन की नजर उस पर पड़ती है। तो वो हैरान हो जाता है। ये वैसे ही पेपर था। जो आर्यन के चहरे पर आ कर लगा था। इस बार आर्यन से रहा नहीं जाता और आर्यन वो पेपर उठा कर पड़ने लगता है। आर्यन उसको अच्छे से सारा पड़ लेता है।

इतने मैं मोहित कहता है। क्यों इतने ध्यान से पड़ रहा है। ऐसा कुछ तो लिखा भी नहीं है। इस में।

आर्यन कुछ नहीं बोलता और सोचने लगता है। ये कैसे किस्मत का खेल है। जो बार बार ये मेरे सामने आ रहा है। क्या मुझे एक बार यहाँ जा कर देखना चाहिए की ये कोन है। और क्या करती है।

फिर आर्यन अपने दोस्तो से कहता है। क्या तुम मेरे साथ कल इस पते पर चलोगे मुझे इस औरत से मिलना है। अब यही मेरी किस्मत के बारे मै कुछ बता सकती है।

अरे आर्यन बबुआ ये सब पैसे निकालने के लिए कुछ भी लिख देते है। वैसे इन से कुछ नही होता ये तुमको डरा कर तुडासे पैसे लेगे बस मोहित बोलता है। और खुद की बात पर हसने लगता है।

इतने में कबीर मोहित को चुप करता है। और आर्यन से कहता है। तुझे क्यों जाना है। यहाँ, तु क्या कल कॉलेज नहीं जाएगा, पता है। ना कल कोई छुट्टी नहीं है। और तु कॉलेज के बाद पर काम पर भी तो जाता है। उस का क्या होगा।

ये सुनकर आर्यन अपनी आखे नीची कर लेता है। तो कबीर आर्यन के पास जा कर बैठता है। और उस से कहता है। तेरे पास वो काम तो है। ना जो तु करता था। ।

आर्यन ना मै सर हिला देता है। और कहता है। वो हमने छोड़ दिया मै कुछ और ढुंढ लुगा |

तु पागल तो नहीं हो गया है। तुझे पता है। ना की वो काम तुमको कितनी मुश्किल से मिला था। इतनी देर के कोई इतने पैसे नहीं देता है। वो काम तेरे लिए बेस्ट था। कबीर कहता है।

छोड़ ना भाई जो हो गया देखा जाएगा मैं सच मे कोई और काम ढुंढ लुगा आर्यन कहता है।

फिर कबीर भी इस बारे में जादा बात नहीं करता और वहाँ से खड़ा होकर अपने बैड पर चला जाता है।

जब मोहित और कबीर सो जाते है। तो आर्यन अपने बैड पर लेटे हुए उस पेपर को ही देख रहा होता है। और सोचता है। कोई बात नहीं तुम दोनों नहीं आ रहे तो मै कल खुद जा कर ही पता लगा लुगा ये सोचते सोचते ही आर्यन को नीद आ जाती है।

अगले दिन की सुबह आर्यन मोहित और कबीर के उठने से पहले ही घर से बहार चला जाता है।

जब मोहित और कबीर उठते है। तो मोहित कहता है। ये तो गया अपना फ्यूचर देखने ये बोलकर मोहित हसने लगता है।

ये लड़का एक बार कोई चीज़ करने की सोच ले तो ये वो करके ही रहता है। फिर इसको कोई नही रोक सकता कबीर कहता है।

दूसरी तरफ आर्यन उस जगह आ गया जो उस कागज में थी।

जो घर एक सुनसान सी गली मैं था। उस पर कोई बोर्ड भी नहीं लगा हुआ था। दिखने मै भी सिम्पल ही लग रहा था।

आर्यन ने सोचा ये कैसे जगह है। मुझे यहाँ पर तो कुछ नही नज़र आ रहा क्या मुझे इस घर मै जाना चाहिए या कबीर ने जो कहा था। मान लेना चाहिए, नही इतनी दूर आने के बाद में पीछे नहीं हट सकता एक बार तो मे अंदर जाकर सब पता लगाऊगा की मेरी किस्मत कब ठीक होगी।

ये सोचते हुए आर्यन अंदर चला जाता है। आर्यन देखता है। की अंदर कोई नही है। चारों तरफ रंग बिरंगे रंग किए हुए है। जैसे ये बाहर से लग रहा था। वैसे अंदर से नही था। अंदर से तो देखने में काफी अच्छा लग रहा था।

इतने में एक आवाज आर्यन को आती है। अंदर चले आओ" होगा वही जो किस्मत मै लिखा है। " चले आओ |

आर्यन आवाज की और जाने लगता है।

आर्यन देखता है। वहाँ एक औरत बैठी हुई है। जिसने लाल रंग की साड़ी पहन रखी है। माथे पर बड़ी सी बिंदी लगा रखी है। रंग की साफ है। और अपने बाल खोल रखे है।

आर्यन पूछता है। क्या ये अपने ही बनवाया है। और फिर आर्यन वो कागज उसको दिखाने लगता है।

वो औरत उसको देखते हुए कहती है। हाँ, आओ यहाँ बैठ जाओ देखते है। की तुम्हारी किस्मत तुमसे क्या कराना चाहती है।

जैसे ही आर्यन बैठता है। तो वो औरत फिर से कहती है। होगा वही जो किस्मत मै लिखा है।

आर्यन सोचता है। कबीर सही बोल रहा था। ये औरत तो मुझे पागल लग रही है। ये कैसे पागलों जैसी हरकत कर रही है।

तुम गलत सोच रहे हो मै कोई पागल नही हु कुछ टाइम मै तुमको सब पता चला जाएगा, " होगा वही जो किस्मत में लिखा है। " वो औरत कहती है।