Chapter 20 - meeting hall

ब्रिगेडियर समरजीत  वाही के मीटिंग हॉल में अंदर आने से वहा पर पहले से जितने भी लोग थे। सब खड़े हो गए।और उन्हे ग्रीट करने लगे। उन्होंने भी अंदर आने के बाद उन सबको ग्रीट बैक करके अपनी चेयर पर बैठ अपने हाथ के इशारे से उन सबको बैठने को कहा। फिर सभी लोग बैठ गए। तभी

मेजर भार्गव -: उन की तरफ देख कर सवालिया नजरों से देख कहते हैं। सर, आपने ऐसे अचानक से मीटिंग हॉल में क्यों बुलाया?

ब्रिगेडियर वाही -: उनकी बात सुनकर हल्की सी स्माइल के साथ कहते हैं। मेजर! मेंने इतनी अचानक तुम सबको मीटिंग हॉल में मीटिंग के लिए इसलिए बुलाया है। सैटरडे! को मेरे पास राजौरी से मेजर जनरल नायक का फोन आया था।वो चिंतत थे ,की पूरे देश मे अतंकवादी का आतंक और देशहतगर्दी बड़ती जा रही हैं। उसके वजह से बहुत से मासूम और निर्दोष की जान जा रही और बहुत से परिवार  टूट के बिखर गए हैं। इसीलिए आर्मी टीम और देश के प्रेसिडेंट ने निर्णय लिया हैं। इस एकेडमी में हम सब सिविलियंस के लिए ,एक साल सिविलियंस आर्मी र्ट्रेनिंग प्रोग्राम के नाम से यह प्रोग्राम चलाएं।ताकि हम इस प्रोग्राम के तहत सिविलियंस को आर्मी की ट्रेनिंग और दुश्मनों से कैसे डट कर उनका सामना करना हैं।वो सब इस प्रोग्राम के तहत यह सब सिखाना हैं।और उनके अंदर वक्त आने पर देश के प्रति अपना कर्तव्य कैसे निभाना हैं? और अपने लिए कैसे उन सब से लड़ना हैं।वो सब इस प्रोग्राम के तहत सिखाएंगे।और इस से हम आर्मी सोल्जर की भी मदद हो जायेगी।और हम सोल्जर पर डिपेंड नही रहेंगे।और इस प्रोग्राम के लिए अलग से एकेडमी बनाने का प्रपोजल दिया हैं।राष्ट्रीयपति को !तो यह एकेडमी अगले एक साल तक बनकर रेडी हो पाएगी।तब तक यह प्रोग्राम इसी एकेडमी में जेएमए में होंगी।

Dr. शमिता गुलाटी -: उनकी इस प्रोग्राम के बारे में सुनकर कहती हैं।यह प्रोग्राम तो आर्मी टीम और देश के राष्ट्रपति ने यह सुझाव तो अच्छा दिया है। की इस प्रोग्राम के तहत हम सिविलियंस को आर्मी की स्किल्स और अपनी सुरक्षा खुद कैसे करनी सकेंगे और वक्त आने पर देश के प्रति अपना कर्तव्य कैसे निभाना हैं।वो सब सीखेंगे और हम सोल्जर पर न डिपेंड होकर खुद के लिए कैसे लड़ाई लड़नी हैं?वो सब सीखेंगे ।पर सर! हमारे देश के सिविलियंस इस ट्रेनिंग के लिए राजी होंगे या नहीं? वो यह बात सवालिया नजरो से उन्हे देख कर कहा।

ब्रिगेडियर वाही -: उनका सवाल सुनकर हल्की स्माल के साथ कहते हैं। डॉक्टर गुलाटी ! मैं आपकी चिंता समझ रहा हूं ।लेकिन ,हम हमारे देश की सिविलियन पर पूरा भरोसा है ।इस तरह के आर्मी ट्रेनिंग प्रोग्रामर के लिए राजी हो जाएंगे और जब देश की बात आती है।तब  सबसे पहले अपने देश के प्रति अपना कर्तव्य निभाने से पिछे नही हटेंगे ।और जब वो इस ट्रैनिंग प्रोग्राम के बारे में सुनेंगे तो अपने लिये और देश की सुरेक्षा के लिए इस ट्रैनिंग का हिस्सा बनने के लिए राजी हो जाएंगे।वो यह सब अपने देश के सिवलियंस पर भरोसा करते हुए कहते हैं।

मेजर भार्गव -:उनकी बात सुनकर सवालिया नज़रों से देख कर कहते हैं। पर सर!  जब हम सिविलियंस को अवेयरनेस एडवर्टाइज के थ्रू कराएंगे।तब तक जरूरत से ज्यादा सिविलियंस इस ट्रेनिंग का हिस्सा बनने के लिए अप्लाई करेंगे।और ट्रैनिंग के लिए आएंगे और यहां पर जितनी भीऑफिसर्स हैं।वो सब दुसरे बैच को  ट्रेनिंग में पूरा दिन बिजी रहते हैं। तो हम सब कैसे मैनेज करेंगे यह सब?

ब्रिगेडियर वही -: उनका सवाल सुनकर उनकी तरफ देखकर हल्की सी स्माइल के साथ कहते हैं। मेजर! मैं आपकी चिंता समझता हूं। इसका सलूशन निकाला गया है । आर्मी टीम ने!हम इस आर्मी ट्रेनिंग के लिए सबसे पहले एडवेटाइज करके सबके बीच अवेयरनेस कराएंगे।उसके बाद इंटरेस्टेड कैंडीडेट्स फॉर्म को भरने के बाद इस ट्रैनिंग के लिए अप्लाई करेगा। उसके बाद इस प्रोग्राम के लिए एक एंट्रेंस टेस्ट एग्जाम कंडक्ट कराया जाएगा।उसमें जो कैंडिडेट इस टेस्ट को पास करके सिलेक्ट होगा।तो वो इस ट्रैनिंग का हिस्सा बन पाएगा।और रही बात इस एकेडमी में अप्वाइंटेड ऑफिसर्स की जो ऑलरेडी आफिसर्स ट्रेंड वाले बैच को ट्रेंड करने के लिए बिजी हैं। तो वो सब उसी में बीसी रहेंगे।उनके ऊपर कोई प्रेशर नहीं होगा। क्योंकी मेजर जनरल नायर और कर्नल राठौर ने इस ट्रैनिंग प्रोग्राम के लिए अलग से दो काबिल आर्मी ऑफिसर को अप्वॉइंट किया है ।जो इस ट्रैनिंग के लिए स्पेशली अप्वाइंटेड लिए गए हैं।

Dr. शमिता गुलाटी -: उनका सवाल सुनकर सवालिया नजरों से उन्हे देख कर कहती हैं ।सर! इसका मतलब हमारे साथ और दो और ऑफिसर अपॉइंटेड किए गए हैं। स्पेशियली इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए और वह कौन है?

ब्रिगेडियर वाही -: उनका सवाल सुनकर वो हल्की स्माइल के साथ कहते हैं।वो दो काबिल ऑफिसर्स हैं। कैप्टेन अभिमन्यु सिंह रायजादा और कैप्टेन परीक्षित मित्तल यह दो काबिल ऑफिसर्स हैं। जो इस ट्रैनिंग के लिए एस ए ट्रेनर के रूप में अप्वाइंटेड किया गया हैं।

यह दो ऑफिसर्स के नाम सुनकर ,जो इस ट्रैनिंग प्रोग्राम के लिए इस एकेडमी में एस ए ट्रैनर बनके अप्वाइंटेड हैं। सभी लोग शॉक्ड हो जाते हैं।

स्पेशियली डॉ. शमिता गुलाटी के चेहरे के भाव तो कुछ हो गए थे।उसका दिल धड़कने लगा था। पर वो अंदर ही अंदर अपने इमोशन को कंट्रोल करके बैठी थी । पर चेहरे पर उसने नॉर्मली भाव रखा था।

नोट -:क्यों वो दो आफिसर्स के नाम सुनकर उसके चेहरे के भाव  चेंज हो गाए थे?और उसने अपने इमोशंस को क्यों कंट्रोल करके रखा था? वो सब जैसे - जैसे कहानी आगे बढ़ेगी तब पता चलेगा? उसके यह चेहरे के भाव किस ऑफिसर्स के नाम सुनकर चेंज हो गाए थे और अपने इमोशंस को कंट्रोल किया था। कैप्टेन अभिमन्यु या कैप्टेन परीक्षित ? वो सब जैसे कहानी आगे बढ़ेगी तब पता चलेगा।

सूबेदार सूरी जी -:उनके मुंह से इन दोनों आफिसर्स का नाम सुनकर, वो उनकी तरफ सवालिया नजरो से देख कर कहते हैं। सर ! कैप्टन परीक्षित मित्तल और कैप्टन अभिमन्यु सिंह रायजादा, तो इस एकेडमी की 2018 के बैच के पास आउट इस एकेडमी के एक्स स्टूडेंट रह चुके हैं ।और इसी ईयर के बैच के कैप्टेन परीक्षित बेस्ट कैडेट और कैप्टेनअभिमन्यु सेकंड बेस्ट कैडेट्स रह चुके है ।उन दोनो को अप्वाइंट किया गया हैं? उन्होने उनसे सवाल करते हुए सवालिया नजरो से देख कर कहा।

ब्रिगेडर वाही -: उनका सवाल सुनकर वो स्माइल के साथ कहते हैं। हां सूरी जी! वो दोनो ऑफिसर्स इस एकेडमी के 2018 के पास आउट बेस्ट कैडेट्स अप्वाइंट किए गए हैं ।इस ट्रैनिंग प्रोग्राम के लिए एस ए ट्रैनर।और हमें खुशी हैं।की उन दोनो ने अपनी काबिलायट और स्मार्टनेस से बहुत से मिशन को सफलतापूर्वक सुर लगन के साथ पूरे  करके उन्होंने अपने देश और एकेडमी का नाम रोशन किया है । और बहुत से गैलेंटरी अवार्ड राष्ट्रियपति द्वारा हासिल भी किए हैं। हमें गर्व है।उन दोनो आफिसर्स पर।

सूबेदार.मेजर लोलिता सेन-: सवालिया नजरो से उनकी तरफ देख कर कहती हैं। सर,यह ट्रैनिंग कब से स्टार्ट होंगी?

ब्रिगेडियर वाही -: उसका सवाल का जवाब देते हुए कहते हैं। अगले महीने के मिड में यह ट्रैनिंग प्रोग्राम स्टार्ट हो जायेंगी।डॉ. शामिता गुलाटी की तरफ देखकर हल्की सी स्माइल के साथ कहते हैं ।डॉ. गुलाटी !आपने मेरे सामने एक प्रपोजल रखा था । जो मुझे अच्छा लगा।और मैं आप सबके साथ डिस्कस करना चाहता हूं।

डॉ.शमिता -: उनकी बात सुनकर स्माइल करके हां में सिर हिलाती हैं।

मेजर भार्गव -: उनकी दोनो की तरफ सवालिया नजरो से देखकर कहते हैं।आप कौन सी प्रपोजल की बात कर रहे हो?

ब्रिगेडियर वाही -: उन का सवाल सुनकर, वो स्माइल के साथ कहते हैं।डॉक्टर गुलाटी ने यह सजेशन दिया है। कि कैडेट के लिए हम सबने फिजिकल और मेडिकल ट्रेनिंग तो प्रोवाइड करा दी हैं।पर वो इन सबके चलते वो अपनी हेल्थ ,डाइट का ध्यान नहीं  और मेंटली फिट भी नही रह पाते। और वो सब आर्मी की रफ - टफ ट्रैनिंग करने के बीच अपने आप को मेंटली स्ट्रेस और कमज़ोरी महसूस करते हैं।तो इन सबको फिजिक्स फिटनेस के साथ- साथ मेंटली फिटनेस की जरूरी हैं।तो उन्हे एक अच्छी प्रॉपर हेल्थ की गाइडेंस के साथ मेंटली स्ट्रांग के लिए योगा और मेडिटेशन क्लास की जरूरत हैं।

डॉ. शमिता -:  ब्रिगेडियर वाही के बात खतम होने के बाद वो अपनी बात को आगे रखने के लिए बोलती हैं। मैंने सजेशन दिया हैं।इस एकेडमी के कैडेट्स को फिजिकल और मैडिकल ट्रैनिंग तो दी जा रही हैं।पर वो सब अपनी प्रोपर डाइट न लेने की वजह से ट्रैनिंग के दौरान वो सब अपने आप को वीक और थकान  महसूस करते हैं।और इन सब चीजों की वजह से वो सब मेंटल स्ट्रेस भी रहते हैं।तो मैंने , सर को सजेशन दिया हैं।की इस एकेडमी में एक डाइटवियन हायर किया जाए। जो उनको प्रॉपर हेल्थ रिलेटेड डाइट की गाइडेंस और मेंटली स्ट्रांग करने के लिए योगा और मेडिटेशन की उन सबकी क्लास लेकर उन सबको मेंटली स्ट्रांग बना ने में मदद मिलेगी और वो कैडेट्स इन सबकी वजह से फिजिकल फिट के साथ -साथ मेंटली फिट रह सके।

ब्रिगेडियर वाही-: उसकी बात खतम होने के बात आगे कहते हैं।जब डॉ.गुलाटी ने  मुझे एक अच्छी डायटिशियन और योग एन मेडिटेशन टीचर को हायर करने के लिए कहा तो मुझे उनका सजेशन अच्छा लगा। और मैंने डिसाइड किया हैं।की हम इस एकेडमी में एक अच्छी डाइटशियन को हायर करेंगे जिसे वो कैडेट्स को प्रॉपर हेल्थ से रालेटेड और डाइट की गाइडेंस दें ।उसके साथ  - साथ मेंटली स्ट्रांग बनने के लिए योगा और मेडिटेशन की भी क्लासेज ले ताकि कैडेट्स फिजिकली फिट के साथ -साथ मैंटली फिट रहे।

उनकी बात से वहा पर मौजूद सभी लोग इनकी बात से सहमत होते हैं। थोडी देर एकेडमी  से रिलेटेड और डिस्कशन करते हैं।उसके बाद सब लोग अपने -अपने कैबिन में जाकर काम करने लगते हैं।

वही दुसरी तरफ इन्दौर में

बंसल सदन 

राहुल और पवित्रा अपने कॉलेज से पढ़ाई करके घर आ चुके हैं।

पवित्रा का आज का कैमिस्ट्री का प्रैक्टिकल था और साथ ही उसके साथ असाइनमेंट फाइल सबमिट करनी वो सब कर दिया।उसका प्रैक्टिकल भी अच्छा हुआ। उसका आज सिर्फ़ प्रैक्टिकल के साथ असाइनमेंट फाइल सबमिट करनी थी। इसीलिए वो आज कॉलेज अपने भाई को इनफॉर्म करके वो डॉ. अनन्या के ऑफिस चली गाय। वैसे उसने एग्जाम और प्रैक्टिकलस के लिए जॉब से लीव ली हैं। लेकिन उनको काम था । उसके पास ही अनन्या का फ़ोन आया था। कल सामको। इसीलिए उन्होंने कॉलेज ओवर के बाद मिलने बुलाया था।तो वो कॉलेज से डायरेक्ट उनके ऑफिस चली गई थी।उसने घर पर और अपने भाई राहुल को पहले से ही इनफॉर्म कर दिया था।वो उनसे मीटिंग करने के बाद वो घर पर आकर अपने पेरेंट्स और दोनो भाईयो के साथ टाइम स्पेंड किया और आज कॉलेज में क्या -क्या हुआ वो सब बताया प्रैक्टिकल कैसा गया सब कुछ बता दिया।और उसने डॉ. अनन्या के साथ क्या बातचीत हुई उसके बारे में नहीं बयाया क्योंकि वो मीटिंग कॉन्फिडेशियल थी।

राहुल ने भी कॉलेज में क्या -क्या हुआ सब कुछ बता दिया। शौर्य ने भी सारी बिज़नेस से रिलेटेड अपडेट पुनीत जी को बता दी।वो सब थोड़ी देर एक दूसरे से बातें करने के बाद साथ में डिनर करके अपने -अपने कमरे में चले गए।

शौर्य अपने रुम से अटैचएड स्टडी रूम में  थोड़ी देर काम बिजनेस से रिलेटेड काम करने के बाद वो अपने रूम में बेड पर लेटते ही उसने आंखे बंद की  तभी उसे मॉल में हुई मायरा के साथ टक्कर वाला इंसीडेंट सब कुछ याद आने लगा। उसका बड़ -बड़ करना गुस्से में क्यूट से एक्सप्रेशन बनाना सब कुछ याद करके उसकी दिल की धड़कन तेज हो गई। और सोचते - सोचते उसके चेहरे पर स्माइल आगायी।पर उसे समझ नहीं आ रहा था।की उसका दिल मायरा के बारे में सोचने से क्यों तेज से धड़क रहा हैं? पर उसके बारे में सोचते -सोचने वो नींद के आगोश में चला गया।

राहुल भी अपने रूम में आकर अपनी प्रैक्टिकल और असाइनमेंट फाइल की तैयारी करना स्टार्ट कर दिया जो इस फ्राइडे को फाइल को सबमिट करनी हैं।उसके साथ- साथ उसको प्रैक्टिकल भी देना हैं।तो वो तैयारी करने के बाद बेड पर लेटने के बाद आंख बांध करके वो नींद के आगोश में चला गयाऔर सो गया।

पवित्रा भी अपने रुम में आकर थोड़ी देर स्टडी करने के बाद उसने अपने मोबाइल ऑन करके अपने सोना की फोटोग्राफ निकाल कर अपनी नम आंखों से उस को याद किया और थोडी देर उस की फोटोग्राफ़ को देख कर उस से बातें करने लगी।थोड़ी देर बाद उसकी फोटोग्राफ देखने के बाद अपनी मोबाइल में उसकी फोटोग्राफ पर किस करके मोबाइल बंद करके आंखे बंद करके उसके बारे सोचते -सोचने नींद के आगोश मे चाली गई।

मित्तल निवास

सभी लोग अपना -अपना काम खतम करके अगाये,रचित अपने हॉस्पिटल से अपने रोजाना के टाइम पर आगया था।और वो फ्रेश होकर सभी के साथ डिनर करने बैठ गया।शिवम और मायरा भी अपनी स्टडी खतम करके टाइम से डिनर टेबल पर डिनर करने के लिए आ गए। शांतनु जी,पावनी जी और गौरी जी भी अपने रूम से डिनर के डिनर टेबल पर आकर बैठ गए। निमिषा ने सबको डिनर सर्व करके खुद रचित के वगल में बैठ कर डिनर करने लगी।फिर सबने डिनर किया और साथ में बातें भी को। थोडी देर में डिनर खतम करने के बाद थोड़ी देर बात करके सब अपने रूम में सोने के लिए चले गए।चले गए।

रचित और निमिषा ने रूम में एक दुसरे के साथ प्यार के पल बिताकर एक दूसरे को खूब सारा प्यार करके एक दूसरे की बाहों में सो गए ।

मायरा अपने रूम में आकर थोड़ी देर तक स्टडी की,और अपना होम वर्क पूरा किया जो ऑनलाइन क्लासेज की थ्रो मिला था उसे पूरा करके थोड़ी देर बाद वो थक हारके बेड पर लेट कर जब उसने आंखे बंद की तभी शौर्य के साथ मॉल में हुई टक्कर वाला इंसीडेंट याद आने लगा ।उसका इस तरह से खुद को देख कर खो जाना।और उसकी पालाइटली बोलना, स्माइल करना सब - कुछ आंख बांध करते ही याद आना उसका हैंडसम से चेहरे पर क्यूट सी स्माइल को सोच कर उसके चेहरे पर स्माइल आगायी।उसके बारे में सोचते -सोचते उसका दिल जोरो से धड़कनेत लगा।तभी उसकी आंख अचानक से खुल कर बेड पर बैठ कर अपने दिल को छूकर खुद से सवाल करने लगी।की यह सब क्या हो रहा? क्यों उसके बारे में सोच कर उसका दिल धड़कने लगा।वो काफी देर सोचनेके बाद खुद से सवाल करने के बाद।फिर से बेड पर लेट कर आंखे बंद करके उसके बारे में सोचते - सोचते वो नीद के आगोश में आकर सो गई।

शिवम् अपने रूम में थोड़ी देर स्टडी की क्योंकि उसके इसी आने वाले मंडे से एग्जाम चालू इसीलिए वो अपनी। स्टडी  करने लगा। वैसे वो बहुत बिगड़ा हैं।दोस्तो के साथ पार्टी करना, गर्लफ्रेंड्स बनाके उनके साथ फ्लर्ट करके डेट पर जाना यह सब उसके आयाशी के सोक है।वो रिलेशनशिप को सिरियस नही लेता था।पर अपनी स्टडी के प्रति बहुत सीरियस हैं।उसके अभी तक स्टडी में फर्स्ट आया हैं।और हमेशा की तरह वो लास्ट सैमेस्टर में भी फर्स्ट पोजिशन पर रहना चाहता है। इसीलिए वो स्टडी फुल डैडिकेशनके साथ कर रहा हैं।ऊपर से परीक्षित की डाट और स्ट्रिक्ट क्लास लगाने की वजह से बचने के लिए और भी ज्यादा सीरियसली स्टडी करने लगा। थोड़ी देर स्टडी के बाद बेड पर आकर सोने के लिए लेता और आंखे बंद की तभी पवित्रा के साथ मॉल के चेजिंग रूम में हुआ इंसीडेंट याद आने लगा।उसका गुस्से से लाल खुबसूरत चेहरा सब कुछ याद आने लगा।वो यह सोचते -सोचते उसका दिल धड़कने लगा और चेहरे पर प्यारा सी स्माइल आगयी। तभी उसकी आंख अचानक से खुल गई और वो बेड पर बैठकर खुद से सवाल किया कि यह पवित्रा के बारे मे सोच कर उसका दिल पहली बार जोरो से क्यूं धड़क रहा हैं?उसे उसका सवाल का जवाब खुद से करते नही मिला तो वो थोडी देर अपनी पर्शनल डायरी बेड के बगल में रखी स्टूल पर से उठा कर उसमें लिखे लगा ।अपनी दिल की बात सब कुछ लिखने लगा।यह उसकी आदत थी ।की उसके दिल में जो भी बातें होती हैं।वो सब डायरी में लिखने लगा।थोड़ी देर डायरी लिखने के बाद उसकी आंखे नींद से भारी हो गई और बेड पर आकर लेट कर आंखे बंध करके नींद के आगोश मे चला गया।

वही दूसरी तरफ राजौरी (जम्मू और कश्मीर)

परीक्षित अपना पुरा काम देर रात तक जाग कर खतम करके अपने रूम में आकर अलमीरा से लोअर और टी -शर्ट  निकाल कर बाथरूम मे जाकर फ्रेश होकर बेड पर लेट कर, हर रोज की तरह मोबाईल में परी  की फोटोग्राफ निकल कर देख कर उस नम आंखों से बातें करके फिर उसके मोबाईल में ही उसकी फोटोग्राफ पर ही किस करके मोबाईल बंद करके आंखे बंद करके अपनी परी के बारे में सोचते -सोचते नींद के आगोश मे चला गया।

सब अपने -अपने रुम में बेड पर लेट कर नींद के आगोश मे चले गए और इसी के साथ ऐसे ही आज का दिन निकल गया।

सो रीडर्स आज का पार्ट इतना ही।अगला पार्ट कल प्रकाशित करेंगे।तब तक आज का पार्ट को पढ़िएगा और कॉमेंट करके बतिएगा की आपको कहानी कैसी लगी।