टैंग मोर जल्दी में खड़ी हो गई जब उसने देखा कि किन यावेन आ रही है। उसने सुना था कि उसकी माँ प्रदर्शन के लिए विदेशी गई हुई थीं और उसने उसे लंबे समय से नहीं देखा था।
"माँ।" टैंग मोर अपनी माँ से मिली।
किन यावेन का चेहरा एक फट जाने वाले बादल की तरह गहरा था, उसकी आँखें उस पर ठंडेपन से आरोप लगा रही थीं उसने गुस्से में पूछा, "क्या तुमने वानवान को सीढ़ियों से नीचे धक्का दिया?"
अपनी माँ की आवाज़ में ठंडक को महसूस कर टैंग मोर को लगा जैसे उसका खून जम गया है। "नहीं।" वह बोली।
"मैं वानवान से मिल कर अस्पताल से आयी हूँ। वह अभी भी ऑपरेटिंग थियेटर में ही है और उसके माथे पर 23 टांके आने हैं। उसने मेरा हाथ पकड़ रखा था। उसने मेरे हाथ पकड़ कर मुझे विश्वास दिलाने की कोशिश की कि तुमने उसे सीढ़ियों से नीचे नहीं धक्का दिया।" यहांँ तक कि उसने कहा था कि उसने तुम्हें नीचा दिखाया है और कहा कि मैं तुम्हें दोषी नहीं ठहराऊंँ। तुम्हारे साथ दिक्कत क्या है? तुम अपनी छोटी बहन के प्रति इतना दुर्भावनापूर्ण व्यवहार कैसे कर सकती हो? वह तुम्हारी छोटी बहन है! "
टैंग मोर को ऐसा लगा कि वह बर्फीले पानी की एक बाल्टी के साथ अच्छी तरह से भीगा दी गई हो। उसे ठंड लगने लगी। उन दोनों के बीच किन यावन के रवैये में अंतर इससे ज़्यादा स्पष्ट नहीं हो सकता था। किन यावेन का दिल तब तो भारी हो गया था जब उसने हेन ज़ियाओवन के बारे में सोचा था, लेकिन वह टैंग मोर से पूछताछ के दौरान पूरी तरह से भावहीन और बेरुख़ी थी। हालाकि उसे बिल्कुल विश्वास नहीं हो रहा था कि यह उसकी माँ ने उससे पूछा था।
टैंग मोर ने कसकर अपनी मुट्ठियाँ भींच लीं, उसके होंठ हल्के से काट लेने के कारण लाल हो गए थे, वो बस यही उम्मीद कर रही थी कि यह सब एक सपना हो। वह घाव जो उसके दिल में गहरा छिपा हुआ था, बड़ा होता जा रहा था, जैसे जैसे समय बीतता गया, वो कड़वाहट में डूबती गई।
जब टैंग मोर केवल एक वर्ष की ही थी किन यावेन और टैंग ने तलाक के लिए अर्जी़ दायर कर दी थी। वो किन यावेन की कार के पीछे भागती रही थी, जब वह जा रही थी, रो-रो कर उसने अपना हाल बेहाल कर लिया था। किन यावेन कभी वापस नहीं आई।
टैंग मोर बाद में कई अलग-अलग मौकों के दौरान हेन परिवार से मिली थी और हेन ज़ियाओवान ने शुरू से ही, जब से वो छोटी-सी थी, एक आडंबरी घटिया औरत के जैसा व्यवहार किया था, हमेशा दूसरों की आंँखों में एक बेचारी बच्ची की तरह होने का नाटक करती थी। भले ही हेन ज़ियाओवान खुद गिर जाती थी, उसने कई बार पर टैंग मोर पर आरोप लगाया था और किन यावेन ने हमेशा हेन ज़ियाओवन पर ही विश्वास करना पसंद किया। चूँकि किन उसके वहाँ जाने से कभी खुश नहीं होती थी, इसलिए उसने उनसे मिलने जाना बंद कर दिया।
उसके माता-पिता के नए परिवार थे, उसकी माँ ने हेन ज़ियाओवान को जन्म दिया जबकि उसके पिता का एक और बेटा था। उसकी दादी को उसके देखभाल करनी पड़ी क्योंकि उसके माता-पिता दोनों के पास और जिम्मेदारियाँ थीं और उसे पालने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं थी।
वह नहीं जानती थी कि उसने इन सभी वर्षों में क्या गलत किया था। जब वे उसके अस्तित्व से इतनी नफ़रत करते थे तो उन्होंने उसे जन्म ही क्यों दिया।
"हा," टैंग मोर ठंडी हंसी हँसी, "हेन ज़ियाओवान को मेरी बहन माना भी कैसे जा सकता है? मुझे नहीं याद कि मेरे पिता की कोई और बेटी भी है। वह उपनाम हेन लगाती है, जबकि मेरा उपनाम टैंग है!"
तड़ाक! किन यावेन ने अपना हाथ उठाया और अपना हाथ टैंग मोर के चेहरे पर जड़ दिया।
टैंग मोर के चेहरे पर ज़ोरदार थप्पड़ मारा गया था। उसके होंठों के कोनों से खून निकालने लगा और अविश्वास में जब उसने उसे देखा तो उसके कान गूँजने लगे।
उसे यह कभी नहीं सोचा था कि उसे उसका पहला थप्पड़ अपनी माँ से मिलेगा।
"टैंग मोर, तुम ऐसी कैसे बन गई? मैंने ऐसी भयानक बेटी को पैदा ही क्यों किया? तुम इतनी बेदर्द कैसे हो सकती हो?"
टैंग मो'र ने अपने छोटे से चेहरे के आधे हिस्से को अपने हाथ से ढक लिया था, किन यावेन ने अविश्वास में देखते हुए अपनी आँखें उठाईं। उसने व्यंग्यात्मक लहजे में हँसते हुए कहा, "मुझे यह भी नहीं पता कि मैं ऐसी कैसे बन गई। आप एक अनाथ से इस तरह की ऊंँची उम्मीदें रख भी कैसे सकते हैं?"
"तुम!"
किन यावेन उसे और देर तक नहीं सह पायी और कमरे से बाहर चली गई।
...
किन यावेन चली गई थी। फिर से, पहले की तरह, टैंग मोर के पैर लड़खड़ाए और उसने धीरे-धीरे खुद को जमीन पर गिर जाने दिया, और दोनों घुटनों को एक बच्चे की तरह पकड़ कर बैठ गई।
उसका मन पछतावे से भरा हुआ था। उसे इतने आवेग में नहीं आना चाहिए था, यह केवल उसे हेन ज़ियाओवन के जाल में और फँसा देगा। उसे शांत रहते हुए, अपने ठंडे रिश्ते को ध्यान में रखते हुए उसे किन यावेन से अच्छी तरह से बात करनी चाहिए थी। उसके मन में यह चलने लगा कि उसे क्या करना चाहिए था, क्या कर सकती थी ... हालाँकि ...
उसके दिल को बहुत दर्द हो रहा था।
यह ऐसा था जैसे उस पर किसी ने बार बार वार करके उसे लाखों नोकीले टुकड़ों में तोड़ दिया हो, जो उसके अंदर ही अंदर चुभ रहे थे और वो खून से लथपथ होती जा रही थी। उसने सिर्फ एक बात में अपनी नफरत और अकेलापन जाहिर किया था। वह इसे और रोक नहीं सकती थी, ऐसा था जैसे उसका दिल बहुत भरा हुआ था। अगर वह नहीं बोलती, तो वह शायद पागल हो जाती।
टैंग मोर को लगा कि उसकी छलकती आँखों के पीछे वो नोकीले टुकड़े चुभ रहे थे और उसने अपने सिर को ज़बरदस्ती ऊपर उठाया जिससे वो अपने आँसूओं को गिरने से रोक सके। यद्यपि हेन ज़ियाओवान ने उसके बारे में कहा था कि वो ऐसी इंसान थी जो कभी नहीं रो सकती, पर वो इस बात से सहमत नहीं थी। जब भी वह रोना चाहती थी, तो वह आसमान की ओर देखने के लिए अपना सिर उठा लेती थी, इस तरह उसके आँसू पीछे की ओर बह जाते थे।
हालाकि, इस बार उसका तरीका काम नहीं आया। उसने ऊपर की ओर देखने की कोशिश की, लेकिन उसके आँसू बुरी तरह से बह निकले।
अचानक, उस ठंडे से कमरे में ठंडी हवा का झोंका आया। इतनी रात थाने की मुख्य लॉबी का दरवाजा खुला और किसी के कदम अंदर दाखिल हुए।