अब तक
सिंध्या की बात सुन मिस्टर सबरवाल की साइड से एक आदमी बोला _" ऐसे केसे हमे 60% शेयर चाहिए , ,"
सिंध्या उनकी बात पर शांति से जवाब देते हुए बोली _" देखिए , , सर हमारी कंपनी आपके एम्प्लॉय से ज्यादा एफर्ट और इन्वेस्ट कर रही हैं और आप हमसे 60 % की मांग करेंगे तो यह गलत होगा "
मिस्टर सबरवाल बोले _" बिलकुल ठीक कहा बेटा , , हम 40 % में कोई दिक्कत नही हैं , हम कॉन्ट्रैक्ट साइन करने की फॉर्मेलिटी कर लेते हैं ।"
अश्विन बोला _" जी उसके पेपर्स कल तक रेडी हो जायेंगे , , में आपको साइन कर के भिजवा दूंगा "
मिस्टर सबरवाल अपनी चेयर से खड़े हो अश्विन से हाथ मिलाते हुए बोला _" ठीक हैं , , अश्विन , "
अब आगे
मिस्टर सबरवाल और उनकी टीम जा चुकी थी , जब सभी एम्प्लॉय को सिंध्या के बारे में पता चला की उसने डील क्रैक कर दी हैं तो सब शॉक हो गए थे और उसकी तारीफ कर रहे थे।
राधिका और रेखा बस गुस्से में सबकी बाते सुने जा रही थी।
अश्विन का ऑफिस
जब अश्विन और सिंध्या ऑफिस में पहुंचते हैं तो उन्हें सबसे पहले पूरे ऑफिस में पेपर्स ही पेपर्स बिखरे मिलते हैं।
दोनो ऑफिस की हालत देख एक दूसरे की शकल देख वापस से ऑफिस को देखते हैं , फिर दोनो शेतानो को ढूंढने लगते हैं।
वही अश्विका और ईधांश दोनो ही अश्विन के टेबल की नीचे छुपे हुए और पेपर्स पर कुछ ड्राइंग कर रहे थे।
सिंध्या और अश्विन को सब जगा देखने पर भी दोनो नही मिलते दो सिंध्या बोली _" अरे यार कहा गए यह दोनो , , कही बाहर तो नही गए "
अश्विन मना करते हुए कहता हैं _" नही वो दोनो बाहर नही जा सकते हैं , में डोर पर पासवर्ड लगा कर गया था , , वो यही कही हैं " यह बोल।वो अपने टेबल की तरफ बढ़ जाता हैं।
वही अश्विका और ईधांश को पता ही नही था की उनके मम्मा डैडी उन्ही की तरफ बढ़ रहे हैं।
अश्विन टेबल के पास नीचे झुक कर देखता हैं तो उसके दोनो नमूने वही बैठे हुए थे , जिसे देख वो सिंध्या को उन्हे मिलने का इशारा करता हैं , तो सिंध्या वहा आ कर उसे देखती हैं।
उन दोनो को देख सिंध्या दोनो से बोली _" ईधु और अश्वि यह क्या हाल बना रखा हैं आपने अपना और इस पूरे ऑफिस रूम का "
सिंध्या की आवाज सुन दोनो अपना सिर उठा अश्विन और सिंध्या को देखते हैं और अपने दांत दिखा देते हैं।
अश्विन और सिंध्या जब दोनो के फेस देखते हैं तो अपने सिर पर हाथ रख बोले _" ओह नो "
अश्विका और ईधांश दोनो ने अपने फेस पर कलर लगा रखा था।
दोनो एक एक कर दोनो को अपनी गोद में उठा लेते हैं अश्विन बाहर की तरफ चलते हुए सिंध्या से बोला _" हम ओब्रॉय मेंशन चल रहे हैं चलो "
सिंध्या अपना सिर हिला अश्विका को गोद में ले उसके पीछे चलने लगती हैं वही अश्विन ईधांश को अश्विन ने गोद में ले रखा था।
अब तक सभी एम्प्लॉय भी अपना काम खतम कर वहा से निकलने वाले थे तभी उनकी नजर लिफ्ट से बाहर निकलते। , अश्विन और सिंध्या पर चली जाति हैं जिनके हाथ में बच्चे थे ।
उन चारो को देख सब उन्हे देखते ही रह जाते हैं।
सभी कोई न कोई बात बोल रहे थे जेसे की
"
"Wow यह कितने अच्छे लग रहे साथ में "
" एक पूरी परफेक्ट फैमिली लग रही हैं , हसबैंड वाइफ और उनके दो छोटे बच्चे "
" हा सही कहा , ,यह दोनो बच्चे भी तो इस लड़की से काफी मिल रहे हैं , ,शायद यही इनकी मां हैं "
" हो सकता हैं यह भी , ,पर फालतू की बात मत फैलाना वरना नोकरी से निकली जाओगी "
यही सब बाते हो रही थी वही अश्विन और सिंध्या ने यह बाते सुनी ही नही क्युकी वो बहुत दूर निकल गए थे उनसे , ,
बाहर एक बॉडीगार्ड अश्विन के लिए कार का गेट ओपन करता हैं , दूसरे साइड से सिंध्या खुद ही बैठ जाति हैं उसे आदत हो गई थी।
कार में सब बैठ ऑब्रॉय मेंशन की तरफ निकल गए थे।
ओब्रॉय मेंशन
कार में से एक एक कर चारो बाहर आते हैं , अश्विका सो चुकी थी वापस , सिंध्या उसे ले डायरेक्ट उसके रूम में ले जा कर उसे उसके बिस्तर पर सुला देती हैं।
उसके पीछे अश्विन भी ईधांश को लेके आ जताभें वो भी शायद मेडिसिन के असर से सो गया था। अश्विन उसे उसके बेड पर सुला देता हैं , तो सिंध्या उसे अपने रूम में जाने का कह कर वहा से निकल जाति हैं।
अश्विन भी उसे कुछ नही बोलता वो भी अपने रूम में चला जाता हैं।
8 बजे , खाने का टाइम हो गया था , अश्विन दोनो बच्चो को लेकर डाइनिंग टेबल पर बैठा हुआ था , अभी तक सिंध्या नही आई थी।
अश्विन एक मेड को सिंध्या को बुलाने भेज देता हैं।
मेड अपना सिर हिला सिंध्या के रूम की तरफ जा उसका डोर नोक करती हैं , ,पर वो आवाज नहीं देती हैं तो मेड वापस आ जाति हैं और कहती हैं _" सर मैडम ने दरवाजा नही खोला , और ना ही कोई जवाब दिया इसलिए में आ गई "
वही अश्विन मेड की बात सुन बोला _" ठीक हैं तुम अपना काम करो जाकर , , " मेड के जाने के बाद अश्विन दोनो बच्चो को खाना खिलाते हुए सोचता हैं _" उसे हुआ क्या हैं , ,आई क्यू नही वो"
सिंध्या के रूम में , , सिंध्या ने अपने कपड़े बदल लिए थे , वो बिस्तर पर बहुत ही गहरी नींद में सो रही थी , आज वो काफी थक गई थी इसलिए वो आ कर डायरेक्ट सो गई ।
अश्विन खुद डिनर कर दोनो बच्चोंको उनका डिनर कर उन्हे उनके रूम में सुला अपने रूम में आ काम करने लग जाता हैं।
रात 12 बजे
सिंध्या की नींद टूटती हैं क्युकी उसके पेट से भूख के मारे आवाज आ रही थी , सिंध्या अपना पेट पकड़ बोली _" ओह मुझे बहुत भूल लगी हैं , , क्या टाइम हो रहा हैं " यह बोल क्लॉक को देखती हैं जो की 12 बजा रही थी ।
यह देख वो बोली _" अरे यार अब तक तो सा सो गए होगे , , कोई नी खुद ही बनाना पड़ेगा अब, , क्युकी अब भूखे पेट नींद नहीं आएगी "
यह बोल वो किचन में आ कुछ ढूंढने लगती हैं ,तभी उसके हाथ मैगी के पैकेट लग जाते है ।
To be continue
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