Chapter 21 - ch 20

रेन ,के पापा ने रेन ,और उसके प्रेमी ,कि हर जगह खोज की ।

पर उन्हें अभी तक नहीं पता चल पाया है, की उन्होंने वह दोनों कहां है ।

उन्होंने चाल चली Mr Jaiswal को शक नहीं पूरा विश्वास है, रेन, अपने दोस्त हर्ष ,से जरूर बात करता होगा ।

और शायद उसने उन दोनों की कोई जानकारी है ।

उन्होंने अपने आदमियों से कहकर हर्ष, पर नजर रखने के लिए बोला है।

उन्होंने अपने पैसे का इस्तेमाल करके हर्ष का मोबाइल  टाइप करने के लिए बोला है।

उनके आदमी हमेशा हर्ष का पीछा करते हैं।

उन्होंने मिस्टर जैसवाल को बताया हर्ष, उनके बेटे के प्रेमी के छोटे भाई से मिलता है।

वह दोनों दोस्त है।

अब मिस्टर जयसवाल को पक्का यकीन है ,इन्हीं दोनों ने उनके बेटे और उसके प्रेमी कि भागने में मदद की है।

इन दोनों पर नजर रखो उन दोनों की हर हरकत पर नजर रखी जाती है।

वह दोनों कहां मिलते हैं , क्या बात करते हैं, उसके बारे में हर खबर उनके आदमी उनको देते हैं।

एक दिन मिस्टर जैस्वाल मैं एक चाल चली उन्होंने हर्ष, उनके बेटे की प्रेमी के छोटे भाई, को अपने पास बुलाया और उनके सामने बहुत रोने लगे उनसे उनके बेटे के बारे में बताने के लिए विनती की, उन दोनों ने  मना किया कि वह नहीं जानते  कि वे दोनों कहां है।

फिर Mr,जैस्वाल उनको रो-रोकर कहां मैं उनके रिश्ते को स्वीकार कर लूंगा।

उनको अब डरने की जरूरत नहीं है।

वहां लौट कर आजाऐ तो उनकी मैं शादी करवा दूंगा।

मैं उसके प्रेमी को अपने बेटे की तरह रखुगा।

क्योंकि वह मेरा इकलौता बेटा है ,अब मैं उसको खोना नहीं चाहता हूँ।

तुम उसको लौटा दो।

वे दोनों फिर भी मना करते रहे,।

फिर मिस्टर जयसवाल ,ने अपना असली रंग दिखाया

मिस्टर जैस्वाल ,ने उन दोनों को अपने आदमी द्वारा पकड़ लिया ।।

उन्होंने उन दोनों को खूब मारा जब उनको पता चला यह दोनों एक दूसरे के साथ प्यार में है।

केन ,की छोटे भाई के सिर पर बंदूक तान दी और कहां अगर तुझे इससे प्यार है। तो रेन, को फोन लगा और जो मैंने कहा  वह सब काह ,हर्ष डर गया था।

उसने रेन को कॉल किया मिस्टर जयसवाल ने उससे फोन छीन लिया और रोते-रोते नाटक किया बेटा तुम यहां आ जाओ दोनों यहां आ जाओ मैं तुम दोनों को अलग नहीं करूंगा।

हम तुम्हारे शादी करवा देंगे ,तुम बस लौट के आ जाओ रेन, अपने पापा की बातें सुनकर इमोशनल हो गया ,और केन, से इंडिया आने के लिए जिद करने लगा।

केन, को लग रहा था, कुछ तो होने वाला है ।

कुछ तो गलत है, उसने  रेन, को समझाने की बहुत कोशिश की पर रेन, ने एक बात भी नहीं माननी थी

हार कर केन,  ने वैसा ही किया जैसा रेन, ने उसको  कहाँ।

पर उसका पता था।

अब गए तो फिर कभी नहीं लौट पाएगा। वे,रेन, की जीद के आगे कुछ नहीं कर पाया।

रेन, ने उसको इतना मजबूर कर दिया कि वह कुछ बोल भी नहीं पाया।

उसने तुरंत टिकट बुक किए और वह दोनों इंडिया आ गए वह दोनों रेन, के घर गए ।

मिस्टर जयसवाल ने अपने बेटे को दिखा ते ही उसे गले लगा  लिया और  उसके प्रेमी से बहुत अच्छे से बात की।

उसका बेटा सोच रहा था, मेरे पापा कितने अच्छे हैं ।

आखिरकार उन्होंने मेरे प्यार को स्वीकार कर लिया ।

पर केन,  सब कुछ देख रहा था, उसको समझ आ रहा था।

मिस्टर जैसवाल कैसी चाल चल रहे हैं ।

पर वह रेन ,को समझा नहीं पा रहा था।

Mr Jaiswal ,ने अपने बेटे से कहा जाओ बेटा घर जाकर आराम करो ,और अपने प्रेमी को उसके घर जाने दो ,कल हम सब मिलकर उसके घर जाएंगे ।

और आप दोनों की शादी की बात करेंगे।

रेन, खुश होकर आराम करने चला गया।

उसने केन, को देखा और गले लगाया और कहा तुम अपने घर जाओ हम कल मिलेंगे।

रेन के जाते ही मिस्टर जयसवाल ,के आदमीओ ने केन, को किडनैप कर लिया उन्होंने उसे एक गोदाम में बंद कर दिया ।

जहां पर हर्ष, उसका छोटा भाई पहले से ही बंद था।

उन्होंने एक दूसरे को देखा केन, को समझ गया क्या होने वाला है।

Mr Jaiswal अपने बेटे के सामने ऐसे नाटक कर रहे थे, जैसे उन्होंने उसके प्रेमी को पूरे दिल से स्वीकार कर लिया है।

और दूसरी तरफ उसके प्रेमी और उसके दोस्तों को कैद कदखाने में रखा था।

उन सब को कुछ अजीब सा लग रहा था ।

उससे अब लग रहा था। कुछ तो गलत है

( क्या रेन, अपने पापा की चालको वक्त रहते समझ पाएगा ।

क्या वह केन, से एक बार फिर मेरे पाएंगा)

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