तब तक वह विला में वापस लौट आया। टैंग मोर सो गयी थी। जब वह अपने बिस्तर पर लेटी तो सूरज की फीकी पीली किरणें उसके छोटे चेहरे पड़ रही थी।वह गहरी नींद में थी। उसके गाल हल्के गुलाबी थे और उसके चेहरे पर नरम और कोमल भाव झलक रहे थें।
पूरा कमरा अंतहीन बदन की खुशबू से भर हुआ था। कमरे में प्रवेश करने के बाद गू मोहन हल्के कदमों से आगे बढ़ा और उसका कठोर दिल उसके परियों के समान चेहरे को देखकर पिघल गया। यह कैसे हुआ कि वह लड़की उसके दिल को पूरी तरह से भर सके?
बाथरूम में घुसकर उसने अपने खून से सनी कमीज़ निकाली और नल को चालू किया। जिससे उसका पूरा शरीर पानी से तर हो गया।
रात की घटनाओं के बाद उसका सुंदर चेहरा पीला पड़ गया था। यहाँ तक कि गर्म भाप से भी वह भावी संक्रमण को शुद्ध करने में सक्षम नहीं था और उसके बाएं सीने पर घाव हो गया था। काफी समय तक गंदे तालाब के पानी में रहने के बाद वह सुन्न हो गया था।
लेकिन आखिरकार वह भी उसी की तरह दर्द का अनुभव कर सकता था।
जब वह शावर से बाहर आया तो तब उसने काले रंग का रेशमी वस्त्र पहन रखा था। उसने कंबल को ऊपर उठाया और बिस्तर में घुस गया। उसने अपनी पतली उंगलियों से उसकी गर्दन के चारों ओर फैले हुए बालों को हटा दिया और उसकी सुंदर गर्दन के चारों ओर एक और इकलौती अंगूठी को वाले हार को उसकी गर्दन में पहना दिया।
आस-पास किसी की मौजूदगी को महसूस करते हुए टैंग मोर जाग गयी थी और धीरे-धीरे उसने आँखें खोलीं। किसी ने उसे पीछे से गले लगा रखा था और उसे यह अनुमान लगाने की जरूरत नहीं थी कि वह कौन था।
आदमी में नहाने के बाद आने वाली एक साफ और विशिष्ट गंध थी । वह उससे परिचित थी। गू मोहन के अलावा वह और कौन हो सकता था?
उसने अपनी आँखें नीची कर लीं और अपनी गर्दन के चारों ओर मौजूद ठंडी चीज को देखा और हैरानी से अपनी पलकों को झपकाया। यह वही हीरे की अंगूठी थी जो गू ने उसे दी थी!
वही अंगूठी जो उसने तालाब में फेंक दी थी!
किसी तरह से वह इसे खोजने में कामयाब रहा था!
जब उसने दरवाजा पटका और वह अभी-अभी बाहर निकला था तो क्या भारी बारिश में वह अंगूठी ढूंढने गया था?
टैंग मोर ने उसके लिए अपने दिल में दर्द को महसूस किया और अनजाने में उसने गर्म आँसू के गंदे संकेत महसूस किए जो कि उसकी लाल आँखों से बाहर आने धमकी दे रहे थें।
क्यों?
जब गू ने महसूस किया कि वह उठ गयी थी तो उसने उसे गाल पर चूमा और कहा "अपने गले में हीरे की अंगूठी ठीक से पहनो। यदि तुमने इसे फिर से खोने की हिम्मत की तो मैं तुमसे निपटूंगा।"
वह वहाँ से हटकर उसकी बाँहों से बाहर निकलना चाहती थी।
लेकिन उसने उसे अपनी मजबूत बाँहों से कस कर पकड़ रखा था। "तुम्हारे पास अभी भी इधर उधर घूमने के लिए पर्याप्त ऊर्जा है? अगर ऐसा है तो फिर एक और सेक्स का दौर कैसा रहेगा?"
उसकी धमकी को सुनने के बाद टैंग मोर का नाजुक शरीर एक पल के लिए वही जम गया।
गू मोहन ने उसे नीचे की ओर धक्का दिया और विनम्रता से उसके गाल को चूमा। अपनी उंगलियों से उसकी स्कर्ट उठाते हुए उसने कहा। "क्या अब तुम्हारे घाव को सही से सिला गया था?"
उसकी कलाई की चोट पर लगभग दस टांके लगे थे और उसने यह देख लिया होगा। टैंग मोर जानती थी कि वह वहाँ नीचे की चोट के बारे में पूछ रहा था।
उसकी हिम्मत कैसे हुई कि उससे यह सब पूछने की!
इसमें गलती पहले किसकी थी!
अपनी हरकतों को याद करते हुए टैंग मोर ने अपना मुंह खोला और उसको हाथ को काटा जो उसके सीने पर रखा हुआ था।
गू मोहन दर्द में था लेकिन उसने इसे बहुत प्यारा पाते हुए और अपनी चेहरे पर मुस्कुराहट रखते उससे कहा "तुम अभी भी नाराज हो, हम्म?"
गू मोहन ने उसके रेशमी बालों में अपना सिर दफन कर दिया। उसकी गहरी आवाज़ अविश्वसनीय रूप से कोमल पर थकी हुई थी, "बेबी, मैं थोड़ा थक गया हूँ, मुझे कुछ आराम करने दो, हम्म?"
उसने उसके कोमल शरीर को अपनी बाँहों में पकड़ रखा था और उसके बालों की सुखद गंध में खुद को दफना लिया था। जैसे तैसे उसने आँखें बंद की और जल्द ही वह सो गया।
टैंग मोर ने उसकी गहरी सांस की आवाज़ सुनी। उसकी हिम्मत कैसे हुई बस ऐसे ही सो जाने की! उसने अभी तक अपना गुस्सा भी नहीं निकाला था!
उसका एक हाथ अभी भी उसकी पैंट पर था हालाँकि उसका सेक्स करने का कोई इरादा नहीं था। उसने केवल उसके पवित्र अपनेपन और उसकी सुरक्षा को महसूस किया। लेकिन फिर भी वह अपमानित महसूस कर रही थी।
टैंग मोर ने अपने निचले होंठ को हल्के से काटा। वह उसे दूर धकेलना चाहती थी।
उसने ग़लती से उसके घाव को छू लिया था। गू से सोते समय एक कराह की आवाज़ निकाली जो अविश्वसनीय रूप से मोहक और आकर्षक थी। उसे पास खींचते हुए वह बड़बड़ाया, "मोर, अच्छा से व्यवहार करो। जाओ मत। बस मुझे तुम्हें गले लगाने दो और थोड़ी देर के लिए सो जाने दो।"