सु कियानक्सुन लॉन्ग के बाहों पर बुरी तरह चिपक गई और उसके हाथ को खींचना चाहती थी। लेकिन लॉन्ग सिजु उसे ऐसा नहीं करने देता। वो अपने निजी जगह को अपनी उंगलियों से धोती रही। उनके शरीर एक दूसरे के करीब थे। लॉन्ग की साँसे और ज़्यादा तेज़ और भारी हो गयी।
" क्या ..क्या.. आपने पूरा कर दिया ?" युवा महिला रोने वाली थी , क्योकि यह सहने योग्य नहीं था। उसकी टांगे लड़खड़ाने लगी और वो लगभग अपने घुटनो के बल गिर गयी।
लॉन्ग सिजु ने अपनी मजबूत बाहें को उसके चारो ओर लपेट दिया। उसने आखिरकार उसे बाथरूम की दीवार की ओर धकेल दिया और उसे सिरेमिक टाइलों से झुक के खड़ा कर दिया। उसके हाथ की हरकत और जोरदार हो गई। सु कियानक्सुन को बहुत ज़्यादा प्रसन्नता महसूस हुई और पहल से हैरान थी।
लॉन्ग सिजु अपने पेट के बल पर लेट गया और क्योकि वो इतना उत्साहिक था उसने थोड़ी देर में ही एजकुलेटेड कर दिया .
युवती का शरीर पहले से ही लड़खड़ा रहा था , इसलिए लॉन्ग सिजु ने उसे उठाकर बाथरूम से बाहर निकाला और बिस्तर पर बिठा दिया। लॉन्ग सिजु के उसके निजी जगह को दुलारने के कारण सु कियानक्सुन को बेचैन कर दिया था। उसके बालो के कुछ गुच्छे पानी से भीग गए कर उसके छोटे , पीले चेहरे पर चिपक गए था। घबराहट में उसने अपने नीचले होठो को दबाया। इस समय , लॉन्ग सिजु को सु कियानक्सुन हर छोटी बात आश्चर्य रूप से मोहक लग रही थी।
लॉन्ग सिजु ने उसकी गीली शर्ट को उतारा , जिससे उसका ऊपर का शरीर प्रकट हुआ जो पट्टों के निशान से भरे हुए थे। वो घाव इतने गंभीर नहीं थे , लेकिन नज़ारा किसी भी भयंकर रूप से कम नहीं था।
लॉन्ग सिजु ने उसको देखने की हिम्मत नहीं की। उसे डर था कि काबू नहीं रख सकेगा। उसके शरीर की हालत को दखते हुए , उन दोनों का सम्भोग करना असुविधाजनक होगा। अगर उसने अपनी नज़रे नहीं घुमाई ,उसे अपने संयम को कुछ हद तक नियंत्रित करना होगा।
लॉन्ग सिजु ने तौलिये को उठाया। वो युवती को कुछ साफ कपड़े पहनने में उसकी मदद करने से पहले उसके गीले शरीर को सुखाना चाहता था। जैसे ही उसने तौलिये से उसके शरीर को रगड़ा , तौलिये पर कुछ लाल निशान दिखा। इसके बारे में पता किये बिना , कि खून कहा से निकल रहा है और तुरंत ही उसने तौलिये से सोख लिया।
सु कियानक्सुन ने जल्दी से बगल में पड़े कम्बल को खींच कर अपने शरीर को ढक लिया और विशेष रूप से अपने चेहरे को। वो वास्तव में उम्मीद कर रही थी कि वो इस दुनिया से अभी के अभी गायब हो जाये , जिस तरह से उसने बाथरूम में पहले से ही अपने प्रियतम वस्तु के लिए प्रतिकिया दिखाई थी।, वो शर्मनाक थी !
लॉन्ग सिजु अब आत्म-नियंत्रण को चुनौती नहीं देना चाहता था। उसने खड़े होकर गहरी सांस ली और थोड़ी देर के लिए वहाँ से चला गया।
जैसे ही कमरे से बाहर निकला, युवती ने उसके कदमों की आहट को सुना।थोड़ी देर बाद , आखिरकार उसने कंबल से धीरे-धीरे अपना सिर बाहर निकालने की हिम्मत जुटायी। हालाँकि, जैसे ही उसने अपनी आँखें खोलीं, लॉन्ग सिजु कमरे में लौट आया था।
उसने तुरंत अपना सर कम्बल के अंदर फिर से छुपा लिया। इस बार उसने कसम खाई कि जब तक वो यहाँ से चला नहीं जाता , वो अपना चेहरा नहीं दिखायेगी।
सु कियानक्सुन ने पलंग के बगल में कदमों की आहट के साथ किसी चीज़ के फटने और कागज की सरसराहट की आवाज़ सुनी। इससे पहले की वो अनुमान लगा पाती कि क्या हो रहा था , लॉन्ग सिजु ने कंबल के हिस्से से उसके निचले शरीर को ढंक दिया।
युवती को अहसास हुआ कि उसका जुकाम बढ़ गया था। जिस पल लॉन्ग सिजु ने उसको टांग को पकड़ा , सु कियानक्सुन ने अपनी शांति को खो दिया।
" मुझे जाने दो ! मेरा पहले से ही मासिकधर्म चल रहा है और तुम फिर भी संभोग करना चाहते हो ! क्या तुम एक जानवर हो ? जैसे ही सु कियानक्सुन ने अपने ऊपर से कम्बल को हटाया , उसने अपनी टांग को घबराहट में चौड़ी की और गलती से लॉन्ग को टक्कर मार दी।
जब सु कियानक्सुन ने देखा कि लॉन्ग ने महिला की पैंटी पकड़ी हुई थी जिस पर सैनिटरी पैड चिपका हुआ था और उसके सामने उदास सा चेहरा बनाये खड़ा हुआ था , तब सु कियानक्सुन को अहसास हुआ कि उसने लॉन्ग के इरादे को गलत समझा था।
"उफ़ , मैं गलती से सो गई थी अभी अभी। मैं शायद नींद में चल रही थी !" युवती ने तुरंत अपने सर को कंबल से ढक दिया और ऐसा दिखाया कि वो सो रही थी।
लॉन्ग सिजु उसे उपर खींचना चाहता था और उसके कूल्हे पर इतनी जोर से थप्पड़ मारना चाहता था। लेकिन जब उसने उसकी अभी की तबियत के बारे में सोचा , उसने अपने गुस्से को थोड़े वक़्त के लिए दबा लिया ।
लॉन्ग ने उसे उसकी पिण्डली से जकड़ा , अपने करीब खींचा और उसे उसकी पैंटी को पहना दिया।
लॉन्ग सिजु उसके पलंग के पास बड़ी देर तक खड़ा रहा , लेकिन सु कियानक्सुन ने कसम खाई थी कि जब तक लॉन्ग उसके आस पास रहेगा वो खुद कम्बल के अंदर छुपी रहेगी। दस मिनट से भी ज़्यादा समय के बाद , उसने आखिरकार युवा मास्टर के कदमों की आहट सुनी जैसे ही वो वहाँ से चला गया।
जैसे ही लॉन्ग वहाँ से गया , सु कियानक्सुन अपने चेहरे से कंबल को हटाया और राहत की सांस ली।
…..
सु कियानक्सुन को अगले दो दिनों के लिए कैंपस नहीं जाना था , क्योकि कल और परसो शनिवार और रविवार था। उसने गु मियां को फ़ोन करके बताया कि वो ठीक है , ताकि उसके दोस्त को अब उसकी चिंता न करनी पड़े।
फ़ोन रखने के बाद , बोरियत को दूर करने के लिए वो बगीचे में सैर करना चाहती थी।
जब वो बगीचे के पीछे से घुसी तो क्यूई मिन के साथ टकराई जो अभी अभी सप्ताह के अंत में घर आई थी ।
सु कियानक्सुन ने क्यूई मिन पर ध्यान नहीं दिया, संघर्षों से बचने की उम्मीद से। हालांकि क्यूई मिन के मन में ऐसी कोई भी बात नहीं थी।