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Chapter 49 - एक छोटा मालिक जिसे फलों का रस बनाना पसंद है

निंग क्षी ने बेबसी से अपना सिर पकड़ लिया, "तुमने मुझे फूल फँसाने के लिए भेजे, पर चलो इस बारे में हम बाद में बात करते हैं, पर क्या तुम्हें मालूम है कि तुम्हारे आने की खबर किसी से छुपी नहीं है अब? एयरपोर्ट पर मीडिया औऱ तुम्हारे चाहने वाले होंगे औऱ तुम चाहते हो कि मैं तुम्हें एयरपोर्ट पर लेने आऊँ ताकि मेरा तमाशा बन जाए? मीडिया मुझ से सवाल पूछ-पूछकर मुझे पागल कर देगी। जियांग मुए , मैने तुमसे अपना रिश्ता खत्म किया इसका बदला तुम इस तरीके से लेना चाहते हो?"

" तुम्हें ऐसा लगता है क्या निंग क्षी ! मैं तुम्हें मशहूर होने का मौका दे रहा हूँ। नए औऱ छोटे कलाकार तो ऐसा मौका पाने के लिए मरे जाते है निंग क्षी।"

"नहीं होना है मुझे ऐसे मशहूर।"

" निंग क्षी अगर तुम नहीं आई तो मैं पूरी दुनिया को चीख-चीखकर बता दूँगा कि कैसे तुमने हमारा रिश्ता बिना किसी कारण के खत्म किया, मुझे धोखा दिया। फिर चाहे कुछ भी हो, चाहे मैं किसी को मुँह दिखाने के लायक बचूँ या नहीं।

यह सब सुनकर निंग क्षी का पारा सातवे आसमान को पार कर गया| उसने अपने जीवन की सबसे बढ़ी गलती की इस जिआन मुए को उकसाकर।

छोटे कलाकार! तुम्हें क्या लगता है, मुझे तुमसे निपटना नहीं आता है?

निंग क्षी फिर हल्का सा मुसकुराई, " ठीक है, आती हूँ तुमको लेने के लिए बाद में पछताना मत।

दरअसल जियांग मुए से निपटना इतना मुश्किल नहीं, वो बस इस बात से नाराज था कि निंग क्षी ने उसे छोड़ दिया था, ऐसा शायद उसके साथ पहली बार हुआ होगा जब किसी लड़की ने उसे छोड़ा, तो बस इसीलिए वह निंग क्षी को परेशान कर रहा था| एक बार वह संतुष्ट हो जाएगा तो फिर नहीं करेगा पर असली समस्या तो उस शैतान से है जिसने उसे वह बड़ा हीरा भेजा था।

"हर समस्या का समाधान होता ही है, चिंता न करो।" ऐसा सोचकर निंग क्षी ने खुद को समझाया। तभी फिर कोई आ कर बोला, "निंग क्षी तुमसे मिलने कोई आया है।"

"अब कौन?"

पूरे के पूरे क्रू की नज़रें निंग क्षी पर थी कि अब कौन, औऱ क्या आया।

कुई काइजिंग किसी कोने में बुदबुदाई, "कोई होगा बूढ़ा, जिसे समझ नहीं आ रहा होगा कि पैसा कैसे उड़ाए।"

मिस क्षियाओ सी, "हेलो.... एक डरी सी, सहमी सी एक लड़की निंग क्षी के पास आई, उसे देख के निंग क्षी का गुस्सा कुछ कम हुआ| उसने उस लड़की को धीरे से पूछा " क्या तुम मुझे ढूंढ रही हो?"

"हाँ जी, मैं आपको कुछ देने आई हूँ," उसने एक कूलर बॉक्स निंग क्षी को दे दिया| उसको खोलने पर ठंडी भाप निकलने लगी औऱ तीन काँच की बोतलें दिखाई दीं जिनमें रंग-बिरंगे फलों के रस भरे हुए थे।

"ये क्या है?" निंगक्षीने आश्चर्य से पूछा।

"ये तरबूज का रस, संतरे का रस, और हरी सेम का रस है, जिसे हमारे छोटे मालिक ने खुद अपने हाथो से बनाया है।" लड़की ने जवाब दिया।

"कौन है तुम्हारे छोटे मालिक? "निंग क्षी ने पूछा।

लड़की ने रस की बास्केट से एक कागज का टुकड़ा दे दिया जिस पर लिखा था " लड़ाई! " 

उसके आगे एक दिल बना हुआ था।

इसे देख कर ही निंग क्षी समझ गयी कि यह दिल बनाते हुए लिटिल ट्रेजर कैसे शर्मा रहा होगा। हाँ! ये लिटिल ट्रेजर ने भेजा।

इस तोहफ़े औऱ इस कागज़ के पुर्जे ने उसका सारा तनाव खत्म कर दिया| वह दिल से खुश हो गयी।

अपने करियर के शुरुवाती दिन मे कोई भी निर्णय लेने से पहले वह सोचती थी कि लोग क्या कहेंगे? मीडिया क्या सोचेगा? पर धीरे-धीरे उसे समझ में आने लगा कि जो लोग उसकी फ़िक्र नहीं करते ,जिन लोगों का उससे कोई लेना-देना नहीं वो क्या बोलते या सोचते है इसकी फ़िक्र क्यों करना?

पहले वह हर किसी को खुश करने में लगी रहती थी, जैसे सु यान, उसके खुद के माँ बाप, हाई क्लास लोगों के अनुसार रहने की कोशिश करती थी, ताकि उसके माँ बाप की नाक सदा ऊंची रहे पर यह सब करते-करते उसकी खुद की पहचान ही गुम गई।

पर अब वह सब समझ चुकी थी कि उसको मेहनत करनी है, अपने तरीके से ही काम करना है, अपना मुकाम हासिल करना है। उसे उन्ही लोगो के लिये लड़ना है जो उसकी फ़िक्र करते हैं।

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