*🔅🔅शुभ प्रभात*🔅🔅
बुधवार - नवम्बर ०३, २०२१
*साझा किया हुआ सुख*
पढ़ें: २ कुरिन्थियों १:३-८
_*हम उस शांति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शांति दे सकें जो किसी प्रकार के क्लेश में हों । २ कुरिन्थियों १:४*_
जब मेरी बेटी हेली मुझसे मुलाकात करने आयी, मैंने उसके तीन साल के बेटे, कैलम को, एक विशेष प्रकार का वस्त्र पहने हुए देखा, जिसे मुझे न खरोंचो(ScratchMeNot) कहते हैं । यह एक लम्बी आस्तीन वाला टॉप है जिसमें दास्ताने जुड़े हुए हैं । मेरा पौत्र पुरानी एक्जिमा से पीड़ित है, त्वचा की एक बिमारी जिसमें त्वचा में खुजली होती है, जिससे वह खुरदरा और पीड़ादायक हो जाता है । "मुझे न खरोंचो(ScratchMeNot) कैलम को अपने त्वचा को खुजलाने और उसे हानि पहुंचाने से बचाता है," हेली ने समझाया ।
सात महीने बाद, हेली की त्वचा भभक गई , और वह खुजलाने से खुद को रोक न सकी । अब मैं समझ सकती हूँ कि कैलम क्या सह रहा है," हेली ने मेरे सामना क़ुबूल किया । "शायद मुझे भी मुझे न खरोंचो(ScratchMeNot) पहनना पड़ सकता है!"
हेली की स्थिति ने मुझे २ कुरिन्थियों १:३-५ की याद दिलायी जिसमें पौलुस कहता है कि हमारा परमेश्वर "दया का पिता और सब प्रकार की शांति का परमेश्वर है । वह हमारे सब क्लेशों में शांति देता है; ताकि हम उस शांति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शांति दे सकें जो किसी प्रकार के क्लेश में हों । क्योंकि जैसे मसीह के दुखों में हम अधिक सहभागी होते हैं, वैसे ही हम शांति में भी मसीह के द्वारा अधिक सहभागी होते हैं ।"
कभी-कभी परमेश्वर हमें बिमारी, हानि या संकट जैसे समय से गुजरने की अनुमति देता है । वह हमें हमारी पीड़ा के द्वारा सबसे बड़ी पीड़ा की सराहना करना सिखाता है जो मसीह क्रूस पर हमारी ओर से सहा । बदले में, जब हम आराम और शक्ति के लिए उस पर भरोसा करते हैं, तो हम उसके दुःख में दूसरों को आराम देने और प्रोत्साहित करने में सक्षम होते हैं । आइये हम इस बात पर ध्यान दें कि हम किसको शांति दे सकते हैं परमेश्वर ने हमें जिस वजह से यहाँ तक पहुँचाया है ।
*विचार करें:* _परमेश्वर ने आपको आपकी पीड़ा के अनुभवों के द्वारा किसको शांति देने में मदद की है? आप किस प्रकार उनकी मदद कर सकते हैं ताकि वे अपने दुःख के द्वारा क्रूस पर मसीह के दुःख की सराहना कर सकें?_
_*🙇♂️प्रार्थना करें : हे परमेश्वर, अपने दुःख में आपकी शांति का अनुभव करने और दूसरों के लिए शांति का श्रोत बनने में मदद करें ।*_
🔹लेखक : अतिथि लेखक
🔸हमारी प्रतिदिन की रोटी : २०२१
🔹कल का पाठ : नीतिवचन ११:२३-२६