बंसल सदन
कविता जी और पुनीत जी लॉबी में रखे हुए सोफे पर बैठकर कॉफी पी रहे हैं ।और अपने तीनों बच्चों का इंतजार कर रहे हैं।और पुनीत जी बार - बार अपनी घड़ी में टाइम देख कर उन तीनों का इंतजार कर रहे हैं।
कविता जी -: अपने हाथ में पकड़ी हुई कॉफी मग से कॉफ़ी की एक सिप लेकर वो पुनीत जी को सवालिया नजरो से देख कर कहती हैं। बंसल साब! आप बार-बार घड़ी को क्यों देख रहे हो?
पुनीत जी -: उनकी बात सुनकर चिंता के भाव के साथ कहते हैं। ये बच्चे कहां रह गए? और यह तीनो अभी तक नहीं आए। यह बात कह कर कॉफी का एक सिप लेने लगते है।
कविता जी -: कॉफी का एक सिप लेकर हल्की स्माइल के साथ कहती है। बंसल साहब ! आ जाएंगे- आ जाएंगे आप ज्यादा टेंशन मत लो। शौर्य उन दोनों को कॉलेज से शॉपिंग और डिनर के लिए ले गया है। टाइम तो लगेगा ही और आप ज्यादा टेंशन न ले। आपकी तबीयत खराब हो जायेगी।
पुनीत जी -: उनकी बात सुनकर हां में सिर हिलाते हैं।और वो दोनो कॉफी पीने लगते हैं ।और बाते भी करने लगते। हैं।
थोड़ी ही देर में पवित्रा और राहुल अपने हाथ में शॉपिंग बैग लेकर घर के अंदर छोटे बच्चो की तरह चिल्लाते हुए ।मम्मी - पापा बोलकर अंदर आते हैं।
तभी कविता जी और पुनीत जी दोनो कॉफी पीने के साथ -साथ बात कर रहे थे ।उन दोनो की आवाज सुनकर पीछे मुड़कर देखते हैं।
कविता जी -: उसको अपनी तरफ आता देख कर वो खुश होकर केहती हैं।आ गए, मेरे प्यारे बच्चो।
दोनो चहेकते हुए उन दोनो के पास आकर अपना शॉपिंग बैग और बाकी का सामान वाहा रखी कॉफ़ी टेबल पर रखते हैं।
पवित्रा -: चहकते हुए कहती है । हां, मां हम दोनो आगए। फिर वो कविता जी को साइड हग देती हैं। फिर पुनीत जी को साइड हग देती हैं। उसके बाद वो उन दोनो के पास वही सोफे पर बैठ जाती हैं। और
राहुल --: स्माइल के साथ उन दोनो को बारी -बारी हग करके वो वही सोफे पर बैठ जाता हैं।फिर वो हेल्पर को के कर पानी मंगवाता हैं। तभी
पुनीत जी -: इधर -उधर देख कर अन दोनो की तरफ सवालिया नजरो से देख कर कहते है। ये शौर्य कहां रह गया?
राहुल -: उनकी बात सुनकर कहता हैं। पापा! वो भाई बाहर किसी से कॉल पर बात कर रहे हैं। सैयद कोई बिजनेस से रिलेटेड कॉल हैं। वो कॉल पर बात खतम करके आते ही होंगे।
पुनीत जी -: उसकी बात सुनकर हां में सर हिलाते है।
फिर पवित्रा और राहुल एक्साइटेड होकर अपना शॉपिंग बैग कॉफी टेबल से उठाकर उन दोनो को दिखाने लग जाते हैं। वो दोनो भी उन दोनो की हुई समान को देखने लगते हैं। बीच -बीच में पवित्रा से उसके प्रैक्टिकल और असाइनमेंट फाइल अच्छे से सबमिट कर ली उसके बारे में भी पूछते है।वो उनको सारी बात खुशी - खुशी बता देती हैं।वो चारो आपस में बातें करने लग जाते हैं।
तभी शौर्य भी अपना कॉल पर बात खतम करके अपने हाथो में लैपटॉप और कोट लेकर घर के अंदर आ जाता है। फिर उनकी तरफ स्माइल करके उनके पास आकर बैठ जाता हैं।
हेल्पर वहा पर उन लोगों के लिए पानी लता हैं। वो तीनो पानी पीने के बाद। वो सब आपस में बात करने लगते हैं।शौर्य और पुनीत जी बिजनेस से रिलेटेड आपस मे बात करते हैं। वो उनको आज की मीटिंग की अपडेटर् देता हैं।वो दोनो कविता जी से बात करने लगते हैं।थोड़ी देर बात करने के बाद वो सब अपने -अपने कमरे में सोने चले जाते है।
मित्तल निवास
शिवम और मायरा भी मॉल से अपनी शॉपिंग और डिनर करके घर आ जाते हैं। और लॉबी में आकर बैठ जाते हैं ।जहां सभी लोग वहा रखे सोफे पर पहले से बैठे होते है। शिवम् अपनी मम्मी पावनी जी के पास जाकर उनकी गोद में सर रखकर वही सोफे पर लेट जाता है।
पावनी जी -: उसके सर पर हाथ फेर कर स्माइल करके उसे पुचकारते हुए कहती हैं। आ गया मेरा बेटा बहुत थक गया है।
शांतनु जी -: उनकी बात सुनकर बनावटी स्माइल के साथ टौंट कसते हुए कहते है। हां बहुत थक गए हैं। जनाब! बहुत काम को करके आए हैं।
शिवम् -: उनकी बात सुनकर बेचारगी जैसी सकल बना कर पावनी जी से शिकयाती लहजे में कहता हैं।देखो मम्मी ! पापा हमेशा मेरे पीछे पड़े और ताने देते रहते हैं। वो यह कहकर मासूम सी शकल बनाता हैं।
पावनी जी -: उसका मासूम सा चेहरा देखती है फिर शांतनु जी को घूर कर गुस्से से देख कर कहती है ।सुनिए जी ! हमेशा मेरे प्यारे बेटे को हमेशा डाटते और ताने देते रहते हो। आपको दिख नहीं रहा है। कि मेरे प्यारा बेटा वह कितना थक गया है ।और फिर वह शिवम् को देख कर उसे प्यार से हाथ फेर कर उसे पुचकारते हुए कहती है। ओरे मेरे प्यारे बेटा! उनकी तरफ मत देख और बातों पर ज्यादा ध्यान मत दे ।इनकी तो आदत है।की हमेशा मेरे प्यारे बेटे के पीछे पड़ने की। वो यह बात गुस्से से शांतनु जो को देख कर टैंट कसते हुए बोलती हैं।और शिवम् के सर पर प्यार से हाथ फेर रही होती हैं।
शांतनु जी -: उनकी ताने भरी बात सुनकर आंखे चोटी करके उनकी तरफ देखकर और शिवम की तरफ घूर कर गुस्से से देखकर कहते है। अपने लाडले बेटे को और बिगाड़ लो और उसे ऐश करने दो। मैं भी देखता हू। ये कब तक ऐश करता है ।उसकी यह ऐश ज्यादा दिन तक नहीं रहने वाली है।क्योंकि बहुत जल्द तुम्हारा दूसरा बेटा परीक इंदौर आ रहा है। मैं भी देखता हूं। तब तुम कैसे उसके सामने इसे उसके गुस्से और ताने से बचा पाओगी।
शिवम् -: वो यह न्यूज उनके मुंह से सुनता हैं। की उसका भाई परीक्षित बहुत जल्द इन्दौर आने वाला हैं। तो उसकी हालत खराब होने लगती हैं। तभी वो एक दम से पावनी जी के गोद से उठा कर सोफे पर बेट कर हकलाते हुए कहता हैं। क्या कहा आपने? भाई इंदौर आरहे हैं। और कब - कब आरहे हैं।
शांतनु जी -: इसकी हालत खराब होते हुए देखकर वो हल्की सी तंज भरी मुस्कुराते हुए खड़े होते है। फिर अपना हाथ उसके कंधे पर रखकर और थपथपाते हुए स्माइल करके कहते हैं।बहुत जल्द आ रहा है । तुम्हारा प्यारा परीक भाई! समझे मम्मी का लाडला बेटा। उसकी हालत खराब हालत देखकर उसे तंज भरी स्माइल देकर वो उसकी कंधे थपथपाते हुए अपने रूम में चला जाते हैं।
सभी लोग शांतनु जो को रूम में जाते हुऐ देखते रह जाते हैं।
शिवम् - : यह बात सुनकर की उसका भाई परीक्षित बहुत जल्द वापस आ रहा है ।उसकी हवा टाइट हो जाती है। और वो थोड़ा खुश भी था।की उसका भाई बड़े दिन बाद इंदौर आ रहा और दुखी भी है उसके आने से उसकी जो ऐश की जिन्दगी थी।वह चली जाएगी। और वो अपनी मन की उस से करवाएगा।वह अपने मन में कहता है। एक पापा काम थे।जो उनके लेक्चर सुनने के को मिलते हैं ।और अब भाई भी आ रहे हैं ।वह तो मेरी क्लास ही लगा देंगे और चैन से नहीं जीने देंगे जब तक वो यह रहेंगे।वह यह सोच ही रहा था। तभी
पावनी जी -: उसका चेहरा के रंग उड़ा और अपने खयालों में खोते हुए देख कर वो उसके कंधे और बालो पर प्यार से हाथ फेर के पुचकारते हुएकहती है। तू चिंता मत कर, मेरा प्यारा बेटा ।मैं भी देखती हूं ।वो तुझे कैसे परेशान करता हैं ?और तेरी क्लास कैसे लगाता है? वो उसको दिलासा देते हुए कहती हैं।
शिवम् -: उनकी बात सुनकर चिड़ते हुए कहता है ।बस - बस मम्मी आप तो रहने ही दो ।आप अभी बोल रही हो, कि आप मुझे भाई की स्ट्रिक्ट क्लास, डाट और उनके बोरिंग लैक्चर से बचा लोगी ।पर सच तो यह है ।कि आपकी यह शेरनी वाली एटीट्यूड पापा के सामने चल सकती है। लेकिन भाई के सामने तो आपकी भी हालत खराब हो जाती है। वह अपने आगे आपकी भी नहीं चलने देते ।वह कह कर चिड़ते हुए अपने रूम में चला जाता है।
पावनी उसकी बात सुनकर हैरानी से आंखे फाड़ कर उसे जाते हुए देखती रह जाती हैं। बाकी सोफे पर बैठे ब सब लोग बुआ जी ,मायरा, रचित और निमिषा उसकी हालत देखकर और पावनी जी के एक्सप्रेशन देख कर। वो सब मंद - मंद मुस्कुराते है ।फिर
मायरा -: जो शॉपिंग करके सामान मॉल से लेकर आई थी ।वह सारा सामान उन सबको दिखाती है ।थोड़ी देर अपना सामान दिखाने के बाद और बातें करने के बाद, वो भी सोफे से उठकर और अपने हाथ में शॉपिंग बैग लेकर सब लोग कहती है। अच्छा भाई - भाभी ,मम्मी ,बड़ी मां मैं अपने रूम में अभी जाकर सब से पहले परीक भाई की खबर लेती हूं।की उन्होंने सबसे बात की, पर मुझसे बात नहीं की।वो यह बोलकर बुरा सा मुंह बनाती हो।
निमिषा -: उसकी बात सुनकर हस्ते हुए कहती हैं। हां - हां दी !आप अपने रूम में जाकर सबसे पहले बडे़ - देवर जी की खबर लेना।
मायरा -: उसकी बात सुनकर हस्ते हुए । हां में सिर हिलाती हैं।और सबको गुड- नाईट बोलकर अपनी रूम की तरफ चली जाती हैं।
गौरी जी और पावनी जी भी अपने - अपने रूम में चली जाती हैं। वहा लॉबी में सिर्फ रचित और निमिषा रह जाते हैं।
रचित -: उसको देखता है। वो अपने फोन में कुछ इंट्रेस्टिंग देखने में बिजी थी। और क्यूट से एक्सप्रेशन बना रही थी । उसके क्यूट से एक्सप्रेशन में उसको बहुत प्यारी लग रहे थी। तभी रचित को एक शरारत सस्ती है शरारत सूझती हैं।वो शरारती स्माइल करके उसके पास जाकर बड़े प्यार से उसके कान में कहता है। अब वक्त आ गया है दोपहर का बदला अब लेने का वो यह कहकर शरारती नजरो से देख कर स्माइल करता हैं।
निमिषा -: जो अपने मोबाइल में कुछ इंट्रेस्टिंग देखने में बिजी थी। उसकी शरारती भरी बात सुनकर वो आंखे चौड़ी हैरानी से देखती हैं।जो उसे शरारती वाली नजरों से स्माइल के साथ देख रहा हैं।वो कुछ बोलने वाली होती हैं।तभी
रचित -: जल्दी से सोफे से उठकर अपनी बाहों में उठाकर और वो कुछ न बोले और जोर से चिल्लाए।उस से पहले, वो उसके लिप्स पर अपने लिप्स रख कर किस करते हुए। अपने रूम में ले जा कर और अपने पैरो से रूम के डोर को बंद करता हैं। उसका रूम नीचे ग्राउंड फ्लोर पर हैं। इसीलिए ज्यादा वक्त नहीं लगा रूम में पहुंचने में। वो रूम में जाकर उसको बेड पर प्यार से लिटाने के बात वो भी उसके पास आकर प्यार करने लगा और थोड़ी देर में वो दोनो प्यार में खो गए और एक दूसरे को प्यार करे जा रहे थे।
वही दूसरी तरफ बंसल सदन
शौर्य - : अपने रूम के अटैचेड बाथरूम से फ्रेश होकर रूम में आता है ।उसने ब्राउन कलर की गोल गले की टी-शर्ट और ब्लैक कलर का लोअर पहना हुआ है। वो इस लुक में भी बहुत ही हैंडसम और हॉट लग रहा था। वो अपने गीले बालों को टॉवेल से पौछते हुए अपने रूम में आता है। इधर -उधर पूरे रूम में अपने फोन को ढूंढ रहा था ।तभी उसे याद आया कि उसका फोन कोर्ट की जेब में है। वह सोफे के पास जाकर अपना कोट उठाता है ।फिर उस की पॉकेट से फोन निकालता है। तभी उसकी पॉकेट से मायरा का कान का झुमका नीचे ज़मीन पर गिरता है। तभी उसकी नजर उस झुमके पर जाती है ।और वह झुक कर जमीन से झुमका उठाता है ।और उसे हाथ में लेकर बड़े प्यार से उस झुमके को देखता है ।और आज जो मॉल में मायरा के साथ टकराना और उसकी गुस्से भरी क्यूट सी नॉक - झोंक याद आती है। वो सब याद करके उसके चेहरे पर स्माइल आ जाती है। वो फिर खुद से झुमके को प्यार से देख कर कहता है। तो यह मिस बड़- बड़ का झुमका हैं।और वो इस्माइल करके वो झुमका अपनी अलमारी में एक बॉक्स में रख देता है ।और फिर बेड पर जाकर लेट जाता है। थोड़ी देर में थकान होने की वजह से उसे लेते ही नींद आ जाती है।और वो नींद के आगोश में चला जाता हैं।