Chapter 62 - मुझे यहाँ चूमो

काली आर.वी. कार के अंदर

" प्यारे पोते ! तुम्हें मेरा घर मालूम है क्या?"

" ख़बरदार निंग क्षी अगर मुझे अब एक बार भी पोता बोला तो?'" मुए ने गुस्से में चेतावनी दी ।

"तो क्या कर लोगे?" निंग क्षी ने बेपरवाही से जवाब दिया और फिर कहा " मेरे पोते !"

"मै तुम्हारा कत्ल कर दूंगा!" मुए ने फिर चेतावनी दी।

"ओह तो कर दो। मुझे लगता था तुम कभी नहीं कर पाओगे।" निंग क्षी ने फिर उसी अंदाज में जवाब दिया।

"तुमने मुझे सही में मारा निंग क्षी, तुम बहुत ही खराब औरत हो निंग क्षी।"

कार की पिछली सीट से लगातार मारा पीटी की आवाजें आने लगीं| ले मींग जो कि कार चला रहा था, जो कुछ हुआ उससे हैरान था| उसने कहा " मुए मैंने तुम्हें पहले ही चेताया था कि निंग क्षी से तुम नहीं जीत सकते पर तुमने मेरी बात नहीं मानी तब, अब भुगतो। कल के समाचारों की मुख्य खबर खुबसूरत लड़कियों द्वारा मुए का स्वागत की बजाय बूढ़ी औरत के द्वारा मुए का स्वागत होगी।"

जियांग मुए गुस्से से चिल्लाया " अपना मुँह बंद करो।"

कार के शीशे से ले मींग पिछली सीट पर चल रही मारा मारी के बिगड़ते हालात देख रहा था| उसके चेहरे पर चिंता की लकीरे उभर आई| उसने मुँह बनाते हुए कहा, " निंग क्षी थोड़ा संभाल के मारो| इस महीने उसे एक फिल्म, कुछ विज्ञापन, और मगजीने के मुख्य पृष्ठ के लिए फोटो शूट करना है।"

" समझ गई मेरे भाई ले मींग, इसके चेहरे पर नहीं मारूँगी अब!"

सुंदर और आत्म विश्वास से परिपूर्ण मुए जो थोड़ी देर पहले एयर पोर्ट पर अपने चाहने वालों से घिरा हुआ था, अब अपनी ही कार की पिछली सीट पर एक लड़की से मार खा रहा था, उसके हाथ हेंडकफ से बंधे हुए थे।

"निंग क्षी तुमने ही मुझे यह सब करने को मजबूर किया।" पर मुए को अब समझ नहीं आ रहा था, कैसे निपटे इस निंग क्षी से।

निंग क्षी खुशी-खुशी मुए को मारे जा रही थी, तभी जियांग मुए ने अपने बंधे हुए हाथ निंग क्षी के गले मे डाल दिये और उसे नीचे गिरा दिया।

जियांग मुए का चेहरा अपने इतने करीब देख कर निंग क्षी थोड़ा पीछे हो गयी और कहने लगी , " जब मारा पिटी मैं मुझसे नहीं जीत सके तो यह हथकंडा आज़मा रहे हो?"

मुए निंग क्षी के होठो को चूमने ही वाला था कि चिल्ला पड़ा, " छि... क्या है ये।"

निंग क्षी पेट पकड़ पकड़ के हँसने लगी, उसकी हंसी ही नहीं रुक पा रही थी, " आओ जियांग मुए चूम लो मुझे, रुक क्यों गए? दादी का मेकअप आज कुछ ज्यादा ही अच्छा था...क्यों मुए? सही न।"

निंग क्षी के चेहरे की झुर्रियों को देखकर जियांग मुए किसी मरी हुई मछली की तरह गिर गया| यह सब देखकर उसकी तो जीने की भी इच्छा खत्म हो गयी थी।

बड़ी मुश्किल से अपनी हंसी पर काबू करने के बाद निंग क्षी ने जियांग मुए से कहा, " किसने कहा था मुझसे पंगा लेने को? और तुम इतने नाराज क्यों हो? अब क्या मैं तुमसे बदला भी नहीं ले सकती?"

" तुम सही में बहुत ही कमीनी लड़की हो| इतने दिन हो गए है हमें मिले, जाने कब से तुम्हें देखा तक नहीं और तुम्हें एक बार भी मेरी याद नहीं आई? आते ही पहला काम तुमने क्या किया? मेरी पिटाई?" जियांग मुए ने गुस्से से कहा पर उसकी आंखो में इस बात का दर्द साफ दिख रहा था।

"आई न| एयर पोर्ट पर ही तो मेंने तुम्हें कहा था तुम्हारी बहुत याद आती है मेरे प्यारे पोते।"

जियांग मुए को अब लगने लगा कि निंग क्षी से बात कर कोई फायदा नहीं, उल्टा गुस्से से उसका दिमाग फट जाएगा और वह चुप हो गया| अपने बंधे हुए हाथों को ऊपर करते हुए बोला, " भगवान के लिए इन्हे अब खोल दो...और कहाँ से मिले तुम्हें हेंड कफ? ये चाइना में तो प्रतिबंधित है।"

निंग क्षी ने अपनी ठुड्डी को छूते हुए कहा, " ये ताओबाओ के एक सेक्स दुकान पर मिला, 20% का छूट था, 9 डॉलर में मिला।"

दोनों आदमी अब चुप!

ले मींग को डर लगा की कह़ी ये दोनों फिर से न लड़ना शुरू कर दे, तो उसने बात तुरंत बदली, " पत्रकारो और प्रशंसकों से पीछा छूट गया है, अब कहाँ चले?"

जियांग मुए ने छोटा सा आईना निकाला और अपने बाल सँवारने लगा। बाल सँवारते-सँवारते बोला " मेरे बंगले पर, जो कि शहर के बाहर स्थित है।"

यह सुनते ही निंग क्षी ने कहा, "तो ठीक है, कार को थोड़ा साइड में रोको, मुझे यही उतार दो| मैं टॅक्सी ले कर के घर चली जाऊँगी।"

"हे तुम्हें क्या लगता है, आज रात तुम बच के निकल जाओगी? मैं भी देखता हूँ कैसे भागती हो तुम" ऐसा बोलकर मुए ने कार के दरवाजे के ताले बंद कर दिये।

निंग क्षी के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर गयी। मुए ऐसा ही कुछ करेगा उसे अंदाजा था।

रास्ते से गुजरते हुए उसे एहसास हुआ कि रास्ता तो जाना पहचाना हुआ है, अरे यह तो प्लेटिनम हाउस का रास्ता है? उसने फिर भी अपनी शंका को मिटाने के लिए पूछा " टायकून जियांग तुम्हारा घर तो बी सिटी में था ?ये रास्ता तो प्लेटिनम पैलेस की तरफ जाता है?"

जियांग मुए ने जवाब दिया "तो क्या हुआ, अब बहुत देर हो चुकी है, तुम मेरी जांघे अब नहीं पकड़ पाओगी। तुम्हें मुझसे कोई मदद नहीं मिल पाएगी, जब तक की मुझे दादाजी कह कर नहीं पुकारोगी।"

अब निंग क्षी को थोड़ी घबराहट होने लगी।

क्या ये मात्र इत्तेफ़ाक ही था कि जीयांग मुए का बंगला भी प्लेटिनम पैलेस में ही था?

यह सब सोच सोच के निंग क्षी के दिमाग मे अलार्म घड़ी की घंटी बजने लगी " दु दु दु दु !"

उसे आने वाले पल का डर लगने लगा। जाने क्या बुरा होने वाला है अब।

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