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Chapter 23 - एक दिवालिया आदमी इतना अभिमानी और आत्मविश्वासी कैसे हो सकता था

गू मोहन को आखिरकार तब जा कर शांति हुई जब टैंग मोर ने उसकी बात मानी और बाद में उसे एक हार मान लेने वाली मुस्कान दी।

"मिस्टर गू, अब हम कहाँ जा रहे हैं?"

"क्या तुम पूरी रात पुलिस स्टेशन में रहना चाहती हो?"

बेशक नहीं!

टैंग मोर ने अपना सिर घुमाया और दो वकीलों को पुलिस के साथ बात करते हुए देखा। यह देखते हुए कि वो गू मोहन के साथ कैसे व्यवहार कर रहे थे, संभावना है कि वे उसके नीचे काम करते थे।

टैंग मोर का दिल छु गया। उसे उम्मीद नहीं थी कि वह मदद करेगा। जब उसे मदद की सबसे ज्यादा जरूरत थी, वह अकेला उसकी मदद करने वालों में से था।

...

थाने के बाहर एक आलीशान कार खड़ी थी। मेबैच की जगह एक रोल्स रॉयस ने ले ली थी। टैंग मोर का मुंँह उस फालतू के खर्चे को देख कर मुड़ गया और बड़े आराम से उसने यह मान लिया कि कार गू मोहन के दोस्त की थी। टैंग मोर भी ऐसे अमीर और उदार लोगों से दोस्ती करना चाहती थी जो अपनी संपत्ति को इतनी शिद्दत से उधार देते हैं और जरूरत के समय उसकी मदद करने में सक्षम होते।

जैसे-जैसे वो बाहर निकलने के दरवाजे की तरफ़ बढ़ रहे थे उसने एक हंगामा सुना जो धीरे-धीरे बढ़ने लगा।

"टैंग मोर कहाँ है? हम उसका साक्षात्कार करना चाहते हैं, कृपया हमें अंदर आने दें!" थाने के बाहर उसके इंतजार में पत्रकार खड़े थे।

टैंग मोर दंग रह गई, वह उस समय पर संवाददाताओं से मिलना नहीं चाहती थी। वह उनसे मिलने के लिए तैयार नहीं थी, विशेषकर वह जिस हालत में थी उस वक़्त तो बिल्कुल नहीं।

"आख़िरकार तुम डर गईं?" उसने अपने कानों में व्यंगातमक हँसी को सुना।

टैंग मोर ने अपना सिर उठाया, तो उसने देखा कि उसकी आँखें उसे घूर रही थीं। उसके होंठ हालांकि, उसकी भविष्यवाणी पर मुस्कुरा रहे थे। कितना हृदयहीन है यह व्यक्ति! 

वो नहीं चाहती थी कि वो उसका दयनीय रूप दुबारा देखे, इसलिए उसने उसकी छाती पर ज़ोर से मुक्का मारा और ऐलान किया, "मुझे डर नहीं लग रहा है।"

"ठीक है, चलो पत्रकारों के साथ बातचीत करते हैं। ऐसा लगता है कि उनके पास तुम्हारे लिए कुछ प्रश्न हैं।"

"अरे, रुको! गू मोहन!" टैंग मोर तुरन्त उसकी गर्दन पर लटक गई। उसकी प्रतिक्रिया ने उसके डर को धोखा दे दिया और उसने अपने छोटे से चेहरे को उसके गर्म सीने में छुपा दिया, ताकि वह अपने शर्माते हुए गालों को छुपा सके।

"हाहा।" उसने धीरे से चुटकी ली।

टैंग मोर ने महसूस किया कि वह उसे चिढ़ा रहा था और वह उसकी छाती पर मुक्का मरने लगी, उसका चेहरा लाल हो गया। उसका छोटा-सा चेहरा उसके दिल के पास था और वह उसके दिल की धड़कन को ड्रम, "डोंग, डोंग" की तरह तेज सुन पा रही थी।

शुक्र है कि संवाददाताओं के लिए पुलिस स्टेशन में अपना रास्ता बनाना असंभव था और वे बिना किसी अवांछित सवालों के सामना किए बिना बाहर निकलने में सक्षम हो पाए।

"गाड़ी चलाओ।"

"जी, प्रेसिडेंट।"

पुलिस प्रमुख उत्साह से अपने हाथ लहरा रहे थे, "यंग मास्टर गू, कृपया जब भी आप खाली हों, यहाँ आने की कृपा करें। हम हर समय आपका स्वागत करने के लिए तैयार हैं।"

टैंग मोर के पास शब्द नहीं थे, फिर चिड़ से उसके माथे पर झिझक, निंदा और नाराजगी के कारण झुर्रियांँ आने लगीं। इस दुनिया में मनोरंजन के लिए कौन पुलिस स्टेशन का दौरा करेगा?

अभी भी उसकी बाहों में, उसने ऊपर की ओर नज़र मारी और फिर से उसे ध्यान से देखने लगी। ऐसा लग रहा था कि वह एक अच्छे परिवार से था। उसने अपने आदमियों के साथ पुलिस स्टेशन में इस तरह के एक असाधारण ढंग से प्रवेश किया था। एक दिवालिया आदमी के लिए इतना अभिमानी और आत्म विश्वासी होना कैसे संभव था?

...

टैंग मोर पूरी तरह से संतुष्ट, शानदार कार में पसर गई। हीटर चल रहा था और वह उसके बड़े कोट में छिप गई। वह अब उसकी मर्दाना शरीर की सुगंध को सूंघ सकती थी, जिसमें आरामदायक परिवेश का एहसास भी था, इसकी वजह उसे गर्म और मिथ्या जैसी लग रही थी।

"अब बताओ, तुम क्यों रो रहीं थीं?" गू मोहन ने पूछा, उसकी आवाज़ गंभीर थी।

टैंग मोर की आँखें अभी भी लाल और पानीली थीं। उसने अपने होंठों के कोने को थोड़ा ऊपर उठाया और एक छोटी सी मुस्कान दी, "यह ज्यादा कुछ नहीं है, मुझे लगा ... हेन ज़ियाओवान सही थी। इस दुनिया में कोई भी ऐसा नहीं है जो मुझसे प्यार करता हो और मैं दयनीय हूंँ।" 

गू मोहन को अपने सीने में मरोड़ महसूस हुयी। उसका दिल टैंग मोर के लिए थोड़ा और भर गया।

यह अकेली महिला बाहर से देखने में भावहीन थी, फिर भी वह वास्तव में बहुत मासूम थी।

"लेकिन," टैंग मोर ने अपनी आँखें उठाई और उसकी तरफ़ देखा। उसकी पनीली आँखें साफ हो गई और दृढ़ संकल्प से चमक उठी, उसकी अभिव्यक्ति दृढ़ थी। "मैं उनसे हारूंँगी नहीं! सू ज़ेह और हेन ज़ियाओवान, मैं उन्हें माफ नहीं करूंँगी! मैं उन्हें ऐसी जिंदगी जिसमें मैं न हूँ और उसके एक सुखद अंत का एहसास नहीं होने दूँगी। जब से मैं बड़ी हुई हूँ तब से मैंने यही सीखा है की तुम्हें ज़िंदगी में हर चीज़ के लिए लड़ना पड़ता है। मुझे कड़ी मेहनत करने की जरूरत है अगर मैं चाहती हूँ कि दुनिया मुझे भूले नहीं।"

गू मोहन संतुष्ट हो गया। वह जानता था कि यह लड़की जब तीन साल पहले उससे मिली थी, तब से वह काफी मजबूत, साहसी और बहादुर थी।

वह एक गुलाब की तरह थी, जो धूप, आकर्षक और चकाचौंध के नीचे कंपन से खिलता था। वो बढ़ेगी और उन चुनौतियों से ऊपर उठेगी जो उस पर फेंकी गई थीं।

...

रोल्स-रॉयस चलनी बंद हो गई। यान डोंग ने दरवाजा खोला और टैंग मोर ने कार से बाहर कदम रखा।

वे उसे उसके अपार्टमेंट में नहीं लौटे थे। अब वे बैंकॉक में एक विला के बाहर खड़े थे।

कारघालिक में बैंकाक सबसे महंगा जिला था। प्रतिष्ठित व्यवसायी वहांँ रहते थे और जिले में चार धनी और प्रभावशाली परिवारों के पास वहाँ विला था। सू परिवार भी इसमें शामिल था, क्योंकि इससे धन और शक्ति का संकेत मिलता था।

गू मोहन उसे यहाँ क्यों लाया?

क्या उसके दोस्त विला का मालिक भी था?

"मिस्टर गू, हम यहांँ क्या कर रहे हैं?"

सहायक ने विला के अंदर जाने के दरवाज़े खोल दिए। गू मोहन विला में टैंग मोर को ले गया और यूरोपीय शैली में सजाया कमरे में खड़ा हो गया। उसने अपना सूट जैकेट उतार दिया और उसे हेल्पर को दिया। अपनी पैंट की जेब में एक हाथ डाल कर, उसने उसकी ओर देखा, "मैं अध्ययन कक्ष में जा रहा हूंँ, क्या तुम अकेले रह लोगी?"

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