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Chapter 47 - उसकी चाल देखी जा सकती है (7)

वो ऐसे स्थिर गई जैसे कोई एक्यूपंक्चर करवा रही हो और सही जगह पर उसे दबाया गया हो। 

आधे मिनट के बाद भी उसने कोई प्रतिकिया नहीं दी इसलिए गु यूशेंग ने अपने सिर को धीरे से हिलाया और कहा,"तीन बजे कैसा रहेगा ?" 

वास्तव में, किन को गु यूशेंग ने शब्द कहे उनका मतलब समझ नहीं आया, उसने सोच समझ कर सिर हिलाया जब गु यूशेंग ने उससे पूछा कि वो इसके साथ ठीक है। 

अपना सिर हिलाते हुए बिना कुछ कहे वहां से चली गई।

वह कुछ देर तक मूर्तिकला की तरह नीचे रही, फिर आखिरकार उसे होश में आ गई।

"कब?"

"लगभग तीन बजे कैसे रहेगा ?"

किन अपने शब्दों को एक लाख बार दोहराया, फिर हंसने लगी।

किन ने उसका निमंत्रण स्वीकार कर लिया था ... क्या उसका मतलब था कि गु के मन में उसके लिए विशेष भावनाएं थीं? यदि नहीं, तो वह उसका पता पूछे बिना उसे घर क्यों ले जाएगा ? 

उस पल, वह खुशी-खुशी घर लौटी, मानो सारी दुनिया उसकी हो गई हो। यहां तक की मुलाकात की तारीख के दो दिन पहले किन ने अपनी अलमारी खोली और उस में से पोशाक चुनने लगी उस दिन पहनने के लिए। 

इतने साल बीत जाने के बाद भी, किन जहीए को याद था कि वह उस समय कितनी खुश थी।

जब किन ने पलंग के कोने के मेज पर गु यूशेंग की हाई स्कूल ग्रेजुएशन की तस्वीर को घूर रही थी और उस रात के बारे में सोचा जब वो अपने कम्बल को पकड़े सपनों में हंस रही थी, तब वो अपने आप को हंसने से रोक नहीं सकी। 

उसने महसूस नहीं किया कि वो ग्रेजुएशन की तस्वीर को उठाने के लिए आगे आई, लेकिन अचानक से किसी ने उसकी कलाई को पकड़ा, इससे पहले कि वो पलंग के किनारे में पड़े मेज तक पहुंचती। 

किन जहीए हैरान हुई और उसने अपनी नजरों को तस्वीर से हटा कर उन हाथों को देखा, जिसने उसकी कलाई को पकड़ लिया था। उसे थोड़ा गुस्सा आया, उसकी नजरे हाथों से होते हुए बाहों तक गई और उसने गु यूशेंग के उदास चेहरे को देखा। 

वह थोड़ी देर के लिए स्तब्ध रह गई, लेकिन झट से शांत हो गई जब उसने उसके हाथ में अदरक की चाय देखी।

गु, गु यूशेंग, क्या वह मुझे देखने के लिए ऊपर आया था? वह कब अंदर आया? मुझे कुछ भी सुनाई क्यों नहीं दिया ? 

जब यह सब विचार उसके दिमाग में आ रहे थे उसे अचानक से याद आया कि उसके कान में एयर बड्स है। 

उसने कभी सोचा था कि वो इतनी गुमसुम हो सकती थी। इस समय उसे नहीं पता था कि उसकी इस प्रतिकिया को गु ने देखा भी है या नहीं। अगर उसने देख लिया है तो उसे पता चल जाएगा कि को बीमार होने का सिर्फ नाटक कर रही थी। 

किन जहीए ने डर के मारे एयर बड्स को अपने कानों से बाहर निकाला। क्योंकि उसे नहीं पता चला कि गु यूशेंग कब अंदर आया था, उसमें कुछ कहने की हिम्मत नहीं थी। हालांकि उसकी कांपती हुई उंगलियों ने उसकी भय और चिंता को प्रकट किया।

करीब आधा मिनट तक कमरे में सन्नाटा रहा। किन जहीए ने एक कोमल ध्वनि सुनी, फिर अपनी आंखे खोली और उसे बेड साइड टेबल पर कप रखते हुए देखा।

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