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Chapter 30 - bina knock kiye kese aayi

अब तक

अश्विन अपने रूम में आ अपने कपड़े चेंज कर अपने बेड पर लेटा सिंध्या के बारे में सोच रहा था , सिंध्या का इतने अच्छे से फ्रेंच बोलते देख उसे काफी हैरानी हुई थी वो यह तो जानता था की सिंध्या मल्टीटालेंट हैं पर उसे दूसरी लैंग्वेज भी आएगी यह नहीं पता था। यही सब सोचते सोचते उसे कब नींद आ जाती हैं पता ही नही चलता ।

अगली सुबह

अश्विन की नींद खुलती हैं वो टाइम देखता हैं तो 6 बज रहे थे। वो अपना डेली रूटीन फॉलो करता हैं।

सब कंप्लीट होने के बाद अश्विन वन बच्चो को देखने के लिए सिंध्या के रूम की तरफ बढ़ जाता हैं।

अब तक 8 बजने वाले थे वो जब रूम के अंदर इंटर होता हैं तो सिंध्या एक कोने में सो रही थी हमेशा की तरह अश्विका उसके ऊपर थी।

अब आगे

तीनो को सोता देख अश्विन को उन्हे उठाने का मन नहीं करता हैं , पर उन्हे उतना भी जरूरी था ।

अश्विन बेड के पास आ ईधांश को उठाते हुए बोला _" इधु गेट अप , , सुबह हो गई है।

अश्विन के उठाने से ईधांश की नींद खुल जाती हैं वो अपनी आंखों को रब करते हुए अश्विन को देखता हैं तो अश्विन ईधांश के हाथो कोंपाकड़ कर बोला _" डोंट रब "

ईधांश अपना सिर हिला अपने हाथ ऊपर कर देता हैं अश्विन भी उसे गोद में उठा लेता हैं। और रूम से बाहर आ जाता हैं क्युकी अश्विका तो अभी उठने से रही अगर वो उठाता तो वो रोने लगती हैं , वही वो सिंध्या को किस हक से उठाता इसलिए वो सिर्फ ईधांश को ले कर चला गया।

अश्विन के जाने के थोड़ी देर बाद ही सिंध्या उठ गई वो अश्विका को अपने ऊपर सोता देख मुस्कुरा दी , सिंध्या अश्विका को उठाते हुए बोली _" अश्वी बेटा उठ जाओ सुबह हो गई हैं , ,आज तो डैडी के ऑफिस जाना हैं न  और मस्ती भी करनी हैं।"

अश्विका अपनी आंख धीरे धीरे खोल सिंध्या को देखती हैं , और आगे बढ़ सिंध्या के गाल पर  किस कर बोली _" गुल मोल्निंग मम्मा "

सिंध्या भी उसके गाल पर किस करके बोली " गुड मॉर्निंग मेरा बेबी  , , चलो अब रेडी होते हैं "

यह बोल सिंध्या बेड से उठ दूसरी साइड देखती हैं जहा इधांश नही था , ईधांश को वहा न देख सिंध्या अश्विका से बोली _" बेबी आपके बड़े भाई कहा गए ?"

अश्विका भी उस साइड देखते हुए बोली _" डैडी ले गए होगे , , बले भाई जल्दी उठ जाते हैं "

सिंध्या चैन की सांस लेते हुए बोली "चलो ठीक हैं अब चलते हैं , रेडी होने "  सिंध्या आगे बढ़ अश्विका को अपने गोद में उठा वाशरूम की तरफ बढ़ जाती हैं।

9 बजे

सिंध्या अश्विका के साथ बाहर आती हैं तो डाइनिंग टेबल पर बैठा हुआ था , वो अपने मेल्स देख रहा था वही उसी के बगल में ईधांश बैठा हुआ था।

दादा दादी वहा नही थे , दादा दादी को वहा न देख सिंध्या वहा चेयर पर अश्विका को बैठाते हुए बोली _" मिस्टर अश्विन , दादा जी और दादी जी नही आए , , क्या उन्हे ब्रेकफास्ट नही करना हैं "

अश्विन अपने टैब को नीचे रखे बोला _" वो किसी रिलेटिव के यहां गए हैं  , ,उन्हे आने में कुछ हफ्ते लगेगे "

सिंध्या अपना सिर हिला बोली _" ठीक हैं " फिर अश्विका और ईधांश को ब्रेकफास्ट सर्व कर बोली _" चलो जल्दी से इसे फिनिश करो "

नाश्ता करने के बाद चारो ऑफिस के लिए निकल जाते हैं।

डेल्टा ग्रुप ऑफ कंपनी

अश्विन की बुगाती कंपनी के सामने आकर रुकती हैं , पीछे की कार से बॉडीगार्ड निकल कर आता हैं और अश्विन की साइड का गेट ओपन करता हैं  वही सिंध्या दूसरी साइड से खुद ही निकल जाति हैं।

चारो अंदर चल देते हैं , वो रिसेप्शन से जा ही रहे थे की वहा की रिस्पेजनिस्ट बोली _" सर मिस्टर हैरी ल्यांच का कॉल आया था वो आपके साथ मीटिंग करना चाहते हैं।।।"

अश्विन उसकी बात सुन बोला _" जब वो आए उन्हे मीटिंग रूम में भेज देना और मुझे इनफॉर्म कर देना " इतना बोल वो लिफ्ट की तरफ चल देता हैं।

थोड़ी देर बाद वो चारो ऑफिस में थे , अश्विका अश्विन से बोली _" डैडी अश्वि को डोल हाउस से खेलना हैं " वही ईधांश भी बोला _" मुझे मॉन्स्टर ट्रक से खेलना हैं "

अश्विन दोनो की बात सुन रजत को कॉल कर दोनो चीज लाने को बोल देता हैं।

10 मिनिट बाद दोनो चीज दोनो बच्चो के सामने थी दोनो ही उससे खेल रहे थे , उन्हे खेलता देखने के बाद सिंध्या अश्विन से बोली _" मिस्टर अश्विन , ,में इनके लिए कुछ खाने का सोच रही थी आप मुझे कंपनी का किचन बता दे ताकि इनके लंच के लिए कुछ हेल्थी बना दू।"

अश्विन अपने ऑफिस के ही एक साइड बड़े एरिया की तरफ इशारा करते हुए बोला _" वहा किचन हैं सब कुछ उसी में हैं तुम वहा बना सकती हो।"

सिंध्या ओके बोल देती हैं , अश्विका सिंध्या का हाथ पकड़ अपने साइड ले जाते हुए बोली _" मम्मा चलो मेली डोल के बाल बना दो "

सिंध्या अश्विका के साथ चली गई वही अश्विन अपने काम में लग गया।

अश्विन अभी कुछ कर ही रहा था की तभी लैंडलाइन बजता हैं उसे रिसीव करता हैं तो उधर से आवाज आती हैं _" बॉस मिस्टर हैरी आ चुके वो मीटिंग रूम में वेट कर रहे हैं " अश्विन okay बोल वहा से चला जाता हैं।

अश्विन को गए 2 घंटे हो गए थे अब तक लंच का टाइम भी होने वाला था , सिंध्या अश्विका और ईधांश को देखती हैं जो की अपने गेम्स में काफी बिजी थे , सिंध्या दोनो से बोली _" तुम दोनो आज क्या खाओगे , , में बना दू "

अश्विका से पहले ईधांश बोला _" आप कुछ भी बना दो हम खा लेंगे , , अश्विका की बात मत सुनना वो सिर्फ उल्टी सीधी चीज ही खाती हैं।"

सिंध्या okay बोल किचन की तरफ चल देती हैं।

सिंध्या किचन भी थी अश्विका और ईधांश दोनो ही खेल रहे थे , तभी ऑफिस का गेट ओपन होता हैं और रेखा अंदर आती हैं। दोनो को खेलता देख रेखा उनके पास आते हुए बोली _" हेलो बेबी "

खुद को पुकारता सुन अश्विका और ईधांश अपना सिर कर उस साइड देखते हैं जहा से आवाज आई तो वहा रेखा थी।

रेखा को देख ईधांश अपनी एरोगेंट आवाज में बोला _" आप बिना नोक करे मेरे डैडी के केबिन में केसे आई ?"

ईधांश की बात और आवाज सुन रेखा की वो स्माइल गायब हो जाती हैं।

To be continue

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