Chereads / My Unwanted psycho Husband / Chapter 11 - Chapter 11

Chapter 11 - Chapter 11

श्री का कमरा । ।

 सांची जब श्री के सामने बिस्तर , , , , पर बैठती है , , ।

तो उसका चेहरा देख , , , , कर वह शौक हो जाती है , , ।

क्योंकि साची देखती है कि श्री , , , , की आंखें रोने की वजह से लाल हो चुकी थी , , ।

और उसकी आंखों से , , , , अभी भी आंसू बह रहे थे , , ।

 साची श्री की आंखों में आंसू , , , , देख कर घबरा जाती है , , ।

और उसके चेहरे को अपने , , , , हाथों में लेकर उससे हैरानी सेे कहती है , , ।

 " दीदु क्या हुआ दीदु ? आप रो क्यों रही हो ? , , , , किसी ने कुछ कहा क्या ? , , ।

क्या यह शादी आपकी मर्जी से , , , , नहीं हो रही है ? क्या मा ने या , , ।

किसी और ने आपके साथ किसी , , , , प्रकार की जबरदस्ती की है कहिए न , , ।

 बोलिए ना दीदु कुछ तो बोलिए , , , , मुझे घबराहट हो रही है , ,कि।

बताइए ना आप रो क्यों रही है ? , , , , क्या उस लड़के ने कुछ कहा आपसे ? , , " ।

 श्री जब साची के मुंह से अभय , , , , का जिक्र करती है , , ।

तो वो और जोर - जोर से रोने लगती है , , , , और उसके गले लग जाती है , , ।

 उसे ऐसे जोरो से रोता देख साची , , , , और घबरा जाती है , , ।

और उसके सर पर हाथ , , , , फेरते हुए उससे कहती है , , ।

 " दीदु प्लीज बताइए ना क्या , , , , हुआ दीदु मुझे अब डर लग रहा है , , " ।

 फिर सांची श्री को खुद , , , , से अलग करती है , , ।

 और उसका हाथ अपने सर , , , , पर रख कर उससे कहती है , , ।

 " दीदु आप को मेरी कसम है सच , , , , सच बताइए क्या हुआ है आप रो क्यों रही है , , " ।

 श्री सांची की बात सुन कर रोते हुए उसे , , , , अभय के बारे में सब कुछ बता देती है , , ।

 श्री की बात सुन कर साची शोकड , , , , हो जाती है और उससे कहती है , , ।

 " क्या ! मतलब जो आपको देखने , , , , आए थे वह वही इंसान है जिसे आप ने थप्पड़ मारा था , , ।

 और आप ने ऐसे इंसान से शादी , , , , करने के लिए हां कह दी वह भी मेरी वजह से , , ।

 दिदु क्या आप अपने साची , , , , को जानती नहीं आप को क्या लगता है , , ।

की कोई भी एरा गैरा आएगा , , , , और मेरे साथ कुछ भी करके चला जाएगा , , ।

 दीदु आप की सांचु बहुत बहादुर है , , , , उसके साथ कोई कुछ नहीं कर सकता है , , ।

और आपको मेरी वजह से ऐसे , , , , घटिया इंसान से शादी करने की कोई जरूरत नहीं है , , ।

 मैं अभी मां के पास जाती हूं , , , , और उन्हें सब कुछ सच - सच बताती हूं , , " ।

यह कह कर साची बिस्तर से , , , , उठ कर जाने लगती है , , ।

 सांची की बात सुन कर श्री घबरा , , , , जाती है , , ।

और उसका हाथ पकड़ कर उसे , , , , रोक कर उससे कहती है , , ।

 " नहीं सांचु तू किसी से कुछ नहीं , , , , कहेगी वरना वह इंसान तुझे . . . . " ।

 श्री की बात सुन कर साची , , , , उसका हाथ पकड़ती है , , ।

और दोबारा बिस्तर पर बैठ कर , , , , उसे शांत कराते हुए कहती है , , ।

 " दिदु पहली बार आपको किसी , , , , से डरने की कोई जरूरत नहीं है , , ।

 और दूसरी बात आप को लगता है , , , , कि आप की सांचु आप को तकलीफ में , , , , देख कर खुशी से जी पाएगी , , ।

 आप को तकलीफ देकर मिली , , , , हुई जिंदगी से अच्छा तो मैं मर . . . . " ।

 सांची ईसे आगे कुछ कह पाती , , , , तभी श्री उसके मुंह पर हाथ रख कर उसे रोक देती है , , ।

 और उससे ग़ुस्से से कहती है , , ।

" सांचु खबरदार जो अपने मुह से , , , , ऐसी बात निकली तो मुझसे बुरा कोई नही होगा , , " ।

फिर श्री उससे प्यार से , , , , समझ्ते हुए कहती है , , ।

" ऐसा मत बोल सांचु तू मेरी , , , , बहन ही मेरी बेटी जैसी है , , ।

मैंने तुझे आपनी छोटी बहन से , , , , ज्यादा बेटी की तरह प्यार किया है , , ।

 मैं तेरी जान बचाने के लिए , , , , दुनिया का बड़े से बड़ा दर्द बर्दाश्त कर सकती हूं , , ।

 लेकिन अगर मेरी वजह से तुझे , , , , कुछ हो गया तो मैं तो मैं जिंदा नहीं रह पाऊंगी , , ।

 इसीलिए तुझे मेरी कसम है तू , , , , मां से या किसी से कुछ नहीं कहेगी , , " ।

 श्री की बात सुन कर साची खड़ी होती , , , , है और उसे थोड़े गुस्से से कहती है , , ।

 " दीदु आप ये कैसी बातें कर रही है , , , , आप कह रही हैं , , ।

कि मैं चुप रहूं और आपकी जिंदगी , , , , को बर्बाद होते हुए देखु , , ।

 कभी नहीं मैं मां को सब , , , , सच - सच बता कर ही रहूंगी , , " ।

 सांची की बात सुन कर श्री खड़ी , , , , होती है और उससे थोड़े ग़ुस्से से कहती है , , ।

 " मैंने कहा ना कि तू मा से कुछ , , , , नहीं कहेगी अगर तूने मां से कुछ कहा तो तू , , ।

 तू मेरा मार देखेगी , , " ।

श्री की बात सुन कर साची , , , , शोकड हो जाती है , , ।

 और जैसे ही उस से कुछ , , , , कहने वाली होती है , , ।

 तभी बाहर से नीलम जी , , , , की आवाज आती है , , ।

 " अरे श्री बेटा जरा बाहर आना , , , , तुमसे कुछ बात करनी है , , " ।

 नीलम जी की बात सुन कर श्री , , , , अपने हाथ से अपने आंसू पहुंचती है , , ।

और उनसे थोड़ा जोर , , , , से कहती है , , ।

" जी मा आई , , " ।

 फिर श्री सांची के पास आकर , , , , उसके कंधों को पकड़ कर उससे कहती है , , ।

 " मेरी बात याद रखना साची , , , , अगर तू अपनी दिदु से प्यार करती है , , ।

तो तू माँ से कुछ नही कहेगी , , " ।

 यह कह कर श्री कमरे से , , , , बाहर चली जाती है , , ।

 श्री के उस कमरे से बाहर जाने , , , , के बाद सांची कुछ सोचते हुए खुद से कहती हैं , , ।

 " माफ करना दीदु लेकिन मैं आपकी , , , , इस बात को नहीं मान सकती हु , , ।

 मैं आप को आपको आपकी , , , , जिंदगी बर्बाद करने नहीं दूंगी , , ।

 मैं मां से बात नहीं कर सकती तो , , , , क्या हुआ मैं अब उस इंसान से बात करूंगी , , ।

जिसकी वजह से यह , , , , सब कुछ शुरू हुआ है , , ।

 अभय प्रताप सिंह अब मैं भी , , , , देखती हूं तो तुम मेरी दीदु से कैसे शादी करते हो , , " ।

अगली सुबह । ।

प्रताप मेंशन । ।

 प्रताप मेंशन में सब , , , , अपना - अपना काम कर रहे थे , , ।

 आज प्रताप मेंशन में सिर्फ आरव , , , , के अलावा कोई नहीं था , , ।

 पूनम जी मंदिर गई थी देवराज जी , , , , और अभय ऑफिस गए थे , , ।

 और संध्या रोज की तरह , , , , अपने कॉलेज गई थी , , ।

आरव भी आफिस जाने वाला था , , , , पर उसकी एक फाइल मिल नही रही थी , , ।

इसलिए वो उसे ढूढ रहा था , , ।

 वहा हर रोज की तरह शांति थी , , , , या यह कह लो के सन्नाटा था , , ।

 लेकिन वह नहीं जानते थे कि , , , , उस शांति को भंग करने , , ।

एक तूफान उनकी तरफ , , , , तेजी से चला आ रहा है , , ।

 और वह तूफान था हमारी सांची , , ।

 साची सुबह जल्दी सब कॉलेज , , , , का बोल कर घर से जल्दी निकल गई थी , , ।

 उसने आज सोच लिया था कि , , , , वह किसी भी कीमत पर , , ।

अभय से बात करेगी और उससे , , , , शादी को तोड़ने के लिए कहेगी , , ।

 यही सोच कर सांची प्रताप मेन्शन , , , , की तरफ निकल जाती है , , ।

 थोड़ी देर बाद साची प्रताप मेंशन , , , , पहुंचती है , , ।

और वहां के दरवाजे पर खड़े , , , , होकर जोर से चिल्लाती है , , ।

" अरे हो अभय प्रताप सिंह कहां , , , , हो हिम्मत है तो बाहर आओ , , ।

 मेरी भोली भाली दीदु को ब्लैकमेल , , , , कर - कर उनसे शादी करने का प्लान है ना तुम्हारा , , ।

 मैं भी देखती हूं तुम मेरी दिदु से , , , , शादी कैसे करते हो बाहर आओ , , " ।

 साची चिल्ला रही थी कि तभी , , , , एक गार्ड उसके पास आता है , , ।

और उससे थोड़ा गुस्से , , , , से कहता है , , ।

 " कौन हो तुम और यहां , , , , पर चिल्ला क्यों रही हो ? , , " ।

 सांची उस गार्ड की बात सुन कर , , , , उसकी तरफ मुडती है , , ।

और उससे कहती है , , ।

 " कोन हो तुम से मतलब है ? , , , , दिख नहीं रहा मैं लड़की हूं , , ।

और मैं चिल्ला नहीं रही हु , , , , तुम्हारे मालिक को बाहर बुला रही हूं , , ।

 लेकिन तुम्हारा मालिक है की , , , , बाहर ही नहीं आता है , , " ।

 यह कहते हुए सांची वही खड़ी , , , , एक लाल कलर की कार पर हाथ रख देती है , , ।

 साची के हाथ रखते ही वह , , , , आदमी साची को डांटते हुए उससे कहता है , , ।

" ऐ लड़की क्या कर रही है हाथ हटा , , , , ये हमारे छोटे मालिक की सबसे पसंदीदा कार है , , ।

अगर इसे कुछ भी हुआ ना तो , , , , छोटे मालिक तुझे छोड़ेंगे नहीं , , " ।

 साची जब उस गार्ड की बात , , , , सुनती है तो कुछ सोचते हुए खुद से कहती है , , ।

 " छोटे मालिक ! बड़े मालिक शायद , , , , उस अभय के पिता जी होंगे , , ।

और छोटे मालिक शायद खुद अभय , , , , तो यह अभय प्रताप सिंह की पसंदीदा गाड़ी है , , " ।

 फिर साची उस कार को ऊपर , , , , से नीचे तक देख कर एक डेविल मुस्कान मुस्कुराती है , , ।

 फिर उस गार्ड को देख कर , , , , भोली सी सूरत बना कर उसे कहती है , , ।

 " अच्छा ठीक है और मैं ना तो , , , , आपके छोटे मालिक की कार छूँगी और नहीं चिल्लूगी , , ।

पर क्या आप जरा अंदर जाकर , , , , उन्हें भुला देंगे मुझे उन से बस 2 मिनट का काम है , , ।

मैं उनसे मिल कर , , , , चली जाऊंगी प्लीज , , " ।

 साची की बात सुन कर वो गार्ड , , , , कुछ सोचता है और उससे कहता है , , ।

 " ठीक है ठीक ह तुम यही खड़ी रहो , , , , मैं अभी छोटे मालिक को जाकर बुलाता हूं , , " ।

 साची उस की बात सुन कर , , , , अपनी गर्दन ह में हीलाती है , , ।

और उसे जाते हुए देखती है , , ।

 उस के जाने के बाद सांची , , , , उस कार के इर्द - गिर्द घूमते हुए खुद से कहती है , , ।

" तो ये अभय प्रताप सिंह की , , , , पसन्दीदा गाड़ी है पसंद तो काफी अच्छी है जनाब की , , ।

 लेकिन अफसोस अभी , , , , गाड़ी पहले जैसे नहीं रहेगी , , ।

 अभय प्रताप सिंह मेरी दीदु , , , , को ब्लैकमेल कर - कर उन्हें तकलीफ देने की , , ।

हिम्मत की है ना तुमने तो अब देखो , , , , मैं तुम्हारी इस गाड़ी का क्या हाल करती हूं , , " ।

फिर साची अपने बालों में से , , , , एक हेयर पिन निकालती है , , ।

और उस कार पर उझसे स्क्रैच , , , , करने लगती है और उस के टायर में , , , , से हवा निकालने लगती है , , ।

 सांची तीनों टायरों की हवा , , , , निकाल चुकी थी और चौथे टायर की , , , हवा निकाल रही थी , , ।

 उसकी पीठ दरवाजे की तरफ , , , , थी जिसकी वजह से उसका चेहरा दिखाई नहीं दे रहा था , , ।

 साची उस टायर की हवा , , , , निकाल ही रही थी , , ।

 कि तभी आरव मेंशन , , , , से बाहर आता है , , ।

 आरव जब दरवाजे से बाहर , , , , आता है तो अपनी गाड़ी के पास , , ।

किसी लड़की को कुछ करते हुए , , , , देख कर गुस्से से उससे कहता है , , ।

" ऐ लड़की क्या कर रही हो तुम ? , , " ।

 उसकी बात सुन कर साची खड़ी होती , , , , है और झट से उसकी तरफ पलट ती है , , ।

 साची जब आरव की तरफ पलटी है , , , , तो उसे देख कर आरव उसे देखता ही रह जाता है , , ।

 साची को देख कर आरव का गुस्सा , , , , पल में गायब हो जाता है , , ।

 साची की बड़ी - बड़ी आंखें , , , , लाल गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठ , , ।

 उसके हवा से उड़ते रेशमी बाल , , , , और परफेक्ट और सेक्स फिगर , , ।

 उन सब को देख कर आरव उसे , , , , एक टक देखता ही रह जाता है , , ।

 वही साची आरव को ऊपर से , , , , नीचे तक देखते हुए उससे कहती है , , ।

 " हम्म तो तुम हो अभय प्रताप सिंह , , , , जिसने मेरी दीदु को ब्लैकमेल कर - कर , , ।

उनसे शादी के लिए हा कहल वाया है , , , , मेरी एक बात कान खोल कर , , ।

सुनो मिस्टर मेरी दीदु तुमसे , , , , कभी शादी नहीं करेगी समझे , , ।

 और अगर तुमने मेरी दीदु को , , , , ब्लैकमेल कर कर उनसे शादी करने की , , ।

या किसी भी प्रकार की जबरदस्ती , , , , करने की कोशिश की ना , , ।

 तो तुम्हारा भी मैं वही हाल करूंगी , , , , जो तुम्हारे इस स्टील के , , , , डब्बे का किया है समझे , , " ।

 साची जहां आरव को गुस्से से , , , , डांट रही थी , , ।

वहीं आरव उसे एक प्यारी , , , , मुस्कान के साथ देख रहा था , , ।

 साची की बात सुन कर आरव , , , , एक नजर अपनी गाड़ी को देखता है , , ।

 आरव अपनी गाड़ी को देख कर फिर , , , , साची की तरफ देखते हुए , , ।

 उसकी तरफ बढ़ते , , , , हुए उससे कहता है , , ।

" क्या तुम्हें पता है कि , , , , यह कार किसकी है ? , , " ।

 आरव की बात सुन कर साची , , , , एक नजर कार को देखती है , , ।

फिर उसे देख कर उससे , , , , लापरवही से कहती है , , ।

 " हां पता है यह इस हवेली के , , , , छोटे मालिक अभय प्रताप सिंह की गाड़ी है , , ।

 सारी ! सारी गाड़ी थी अब , , , , यह खाली टीन का डब्बा है , , ।

इसके टायर तो अब किसी , , , , काम के रहे नही तो अब ये चलेगी तो है नहीं , , ।

तो अब तुम इसे ढक्का , , , , लगाना पड़ेगा , , " ।

 सांची आरव से ये सब , , , , कह ही रही थी कि तभी , , ।

 एक नौकर वहां आता है और , , , , आरव की गाड़ी की हालत देख कर , , ।

आरव के पैरो में गिर कर उसके , , , , आगे अपने हाथ जोड़ कर उससे घबराते हुए कहता है , , ।

 " मुझे माफ कर दीजिए आरव बाबा , , , , हमें नहीं पता की , , ।

ये लड़की यहाँ कब आई और , , , , अपनी गाड़ी के साथ इसने ये सब कब किया , , " ।

उस आदमी की बात सुन कर , , , , साची शौक हो जाती है , , ।

 और उस नौकर के पास जाकर , , , , उससे अपनी शॉकड आवाज में कहती है , , ।

 " क्या कहा तुमने आरव बाबा , , , , इसका मतलब , , ।

ये अभय प्रताप नही है और यह , , , , गाड़ी भी अभय प्रताप की नहीं है , , " ।

 यह कह कर सांची अपनी , , , , रोनी सी सूरत बना कर , , ।

उस गाड़ी को देख कर कुछ , , , , सोचने लगती है , , ।

 वही आरव साची की रोनी , , , , सूरत देख कर मुस्कुराता है , , ।

और उस नौकर को , , , , जाने का इशारा करता है , ,व।

 आरव का इशारा पाकर वो नोकर , , , , अपनी गर्दन झुका कर वहां से चला जाता है , , ।

 उस नौकर के जाने के बाद आरव , , , , सांची के पास जाता है , , ।

 आरव जब सांची के पास जाता है , , , , तो वो देखता है की , , ।

साची खुद में ही कुछ , , , , बढ़ बढ़ाए जा रही थी , , ।

 आरव उसे बड़बड़ता देख उसके , , , , मुंह के नजदीक अपना कान ले जाता है , , ।

 आरव जब सांची के मुंह के , , , , नजदीक अपना कान ले जाता है तो वो सुनता है कि , , ।

 साची उस कार को देखते हुए , , , , अपनी रोनी सूरत बना कर खुद को कोसते , , , , हुए खुद से बड़बड़ा रही थी , , ।

 " यह तूने क्या किया सांची तूने , , , , अभय प्रताप की जगह , , ।

आरव प्रताप की गाड़ी , , , , का यह हाल कर दिया , , ।

 करने कुछ और आई थी और , , , , कर कुछ और दिया तेरा कुछ नहीं हो सकता साची , , ।

दिदु सही कहती है की मैं जहाँ जाती हु , , , , वहाँ गड़बड़ ही होती है , , ।

 अब क्या करेगी तु कैसे निकलेगी यहाँ से , , , , ये तुझे यहाँ से जाने नही देगा , , ।

जो हाल तूने इसकी गाड़ी का , , , , किया है उससे भी बुरा हाल ये तेरा करेगा , , " ।

आरव जब साची की बाते सुनता है , , , , तो मुस्कार देता है , , ।

 सांची यह बड़ेबड़ा ही रही थी की , , , , उसका बड़बड़ाना सुन कर , , ।

आरव उसके कान में , , , , धीरे से फुसफुसता है , , ।

" क्या सोच रही हो ? , , " ।

 आरव की बात सुन कर , , , , साची उसकी तरफ पलट ती है , , ।

 और नर्वसनेस से हंसते , , , , हुए उससे कहती है , , ।

" हम क्या सोचेंगे मैं , , , , कुछ नहीं सोच रही हूं , , ।

 आप आरव प्रताप सिंह है , , , , अभय प्रताप सिंह नहीं है ना , , " ।

 उसकी बात सुन कर आरव मुस्कुराते , , , , हुए अपनी गर्दन ह म हीलाता है , , ।

 आरव का इशारा देख कर साची , , , , अपने कदम थोड़े - थोड़े पीछे लेते हुए , , ।

उससे फिर से कहती है , , ।

 " तो यह खटारा म . . म . . मेरा , , , , मतलब है यह गाड़ी आपकी है अभय प्रताप की नहीं , , ।

 जिसको मैंने खराब कर दिया , , , , अब आप अपनी गाड़ी खराब करने की सजा मुझे देंगे , , " ।

 आरव उसकी बात सुन कर उसकी , , , , तरफ बढ़ते हुए अपनी गर्दन हा में हिलाता है , , ।

 सांची उसका इशारा देखा , , , , थोड़ी घबरा जाती है , , ।

 और अपने कदम पीछे लेते , , , , हुए नकली हँसी हँसते हुए , , ।

उससे धीरे से कहती है , , ।

 " तो आप मुझे सजा देंगे तो मैं , , , , पागल थोड़ी हु जो यहाँ ख़फ़ी रहूंगी , , ।

 मैं निकलती हूं यहां से बाय , , " ।

 यह कह कर साची जल्दी से , , , , मेन गेट की तरफ भागती है , , ।

 उसे यू भागता देख आरव तिरछी , , , , मुस्कान मुस्कुराता है , , ।

और अपने आदमियों से अपनी , , , , कड़क आवाज़ मे कहता है , , ।

 " ए पकड़ो इसे अगर ये जहां से , , , , भागी तो तुम लोग की खैर नहीं , , " ।

 आरव की बात सुन कर उसके , , , , सारे गार्ड सांची का रास्ता रोक कर खड़े हो जाते हैं , , ।

 सांची उन गार्ड्स के रास्ता , , , , रोकने की वजह से रुक जाती है , , ।

 वह गार्ड्स सांची के रुकते ही , , , , उसे पकड़ने के लिए , , ।

उसकी तरफ अपने कदम , , , , बढ़ाने लगते हैं , , ।

 सांची उन गार्ड्स को अपने , , , , करीब आता देख अपने कदम धीरे - धीरे पीछे लेती है , , ।

 और उनसे रिक्वेस्ट करते , , , , हुए कहती है , , ।

 " देखिए प्लीज मुझे जाने दीजिए , , , , मैं आपकी बहन जैसी हूं प्लीज , , ।

 प्लीज जाने दीजिए वरना वह , , , , आपस खडूस मालिक मुझे पता नहीं क्या सजा देगा , , ।

मेरे उसकी खटारा जो , , , , खराब कर दि है प्लीज मुझे जाने दीजिए , , " ।

 सांची ये सब बोलते हुए पीछे होती , , , , जा ही रही थी , , ।

कि तभी साची आरव से , , , , टकरा जाती है , , ।

 आरव से टकराते ही साची , , , , उसकी तरफ फड़कती है , , ।

और उसे अपनी मासूम , , , , नजरों से देखने लगती

है , , ।

 वही आरव साची की मासूम , , , , नजरों और उसके चेहरे को देख कर , , ।

एक शातिर मुस्कान मुस्कुरात है , , ।

 और उसकी तरफ अपने , , , , कदम बढ़ाने लगता है , , ।

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