अब चलते हैं भारत के उत्तर दिशा उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की तरफ। देहरादून जो चारों तरफ ऊंची- ऊंची पहाड़ियों से ढका हुआ और उस ऊंची पहाड़िया पर उग रहे हरे -भरे पेड़ - पौधे इस शहर को बहुत ज्यादा खूबसूरत बनाते हैं। जगह- जगह पर उस ऊंची पहाड़ियों के बीच में ऊपर से झर - झर करके गिरता हुआ पानी सीधा नदी में जाता हैं। और ऊंची पहाड़ियों से ऊपर से तेजी से गिरता हुआ पानी की आवाज सुनकर मन को एक शुकून देती हैं।और इस खूबसूरत शहर पर लोग दूर -दूर से लोग यहां आकर अपनी छुट्टियां मनाते हैं। और यहां को नेचुरल ब्यूटी का आनंद लेते हैं।यहां पर जगह पर बन रहे वॉटरफॉल,नेशनल पार्क और बहुत से प्रसिद्ध मंदिर भी हैं।जो बहुत से श्रद्धालु दर्शन के लिए भी आते हैं।यह शहर सिर्फ घूमने फिरने में ही नही , पढ़ाई के मामले में फेमस हैं। यहां पर एक से बढ़ कर फैमस कॉलेज,स्कूल्स और इंस्टीट्यूड्स भी हैं। जो, छात्राएं इस खूबसूरत शहर में पढ़ने के लिए आते हैं।और अपना कैरियर बनाते हैं।
इसी खूबसूरत शहर के आउटर पर चारों तरफ से जंगल से ढकी पहाड़ियों के बीच बहुत बड़ी एरिया में बनी मिलिट्री एकेडमी है। इस एकेडमी के चारों तरफ से ऊंची -ऊंची बाउंड्री बनी हुई हैं। उस ऊंची बाउंड्री के ऊपर चारों तरफ एल्यूमीनियम और कॉपर के मोटी - मोटी तारो से भी बंदी हुए है।और उस मोटे तार में इलैक्ट्रिक करेंट भी दिया गया हैं। ताकि कोई दुश्मन गलती से बाउंड्री लांग कर अंदर एकेडमी में ना जापाए और अंदर जितने भी कैडेट्स हैं जो आर्मी की ट्रेनिंग लेने आए हैं। वो भी इस बाउंड्री को लांघ कर बाहर मस्ती करने नही जा सकते।अगर वो लोग गए या कोई बाहर से या अंदर आया उस बाउंडरी से लांघ कर तो ऑटोमेटिकली वो उस तार में से आरहे इलैक्ट्रिक करेंट से शॉक्ड होकर वही ढेर हो जाएगा।उस एकेडमी का एक बहुत बड़ा सा एंट्रेंस गेट हैं। जहां बहुत से सोल्डर खड़े होकर इस एकेडमी की रक्षा कर रहे है।और इस गेट पर लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के सिक्योरिटी अलार्म भी लगा हुआ हैं। यू कहे यह पूरी एकेडमी पूरी तरह से टाइट सिक्योर की घिरी हुई है।
उस एकेडमी के बड़े से एंट्रेंस गेट के ऊपर बड़े से अक्षर में लिखा हुआ हैं। जांबाज मिलिट्री एकेडम" जेएमए" (यह इस एकेडमी का काल्पनिक नाम) हैं। यह एकेडमी देश की no.1 सबसे फैमस और रिप्यूटेटिव एकेडमी हैं। इस एकेडमी में जितने भी कैडेट्स ट्रैनिंग लेकर पास आउट होकर आर्मी ऑफिसर्स बनके निकले हैं।उन सबने अपनी कबालियत से देश के प्रति अपनी ईमानदारी और डिडिकेशन से अपना कर्त्तव्य निभाया हैं। और देश और एकेडमी का नाम रोशन किया हैं।और देश के रक्षा के लिए अपने जान की बाजी लगा कर दुश्मनों को मजा चखा के अपनी जान देश के नाम करके अपने वतन के लिए शहीद हो गए।
Note -: ऐसे भारतीय सेना को हम सबको सलाम।और हमें गर्व है भारतीए सेना पर जो देश के सुरक्षा के लिए अपने फैमिली और रिश्तेदार को छोड़कर बिना किसी स्वार्थ के अपने देश की सुरक्षा के लिए लग जाते हैं।और जान की बाजी लगा कर देश के लिए शहीद भी हो जाते हैं।ऐसे भारतीय सेना को हम सबको सलाम!सलाम!
उसी एकेडमी में बड़े से गेट से अंदर चल कर एक बहुत बड़े एरिया में ट्रैनिंग ग्राउंड बना हुआ हैं। यह पर आकर कैडेट्स ड्रिल की प्रैक्टिस करते हैं।और सीनियर्स ऑफिसर्स ट्रेनर बनके नए -नए कैडेट्स को ड्रिलिंग एक्सरसाइज शिखाते हैं।इस ग्राउंड में बहुत से इक्यूपमेंट बने हुए हैं । कैडेट्स के ट्रेनिंग के लिए।उसी ग्राउंड से बहुत आगे चल कर एक बहुत बड़ा कोर्टयार्ड हैं। उस कोर्टयार्ड के बीच में एक बड़ा सा अमर जवान ज्योति बनी हुई हैं। उस ज्योति में जितने भी सेना के जवान अपने देश के सुरक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा कर अपने वतन के लिए शहीद हुए हैं।उसमें उन शहीदों की आहुति दी जाती हैं। उस ज्योति में तेज - तेज जल रही आग की लपटे उन शहीदों के अमर रहने की याद दिलाती हैं।
उसी कोर्टयार्ड में के साइड में एक बड़ी सी दीवार को बहुत अच्छे से पेंट किया गया हैं। उस दीवार पर बड़े अक्षरों में वॉल ऑफ फेम लिखा हुआ है।उस दीवार पर उन कैडेट्स की तस्वीर लगी हुई हैं।जो कैडेट्स, यहां से पास आउट होकर आर्मी ऑफिसर्स बनके अपने देश के सुरक्षा के लिए जान की बाजी लगा कर अपने वतन के लिए शहीद हो गए हैं।उन सभी की तस्वीर लगी हुईं हैं।
उसे कोर्टयार्ड से आगे चल एक कोरिडोर हैं। जिसके एक साइड में कैडेट्स के थ्रोटिकल क्लासरूम, इनडोर गेम्स रूम, इंडोर ड्रिलिंग एक्सरसाइज़ रूम, लाइब्रेरी,एक्टिविटी एरिया रूम और अन्य रूम्स हैं। कॉरीडोर के दूसरी साइड वॉल पर बहुत से आर्मी से रिलेटेड तस्वीर लगी हुई हैं। उसी बड़े से और लंबे कॉरिडोर के बाद एक बड़ा सा असेंबली हाल हैं। उसके चारो तरफ ऑफिसर्स जो कैडेट्स को ट्रेन करने के लिए अप्वाइंटेड हैं उनके कैबिन हैं।और अन्य एक्टिविटी के लिए अप्वाइंटेड फैकल्टी मेंबर्स के केबिनस हैं।
उसी के आगे चल कर फिर से कॉरीडोर शुरू होता हैं। वहा के एक साइड में अप्वाइंटेड सीनियर्स ऑफिसर्स के केबिनस हैं। जो इस अकैडमी में रह कर वो भी सीनियर कैडेट्स को ट्रेन और जूनियर ऑफिसर्स और स्टाफ को गाइड भी करते हैं।उसी एक केबिन में से एक एकेडमी के वाइस - प्रिंसिपल का केबिन भी हैं। उसी कॉरीडोर में बहुत आगे चल एक बड़ा सा कैबिन हैं। जो इस एकेडमी के प्रिंसिपल का है। उसकी एकेडमी के दुसरे कोने में एक बहुत बड़ा सा मीटिंग हॉल हैं। जहां पर सारे फैकल्टी और ऑफिसर्स एकेडमी से रिलेटेड डिस्कस करते हैं और अन्य चीजों की भी प्लानिंग करते हैं।
उसी बडे़ से मीटिंग हॉल के बीच में एक बहुत बड़ा और लंबा सा टेबल रखी हुई हैं।उसके चारो तरफ बहुत सी चेयर रखी हैं। उस टेबल के सामने एक चेयर रखी हैं।जो इस एकेडमी के प्रिंसिपल की हैं। जो अभी खाली हैं।
उसके बगल में एक चेयर रखी हुई हैं। उस चेयर पर लगभग 32-33 साल का 5"11" लंबा और हैंडसम सा ऑफिसर्स जिसने अभी आफिसर्स की यूनिफॉर्म पहनी हुई हैं।उसके चेयर का रंग गेहुआ और तीखे नयन - नक्श और उस चेहरे पर उगी हुई एक बड़ी सी मूछें उसके चेहरे को अट्रैक्टिव बनाती हैं।वो ऑल ओवर बहुत ही डेसिंग लग रहा हैं।उसके चेहरे पर अभी कोई भाव नहीं हैं।वो हैंडसम सा ऑफिसर्स और,जो इस एकेडमी के प्रिंसिपल के बगल वाली चेयर पर बैठा हुआ हैं। वो मेजर. अजय भार्गव हैं। इस एकेडमी के वाइस - प्रिंसिपल के लिए अप्वाइंटेड हैं।और सीनियर्स कैडेट्स के ड्रिलिंग इंचार्ज हैं।
उनके बगल में रखी हुई चेयर पर बैठा हुआ एकेडमी का स्टाफ जिसकी उम्र 40 के आस - पास और 5 "7" हाईट हैं।उसके सावले चेहरे पर एक बहुत घनी काली और हलकी सी सफेद कलर की दाढ़ी उगी हुई है।और सर पर ग्रीन कलर पगड़ी बांधी हुई हैं।और उसने अभी यूनिफॉर्म पहनी हुई हैं।वो ऑल - ओवर दिखने में ठीक - थक लग रहा हैं। वो स्टाफ जो मेजर भार्गव के बगल में बैठा हैं।वो सूबेदार हरमन सूरी हैं।इस एकेडमी के केयर टेकर, बॉयज हॉस्टल और कैंटिन के इंचार्ज ।
मेजर भार्गव के सामने वाले और टेबल के दूसरी साइड चेयर पर बैठी एक खूबसूरत गोरी सी लड़की जिसकी उम्र लग - भग 25 के आस -पास और 5"5"हाईट होगी। उसने अभी व्हाइट कलर का टॉप और ब्लू कलर की जींस पहनी हुई हैं।और बालो का जुड़ा बना हुआ हैं। अपने गोरे चेहरे पर बस मेक,- अप के नाम पर बस अपने बड़ी -बड़ी आंखो में काजल और पतले गुलाबी होठों पर पिंक लिपस्टिक लगा हुई हैं।वो एलॉवर बहुत ही बाला की खुबसूरत लग रही थी। वो जो लड़की जो मेजर भार्गव के सामने बैठी हैं।वो Dr. शमिता गुलाटी हैं।इस एकेडमी की मेडिकल इंचार्ज।
उनके बगल रखी हुई। चेयर के बगल में बैठी हुई । एक और खूबसूरत हल्की सावली सी औरत जिसकी उम्र लघभग 39 के आस -पास और हाईट 5 "4"होगी। उन्होंने चेहरे पर आंखो में काजल और होठों पर हल्की पिंक लिपस्टिक लगा हुई हैं।उन्होंने भी यूनिफॉर्म पहनी हुई हैं।वो भी एलोवर दिखने में बहुत ही सुन्दर लग रही हैं। वो औरत सूबेदार मेजर लोलिता सेन हैं। यह भी एकेडमी की केयर- टेकर और गर्ल हॉस्टल की इंचार्ज।
वो सब मीटिंग हॉल में बिना चेहरे पर कोई भाव के साथ बैठे हैं।और सवालिया नजरो एक दूसरो को देख कर पूछ रहे हैं।की आज मीटिंग किस लिए रखी हुई हैं?
तभी एक ऑफीसर जिसकी उम्र 52 के और 5"9"हाईट आस- पास होगी।उनके गेहूए कलर के चेहरे इस उम्र में भी अलग ही ग्लो हैं।उनके चेहरे के तीखे नयन- नक्श सफेद कलर की हल्की सी दाढ़ी उनके चेहरे को अट्रैक्टिव बनाती हैं।ऊपर से उन्होंने भी सर पर ग्रीन कलर की पगड़ी बांधी हुई हैं और उन्होंने आर्मी की ऑफिसर्स वाली यूनिफॉर्म पहनी हुई हैं। उनकी ऑल- ओवर पर्सनैलिटी बहुत ही एनर्जेक्टि और अट्रैक्टिव लग रही हैं।वो अपने कैबिन से चल कर मीटिंग हॉल के तरह आकर वो जैसे ही मीटिंग हॉल के डोर से एंटर करते हुए हॉल में आते हैं।वहा पर बैठे जितने भी लोग थे। सब उनके आने के बाद खड़े होकर उनको ग्रीट करते।वो हॉल में आकर सबलोग ग्रीट बैक करके उन सबको बैठने को कहते हैं।और खुद टेबल के सामने वाली चेयर पर बैठ जाते हैं। वो ब्रिगडर समरजीत वाही हैं। इस एकेडमी के प्रिंसिपल और हेड।
सो रीडर्स आज का पार्ट इतना ही।आज के पार्ट मैंने जांबाज मिलिट्री एकेडमी के बारे मे और उसके एकेडमी में अप्वाइंटेड फैक्युलिटी के बारे में बताया हैं और देहरादून के बारे में भी थोड़ा - थोड़ा बताया हैं। और आगे मीटिंग में क्या होगा वो सब अगले पार्ट में कल बताएंगे।तब तक आज का पार्ट पढ़िएगा।और कमेंट करके बताएगा की आपको कैसा लगा और कोई गलती नजर आ रही हैं तो कॉमेंट करके बताएगा।