Chapter 7 - ch 6

अनजान p o v

मैं ,

फेसबुक पर कुछ सर्च कर रहा था।

तभी मेरी नजर एक अकाउंट में जाकर रुकी उस अकाउंट में एक प्यारा सा लड़का था।

उसकी बहुत सारी पिक थी।

मैंने इतना खूबसूरत लड़का कभी नहीं देखा ,

वो लड़का स्वर्ग का देवता लगता है।

उसके लंबे ब्राउन बाल उसकी

,काली बड़ी हिरण की तरह आंखें

,थी उसकी लंबी पलकें थी ,

और दो धनुष के आकार की बॉय थी

उसकी नाक, पतली नोक दार थी।

नाक पर एक छोटा सा तिल था।

उसके गुलाब की पंखुड़ियों की तरह कोमल होट थे ,

उसका रंग दूध की तरह सफेद था।

उस लड़के को देखकर लगता लगता है,

जैसे कोई चित्रकार की कला देखी हो ।

भगवान ने उसे बहुत ही फुर्सत से बनाया है ,

मेरे लिए बनाया है ।

और मैं उसको हर कीमत पर पाकर रहूंगा।

मैं एक ही नजर में उसका दीवाना बन गया ।

मैंने उसे फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट की और उसकी एक्सेप्ट का वेट करने लगा।

आज पूरा एक महीना हो गया है।

उसने उसने मेरी फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट नहीं करिए है,

मुझे लगा शायद वह एफबी कम ही यूज़ करता होगा।

जब मैंने उसको देखा तो,

वह ऑनलाइन था

मुझे यह देख कर कुछ अजीब लगा जब मैंने ,उसके account को देखा तो उसमें एक लड़के के साथ उसकी बहुत सारी फोटोस थी ।

मुझे लगता है ,

यह लड़का उसके बहुत करीब है।

शायद इसीलिए उसने मेरी फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट नहीं की,।

मेरी आंखों में कुछ पानी सा गया ,

और मेरे दिल में कुछ चुभन हुई ,

मैंने गुस्से से उसे एक मैसेज लिखा

Agar Tujhe Meri friend request accept Nahin Karni to mujhe Bata sakta hai Nahin To Main Tujhe block kar dunga ...... message send!

और उसके रिप्लाई का वेट करने लगा !

हेलो दोस्तों ,

मेरा नाम कबीर रॉय ,

है,

मैं फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट हे।

मैं 19 years का हूं।

मेरे पापा एक इंडियन अमेरिकन है।

और मेरी मॉम अमेरिकन है।

मेरा एक छोटा भाई है।

उसका नाम समीर रॉय है ।

वह मेरे से 1 साल छोटा है।

मेरे पापा जब 19 साल के थे,

तब वह इंडिया छोड़कर यूएस आ गए ।

यहां उनकी मुलाकात मेरी मां से हुई।

मेरी मां की एक छोटी थी शॉप थी ।

मेरे डैड उनकी शॉप में पार्ट टाइम जॉब करते थे।

मेरे मॉम डैड ने मिलकर बहुत मेहनत की,

उनकी छोटी सी शॉप को अच्छे से चलाने लगी।

बाद में उन दोनों को प्यार हो गया,

और उन्होंने शादी कर ली उसके बाद मैं पैदा हुआ

और मेरे 1 साल बाद मेरा भाई हमारे आने के बाद मेरे पापा और माँ ने बहुत मेहनत की ।

आज 30 साल बाद हमारे पास कई शॉपिंग मॉल है ।

हमारी कुछ कुछ शाखाऐ इंडिया में भी है।

2 साल पहले मेरी मां की डेथ हो गई,

उसके बाद मेरे पापा इंडिया शिफ्ट हो गए ।

और हम दोनों भाई यहां यूएस मैं ही रह गए।

दोस्तों मैं कबीर यह मेरे प्यार और नफरत की कहानी है।

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