उस लड़की की शक्ल लिन जुयानजी के साथ विलक्षण रूप से मिलती थी। उसके गले में एक और इकलौती अंगूठी भी थी। वह एक और इकलौती अंगूठी उनके बेटे गू मोहन के पास थी। इसे यह अंगूठी गू मोहन ने उपहार में दी होगी।
गू मोहन और उस लड़की के बीच क्या संबंध था?
हुओ बाईचेन ने यह दावा क्यों किया कि वह उसकी प्रेमिका थी?
अभी भी उसकी उंगलियों पर उसकी चिकनी त्वचा की एक याद की मौजूदगी महसूस हो रही थी। गू तियानलिंग थोड़ा अजीब महसूस कर रहा था।
टैंग मोर अंत में उस जगह से बाहर भाग गयी थी और आखिरकार सड़क पर आ पहुँची थी। बारिश और अधिक बढ़ती जा रही थी जिसमें वह हड्डियों तक भीग गयी थी। अपने शरीर के बल गिरने के कारण उसकी त्वचा पर जैसे तीखे ब्लेड से हुई खरोचें आ गयी थी। उसके लंबे रेशमी बाल ऐसे लग रहे थे जैसे वह उसके पीले चेहरे पर मस्ती कर रहे हो और उसने खुद को अपने दोनों हाथों से सुरक्षात्मक रूप से ढँक लिया था।
जिस तरह से बारिश हो रही थी वह लगभग उसी तरह थी जैसे उसके दिल में उठते हर दर्द के साथ उसका आँसू रूपी बूंदें बह रही थी जो उसे अपनी ही लग रही थी।
श्रीमान गू ने लू क्यूईयर से सगाई कर ली थी!
श्रीमान गू अब उसके श्रीमान गू नहीं रहे थे ...
एक बार फिर उसे अनाथ छोड़ दिया गया था और उसे किनारे फेंक दिया गया था। एक बार फिर उसका तिरस्कार किया गया था। वही क्यों? क्यों? जब से वह पैदा हुई थी तब से किसी ने भी उससे असल लगाव या सच्चा प्यार नहीं किया था। यह सब श्रीमान गू के आने से पहले की बात थी...वह उसकी अंधेरी दुनिया में सुबह के सूरज की किरणों की तरह आया था। वह उसकी एकमात्र उम्मीद थी।
लेकिन अब उसने उसका त्याग कर दिया था।
वह फिर से अकेली हो गयी थी।
उसके गोरे हाथ ठंडे और कठोर थे परंतु फिर भी इतने लंबे समय तक बारिश में रहने के बाद वे काँप रहे थे। चूंकि वह बहुत दर्द से गुज़र रही थी इसलिए उसने धीरे-धीरे वह इकलौती अंगूठी जो कि उसकी गर्दन पर थी को काटा और उसे अपनी गर्दन से निकाल दिया।
सिर नीचा करके उसने करीब उसे देखा।उसके हाथ में मौजूद अंगूठी हवा में चमक रही थी।
श्रीमान गू अब उसे नहीं चाहते थे इसलिए इस अंगूठी को रखने का क्या मतलब था?
एक गहरी साँस लेते हुए उसकी आँखें बंद की और टैंग मोर ने अपने बाँह को लहराते हुए उसे तालाब में फेंक दिया।
छपाक। बस ऐसे ही वह इकलौती अंगूठी अंधेरे पानी में गायब हो गयी थी।
रोबोट जैसी चाल के साथ टैंग मोर पैर घीटते हुए चल रही थी। उसका चेहरा पीला और भाव रहित था।
पर जैसे जैसे वह चल रही थी उसी तरह से आँसू भी उसके चेहरे से बुरी तरह से गिरते जा रहे थें। कुछ भी हो उस अंगूठी को खोने से उसे लग रहा था कि उसने पूरी तरह से अपने दिल को खाली कर लिया था।
श्रीमान गू।
उसके श्रीमान गू।
टैंग मोर तेजी से मुड़ी और तालाब की तरफ भागी । वह झुककर कीचड़ वाले पानी में जब अंगूठी ढ़ूँढ़ रही थी तब ठंडा पानी उसके घुंटने तक था । एक पागल औरत की तरह उसने अपने हाथों को धुंधुले पानी डालते हुए शांत पानी को अपने गुसैले हाथों से हिला दिया। अंगूठी कहाँ गई?
सी...।! कांच का एक तेज नुकीले टुकड़े ने उसकी अंगुली को खोल दिया और उसके हाथ से लाल रक्त बहने लगा। उसकी सफ़ेद त्वचा पर बहते गहरे लाल रंग के रक्त ने मंद रोशनी में और भी विकृत रूप बना लिया था।
सब समाप्त हो गया।
उसे अंगूठी नहीं मिली।
श्रीमान गू को खो देने के बाद उसने वह अंगूठी भी खो दी जो गू ने उसे दी थी।
एक लाल फेरारी चतुराई से खुद को उसके पास लेकर आई| हुओ बाईचेन ने दरवाजा खोला और कार से नीचे उतरा। भारी बारिश के कारण उसने देखा कि तालाब में पतली सी महिला झुककर खड़ी हुई है जो स्पष्ट रूप से कुछ खोज रही है।
यह मूर्ख औरत!
हुओ बाईचेन तालाब के अंदर दौड़ता हुआ गया उसने टैंग मोर के बर्फीले ठंडे हाथों को पकड़ा और उसने ऊपर की तरफ उठने में मदद की। "क्या चुतियापा है टैंग मोर क्या तुम पागल हो? क्यों तुम अपने आप को इस तरह से प्रताड़ित कर रही हो? तुम किसके लिए अब यह नाटक कर रही हो। क्या पता कि सगाई समारोह पहले से ही खत्म हो गया होगा। मेरा भाई ने हो सकता है पहले ही लू क्यूईयर के साथ सेक्स कर लिया हो! "
उसके बर्बर शब्द हवा और बारिश के माध्यम से उसके सभी बचावों को तोड़ते हुए गुजर रहे थे इन्हें सुनकर वह टूट गयी और उसकी बाँहों में ढह गयी। हुओ बाईचेन ने जो देखा वह एक खाली बेजान भाव वाली महिला थी। उसके लाल होंठ ठंड से नीले-बैंगनी रंग के हो गए थे जो उसके दिल तोड़ने वाले रूंदन से पहले ही कांप रहे थें।
इन सभी वर्षों में उसने पहले कभी भी ऐसा दयनीय व्यवहार नहीं किया था। यहाँ तक कि जब सू ज़ेह ने उसे धोखा दिया था तब भी नहीं और जब उसकी माँ ने उसे पहली बार थप्पड़ मारा था तब भी नहीं। वह अभी भी एक घमंडी मोर की तरह थी जिसे किसी की चिंता नहीं थी।
इस बार वह अभिनय जारी नहीं रख सकती थी क्योंकि उसका दिल दर्द दर्दनाक तरीके से टूट रहा था। यह ऐसा था जैसे किसी ने उसके दिल पर कांच के टुकड़े से वार किया हो और उसे बेरहमी से घुमा रहा हो।
यह दर्द कर रहा था।
यह बहुत दर्द कर रहा था।
हुओ बाईचेन भारी बारिश में अजीब तरह से खड़ा हुआ था जबकि वह टैंग मोर के छोटे चेहरे का अवलोकन कर रहा था। उसे इतना टूटा हुआ देखना अटपटा था। वह उसके अभिमानी और बुद्धिमान पक्ष को देखने का आदी था। इसके अलावा वह कुछ समय पहले ही बेशर्मी से सगाई समारोह में हंगामा कर रही थी और उसके दूसरे भाई को प्रपोज कर रही थी। यहाँ तक कि उससे ब्रेकअप सेक्स के लिए भी कह रही थी। यह पहली बार था जब उसने उसे रोते हुए देखा था।
वह नहीं जानता था कि क्या चल रहा था और वह उसे केवल अपने आगोश में खींच सकता था और उसके रेशमी बालों को थपथपा सकता था क्योंकि वह उसे दिलासा देने की पूरी कोशिश कर रहा था। "ठीक है, रोना बंद करो। तुम सब महिलाएँ बहुत परेशान खड़ी करती हो। हमेशा रोती और चिल्लाती हो।"
जब महिलाएं रोती थी तो उससे नफरत होती थी । इसीलिए कोई भी महिला उसके सामने रोने की हिम्मत नहीं करती थी और वह नहीं जानता था कि जब वे रोएं तो कैसे उन्हें शांत करे। आज तक उसने बस उनके साथ सेक्स करने की परवाह थी।