टैंग मोर ने अपने दिल की गहराई से उत्पन्न होने वाली एक बेकाबू उदासी को महसूस किया। वह चीजों को जल्दी से खत्म कर देगी और उसे जाने देगी।
उसका भविष्य निश्चित रूप से उसके बिना रोमांचक होगा।
टैंग मोर ने एक गहरी सांस ली और उसकी आँखों में सीधे देखा। "गू मोहन कृपया तुम मुझे तंग करना बंद करो? मैं स्वीकार करती हूँ कि मैं हमारे रिश्ते की शुरुआत में तुमको पसंद करती थी क्योंकि तुम अमीर, प्रभावशाली, सुंदर और रोमांचक थे। मैंने तुम्हारे द्वारा संरक्षित और लुभाने जाने के एहसास का खुब आनंद लिया। ईमानदारी से कहूँ तो गू मोहन की महिला बनना कुछ ऐसा था जिसे पृथ्वी पर कोई महिला मना नहीं कर सकती थी। लेकिन अब तुम लू क्यूईयर के मंगेतर हो। तो तुमको यह विश्वास कहाँ से मिला कि मैं स्वेच्छा से तुम्हारी गुप्त प्रेमिका बनना चाहूँगी? "
गू मोहन का चेहरा काला पड़ गया। यहाँ तक कि उसके पतले होंठ भी मुरझा गए जिससे उसके चेहरे पर एक उदासीन भाव पैदा हो गया।
टैंग मोर ने उसे देखकर निर्ममता से कहा "तुमने युवा मास्टर जुन को देखा। वह तुम से किसी मामले में कमतर नहीं है। तुम्हारी गुप्त प्रेमिका के रूप में रहने के बजाय मुझे राजनीतिक गलियारों की प्रथम महिला बनने का विकल्प क्यों नहीं चुनना चाहिए? "
गू मोहन ने उसे घूरा। कुछ पलों के बाद उसने अपने होंठ हिलाए "तो अब तुम मुझे बता रही हो कि तुमको मुझसे प्यार नहीं हुआ था बल्कि मेरे प्रभाव और शक्ति से था? अब जब तुमको मुझसे बेहतर मिल गया है तो तुम मुझे छोड़ने वाली हो?"
टैंग मोर की आँखें पूरी तरह से लाल हो गयी थीं वह जानती थी कि एक बार उसने सिर हिलाया तो उसे फिर कभी भी उसके साथ रहने का मौका नहीं मिलेगा।
खुद को सीधे उसकी ओर देखने के लिए मजबूर करते हुए उसने हल्के से अपना सिर हिलाते हुए कहा "हाँ।"
उसके कोट के खिलाफ रात की हवा चल रही थी और शहर की नियोन रोशनी के द्वारा उसकी लंबी आकृति बढ़ गयी थी। एक अंधेरी छाया ने उसकी आँखों को ढँक लिया था और वह उसके चेहरे के भावों को नहीं देख पा रही थी। अंत में उसने अपने सूखे फटे होंठों का एक कोना उठाया। "हा, ठीक है टैंग मोर। अगर मैं कभी भी तुम्हारे पास वापस आऊ तो मैं एक सस्ता आदमी होऊंगा।"
गू मोहन अपनी कार में लौट गया और उसे खोलकर अंदर बैठ गया। एक्सीलेटर पर कदम रखने के बाद रोल्स-रॉयस फैंटम तेज़ से औझल हो गई ।
वह चला गया।
इस बार वह वास्तव में चला गया था।
उनका रिश्ता खत्म हो गया था।
टैंग मोर ने रोल्स-रॉयस फैंटम को गायब होते हुए देखा । उसने आखिरकार खुद को एक बेजान और कोमल मुस्कान दी।
गू मोहन मेरे बारे में चिंतित मत हो जाओ और मेरे बिना एक शानदार जीवन जियो। धरती पर बहुत सारी योग्य महिलाएं हैं। तुम्हें निश्चित रूप मुझसे बेहतर कोई मिल जाएंगी। जो तुम्हारे लिए बेहतर हो।
मुझे अंततः भुला दिया जाएगा।
टैंग मोर दुखी और खारिज एहसासों के साथ सड़कों के किनारे पर चलने लगी। उसे कहाँ जाना चाहिए था?
गू मोहन उसके पूरे दिल को खाली करके चला गया जैसे वह उसे अपने साथ ही ले गया था।
उसका दिल टूट गया था और वह दयनीय अंदाज में जमीन पर गिर गयी। उसकी ऊँची एड़ी वाली हील गटर के ढँक्कन में से एक में फंस गई थी और वह अपनी हील को बाहर निकालना चाहती थी लेकिन यह बाहर नहीं आ रही थी।
खुरदरी जमीन से घर्षण का अनुभव करने के बाद उसके गोरे हाथ बिल्कुल लाल हो गए थे। यह दर्द कर रहे थें।
ठंडी रात की हवा उसके शरीर को काटने वाले चाकू की तरह थी। हर कोई उसे प्रताड़ित कर रहा था यहाँ तक उसके द्वारा पहनी हुई ऊँची एड़ी की जोड़ी भी।
उदासी की एक प्रचंड लहर ने उसको झकझोर दिया और उसकी आँखों से आँसू बहने लगे क्योंकि उसके दिल का दुख तेज़ी से फैलने लगा था। अंत में उसे अब उन्हें रोकने की जरूरत नहीं थी और गर्म आँसू जमीन पर गिर रहे थें। इतने समय से वह दर्द जो उसके दिल में पल रहा था बाहर फूटा पड़ा था बूँद के बाद बूँद गिर रही थी और वह खाली और टूटा हुआ महसूस कर रही थी।
उस समय की तुलना में वह अपने जीवनकाल में पहले कभी इतनी गम्भीर नहीं थी। उसने वास्तव में गू मोहन के साथ संबंध तोड़ लिया था।
एक महिला के जीवनकाल में कौन उसके जितनी भाग्यशाली होगी जो गू मोहन जैसे पुरुष से मिली हो।
उसे जाने देना उसके दिल को तकलीफ दे रहा था और वह दर्द में थी।
यह बेहद बुरी तरह से दर्द दे रहा था।
उसने अपनी पतली भुजाओं को फैलाया और खुद को गले लगाया। खुद को कुछ गर्माहट प्रदान की और उसने असहाय तरीके से रोते हुए अपना सिर नीचे कर लिया।
कई राहगीर उसे देख रहे थे उन्हें पता नहीं था कि उसके जैसी सुंदर महिला इतनी बुरी तरह से क्यों रो रही थी।
काफी देर तक रोने के बाद उसके कानों में गहरी और चुंबकीय आवाज़ सुनाई पड़ी "तुमने आखिरकार मुझे छोड़ ही दिया। क्या तुम्हें खुश नहीं होना चाहिए? तो तुम फिर इतनी बुरी तरह से क्यों रो रही हो?"
टैंग मोर थम गयी । यह आवाज़…
उसने झट से अपना सिर उठाया आँसुओं के समुद्र में उसने उसकी गहरी और संकीर्ण आँखों में आँखे डाल कर देखी।
उसे ऊपरी तरह से अनदेखा करते हुए गू मोहन उसके सामने खड़ा था ।