जिसे नजर लगे वो नजराना दे दूं
जिसे तोड़ ना सके वो तारा दे दूं
आकाश में चांद भी तेरा दीदार करता है
तू मिल तो सही ये मेरे यार वो चांद भी तेरे कदमों में लाकर रख दूं
भरोसा वो शब्द है जिसका अजीब रिश्ता है
एक बार हो जाय तो वही होता है
भूल गए है वो लोग जो इसका फायदा उठाते है
धोखा हमने भी उन लोगों से खाया है
जो आज पूछते हैं विश्वास क्यों नहीं करता है