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Chapter 10 - बेशर्म नौसिखिया

"उसने क्या गिराया?" जलन से भरी चेन गुओ थोड़ा और पास आई देखने के लिए की बागड़ बिल्ला ने क्या गिराया है, "पांच बिल्ली के नाखून, कचरा; एक बिल्ली के सीने का फर, शायद पहनने काम आ सके, निचले दर्जे के इक्विपमेंट कुछ खास जरूरी नहीं होते; दो बागड़ बिल्ले के नाखून, एक बागड़ बिल्ले का पंजा, एक दुधिया पत्थर। ठीक है, ठीक है, बहुत बुरा भी नहीं है। छिपे हुए सरगना के सामान जरूर ही कुछ कीमत लिए हुए रहते हैं; एक कौशल की किताब गजब क्या किस्मत है?"

हालांकि चेन गुओ ने चिल्ला लिया था, ये क्सिऊ भी चौका हुआ था। निचले दर्जे के छिपे हुए सरगना के पास कौशल किताब यह किस तरह की अच्छी किस्मत थी? 

कौशल किताब क्या होती थी? वह नए कौशल को खोजने के लिए नहीं होती। वह कौशल अंक बढ़ाने के लिए होती थी। इसकी कीमत देखी जा सकती थी इसके संतरीले रंग के शब्दों से। यह एक तरीका था 4000 कौशल अंक को पार करने का। पर सामान की अदला बदली नहीं की जा सकती थी इसलिए पैसों से इसे खरीदना संभव नहीं था। यह किस्मत से ही पाई जा सकती थी। यह किताब जो विकट देव ने उठाई थी उसने ज्यादा नहीं जोड़ा, मात्र 5 अंक जोड़े। पर यह छिपे हुए सरगना के पास से गिरना अभी भी बहुत ज्यादा किस्मत का खेल सा लग रहा था। 

यह कौशल किताब जो अभी-अभी गिरी थी उसका तुरंत इस्तेमाल हो गया। और भी गिरे हुए सामानों में से दूधिया पत्थर और चमगादड़ के नाखून वह सामान थे जो बहुरंगी छाते में इस्तेमाल किए जा सकते थे। ये क्सिऊ के दिमाग में खुशी की लहर दौड़ रही थे। उसने अचानक ही विकट देव को कोठरी छोड़ने के लिए कहा। 

"तुम इसे खत्म नहीं करोगे?" चेन गुओ ने अचंभित होकर कहा। हालांकि विकट देव अकेला बचा सदस्य था। इस तरह की कोठरियां आसानी से अकेले ही संभाली जा सकती थी। यह जानते हुए भी ये क्सिऊ ने एपीएम के दर्जों को बंद कर रखा था। चेन गुओ ने नहीं सोचा था कि उसकी कुशलता का दर्जा इतना भी नीचे होगा। उसके लिए उसकी यही उपलब्धि बहुत थी कि जिस विपक्षी से वह 52 बार लगातार हारी थी उसे ये क्सिऊ ने 40 सेकंड में हरा दिया था। 

"मुझे कंप्यूटर बदलना होगा" ये क्सिऊ ने खेल छोड़ने के लिए तैयार होते हुए कहा। चेन गुओ ने स्क्रीन पर एक नजर डाली और तुरंत उसे रोकते हुए कहा "1 मिनट रुको यहां हालात क्या है बताओ तो?" 

उसने बगल संदेशों के हिस्सों में कुछ एक जैसे संदेश देखे।

"बेशर्म नौसिखिए विकेट देव ने छिपे हुए सरगना के सामान को चुराने के लिए अपने दल के सदस्यों की मदद जान बूझकर नहीं की और उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया। सभी लोग सावधान रहना" 

"बेशर्म नौसिखिए विकेट देव ने छिपे हुए सरगना के सामान को चुराने के लिए अपने दल के सदस्यों की मदद जान बूझकर नहीं की और उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया। सभी लोग सावधान रहना" 

"इस तरह के समान संदेशों में गुस्से और नफरत की झलक भी दिखाई दे रही थी। वैसे तो सिस्टम द्वारा अश्लीलता को अपने आप ही रोक दिया जाता था, पर लोगों की बुद्धिमत्ता सीमाओं से परे थी। उन्होंने अपने मिशन को खत्म करने के लिए, एक जैसे गूँजने वाले शब्द इस्तेमाल किए। 

ये क्सिऊ ने ध्यान से देखा और पाया कि सुषुप्त शेखर का नाम उन लोगों में भी था जो संदेश भेजने में शामिल थे। उसने दल के अन्य सदस्यों को भी देखा, फालेन सुन और मायावी। क्योंकि वह निकलने वाला पहला बंदा था इसलिए उसने सही को गलत, गलत को सही समझा। 

"यह कैसे हो सकता है" चेन गुओ ने ये क्सिऊ से पूछा। 

असहाय ये क्सिऊ उसे कुछ समझा न सका। 

"बढ़िया, बेशर्मी, इस हद तक की बेशर्मी" चेन गुओ गुस्से से भड़क उठी जब उसने यह सुना। 

"हां आला दर्जे की बेशर्मी" ये क्सिऊ ने कहा। 

"तुम गुस्सा क्यों नहीं हो" चेन गुओ ने बड़बड़ाते हुए कहा। 

"मैं बहुत गुस्से में हूँ" ये क्सिऊ ने कहा। 

"तुम गुस्से में हो? तो मुझे तुम्हारा गुस्सा दिखाई क्यों नही दे रहा?" चेन गुओ मानो किसी पहेली में फंस गई हो। ये क्सिऊ ने स्क्रीन को देखना शुरू किया और उसमें बनी दीवार को भी देखा पर उसके चेहरे पर कोई नए भाव नहीं थे। 

"बस इसलिए कि मैं गुस्सा हूँ जरूरी तो नहीं है कि मैं उसे दिखाऊँ भी" ये क्सिऊ बिल्कुल भी गुस्सा नहीं लग रहा था। वह बल्कि मुस्कुरा रहा था। ऐसा करते हुए वह खेल से बाहर निकल आया और कंप्यूटर बंद कर दिया। अभी भी सिगरेट पीना ही उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण काम था। 

"किस तरह के आदमी हो तुम? मैंने अपना सर घुमाया और इतनी सारी घटनाएं होते देखी। तुम एक छिपे हुए सरगना से मिले, एक कौशल किताब गिरी और तुमने दुश्मन भी बना लिए। कल सुबह मैं देखूं तो हो सकता है तुम मरे हुए भी मिलो" चेन गुओ ने कहा। 

"तो फिर कल ही मिलते हैं"

चेन गुओ सोने के लिए चली गई जबकि ये क्सिऊ सिगरेट पीने के लिए निकल गया। जैसा कि उम्मीद थी धुएं के प्रभाव से पूरा क्षेत्र भर गया। यहां तक की बड़ी सी खिड़की से भी शुद्ध हवा आनी बंद हो गई। बस इतना था कि सिगरेट न पीने वाली जगह में यहां का धुआं नहीं पहुंच रहा था। 

सिगरेट पीने वालों को सिगरेट न पीने वालों की कोई चिंता नहीं थी। ये क्सिऊ ने जैसे ही सिगरेट पीने वाले लोगों का जत्था देखा खुद भी एक सिगरेट जलाई। जैसे ही उसने जगह बदली उसने देखा कि सिगरेट न पीने वालों से ज्यादा संख्या सिगरेट पीने वालों की थी। पूरी रात जागने वालों में से बहुत ही कम लोग ऐसे थे जो सिगरेट नहीं पीते थे।

यह तो अच्छा था कि इंटरनेट कैफे काफी बड़ा था। ये क्सिऊ ने इधर उधर देखा और उसने एक खुला हुआ कंप्यूटर पाया। बिना ध्यान से चुने, वह वहां गया और बैठ गया। खुशहाल इंटरनेट वैसे तो बड़े लोगों के लिए था। हर दो कंप्यूटर के बीच में एक छोटी सी दीवार बनी थी ताकि लोगों की निजी जिंदगी में ताक झांक को रोका जा सके। इसके साथ ही सभी लोग हेडफोन लगाए रहते थे और ग्लोरी में डूबे रहते थे। किसी को फर्क नहीं पड़ता था कि बगल में क्या हो रहा है। 

ये क्सिऊ फिर से गेम में घुसा और और हेडफोन लगा लिया। 

विकट देव अभी भी हरे जंगल के बाहर बैठे हुए था। हालांकि वह जगह लोगों से भरी हुई थी फिर भी इतनी आवाज नहीं थी कि इअरफोन से कुछ सुनाई न दे सके। यहां चलना और भरी हुई बाजार में चलना एक जैसा था। इतना भी हल्ला नहीं हो रहा था कि बगल वाला क्या कह रहा है सुनाई न दे सके। जो लोग लगातार गलत संदेश भेज कर किसी दल से जुड़ना चाहते थे वह लोग डूब के बाहर हो गए थे।

ये क्सिऊ ने वापस संदेशों वाली जगह देखा और पाया कि विकट देव के लिए आए संदेश पहले ही गायब हो चुके थे। उसने पाया कि कब कोई पात्र गेम से बाहर निकल जाता है, यह भी पता लगाया जा सकता था। सुषुप्त शेखर एक दिग्गज था इसलिए उसे इस तरह के सभी नुस्खे पता थे। जैसे ही विकेट देव खेल से बाहर निकला, उसने संदेश भेजना बंद कर दिया। केवल 20 वे दर्जे के ऊपर के खिलाड़ी ही आरंभिक क्षेत्र छोड़ सकते हैं। ऐसा होने पर पीके करना ही एकमात्र रास्ता रह जाता है। इसी दौरान जो 20 वे दर्जे और उससे कम के लोग है वो सिर्फ एक दूसरे पर उंगली उठा सकते हैं और बहस कर सकते हैं।

पर अब सुषुप्त शेखर काफी घातक सिद्ध हो रहा था। विकट देव के बारे में कि "उन्होंने पहले छिपे हुए सरगना को मार दिया है" इसकी घोषणा हुई और हर आदमी को उसके बारे में पता चल गया। जब सुषुप्त शेखर ने गुस्से में उसका नाम लिया तो हर आदमी के लिए यह बात जान लेना भी आसान हो गया। नतीजतन विकट देव को कोई पार्टी अपने साथ शामिल नहीं करना चाहती थी। उसकी सभी अनुरोध ठुकरा दिया जा रहे थे। अगर कोई खिलाड़ी सही में सुषुप्त शेखर की बातों पर भरोसा न करें इसका मतलब है कि वह भी विकट देव को बचा रहा है। 

ये क्सिऊ सिर्फ असहाय हँसी हँस सकता था। जब उसने एक पार्टी बनाई थी तो वह सिर्फ छिपे हुए सरगना के लिए ही आया था। उसे उन सब सामानों की जरूरत थी। पर अब वह एक दल नहीं बना पा रहा था तो उसकी बराबरी करने की क्षमता भी बढ़ती जा रही थी।

ग्लोरी की कोठियों में जितने कम लोग रहते हैं उतना ही ज्यादा अनुभव होता है। फिर भी योग्यता का प्रश्न तो रह ही जाता था और अंत में जितने ज्यादा लोग बचे हो उतनी ही ज्यादा योग्यता मानी जाती थी। पर विकट देव अलग थे। उसके पास चांदी के रंग का पांचवें दर्जे का बहुरंगी छाता था। आम खिलाड़ियों के लिए लगभग हरा और नीला इक्विपमेंट ही उपलब्ध था। जबकि बहुरंगी छाता के मुकाबले नीले और हरे इक्विपमेंट 3 से 4 दर्जा नीचे थे। ग्लोरी में हर दर्जा 5 दर्जे के बराबर थे। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो बहुरंगी छाता 20 नीले या 25 हरे हथियारों के बराबर था।

निचले दर्जे के चरणों में यह महाराथ अत्याधिक शक्ति के रूप में देखी जा सकती थी। क्योंकि विकेट देव के हथियार से किया गया नुकसान 4 से 5 हथियारों के बराबर था। इसके अलावा पात्र के चरित्र से जोड़ा जाये तो विकट देव 3 लोगों के बराबर था। इससे बढ़कर ये क्सिऊ की कुशलता है यह थी कि उसने जिस कोठरी को साफ किया था उसके लिए 5 लोगों के दल की जरूरत पड़ती थी। वह थोड़ा और तेज हो सकता था। 

विकट देव ने कोठरी में घुसने के लिए चलना शुरू किया। पर कुछ कदम चलने के बाद अचानक एक खिलाड़ी उसके रास्ते में आ गया। ये क्सिऊ ने देखा और पाया कि यह सुषुप्त शेखर था। लोगों की भीड़ में उसे ढूंढ निकालना, यह आदमी काफी तेज आंखों वाला था। 

"हेलो हेलो"" ये क्सिऊ ने हेडफोन निकाला और देखा क्या संदेश जा सकते थे। 

"हेलो गया भाड़ में" सुषुप्त शेखर अभी के लिए सभ्यता भूल चुका था।

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