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Chapter 120 - कोई भी आदमी तुमसे अच्छा नहीं हो सकता...

लिन चे इसे कैसे बर्दाश्त कर सकती थी? उसका चेहरा लाल हो रहा था,क्यूंकि उसके हाथ ने एक ऐसी सख्त चीज़ को छू लिया था, जो एक गज़ब की स्पीड से बढ़ा हो रहा था,और एक विचित्र साइज का हो गया था।

लिन चे ने अपने सामने वाले आदमी की तरफ देखा और पूछा,"अब हम क्या करें ..."

गु जिंग्ज ने अपने सामने वाली लड़की की तरफ कठोरता से देखा। 'उसकी अभी भी पूछने की हिम्मत थी कि क्या करें ...'

"मुझे कैसे पता होगा?!"गु जिंग्ज ने खीज कर कहा।

लिन चे रोने की कगार पर थी,"तुम नहीं जानते और ना ही मैं जानती हूँ। यह तुम्हारी चीज़ है, मेरी नहीं।"

गु जिंगज़ ने उसे देखने के लिए अपना सिर नीचे किया। लिन चे ने जल्दी से अपना मुँह पलट लिया और गु जिंग्ज़ के भावों को नहीं देखने का नाटक किया।

गु जिंगज़ ने अपने होंठों के कोनों को मोड़ा और धीरे-धीरे उसके कान के पास गया। उसके नाजुक इयरलोब को देखकर,वह उसे किस करने से खुद को रोक नहीं सका।

लिन चे का पूरा शरीर कांप गया क्योंकि उसे गु जिंग्ज़ के होठों से एक करंट सा महसूस हुआ।

गु जिंग्ज़ की आवाज़ बहुत भारी थी,मानो वह सीधे उसके शरीर से निकली हो।

"यह मेरी चीज़ है,लेकिन इस वक़्त यह मेरी बात नहीं सुन रहा है। शायद यह तुम्हारी बात सुन ले। बताओ,अब हम क्या करें?"

"..."

लिन चे ने अपनी थूक निगली,उसे ऐसा लगा जैसे वो उसकी निगाहों में डूब रही थी। वह सांस लेना लगभग भूल गयी थी।

"लेकिन…"

"इसे छूने में मेरी मदद करो। ऐसा समझो कि यह करके तुम इसे आराम दे रही हो,ठीक है?"

"परंतु…"

"मैं इसके अलावा क्या कर सकती हूँ?!" गु जिंगज़ ने उसका हाथ पकड़ा और अपने नीचे की तरफ दबा दिया।

उन दोनों के बीच सिर्फ एक तौलिया था, लिन चे के पास उस आदमी को छूने, पकड़ने और सहलाने के अलावा कोई चारा नहीं था। उसने महसूस किया कि गु जिंग्ज़ का शरीर कसने लगा था,और वह शर्मिंदगी से लगभग मरना चाहती थी।

क्या कोई उसे बता सकता था कि, वास्तव में वे दोनों किस स्थिति में थे?

हालाँकि लिन चे ने बहुत हलके से उसे छुआ था,लेकिन गु जिंग्ज़ को यह भी बहुत ज़्यादा लग रहा था।

वह अपनी बढ़ती हुई भावनाओं को कण्ट्रोल नहीं पा रहा था। उसे ऐसा लग रहा था,जैसे उसका खुद पर से नियंत्रण ख़त्म हो रहा था।

नहीं,सिर्फ इससे काम नहीं होगा।

वो इससे भी कुछ ज़्यादा चाहता था। वो अपने सामने बैठी लड़की को हड़प लेना चाहता था,वह भी बुरी तरह से।

हालांकि, वो ऐसा कुछ नहीं कर सकता था…

जैसे ही वो खुद पर से नियंत्रण खोने वाला था, उसने अपनी आँखें बंद कर लीं और बिस्तर से कूद कर उठ गया।

लिन चे चौंक गयी और उसने सोचा कि उसने कुछ गलत कर दिया है।

"क्या मैंने तुम्हें चोट पहुंचाई है? मैं... मैंने वास्तव में कुछ भी नहीं किया।"

लिन चे ने अपना चेहरा पकड़ लिया और गु जिंग्ज़ को बाथरूम में जाते देखा।

फिर,उसे अचानक याद आया कि उसके हाथ ने गु जिंग्ज़ के एक खास हिस्से को छुआ था। उसने धीरे से अपने गाल पर मारा और अपना हाथ दूर कर लिया। फिर वो अपना हाथ देखने लगी,उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था।

यह नालायक गु जिंग्ज़... वह क्या कर रहा था ...

गु जिंगज़ ने बाथरूम में जाकर जल्दी से ठंडा पानी चालू कर लिया। उसने बर्फीली,ठंडी दुनिया में कदम रखा,लेकिन उसे बिलकुल बेहतर महसूस नहीं हो रहा था।

वो बाहर उस लड़की के साथ कुछ कर नहीं सकता था,इसलिए उसे और बुरा लग रहा था।

वो काफी देर शॉवर लेने के बाद आखिरकार बाहर निकल गया।

उसने देखा कि लिन चे उसे देखते ही जल्दी से खड़ी हो गयी। उसे घूरते हुए गु जिंग्ज़ ने कहा,"बस,अब काफी हो गया। चलो सो जाते हैं।" 

अगर किसी को उसकी इस शर्मनाक हालत का पता चलता,तो उसकी हंसी उड़ाई जाती।

लिन चे ने गु जिंग्ज की तरफ देखा जो काफी बेहतर लग रहा था। हालाँकि उसका शरीर अभी भी गीला था,उसकी इच्छा अब कुछ कम हो गई थी।

लिन चे ने सोचा कि यह कितना अजीब था। क्या गु जिंग्ज़ की परेशानी सिर्फ आधे घंटे के लिए बाथरूम में रहने से ही हल हो गयी थी?

भले ही लिन चे ने किसी को ऐसा करते नहीं देखा था,लेकिन उसने लोगों से इसके बारे में सुना था। 

क्या गु जिंग्ज़ भी बाथरूम में जाकर....

'उसके बारे में सोचना छोड़ो।'

लिन चे को बहुत जोर से हंसी आ रही थी।

उधर,गु जिंग्ज के चेहरे पर उदासी छायी हुई थी।

लिन चे जल्दी से लेट गयी,उसने खुद को कंबल से ढँक लिया और अपना सिर दूसरी तरफ कर लिया।

"सो जाओ।"

गु जिंग्ज़ ने भी उसपर नज़र डाली और फिर लेट गया। उसका शरीर अभी भी असहज महसूस कर रहा था,जबकि उसके बगल वाली लड़की ज़ोर से साँस ले रही थी।

सबसे बुरी बात यह थी कि, उसका शरीर, जो अभी-अभी ठंडा हो गया था,फिर से हलचल कैसे शुरू कर सकता है?

उसने गहरी सांस ली और पलट गया।

लिन चे इस बारे में सोचती रही। शायद पहले महिलाएं गु जिंग्ज के लिए बाधा थीं, इसलिए वे लंबे समय तक शांति से एक साथ रहे। लेकिन अब जब उसने इस बारे में सोचा, तो हालात बिलकुल वैसे नहीं थे।

आज के हालात में... गु जिंग्ज़ बिलकुल नार्मल था।

लेकिन ना जाने वो खुद को कैसे कण्ट्रोल कर पा रहा था?

शायद यह इसलिए था,क्योंकि वो अपना वादा निभाना चाहता था। वो जानता था कि वो उसे छू नहीं सकता था; शायद इसलिये वो खुद को कण्ट्रोल कर रहा था।

लिन चे ने सोचा, शायद पुरुष महिलाओं की तरह नहीं होते, जो खुद को अच्छी तरह से कण्ट्रोल कर लेती हैं। इसलिए हैंडसम लड़कों को देखकर उसे कुछ नहीं होता था,सिर्फ उसके दिल में थोड़ी सी हलचल के अलावा। लेकिन पुरुष इसे शारीरिक रूप से दिखाते हैं।

ऐसा लग रहा था कि गु जिंग्ज सच में बहुत दुखी था...

लिन चे इस बारे में कुछ नहीं कर सकती थी,सिवाय मुस्कुराने के। वो गु जिंग्ज की तरफ पलटी और पूछा,"गु जिंग्ज़, क्या आप सो रहे हैं?"

"हम्म," गु जिंग्ज बड़बड़ाया।

लिन चे ने कहा,"यदि तुम सो रहे हो तो तुम बात कैसे कर सकते हो?"

"क्या मैं सोते हुए नहीं बोल सकता?"

ऐसा लग रहा था जैसे वो अभी भी कुछ सोच रहा था।

लिन चे को मालूम नहीं था कि,एक असंतुष्ट आदमी कितना डरावना हो सकता है। वह मुस्कुराई और बोली,"क्या तुम्हें अभी भी असहज महसूस हो रहा है?"

उसने फिर से यह पूछने की हिम्मत की?

"तुम्हें क्या लगता है?"गु जिंग्ज़ ने कहा।

लिन चे ने जल्दबाजी में कहा,"मुझे माफ़ कर दो ... हम अबसे अलग-अलग सोएँगे?"

"... कोई ज़रूरत नहीं है," गु जिंग्ज़ ने उत्तर दिया।

लिन चे धीरे से हंसी और शांत हो गयी। उसने फिरसे कहा,"थैंक यू..."

ऐसी यातना सहने के लिए धन्यवाद।

भले ही उन दोनों के बीच समझौता शुरू में किया गया था, लेकिन अपना वादा निभाना बहुत अच्छी बात थी।

गु जिंगज़ फिरसे कुछ सोचने लगा।

"थोड़ी और बातें करो,फिर मैं अपने शब्द वापस ले लूँगा!"

लिन चे जल्दी से चुप हो गयी। उसने कंबल ओढ़ लिया और गु जिंग्ज़ की तरफ पीठ कर दी।

तभी,उसके मन में अचानक ख्याल आया कि शायद यह उसकी अच्छी किस्मत थी कि,आज वो गु जिंग्ज़ के साथ जीवन बिता रही थी।

हो सकता है कि भविष्य में तलाक लेने के बाद, उसे कभी गु जिंग्ज़ जैसा बढ़िया इंसान नहीं मिल पाए।

शायद, गु जिंग्ज़ जैसे बहुत कम लोग इस दुनिया में थे।

अगले दिन।

लिन चे उठी और त्यार होकर गु जिंग्ज़ के साथ बाहर निकली।

"मैं काम पर जा रही हूँ।"

"ठीक है,मैं तुम्हें छोड़ देता हूँ " गु जिंग्ज़ ने कहा। जैसे ही उसने दरवाजा खोला, उसने देखा कि मो हुइलिंग उसकी तरफ दौड़ी चली आ रही है।

"जिंग्ज़, तुम कहाँ जा रहे हो? क्या संयोग है! मैं काम पर जा रही हूँ। मुझे भी अपने साथ ले चलो।"

लिन चे का चेहरा उतर गया।

गु जिंग्ज को भी गुस्सा आया। वह भूल गया था कि,मो हुइलिंग उनके बहुत पास रहने आ गई थी, और वो जब चाहे उसके पास आसानी से चलकर आ सकती थी।

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