"मैं वास्तव में नहीं चाहती थी।। अअ!" मो जिंगशेन ने उसे चूम लिया।
यह चुंबन उस चुंबन से अलग था जो उसने पहले बहुत ही रूखे ढंग से किया था। एक पल के लिए उसे लगा जैसे उसके शरीर में एक बिजली की लहर दौड़ गई हो। उसका पूरा शरीर शक्तिहीन हो, सिर से पाँव तक ढीला हो गया।
भले ही उसकी शादी को आधा साल हो गया था और पिछली रात उसने पहली बार अनुभव किया, जी नुआन को अभी भी पर्याप्त अनुभव नहीं था। वह कोई प्रतिक्रिया भी नहीं दे पाई। उसने गलती से अपनी जीभ थोड़ी हिला दी, लेकिन इसके बजाय उसके ऊपर चढ़े आदमी ने और भी अधिक गहराई से उसे चूम लिया। यह चुंबन गंभीर और गहरा था, लगभग उसकी साँसों को रोकता हुआ।
जी नुआन ने चक्कर खा अपनी आँखें बंद कर लीं लेकिन अचानक मो जिंगशेन के होंठों को उसने अपने नाजुक कानों की तरफ महसूस किया। उसकी धीमी और भारी आवाज उसके कानों में फुसफुसाई, "अभी लगभग सुबह हो गई है। यदि तुम अभी नहीं सोई, तो आज रात सोने के बारे में सोचना भी मत।"
उसने अपनी आँखें खोली और तुरंत उसकी गहरी अंधेरी आँखों में खोने लगी।
"श्रीमती मो, अगर कल मृत्यु की हद तक दर्द हुआ था तो क्या तुम सुनिश्चित हो कि तुम इसे आज रात संभाल सकोगी?"
जी नुआन ने शुरू में सोचा था कि वे केवल अच्छे से बात करने के लिए लेटेंगे। उसने इस संभावना पर विचार नहीं किया था कि कुछ हो सकता है। हालाँकि, यह सोचने के बाद कि उसने कैसे कल उसे जाने नहीं दिया था, जबकि वह तब तक रोती रही जब तक उसकी आवाज बैठ नहीं गई, उसका शरीर तुरंत पीछे की ओर सिकुड़ गया।
लेकिन उसने यह भी देखा कि मो जिंगशेन ने उसे श्रीमती मो बुलाया था…
इसलिए, उसने आज के लिए जो कुछ भी संघर्ष किया था, वह पूरी तरह से बेकार नहीं था।
चूँकि वह अभी भी श्रीमती मो थी और अपने पूरे जीवन के लिए ऐसी ही रहने की योजना बना रही थी, इसलिए वह इस तरह की बात को कैसे टाल सकती थी?
"दूसरी बार भी उतना दर्द होगा?" उसने पूछा, उसका स्वर कुछ अस्पष्ट था।
उसने स्पष्ट रूप से उम्मीद नहीं की थी कि वह फिर से इस तरह का सवाल करेगी। वह उसे लंबे समय तक घूरता रहा, उसकी आँखें उसे ऐसे देख रही थीं जैसे वह उसे जिंदा खा जाएगा।
एक पल के लिए, उसकी आँखें जी नुआन की गर्दन पर बने चुंबन के निशानों पर पड़ी, जो अभी तक उसकी गर्दन से हल्के नहीं हुए थे ...
मो जिंगशेन को स्पष्ट रूप से याद है कि उसने कामोत्तेजना और क्रोध के कारण उसने कल जी नुआन को कितना तंग किया था।
एक दिन से भी कम समय में, अगर वह फिर से ऐसा करता है, तो वह शायद बिस्तर से हिल भी नहीं पाएगी।
मो जिंगशेन ने भारी आवाज में कहा, "एक आदमी के धैर्य की परीक्षा मत लो। मैं तुम्हें आज रात के लिए छोड़ता हूँ। यदि तुमने कल भी मेरे आलिंगन में बंधने का साहस किया, तो तुम स्वयं ही परिणाम अनुभव कर सकती हो।"
जी नुआन चुपचाप उसकी बाँहों में समा गयी।
"सो जाओ।" मो जिंगशेन ने उसका सिर धीरे से दबाया।
जैसे ही वह बिस्तर से उठने वाला था, जी नुआन ने अपनी बाँहों को उसके गले पर झट लपेट लिया।
"मैं यहीं सोऊँगी जहाँ तुम हो!"
उस युवती को घूरते हुए मो जिंगशेन की आंखें गहरी हो गईं, जिसके चेहरे पर दृढ़ निश्चय और थोड़ी-सी लज्जा थी।
वह उसे तब तक घूरता रहा, जब तक वह उसकी निगाहों को और नहीं झेल पायी। उसने जल्दी से अपने हाथों को उसकी गर्दन से हटाया और अपने चेहरे को ढंकने के लिए कंबल को पकड़कर उसकी नज़रों से छिप गई।
वह मुस्कराया। "अगर तुम्हें शर्म आ रही है तो अपने कमरे में वापस जाओ।"
"नहीं जाना चाहती! मैं यहीं सोऊँगी जहाँ तुम हो!" जी नुआन ने कंबल के अंदर से नाखुश होकर कहा।
अंत में, उसके व्यक्तित्व के परिवर्तन को नजरअंदाज करने में असमर्थ, मो जिंगशेन वापस लेट गया। उसकी नजर जी नुआन पर टिकी थी जो अभी भी कंबल के अंदर छिपी हुई थी।
कमरा अचानक शांत हो गया।
जी नुआन ने धीरे से कंबल नीचे किया।
जैसे ही उसने आँखें उठाईं, उसने मो जिंगशेन को अपनी तरफ लेटा पाया, उसकी स्पष्ट आँखें उसे ही देख रही थीं।
जी नुआन उसके देखने के अंदाज से शर्मा गई और उसने धीरे से पूछा, "तुम सो नहीं रहे हो?"
"तुम यहाँ लेटी हुई हो। मैं कैसे सो सकता हूँ?"
जी नुआन ने सचेत रूप से अपने बिस्तर पर नज़र डाली। "बिस्तर छोटा नहीं है। यह मुख्य बेडरूम में बिछे बिस्तर के समान है। मैं अगर यहाँ सोती भी हूँ तो भी तुम्हारी जगह नहीं लूँगी! तुम यहाँ क्यों सो नहीं सकते?"
उसकी बातें सुनकर मो जिंगशेन मुस्कुरा दिया।
"तुम क्या देख कर मुस्कुरा रहे हो?" जी नुआन ने सोचा कि वह अभी भी उसकी ईमानदारी पर संदेह कर रहा था और कंबल के नीचे उसके करीब चली गयी, यह जताते हुए कि वह अब उससे अलग होने की योजना नहीं बना रही है।
"जी नुआन," उसने अचानक उसका नाम पुकारा। उसकी आवाज धीमी और भारी थी।
"एन?"
"तुम्हें शुरू से ही इसके बारे में पता होना चाहिए था।"
जी नुआन जानबूझकर उसके करीब झुक गयी और उसके शब्दों को अनसुना करने का फैसला किया। उसे डर था कि अगर उसने मो जिंगशेन की कोई भी बात और सुनी, तो वह उसे इस हद तक चिढ़ाएगा कि वह सो भी नहीं पाएगी।
उसकी इस हरकत के कारण, मो जिंगशेन ने अचानक उसकी ठोड़ी हो पकड़, उसे एक गहरा चुंबन दे दिया। उसने केवल तब उसे छोड़ा जब वह साँस लेने के लिए संघर्ष करने लगी।
अगर वे थोड़ी देर और चूमते रहते, तो वह दोनों आज रात थोड़ा सा भी आराम नहीं कर पाते।
जी नुआन को इस हद तक चूमा गया था कि उसके कान लाल हो गए थे। वह बिस्तर के अंदर असहज रूप से खिसकने लगी तभी मो जिंगशेन अचानक बिस्तर से उतर गया।
वह हाथों में कम्बल पकड़ तेजी से उठ बैठी। "तुम कहाँ जा रहे हो?"
मो जिंगशेन बिना पीछे मुड़े स्नानघर में घुस गया, केवल एक शब्द उसकी तरफ बोलते हुए, "नहाने!"
जी नुआन एक पल के लिए असमंजस में या गयी।
"क्या उसने अभी अभी स्नान नहीं किया था? फिर से क्यों स्नान करने गया?"
बाथरूम में काफी देर तक पानी की आवाज आने के बाद ही वह समझ पायी।
लाल चमकते चेहरे के साथ, वह हँस पड़ी। वापस लेटते हुए, उसने कंबल को गले लगा लिया, जिसमें मो जिंगशेन की ठंडी और साफ गंध थी।
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सुबह के छह बजे प्रकाश के आगमन से धीरे धीरे धुंध छँटने लगी।
जी नुआन अपने पिछले जीवन के बारे में एक दुःस्वप्न से जागते हुए, हड़बड़ी में बिस्तर पर उठ बैठी।
बिस्तर पर उसके बगल की जगह पहले से ही खाली थी। कमरे का सन्नाटा उसके दिल को खाली महसूस करवा रहा था। वह कंबल को एक तरफ धकेलने के लिए झपटी, लेकिन क्योंकि उसकी गति बहुत तेज थीं, वह लड़खड़ा गई और उसे अपने बगल में किताबों की अलमारी को पकड़ना पड़ा।
सामने से दरवाजा खोले जाने की आवाज आई। जिस क्षण जी नुआन ने अपना सिर उठाया, उसने देखा कि मो जिंगशेन वहाँ पहले से ही पूरा तैयार होकर खड़ा था।
उसे अभी अभी नहाए हुए देख ऐसा लग रहा था कि वह थोड़ी देर पहले ही उठा था। उसने एक शर्ट और लंबी पैंट पहनी थी, जो साफ और स्वच्छ दिख रही थी।
"बीमार महसूस कर रही हो?" मो जिंगशेन ने देखा कि जी नुआन की त्वचा लगभग पारदर्शिता की कगार तक पीली पड़ी हुई थी और वह उसकी ओर चल कर गया।
जी नुआन केवल उसे घूर रही थी। जब वह निकट आया और जब उसने चिंता में उसके माथे पर हाथ रखा, तब भी वह उसकी हरकतों को बस देखती रही।
तो कल जो कुछ भी हुआ वह सपना नहीं था।
मो जिंगशेन ने उसके टकटकी लगाए रखने के कारण अपना हाथ पीछे कर लिया। अतीत में, वह हमेशा उसके स्पर्श से ऐतराज करती थी। शायद वह कल रात किसी दु:स्वप्न के कारण इतना अजीब व्यवहार कर रही थी?
क्या वह आखिरकार जाग गई थी? क्या अब वह फिर से तलाक के लिए जोर देने लगेगी?
"चक्कर आ रहा है?" वह उसे फिर से छूने के लिए आगे नहीं बढ़ा। "हो सकता है कि कल के घाव का कुछ दुष्प्रभाव हुआ हो। आज एक सी टी स्कैन करा लो। मैं आंटी छें को तुम्हारे पास कपड़े बदलने में तुम्हारी मदद करने के लिए भेजता हूँ।"
अपने शब्दों को समाप्त करते हुए, मो जिंगशेन उदासीनता भरी आँखों के साथ जाने के लिए मुड़ गया।
"मो जिंगशेन!" जी नुआन ने अचानक बिना सोचे-समझे उसे आवाज लगायी।
वह अभी पलटा ही था जब जी नुआन अचानक उसकी बाँहों में भाग कर आ गयी।
चौंककर मो जिंगशेन ने अनजाने में उसे अपनी बाँहों में लपेट लिया। फिर भी उसकी बाहों में जकड़ी महिला अपनी बाहों से उसकी कमर को कस कर जकड़ते हुए। खुद को उसकी बाहों में दबाती रही|
नीचे उसके छोटे से सिर को देखने से पहले मो जिंगशेन,अचानक से उसके गले लगने के कारण दो सेकंड के लिए स्थिर हो गया। उसके सर पर हाथ रखते हुए, उसने धीरे से उसे थपथपाया। "अगर तुम अच्छा महसूस नहीं कर रही हो, तो हम अस्पताल जाएँगे, एन?"
जी नुआन कुछ नहीं बोली। उसके शरीर पर साबुन की गंध को अपनी साँसों में समाते हुए, उसने कसकर मो जिंगशेन को गले लगाना जारी रखा।
"कोई बुरा सपना था?" उसने पूछा।
"एन।" जी नुआन ने अपनी तंग पकड़ को जारी रखा, वह उसे जाने देने को तैयार नहीं थी। वह भारी आवाज के साथ बोली, "मैंने सपना देखा कि तुम मुझे अब और नहीं चाहते। एक बार जब तुम गए, तो दस साल तक नहीं लौटे। उसके बाद, तुमने दूसरी महिला से शादी भी कर ली।"
वह अभी अभी उठी थी, इसलिए उसकी आवाज नरम और निर्भरता से भरी थी। उसका इस प्रकार लाड़-प्यार से बिगड़ी हुई महिला के जैसी हरकत करना एक दुर्लभ घटना थी।
मो जिंगशेन ने कम आवाज़ में बोलते हुए उसका सिर दबाते हुए कहा, "बेतुकी चीजों के बारे में मत सोचो। मैं कभी भी तुम्हारे अलावा किसी और से शादी नहीं करूंगा।"
जी नुआन ने अपने चेहरे को उसके आलिंगन में छिपा लिया और आगे बहस नहीं की।
चाहे उसका पिछला जीवन कैसा भी रहा हो, इस जीवन में, वह उसे फिर से खोना नहीं चाहती थी!
"क्या तुम्हारा सिर अभी भी दर्द कर रहा है?"
"दर्द नहीं हो रहा है। पहले, जब मैं उठी थी, तो मैं बहुत जल्दी से खड़ी हो गयी थी और मुझे चक्कर आ गया था। अब सब ठीक है।"
"आंटी छें ने पहले ही नाश्ता बना लिया है। जाओ, हाथ मुँह धो कर खा लो।"
"ठीक है।"