Chereads / फुल मार्क्स हिडन मैरिज : पिक उप अ सन, गेट अ फ्री हस्बैंड / Chapter 68 - कितना भी गुस्सा आए पर मुसकुराते रहो।

Chapter 68 - कितना भी गुस्सा आए पर मुसकुराते रहो।

निंग क्षी पूरी रात गहरी नींद में सोयी और सुबह ही उठी।

कल रात उसे बहुत ही अच्छी नींद आयी थी पर कुछ तो था जो उसे अजीब सा लग रहा था। जाने क्यों उसे उसकी ज़ुबान के एक हिस्से में हल्का सा दर्द महसूस हो रहा था। समझ नहीं पा रही थी कि क्या नींद में उसने खुद ही अपनी ज़ुबान को काट लिया था?

नाश्ते का समय हो चुका था| सब कुछ सामान्य था।

शायद लू टिंग आज ऑफ़िस जाने वाला था क्योंकि उसने बिज़नेस सूट पहना हुआ था और बैठकर कॉफी पीते हुए अखबार पढ़ रहा था। लू टिंग एकदम शांत दिख रहा था, उसके चेहरे पर कोई भी भाव नहीं थे। वह ऐसे सामान्य तरीके से बैठा हुआ था जैसे कल रात कुछ हुआ ही ना था।

यह देख निंग क्षी थोड़ा सहज हुई| शायद उसने ही कुछ ज्यादा सोच लिया था।

लू टिंग के मन में निंग क्षी के लिए कुछ भावनाएँ तो होगी पर किसी से जलन? ऐसा नहीं हो सकता। वो भी खुद के भतीजे से?

लू टिंग सामान्य दिख रहा था पर लिटिल ट्रेजर थोड़ा अजीब दिख रहा था।

लिटिल ट्रेजर आज सुबह से ही उदास दिख रहा था, जैसे किसी ने उसकी कोई चीज़ चुरा ली हो।

निंग क्षी ने उसे सूप दिया और प्यार से पूछा, "क्या हुआ प्यारे बच्चे ,तुम खुश नहीं हो आज?"

लिटिल को अपने पिता पर खूब ज्यादा गुस्सा आ रहा था पर उसे याद था कि आंटी को उसका मुस्कुराता चेहरा पसंद आता था तो वह बड़ी मुश्किल से अपने चेहरे पर मुस्कुराहट ला पा रहा था।

"कितना भी गुस्सा आए पर मुसकुराते रहो।"

निंग क्षी ने अपना नाश्ता खत्म कियाऔर तुरंत जाने लगी, " मै निकलती हूँ, आप लोग अपना नाश्ता कर लें।"

आज मेल सेकंड लीड सेट पर आने वाला था, तो बेहतर होगा कि उससे पहले ही पहुंचा जाए।

निंग क्षी ने अपना बैग उठाया और जैसे ही निकलने वाली थी कि लिटिल ट्रेजर दौड़कर आया और उसके कपड़े खींचने लगा।

निंग क्षी को समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या हुआ|

 "क्या हुआ?" निंगक्षी ने पुछा।

यह जानकर कि निंग क्षी उसकी बात नहीं समझी, लिटिल अब रोने ही वाला था।

निंग क्षी ने अपना सिर खुजाया कि आखिर क्या बात थी पर उसे समझ ही नहीं आ रहा था। उसने बेबसी से लू टिंग की तरफ देखा।

"तुम उसे गुड बाय किस करना भूल गयी हो आज।" लू टिंग ने याद करवाया।

"ओह हाँ!" 

जाने यह सिलसिला कब से शुरू हुआ था पर यह अब उसकी रोज़ की आदत बन चुका था| लिटिल भी रोज आंटी से किस ले कर बहुत खुश होता था पर आज न जाने कैसे जल्दी-जल्दी में वह भूल गयी थी।

निंग क्षी ने जब तक लिटिल ट्रेजर को गले नहीं लगाया और चूमा नहीं तब तक वह घर से नहीं निकली।

लिटिल ने हाथ हिलाकर आंटी निंग क्षी को बाय-बाय किया फिर पलटकर लू टिंग की तरफ गुस्से से देखा जैसे कह रहा हो, "तुमने अभी जो मेरी मदद की उसकी वजह से मैं तुम्हें रात के लिए माफ कर दूँगा ऐसा मत सोच लेना।"

लू टिंग ने लिटिल के हाव भाव देखे पर उसे अनदेखा कर अपनी कॉफी की चुस्की लेते हुए कहा, " माफ करना तुम क्या कहना चाहते हो मुझे नहीं समझ में आ रहाअ| गर कुछ कहना है तो बोलो या फिर लिख कर बताओ।"

ये सुन करकर लिटिल ट्रेजर और ज्यादा गुस्सा हो गया।

लिटिल अब निंग क्षी की मदद से कुछ शब्द या चेहरे के भाव को चित्रित करना या चिन्ह बनाना आदि कर पता था पर पूरा वाक्य अभी भी नहीं लिख पता था ।

गुस्से से आग-बबूला हो कर आखिरकार एक शब्द लिखा "चोर।"

ये देख लू टिंग ने ऐसा दिखाया जैसे उसे नहीं समझा क्या लिखा था|

 "क्या? अपने घर में चोरी हो गयी?"

अब लिटिल के गाल गुस्से से फूल गए| उसने सिर झुकाया और तेज गति से चाइनीज़ भाषा में कई सारे शब्द लिख दिये. "तुमने कल रात को निंग क्षी आंटी को चुराया।"

कई सारे शब्दों की इस बेहतरीन माला में सारे के सारे शब्द व्याकरण के अनुरूप थे यह देखकर लू टिंग का मन काफी संतुष्ट हुआ। उसने अपना अखबार नीचे रखा, अपने बेटे को ध्यान से देखा और पूछा, "क्या तुम नहीं चाहते की आंटी निंग क्षी मेरी पत्नी बने?"

"मेरी!" लिटिल ट्रेजर ने अपनी टबलेट पर लिखा।

लू टिंग ने कहा, "पर तुम दोनों एक-दूसरे से काफी अलग हो| तुम उससे 19 साल छोटे हो| उसे तुमसे शादी करने के लिए तुम्हारे बड़े होने का इंतजार करना पड़ेगा। क्या तुम उसे इतना इंतजार करवाओगे?"

लिटिल ट्रेशर एक सड़े हुए अंडे की तस्वीर बनाने लगा।

सड़े हुए अंडे की तस्वीर काफी जीवंत लग रही थी| उसे देख लू टिंग ने कहा "मै तो तुम्हें सच्चाई बता रहा था।"

इतना कह वह कुछ मिनट को रुका और फिर एक अलग ही अंदाज़ में कहने लगा, "अगर उसकी शादी मुझसे होती है तो फिर वो मेरी पत्नी होगी पर तुम्हारी माँ होगी।"

"माँ...."

यह सुनकर लिटिल ट्रेजर अचंभित हो गया। उसने अपना सिर नीचे झुकाया| उसके चेहरे पर अब कुछ अटपटे से भाव उभरने लगे थे।

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