लिन चे ने अपना हाथ लहराकर कहा, "माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है। ये आपकी जिम्मेदारी नहीं है।"
"नहीं, तुम मेरी पत्नी हो, "उसने जोर देकर कहा।
लिन चे का दिल धड़का। गु जिंग्ज ने उसे गंभीरता से देखा, लिन चे का दिल जज्बातों से भर गया।
उसने कहा कि वो उसकी पत्नी है ...
उसने जल्दी से अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया, वो नहीं चाहती थी कि वो उसके प्रसन्न चेहरे को देखे।
जल्द ही, वे घर पहुंचे।
वे एक के बाद एक अंदर गए। गु जिंग्ज ने नौकरानी को निर्देश दिया, "मैडम को सर्दी की दवा दे दो।"
लिन चे वापस मुड़ी। गु जिंग्ज ने कहा, "तुम्हें अभी भी सर्दी है। सोने से पहले कुछ दवा ले लो।"
बेडरूम में, लिन चे बिस्तर पर बैठ गई। नौकरानी ने दवा अंदर लाकर दी। गु जिंग्ज ने दवा ली और नौकरानी को जाने के लिए इशारा किया। उसने लिन चे से कहा, "अपना मुंह खोलो।"
लिन चे ने जवाब दिया, "मैं सही में बिल्कुल ठीक हूं। मुझे कोई दवा लेने की जरूरत नहीं है।"
गु जिंग्ज ने कहा, "एक अच्छी लड़की की तरह अपना मुंह खोलो।"
उसकी आवाज धीमी थी और वायलिन की तरह सुखद थी। लिन चे का दिल जोर से धड़कने लगा और उसने सोचा कि उसके जैसा परफेक्ट आदमी पाना कितना मुश्किल है।
वो इतना आकर्षक, सेक्सी, धनी और जिम्मेदार इंसान था।
वो उसके प्रति बहुत अच्छा था।
ये केवल इसलिए था क्योंकि वो अपनी कॉन्ट्रैक्ट वाइफ के साथ अच्छा व्यवहार करने की जिम्मेदारी समझता था, इसलिए उसने उसकी इतनी मदद की। उसके इस बर्ताव ने लिन चे का दिल छू लिया।
उसने अचानक सोचा कि अगर एक दिन गु जिंग्ज ने उसे तलाक दे दिया, तो वो कभी भी उसके जैसे आदर्श आदमी को नहीं पा सकेगी।
लिन चे का दिल थोड़ा सा दुखा।
गु जिंग्ज ने पूछा, "तुम किन ख्यालों में हो? पागल मत बनो। अपना मुंह खोलो और दवा लो।"
लिन चे शरमा गई और पलट गई,"नहीं।"
"वास्तव में, मैं ठीक हूं। वैसे भी, दवाएं शरीर के लिए अच्छी नहीं होती हैं। जब मैं बच्ची थी तो एक बार मुझे चालीस डिग्री सेल्सियस का तेज बुखार हो गया था। मैंने तब भी दवा नहीं ली थी और मैं अपने आप ठीक हो गई।"
"चालीस डिग्री ..."गु जिंग्ज ने लिन चे को देखा। वो सही में किस्मत वाली थी जो आज भी जीवित है। "अब मुझे समझ आया कि तुम दिमाग से इतनी पैदल क्यों हो। ये बचपन के बुखार की वजह से ही होगा।"
"घटिया इंसान!" लिन चे ने आपत्ति में अपना सिर उठाया और कहा, "इसी वजह से मेरा शरीर इतना मजबूत है! मेरा इतना खून बह गया लेकिन फिर भी मैं बच गई।"
"तुम्हारा तरीका वैज्ञानिक रूप से सही नहीं है। तेज बुखार होने पर कौन दवा नहीं लेता?" गु जिंग्ज ने जोर देते हुए कहा।
लिन चे ने कहा, "हर कोई तुम्हारी तरह मुंह में सोने के चम्मच के साथ पैदा नहीं होता है। हर किसी के पास एक निजी डॉक्टर नहीं होता है, जो एक आवाज पर आ जाए। जब मैं छोटा थी, मैं एक नैनी (नौकरानी) के साथ रहती थी। वो हमेशा व्यस्त रहती थी और किसी को मेरी परवाह नहीं होती थी। लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था क्योंकि मैं बहुत कम बीमार पड़ती थी। मेरा शरीर मजबूत है। मुझे याद है कि मुझे सिर्फ एक बार चालीस डिग्री बुखार हुआ था। मैं आधी रात को उठी लेकिन मेरी नैनी आसपास नहीं थी। मैं दवा लेने के लिए बाहर भागी, लेकिन तब मुझे अच्छे से पड़ना नहीं आता था। इसलिए मैंने पीले रंग की ढेर सारी गोलियां लीं और उन सभी को निगल लिया। मैंने अपनी नैनी को बहुत डरा दिया था, वो मुझे पास के एक क्लिनिक में ले गई। लेकिन ये पता चला कि मुझे कुछ नहीं हुआ और मेरा बुखार पहले से कम हो गया था। डॉक्टर ने कहा कि जो बच्चे आमतौर पर दवा लेते हैं उनका जीवन खतरे में रहता है। मैं भाग्यशाली थी कि मेरे शरीर की रोग सहने की शक्ति इतनी मजबूत थी।"
ये सुनकर कि वो कितनी लापरवाह थी, गु जिंग्ज का चेहरा उतर गया और उसके पतले होंठों की एक सीधी लाइन बन गई। वो अनजाने में लिन चे के करीब आ गया था। लिन चे ने अपना सिर उठाया और उसकी काली पुतलियों को देखा। वो पीछे झुक गई लेकिन गु जिंग्ज ने धमकी देते हुए कहा, "अपनी दवा ले लो। मुझे कोई और तरीका अपनाने के लिए मजबूर मत करो।"
लिन चे ने उसे अपने करीब आते देखा, उसके होंठ और गला हिल रहे थे। उसने महसूस किया कि उसका शरीर गर्म हो गया है, इसलिए वो उससे बचने के लिए पलट गई, "मैं वास्तव में ठीक हूं। मुझे दवा की जरूरत नहीं है।"
तभी, गु जिंग्ज ने गोलियां अपने मुंह में डाल लीं। उसकी लंबी बांह लिन चे के मुंह तक पहुंच गई और उसके हाथ में लिन चे की ठुड्डी थी। उसने अपने होंठ उसके होंठों पर दबा दिए।
लिन चे ने महसूस किया कि एक शांत जीभ, दवा के कड़वे स्वाद के साथ उसके मुंह के अंदर घूम रही थी।
लिन चे चिल्लाई और फिर उसने महसूस किया कि गु जिंग्ज के होंठ पूरी तरह से उसकी सांस रोक रहे थे।
गोलियां उसके गले से नीचे उतर गई और पल भर के लिए उसकी सांस रूक गई।
इससे भी बुरी बात ये था कि दवाई अंदर जाने के बाद भी गु जिंग्ज की जीभ अभी भी उसके मुंह में ही थी और उसे छोड़ना नहीं चाहती थी।
ऐसा लगा जन्नत मिलने के बाद, आखिर उसने अपने होंठ उसपर से हटा लिए। लिन चे ने नकली खांसी करी। गु जिंग्ज ने देखा कि लिन चे के कान लाल हो गए थे इसलिए उसे हंसी आ गई। जैसे ही लिन चे ने अपना सिर उठाया गु जिंग्ज ने उसे पानी का गिलास दिया, "थोड़ा पानी पी लो।"
लिन चे चुपचाप उसकी तरफ देखती रही।
गु जिंग्ज उसके करीब जाकर मजाक में बोला, "क्यों? क्या अब तुम चाहती हो कि मैं तुम्हें पानी भी उसी तरह से पिलाऊं?"
लिन चे ने उसे गुस्से में कहा, "बास्टर्ड!"
उसने पानी का गिलास छीन लिया और जल्दी से एक बड़ा घूंट पिया।
गु जिंग्ज ने संतुष्टि में सिर हिलाया, "अच्छी लड़की।
अगली बार मुझे चुनौती देने की कोशिश मत करना।"
लिन चे ने सोचा, ये व्यक्ति सही में दुष्ट है।
हालांकि, वो सिर्फ उसकी भलाई चाहता था, इसलिए उसने उसे दवाई दी। लिन चे को अपने दिल में थोड़ी गर्मी महसूस हुई।
जब वो छोटी थी, तो उसकी नैनी के अलावा किसी ने भी उसकी परवाह नहीं की थी।
गु जिंग्ज ने उसकी तरफ देखते हुए कहा, "मुझे उम्मीद है कि तुम जल्दी ठीक हो जाओगी, मैं नहीं चाहता कि मुझे भी तुमसे ये बीमारी लगे।"
"फिक्र मत करो। मेरा शरीर वास्तव में मजबूत है। मैं जल्दी ठीक हो जाऊंगी। हां पर, तुमने अभी जो किया है, उससे मेरी सर्दी तुम तक जरूर पहुंच सकती है।"
"मजबूत? तुम कभी भी अचानक से बीमार पड़ जाती हो," गु जिंग्ज की निगाह उसके होठों पर टिकी हुई थी, "लार कीटाणुओं और जीवाणुओं को मार सकती है, मुझे उसकी वजह से तुमसे सर्दी नहीं होगी। बस अपना ख्याल रखना।"
"..."
ये सच था। चूंकि उन्हें गु परिवार में एक राजा की तरह माना जाता था, इसलिए उनके पास बहुत सारे लोग थे। उसे लिन चे की चिंता की जरूरत नहीं थी।
यहां तक कि अगर उसे सिर्फ ठंड पकड़ती है, तो उसके इलाज के लिए डॉक्टरों की एक टीम आ जाएगी।
वे दोनों अलग-अलग दुनिया के हिस्से थे। लिन चे को अचानक अहसास हुआ कि वे कितने अलग थे और वो उससे कितनी दूर थी।
लिन चे ने कहा, "ऐसा नहीं है कि मैं हर बार दुर्घटना को खुद बुलाती हूं।"
लेकिन फिर हाल ही में उसके साथ बहुत सारी घटनाएं हुईं थीं। कभी उसे चोट लग गई तो कभी वो बीमार पड़ गई थी।
उसने सोचा शायद मो हाइलिंग के साथ वो सब चीजे नहीं होती होंगी जो उसके साथ होती हैं।
वो खुद को दोषी मानने लगी। इसीलिए शायद गु जिंग्ज को मो हाइलिंग पसंद है। वो अच्छी और आज्ञाकारी भी थी, वो कभी किसी मुसीबत में नहीं पड़ी।"
लिन चे ने सोचा, शायद लोग सही सोच रहे होंगे कि वो गु जिंग्ज के लायक नहीं है।
मो हाइलिंग जैसी महिला ही उनके लिए अनुकूल थी।
कम से कम उसका जीवन आरामदायक और सभ्य था। उसने लिन चे की तरह अपने जीवन में बहुत परेशानियां नहीं झेलीं थीं।
दूसरी ओर, लिन चे जैसा एक छोटा सा कीड़ा.. जिसकी जिंदगी में समस्याएं भरी हुई थीं, और वो चाहकर भी इनसे बच नहीं सकती थी।
गु जिंग्ज ने कहा, "ठीक है। जल्दी सो जाओ।"
"लेकिन मैंने अभी तक नहाया नहीं है," लिन चे ने जवाब दिया।
गु जिंग्ज ने कहा, "ऐसा बिल्कुल मत करना। तुम अभी भी बीमार हो। तुम्हारे नहीं नहाने से किसी को भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा।"
"लेकिन…"
"चुप रहो और सो जाओ," उसने उसे डांट कर कहा और उसके ऊपर कंबल उड़ा दिया।
लिन चे ने सोचा, कोई भी उसके जितना हुकुम नहीं चला सकता।