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Chapter 31 - how dare you to sit here

अब तक

अश्विका से पहले ईधांश बोला _" आप कुछ भी बना दो हम खा लेंगे , , अश्विका की बात मत सुनना वो सिर्फ उल्टी सीधी चीज ही खाती हैं।"

सिंध्या okay बोल किचन की तरफ चल देती हैं।

सिंध्या किचन भी थी अश्विका और ईधांश दोनो ही खेल रहे थे , तभी ऑफिस का गेट ओपन होता हैं और रेखा अंदर आती हैं। दोनो को खेलता देख रेखा उनके पास आते हुए बोली _" हेलो बेबी "

खुद को पुकारता सुन अश्विका और ईधांश अपना सिर कर उस साइड देखते हैं जहा से आवाज आई तो वहा रेखा थी।

रेखा को देख ईधांश अपनी एरोगेंट आवाज में बोला _" आप बिना नोक करे मेरे डैडी के केबिन में केसे आई ?"

ईधांश की बात और आवाज सुन रेखा की वो स्माइल गायब हो जाती हैं।

अब आगे

सिंध्या जो किचन में काम कर रही थी , ईधांश की इतनी तेज और गुस्से वाली आवाज सुन वो बाहर आते हुए बोली _" ईधु बेबी , ,क्या हुआ तुम चिल्लाए क्यों? " यह बोलते हुए वो चुप हो जाती हैं सामने खड़ी रेखा को देख ।

वही रेखा भी सिंध्या को किचन से बाहर आता देख बोल पड़ी _" तुम वहा क्या कर रही थी , ,और तुम बॉस से बिना पूछे उनके किचन में क्या कर रही हो , , तुम्हे पता नही हैं , उस किचन

में सिर्फ में जा कर काम कर सकती हु ।" यह बोल वो स्टाइल से वहा रखे काउच पर बैठ जाती हैं।

वही रेखा की बात सुन ईधांश को गुस्सा आ जाता हैं , आखिर वो केसे अपनी मम्मा की बेज्जती सुन सकता था ,वो गुस्से में आ कर अपने हाथ में पकड़े ट्रक को रेखा के ऊपर फेक देता हैं जोर से  ,, 

ट्रक सीधा रेखा के माथे पर लगता हैं , उस ट्रक के नोक से रेखा के सिर में लगाने से खून बहने लगता हैं । उसी समय डोर से आवाज आती हैं " यह क्या हो रहा हैं यहां"

आवाज सुन सब दरवाजे की तरफ देखते हैं जहां अश्विन अपने पेंट की पॉकेट में हाथ डाले उन्हे ही घूर रहा था वही उसी के पीछे विवान भी उन्हे देख रहा था।

अश्विन को देख ईधांश सिंध्या के पीछे छुप जाता हैं और अश्विका भी सिंध्या के पीछे छुप सिंध्या का हाथ पकड़ लेती हैं।

अश्विन अंदर आते हुए दोबारा बोला _" मेने पूछा क्या हो रहा हैं यहाँ , , " फिर रेखा की तरफ देखते हुए बोला _" और तुम यहां मेरी गैर मौजूदगी में केसे आई "

रेखा अपना सिर को पकड़े दर्द से कराहते ही बोली _" बॉस में तो देखने आई थी , ,यह केयरटेकर कुछ चुरा तो नही रही , , यह शायद राइवल कंपनी की कोई जासूस हो सकती हैं।"

रेखा की बात सुन अब सिंध्या उसे घूरते हुए बोली _" एक्सक्यूज मी मिस , , मुझे कुछ चुराने की क्या जरूरत  मेरे डैड मुंबई के सबसे बड़े हॉस्पिटल के डीन हैं , ,और यह केयरटेकर की जॉब में मेरी खुशी से कर रही हु , , डोंट जज मी"

सिंध्या का इंट्रोडक्शन सुन रेखा के चेहरे पर पसीना आने लगता हैं ।

रेखा मन ही मन बोली _" अरे यार अब में क्या करू , इल्जाम तो लगाया पर वो भी झूठा निकला ऐसे तो बॉस मुझे इस कंपनी से बाहर फेक देंगे ।"

वो अभी यह सोच ही रही थी की विवान जो वहा खड़ा सब कुछ देख रहा था रेखा को सिर पकड़े देख बोला _" यह तुमने अपने सिर को क्यों पकड़ रखा हैं ?"

रेखा को भी याद आ जाता हैं ईधांश ने उसे मारा था , वही ईधांश भी बेचारा डर गया ।

रेखा रोते हुए बोली _" वो ईधांश बाबा ने अपने टॉय से मुझे मारा था , , पर कोई बात नही में चली जाति हु फर्स्ट ऐड ले लूंगी।" यह बोल वो वहा से चली जाति हैं।

रेखा के जाने के बाद अश्विन अपनी चेयर पर बैठ ईधांश को अपने पास बुलाते हुए कहता हैं _" इधर आओ ईधांश "

ईधांश डरते हुए अश्विन के पास आने लगता हैं , उसे रोना आ रहा था पर वो रो नही रहा था।

वही सिंध्या अश्विन को समझाते हुए बोली _" देखिए मिस्टर अश्विन ईधु की कोई गलती नही हैं , , जो भी गलती हैं आपकी एमोलॉय की हैं , ,में मानती हु ईधांश की उन पर टॉय नही फेकना चाहिए था पर में ईधांश से सॉरी केहल वा दूंगी ।" यह सब बोलते हुए उसे चेहरे पर काफी फिकर थी ईधांश के लिए ।

यह सब विवान भी देख पा रहा था सिंध्या को ईधांश की कितनी ज्यादा फिकर हैं।

अश्विन सिंध्या की बातो को इग्नोर कर ईधांश को अपनी गोद में बिठा बोला _" यह क्या बेड मैनर था ईधु , , ऐसे किसी बड़े के साथ कोई बिहेव करता हैं क्या "

ईधु अपना सिर नीचे किए हुए बोला _" उनकी भी गलती थी , ,वो बुली आंटी थी , ,मेली मम्मा की इंसल्ट कल लही थीं ओल वो बिना नोक किए यहां भी आई , , मेले एक टॉय पर बैठ गई , , देखो वो टूट गया " यह बोल वो काउच पर रखे टॉय को दिखाने लगा ।

अश्विन ईधांश की मासूम शिकायत सुन न चाहते हुए भी मुस्कुरा दिया और उसे कुछ समझाने लगा ।

वही सिंध्या ईधांश का अपने लिए इतना प्यार देख इमोशनल हो गई।

अश्विका अपने डैडी और बले भाई को साथ में देख सिंध्या को हिलाते हुए बोली _" मम्मा गोदी"

सिंध्या नीचे झुक अश्विका को गोदी ले लेती हैं।

थोड़ी देर बाद सब लोग बैठ कर लंच कर रहे थे , वही विवान तो सिंध्या के बनाए खाने की तारीफ पे तारीफ किए जा रहा था।

ऐसे ही हसी खुशी पूरा दिन निकल जाता हैं।

ऐसे ही एक दिन सिंध्या कंपनी घूम रही थी , वो घूमते हुए पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट मैं पहुंच जाती हैं।।

अश्विका और ईधांश दोनो ही सो रहे थे इसलिए वो थोड़ा घूम रही थी , सिंध्या घूमते हुए एक डेस्क पर खुले पड़े लैपटॉप को देखने लगती हैं जिस पर कोई प्रेजेंटेशन थी वो बैठ कर उसे पढ़ने लगती हैं।

सिंध्या वो पढ़ ही रही थी तभी वहा एक लड़की आ जाति हैं वो सिंध्या के पीछे खड़े उसे देखने लगती हैं , वो डेस्क उस लड़की की ही थी , वो गुस्से में सिंध्या को देख रही थी।

वो सिंध्या पर चिल्लाते हुए बोली _" कोन हो तुम और इस तरह मेरी डेस्क पर बैठ मेरे ही लैपटॉप में मेरी ही लेजेंटेशन पढ़ रही हो। , ,किस्से पूछ कर पढ़ रही हो।"

ऐसे अचानक किसी के चिल्लाने से सिंध्या चेयर से उठ खड़ी हो कर बोली _" सॉरी , , वो में बस ऐसे ही देख रही , , इसमें थोड़ी सी मिस्टेक थी "

वो लड़की बोली "" ओह रियली तुम मामूली सी एक केयरटेकर मुझे बताओगी क्या गलती हैं इसमें  , , लाओ मेरा लैपटॉप मुझे दो"

सिंध्या लैपटॉप उठा उसे देने लगती हैं , सिंध्या ने वो लैपटॉप उस लड़की के हाथ पर रख दिया पर वो लड़की पकड़ नही पाई इसी के साथ वो लैपटॉप नीचे गिर गया और डैमेज हो गया।

लैपटॉप गिरते ही पूरे फ्लोर पर सन्नाटा हो गया ।

To be continue

Kesa lga part btana mat bhulna , , acche acche review de do yaar