Chapter 41 - और चाहिए?

"क्या चाहिए तुम्हें?" निंग क्षी ने लू टिंग से पूछा। ऐसा कहते हुए कार के स्टेयरिंग को और कसकर पकड़ा।

लू टिंग पैसेंजर सीट पर बैठा हुआ था| उसने मन ही मन कहा, "कैसे बताऊँ तुम्हें मुझे क्या चाहिए। तुम्हारे लिए यही बेहतर है कि तुम न जानो कि मैं क्या चाहता हूँ।"

लू टिंग को काफी गर्मी लग रही थी| उसने सफ़ेद रंग का शर्ट पहना हुआ था| वह धीरे से अपने शर्ट के बटन एक-एक करके खोलने लगा। जैसे जैसे बटन खुलते गये, उसका सुडौल सीना दिखने लगा| निंग क्षी का ध्यान अब अपनी सफ़ेद डार्लिंग से हटकर अपने साथ बैठे इस आकर्षक आदमी के ऊपर आकर रुक गया जो बहुत ही ज्यादा सेक्सी लग रहा था| निंग क्षी की नजरों से अंजान लू टिंग ने अपने अंदर उठे इस जलन के भाव को कम करने के लिए सिगरेट जलायी।

अब निंग क्षी बिना पलक झपकाए लू टिंग को ही देखे जा रही थीं| उसके गले का एडम एपल जो हर कश के साथ कभी ऊपर जाता तो कभी नीचे| उसके होठों के बीच फँसी सिगरेट जिससे उसने एक सांस में काश भरा और अगली सांस में धुएँ को बाहर फेंक दिया। फिर उसके मुँह से निकलता धुआँ...

तभी लू टिंग का ध्यान निंग क्षी पर गया जो लगातार उसे घूर रही थीं। उसकी आंखो में भी उसे भूख दिखी| एक पल के लिए लू टिंग को लगा कि ये भूख उसके लिए थीं। फिर उसे अहसास हुआ कि नहीं यह तो सिगरेट के लिए थीं। निंग क्षी उसे नहीं सिगरेट को घूर रही थीं।

लू जींगली जासूसी में एक नम्बर था। उसने निंग क्षी के बचपन से लेकर जवानी तक की सारी खबरें लू टिंग को दी थी। यह भी बताया था कि निंग क्षी आजकल सिगरेट छोड़ने के प्रयास कर रही थी इसलिए सिगरेट देखकर निंग क्षी को पीने की इच्छा हो रही थीं।

पहले एक्स बॉय फ्रेंड, फिर व्हाइट स्पोर्ट्स कार और अब ये सिगरेट यानी लू टिंग का कहीं से कहीं तक कोई नंबर ही नहीं| लू टिंग ने अपने आप को इतना तिरस्कृत पहले कभी भी महसूस नहीं किया था।

जिस दिन से लू टिंग ने निंग क्षी को देखा उस दिन से वह बस उसे पाना चाहता था पर एक निंग क्षी थी जो शुरू से ही उसको अपने पास आने ही नहीं दे रही थीं।

लोग का कहना था कि अगर कोई अपने पहले प्रेमी को नहीं भुला पाये इसका मतलब कि नए वाले में कुछ कमी है। "क्या मुझमें कुछ कमी है?" "ऐसे कई विचार लू टिंग के दिमाग को झिंझोड़ रहे थे| इसी कशमकश मे उसने निंग क्षी जो कि अभी भी लू टिंग को ही घूर रही थी से पूछा, "क्या तुम्हें यह चाहिए?"

निंग क्षी ने हाँ में सिर हिला दिया।

लू टिंग ने एक कश भरा और निंग क्षी की तरफ बढ़ा पर खुद को न रोक पाया और अपने होठों से निंग क्षी के होठों को दबाते हुए वह कश निंग क्षी के अंदर छोड़ दिया, 

निंग क्षी की आंखे खुली रह गयी, एक खूबसूरत आदमी की तंबाकू की महक वाली ठंडी साँसे उसकी साँसों से टकरा रही थी| उसने धीरे से अपने होंठ खोले और लू टिंग के मुँह का धुआ अपने अंदर खींच लिया पर अचानक हुई इस हरकत औऱ धुएँ की वजह से निंग क्षी खाँसने लगी।

अब निंग क्षी और भी ज्यादा मादक लग रही थीं, अब उसकी आंखे पानी से भर गयीं थी।

लू टिंग ने अब एक और कश भरा औऱ पूछा, " और चाहिए क्या?"

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