Chereads / यंग मास्टर गु, प्लीज बी जेंटल / Chapter 291 - मिस्टर गू, तुम्हारे सिर पर एक चाकू रखा हुआ है। तुम्हें सावधान रहना चाहिए कि कहीं यह गिर ना जाए।

Chapter 291 - मिस्टर गू, तुम्हारे सिर पर एक चाकू रखा हुआ है। तुम्हें सावधान रहना चाहिए कि कहीं यह गिर ना जाए।

टैंग मोर को अब उसके लिए बुरा महसूस नहीं हो रहा था। यह आदमी मूड खराब करने में माहिर था!

गू मोहन ने जल्दी से नूडल्स का कटोरा समाप्त कर दिया था । उसने सूप के पूरे कटोरे को भी पी लिया था और कटोरे को नीचे रख दिया था । ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वह संतुष्ट हो गया था।

"मैं जा कर बर्तन धो लेती हूँ।"

गू मोहन ने अपनी मर्दाना की बाँह को फैलाया और उसकी पतली कमर को पकड़ लिया। बिना ज़्यादा ताकत लगाए उसने उसे अपनी बाहों में खींच लिया। अपने सिर को उसकी गर्दन में दबा दिया और उसकी सुगंधित गंध को सांस द्वारा अंदर खींचा "बर्तन कल धो लेना।"

असावधान होने के कारण टैंग मोर उसकी मर्दाना जांघों पर गिर गयी और उसने थोड़ा सा संघर्ष करते हुए उठने की कोशिश की। हालांकि उसने गलती से उसकी बाईं छाती पर लगी चोट को छू दिया था।

वह दर्द से कराह उठा।

थोड़ा झिझकते हुए टैंग मोर रूक गयी उसने याद करते हुए कि जुन चुलिन ने उसकी छाती पर एक मुक्का मारा था कहा "मिस्टर गू क्या तुम्हारी चोट फिर से खुल गई है? मुझे देखने दो।"

प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा किए बिना उसने अपनी नाजुक बाँहों को फैलाया और उसका कोट खोल दिया जिससे पता चला कि उसके अंदर हरे रंग का बुना हुआ स्वेटर पूरी तरह से खून में लथपथ था।

उसके कोट ने एक आवरण का काम किया था और उसके इतने सामान्य रूप से व्यवहार करने के कारण कोई यह बता नहीं सकता था कि उसके सीने में चोट लगी थी।

टैंग मोर घबरा कर हाँफी और बोली "गू मोहन तुम्हारा घाव फिर से खुल गया है, तुमने किसी को क्यों नहीं बताया?"

गू मोहन ने एक हाथ से उसकी पतली कमर पकड़ ली और छेड़ते हुए मुस्कुरा दिया "अगर तुम अपने लिए लड़को की तलाश करना और अन्य पुरुषों को उकसाना बंद कर दोगी तो मुझे कम चोटों को झेलना पड़ेगा।"

उसकी अभी अस्पताल से छुट्टी हुई थी और जुन चुलिन के मुक्कों और भी गंभीर चोटें का कारण बना गए थें। हालांकि फिर भी उसने एक शब्द कहे किए बिना कारघालिक के चारों ओर उसे पीठ पर घुमाने का प्रयास किया। उसे अपने जीवन का कोई परवाह नहीं थी।

और अब वह उस बात का मज़ाक उड़ा रहा था! जिस बात को लेकर वह बहुत नाराज़ था!

"मैं दवा का डिब्बा ले कर आती हूँ और तुम्हारे घाव की फिर से पट्टी कर देती हूँ।"

बहुत जल्दी वह दवा के डिब्बे को ले आई और वही फीकी रोशनी के नीचे गू मोहन सोफे पर सीधा होकर बैठ गया और उसका ऊपरी शरीर नग्न था। उसकी पूरी तरह से धूप में तपी हुई त्वचा एक स्वस्थ चमक बिखेर रही थी साथ ही साथ उसका तना हुआ पेट एक मजबूत छह पैक शरीर को उजागर कर रहा था। इसके विपरीत उसकी मर्दाना छाती में एक खूनी जख्म था जो खुले रूप से फट गया था और जिससे ताजा खून गहराई से बह रहा था।

टैंग मोर ने खून को साफ करने के लिए कॉटन बड का इस्तेमाल किया और उसने उस पर पट्टी लगाने से पहले घाव को साफ करके कुछ दवा लगाई।

"क्या इसमें दर्द हो रहा है?"

वह उसके लिए चिंतित थी और उसकी लंबी पलकें चारों ओर फड़फड़ा रही थीं क्योंकि वह अपनी उंगलियों को एक साथ घुमा रही थी और वह दयनीय महसूस कर रही थी। गू मोहन को मोर को अपने लिए चिंतित होता देखकर काफी खुशी मिल रही थी।

"इसमें दर्द हो रहा है।"

"सच में? क्या मेरे बाहर जाऊँ और कुछ दर्द निवारक दवाएं खरीद कर तुम्हारे लिए ले आऊँ?"

टैंग मोर मुड़ी, वह वहाँ से जाना चाहती थी लेकिन वह ऐसा नहीं कर सकी। उसकी लंबी टाँगें खुली हुई थीं और वह उन दोनों के बीच खड़ी हुई थी उसने उसकी टांगों को अपनी मर्दाना जांघों के बीच रखा हुआ था और वह हिल नहीं पा रही थी । तभी उसने उसके शरीर को करीब खींच लिया।

जब उसने महसूस किया कि वे एक संदिग्ध स्थिति में थे तो उसका सुंदर चेहरा लाल हो गया और उसकी लम्बी पलकें कांप गईं । उस समय उसने उसे धीरे से सहलाते हुए कहा, "तुम क्या कर रहे हो?"

आह।

वह जिस तरह से गुस्से के साथ युवा भावनाओं से भरा अभिनय कर रही थी। इसने उसे और भी मोहक बना दिया था ।

गू मोहन ने उसकी ओर देखा "मैं दवाई की दुकान में मिलने वाली दर्द निवारक दवाई नहीं खाना चाहता । मैं तो तुम्हारे मुंह में मौजूद दर्द निवारक खाना चाहता हूँ। इसे मुझे खिला दो।"

उसके मुंह में दर्द निवारक है?

वक्त को रोक लेने वाली उसकी गहरी और सीधी नज़र को देखते हुए टैंग मोर को याद आया कि जब वे गाड़ी में थे तब कैसे उसने कहा था कि वह कुछ खाना चाहता है ... यह इश्कबाज़ बदमाश!

टैंग मोर ने उस पर ध्यान ना देने के इरादे से अपनी पतली कमर को मोड़ा लेकिन उस अत्याचारी ने पूरे नियंत्रण के साथ उसकी कमर को पकड़ लिया और उसने धीमी और भारी आवाज़ में उसे पूकारापुकारा "मोर।"

मोर।

टैंग मोर ने जब उसे अपना नाम कहते सुना तो उसका दिल पिघल गया। उसके गोरे हाथों ने धीरे से उसके छोटे बाल को छुआ जबकि वह उसके होंठो को चूमने के लिए उसकी तरफ झुक गई।

उसके होंठ को चूमते हुए उसकी छोटी जीभ गू के होंठो को धक्का देते हुए उसके चाहत से भरे मुंह में अंदर सरक गयी। 

गू मोहन की साँस भारी हो गयी। वह बस अपनी जीभ को उसकी जीभ के साथ गूंधना चाहता था और अपने होठों को फिर से उसके होंठो में दफन कर देना चाहता था।

टैंग मोर ने बस समय रहते ही अपनी जीभ बाहर निकाल ली। उसकी आँखों में बेताब और निर्विवाद वासना को देखते हुए वह हँसते हुए उसके कंधे पर झुक कर बोली "मिस्टर गू तुम्हारे सिर पर चाकू रखा हुआ है तुम्हें सावधान रहना चाहिए कि कहीं यह गिर ना जाए। [यह एक कहावत है जिसके मुताबिक कामुक गतिविधियाँ कड़वे परिणाम पैदा कर सकती हैं]।

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