श्रीमान प्रेम जयसवाल p o v
रेन, के admission के सिलसिले में मुझे आज बीडब्ल्यू यूनिवर्सिटी जाना है !
मैं अपनी कार में बैठकर के यूनिवर्सिटी के लिए निकलता हू ।कुछ ही देर में हम लोग यूनिवर्सिटी पहुंच जाते हैं ,
मैं गाड़ी उतरता हूं मेरा ड्राइवर कार प पार्क करने चला जाता है।
और मैं यूनिवर्सिटी के अंदर चला जाता हूं, मैं देखता हूं, एक आदमी मेरी तरफ हाथ हिलाता हुआ आ रहा है।
उसने मुझे देखा और कहां श्रीमान, जयसवाल बताइए कैसे आना हुआ?
अगर कुछ काम था।
तो फोन कर लेते
मैं
आजा आपसे मिलने आपने तकलीफ क्यों किया ने की मैं मुस्कुराया और कहा Mr Burma मुझे आपके कॉलेज में बहुत जरूरी काम है,
और आप इस कॉलेज के प्रिंसिपल है,
तो मुझे आपसे मिलना था ।
principal कलियर मिस्टर जयसवाल क्या काम है ?
मैंने उसकी तरफ देखा और कहा प्रिंसिपल सर मेरे बेटे रेहान के एडमिशन के सिलसिले मैं आपसे मिलना चाहता हूं,
आप अपने कॉलेज में मेरे बेटे को एडमिशन दे दीजिए उसने ,मेरी बात पूरी भी नहीं सुनी और बीच में ही काट दिया ़
और बोला हंसते हुए o o Mr Jaiswal आपके जैसे लोगों के बच्चों की तो हमारे कॉलेज को बहू जरूरत है,
समझो आपके बेटे का एडमिशन हो गया बस आप हमारा ख्याल रखना।
मैंने उसकी तरह देखा उसके चेहरे को देखकर ही पता चलता है यह आदमी बहुत कमीनी है मैंने अपनी जेब से चेक बुक निकाली और उससे पूछा बताइए सर कितना डोनेशनकररू,
उसने मुझे देखा और, भोला ज्यादा नहीं बस 50000000 करोड़ रुपए मैंने उसे 6 करोड़ का चेक दिया,
कहां मेरे बेटे को किसी भी चीज की कमी नहीं होनी चाहिए,
उसने मुझसे कहा Mr Jaiswal आपका बेटा मेरा बेटा बराबर है,
आप चिंता ना करें करें यहां उसका पूरी तरह से ध्यान रखा जाएगा ।
मैं मुस्कुराया उसके ऑफिस से बाहर निकल गया,
मुझे जल्द से जल्द घर पहुंच कर यह खुशखबरी रेन को सुनानी थी।
और उसके चेहरे की खुशी देखनी थी।