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Chapter 10 - शर्त के खिलाफ़ जाना

"ठीक है, चूँकि तुमने कहा है कि तुमने चार शिष्य भर्ती किये हैं, तो उनको यहाँ लेकर आओ ताकि तुम्हारे दावे की जांच हो सके या तुम अपना चेहरा हमारे थप्पड़ों के लिए अभी पेश करना चाहते हो?"

कीं बिओं ने नीचे से पहले आने वाले अहंकारी गुरु को उन चारों से शर्त लगाते हुए देख कर कहा|

" शिष्यों को यहाँ लाऊं ?" ज़हांग वान ने अपना सिर हिलाया|" आप सब रसद विभाग के गुरु हैं, ऐसा नहीं हो सकता कि आप लोगों को साधारण सी बात नहीं पता| यह जांच करना कि मैंने शिष्य भर्ती किये हैं या नहीं आसान है| जब शिष्यों ने मेरे पहचान प्रतीक को स्वीकार किया है, उनकी निजी जानकारी शिक्षा विभाग में स्वतः ही आ जाएगी| यदि हम शिक्षा विभाग से इस बात की पुष्टि कर लेंगें तो सत्य उजागर हो जायेगा| आख़िरकार, सिर्फ़ आप लोगों से झूठ बोलने के लिए , शिक्षा विभाग मेरा साथ नहीं देगा|

जब शिष्य गुरु के साथ अपना रिश्ता स्वीकारता है, तो यह जानकारी स्वतः ही शिक्षा विभाग के पास प्रेषित और अभिलेखित हो जाती है| कोई भी झूठा दावा नहीं कर सकता|

" ली युआन, तुम देखो! मैं जानना चाहता हूँ कि यह आदमी इसके बाद कैसे इतना आत्मसंतुष्ट रह सकता है|

उसके आत्मविश्वास और हाव भाव को देखकर और उसकी बातें सुनकर, कीं बिओं एक पल के लिए झिझका और फिर उसने ली युआन को हुक्म दिया|

ली युआन उन गुरुओं में से एक था जिसने जहाँग वान का पहले उपहास किया था| यह सुनकर वह मुड़ा और रसद विभाग से बाहर चला गया|

शिक्षा विभाग और रसद विभाग, प्रशासन विभाग के अंतर्गत आते थे| ली युआन को अपना उतरा हुआ चेहरा लेकर आते ज्यादा समय नहीं लगा|

" क्या हुआ ?"

उसके चेहरे के भावों को देखकर, कीं बिओं का दिल धड़कने लगा और किसी बुरी खबर की आशंका ने उसे घेर लिया|

" चार शिष्यों ने इसको अपना गुरु माना है| यह उनके नाम और निजी जानकारी है|"

ली युआन का चेहरा फक्क पड गया|

अब भी उसके लिए यह मानना मुश्किल हो रहा था|

क्या वे चार विद्यार्थी अंधे हैं ? होंग्तिंन अकादमी में इतने गुरुओं के होते हुए उन्होंने ऐसे गुरु को क्यों चुना जिसे गुरु योग्यता परीक्षा में शून्य अंक मिले हैं, ऐसा व्यक्ति जिसे कुछ नहीं आता|

" मुझे देखने दो| मुझे निश्चिन्त होने दो कि इसने किसी विकलांग या अंधे को तो भर्ती नहीं किया जिन्हें किसी भी समय निकाला जा सकता है|"

कीं बिओं ने नाम की सूची झपटी|

बाकी दो गुरुओं ने तुरंत उसको घेर लिया|

 कई ऐसे गुरु थे जो शिष्यों की संख्या बढ़ाने के लिए अयोग्य शिष्यों को ले लेते थे| इन लोगों को कभी भी निकाला जा सकता था| इनको यदि अकादमी ने स्वीकार भी कर लिया तो भी ये कुछ महीनों से ज़्यादा नहीं टिकेंगे|

कीं बिओं के मत में, जहाँग वान जैसा व्यक्ति, जो सबसे निचले स्तर का है, यदि शिष्य बनाने में सफ़ल भी हो गया तो भी वह सबसे निचले स्तर के शिष्य ही बना सकता है, वे जिनको कोई और गुरु नहीं चाहता|

ऐसे शिष्यों को स्वीकार करने से गुरु के सिर्फ शिष्य बढ़ते हैं, और इज्ज़त बढती नहीं बल्कि घट जाती है|

" वांग यिंग ... एक स्त्री ? नाम से तो वह कोई ख़ास प्रतीत नहीं होती| हो सकता है वह एक ऐसी विद्यार्थी हो जिसने प्रवेश परीक्षा में सबसे बुरे अंक पाएं हों" सूची के पहले नाम को देखते हुए कीं बिओं ने तिरस्कारपूर्वक सोचा|

होंग्तियन अकादमी ऐसी जगह नहीं थी कि कोई भी आ जाये| यदि किसी को दाखिला लेना है तो पहले उसको प्रवेश परीक्षा देनी होती है| फिर विद्यार्थियों को उनके परिणाम के आधार पर श्रेणी बद्ध किया जाता है और जो लोग इस कसौटी पर खरे उतरते हैं उनको स्वीकार किया जाता है|

जिन्हें अच्छे अंक आते हैं, वे उत्कृष्ट गुरुओं के द्वारा चिन्हित कर लिए जाते हैं| वे विद्यार्थी अकादमी में मशहूर होते हैं, इन उत्कृष्ट विद्यार्थियों में वांग यिंग नाम का कोई नही है|

"कीं लाओशी, देखते रहिये...." इसके पहले कि कीं बिओं बोलना बंद करता, उसने अपने पास खड़े एक गुरु की कंपकंपाती आवाज़ सुनी|

" क्यों? क्या जैसा मैंने कहा है वह उस से भी बदतर हो सकती है ?"

मखौल उड़ाते हुए उसने सूची देखना ज़ारी रखा| जब उसने वांग यिंग की विस्तृत जानकारी पढ़ी तो उसकी आँखें सिकुड़ गयी. प्रवेश परीक्षा में67 वां स्थान, वांग ताओ की छोटी बहन, एक महान गुरु की शिष्या, और टिआन्वान शहर के चार बड़े परिवारों में से एक की युवा स्वामिनी|"

"वांग परिवार की स्वामिनी? वांग ताओ की छोटी बहन? कीं बिओं ने हैरानी से आह भरी|"

टिआन्वान साम्राज्य में चार महान परिवार हैं, वांग परिवार उनमें से एक है| ऐसे महान परिवार की स्वामिनी ने ऐसे गुरु को चुना जिसे गुरु परीक्षा में शून्य अंक प्राप्त हुए थे ? क्या यह सच है ?

क्या ऐसी प्रतिभा को लू क्सुन या वांग चाओ जैसा गुरु नहीं चुनना चाहिए !

यदि वह उसके परिवार से डरा हुआ था तो जिस बात से वह अधिक निराश था, वह था उस महिला का बड़ा भाई वांग ताओ!

वांग ताओ दो साल पहले अकादमी में आया था, और आने के बाद हर सालाना समग्र मूल्याङ्कन परीक्षा में हमेशा पहले दस स्थान में आता था| इस साल अकादमी के एक महान गुरु ने उस पर नज़र रखी थी और उसको अपना शिष्य स्वीकार कर लिया था|

यदि बड़ा भाई इतना प्रतिभावान है तो छोटी बहन कितनी बुरी हो सकती है ?

एक प्रभावशाली परिवार, प्रतिभावान और अच्छा भाई, फिर भी उसने इसको गुरु माना ?

 लगता है मेरी नज़रें धोखा खा रही हैं|

कीं बिओं को अपने आस पास बिजली कड़कती हुई महसूस हुई और उसको लगा की वो बेसुध हो जायेगा|

" सूची में बाकियों को भी देखो ....."

जब वह अविश्वास से पहला नाम देख रहा था, तभी दूसरे गुरु ने कंपकंपाते हुए कहा|

" लगता है उसकी किस्मत एक वांग यिंग को भर्ती करने में ही ख़त्म हो गयी| मैं नहीं मानता कि वह किसी और अविश्वसनीय शिष्य को पा सकेगा|" अपने दांत भींचते हुए किंग बिओं ने सूची देखना ज़ारी रखा| जब उसकी नज़र दूसरे नाम पर पड़ी, तो उसका पूरा शरीर ही कांप गया और उसकी आँखों के सामने अँधेरा छा गया|

" ज्हाओ या ? वह ज्हाओ या जिसको प्रवेश परीक्षा में सातवाँ स्थान मिला है ? बाइयु शहर के लार्ड की बेटी ?"

कीं बिओं को लगा कि किसी भी वक्त उसकी आँखों से आंसुओं की धार निकल पड़ेगी|

उसने अभी कहा था कि जहाँग वान किसी भी अन्य अच्छे शिष्य को भर्ती नहीं कर पायेगा और उसने अपने बुरे सपने में भी नहीं सोचा था कि न सिर्फ़ एक शिष्य परन्तु वह शिष्य जिसके लिए अनगिनत गुरु तत्पर होंगे| 

उसने ज्हाओ या के अकादमी आने से पहले ही उसके बारे में सुन रखा था| वह बाइयु शहर के लार्ड की बेटी थी, और न सिर्फ वह बहुत सुंदर थी, बल्कि बहुत प्रतिभावान भी थी|

इस प्रकार की प्रतिभा के लिए अकादमी के बड़े से बड़े गुरु आपस में प्रतिस्पर्धा करेंगे| वह क्यों ऐसे निकम्मे को चुनेगी ?

नामुमकिन, यह नामुमकिन है !

उसने अपनी भावनाओं का बलपूर्वक दमन किया| सूची में आगे देखते हुए उसने , लिऊ वांग और ज्हेंग यांग का नाम देखा| ये दोनों बहुत प्रख्यात नहीं थे, परन्तु इनके स्थान प्रवेश परीक्षा में खराब भी नहीं थे, पहले 100 में ही थे|

खासकर ज्हेंग यांग, ऐसा कहा जा रहा था कि उसे भाला चलाने में विशेषज्ञता हासिल है परीक्षा की सीमाओं के कारण, वह अपना पूरी ताकत नहीं दिखा पाया, इस कारण उसको कम अंक मिले| यदि उसको उसका भाला प्रयोग करने दिया जाता तो वह निश्चय ही पहले 20 में स्थान पाता|

उस सूची के नामों को बार बार पढ़ते हुए कीं बिओं और दूसरे गुरुओं को लगा कि वे पागल हो रहे हैं|

यह तर्कसंगत नहीं था|

"तुमने अवश्य ही उनको धोखे से तुम्हें गुरु मानने के लिए विवश किया होगा| चाहे उन्होंने तुम्हें गुरु माना है, लेकिन वे यह नहीं जानते कि तुम कौन हो| जिस पल भी उनको यह पता चलेगा, वे तुम्हारी शिष्यता छोड़ देंगें|"

अचानक ही कीं बिओं एक जानवर की तरह चीखने लगा|

जिस गुरु को गुरु योग्यता परीक्षा में शून्य अंक मिले हों, उसको क्या हक है कि वह इतने अच्छे शिष्य भर्ती कर सके| उसने अवश्य ही कोई कुत्सित तरीका प्रयुक्त किया होगा, जिसकी जानकारी हमें नहीं है| जैसे ही यह उजागर होगा, यह शिष्य इसको गुस्से से छोड़ देंगे|

कहने का मतलब है कि यह सत्य है कि इसके चार शिष्य हैं, परन्तु ज्यादा दिन रहेंगे नहीं| जल्द ही वे इसको गुरु मानने से इनकार कर देंगें|

यह तुम्हारी समस्या नहीं है कि वे मुझे छोड़ें या रहें| हमारी शर्त यह थी कि मेरे पास शिष्य अभी हैं या नहीं| अब जब तुमने यह निश्चित कर लिया है कि मेरे पास शिष्य हैं, तो क्या हमें शर्त को पूरा नहीं करना चाहिए ?"

उन चारों गुरुओं के गुस्साए रूप से अनभिज्ञ, जिनके दिमाग पूरी तरह अस्त व्यस्त हो चुके थे, जहाँग वान ने कहा|

कीं बिओं, ली युआन तथा अन्य दोनों के चेहरों पर ऐसे भाव थे जैसे कि वे किसी के अंतिम संस्कार में आये हैं|

उनकी शर्त इसी बात पर थी की जहाँग वान के शिष्य हैं या नहीं, न कि इस बात पर कि भविष्य में होंगे या नहीं|

इस हिसाब से, वे शर्त हार चुके थे|

हालांकि वे यह बात मानने को तैयार नहीं थे कि वे शर्त हार चुके हैं और उन्हें अकादमी के सबसे निकम्मे गुरु से थप्पड़ खाने पडेंगे|

" शर्त ? यदि हम मना कर दें तो तुम क्या कर लोगे तुच्छ आदमी ?"

थोड़ा सा झिझकने के बाद, कीं बिओं के मोटे चेहरे पर एक बेरुखी भरी क्रूर मुस्कान आ गयी|

" बिलकुल, यदि हम अपनी बात से मुकर जायें तो तुम क्या कर लोगे ? हा हा , तुम हमें मारना चाहते हो ? सवाल ये है कि क्या तुममें इतनी क्षमता है ?"

" अकादमी का सबसे निकम्मा गुरु, जिसका कल्टीवेशन भी सबसे बकवास है| हमारे सामने इतना इतरा रहे हो, क्या तुम्हें पता है कि यदि हम मार मार कर तुम्हारा सिर सूअर की तरह सुजा भी देंगे, तो कोई आकर हमें नहीं रोकेगा?"

इतना शांत होने का अभिनय बंद करो तो शायद अकादमी में कुछ और दिन रह सकोगे| नहीं तो ज्यादा वक्त नहीं लगेगा तुम्हें बदनाम करने और अकादमी से बाहर निकलने में|

 ली युआन और अन्य तुरंत ही कीं बिओं का उपहास और इरादा समझ गए|

जहाँग वान न सिर्फ़ गुरु योग्यता परीक्षा में सबसे कम अंक लाया था, उसका कल्टीवेशन भी सभी गुरुओं में निम्न स्तर का था| यदि वह सबसे बुरा नहीं था तो भी लगभग सबसे बुरा था| 

यही कारण था कि वह प्रशिक्षण के दौरान अपने शिष्यों की खामियां नहीं देख पाता था|

सहज है कि कीं बिओं और बाकी गुरु उससे थप्पड़ नहीं खाना चाहते थे चूँकि सामने वाला शर्त ज़बरदस्ती पूरी करवाने की हिम्मत नहीं रखता था, वे अपने वादे से पीछे हटना चाहते थे|

" ओह ? इसका मतलब है कि आप सब शर्त के नियम नहीं मानना चाहते ?"

जहाँग वान गुस्सा नहीं था, बल्कि वह उन्हें देखकर मुस्कुरा रहा था|

" बिलकुल सही, तुम अपने आप को क्या समझते हो? मुझे थप्पड़ मारने के बारे में सोच रहे हो, क्या तुम जानते हो कि मैं अभी तुम्हे थप्पड़ों से जान से मार सकता हूँ ?"

जैसे ही ली युआन ने देखा कि उसके साथी पीछे नहीं हट रहे हैं, और इतने शेर बने हुए हैं, वह और जोश में आ गया और तुरंत ही जहाँग वान को एक थप्पड़ लगाने को तत्पर हुआ|

इसके पहले की उसका थप्पड़ सही जगह लगता, हवा के दबाव से उसकी सांस रुक गयी|

हालांकि ली युआन रसद विभाग का एक अधिकारी था, उसका कल्टीवेशन कम स्तर का नहीं था| वह फाइटर ४- डान उन्नत श्रेणी में पहुँच चुका था|

एक फाइटर की 9 श्रेणियां होती हैं , 1- डान जुक्सी , 2- डान दान्तियन, 3-डान ज्हेंकी , 4- डान पिगु ,5- डान डिंगली, 6- डान पिक्सु, 7- डान टोंगवान, 8- डान जोंग्शी , 9-डान ज्हिज़ुन|

हर श्रेणी के साथ एक नयी दुनिया प्रकट होती है| आप जितना ऊपर जाते हैं , उतना ही आगे बढ़ना और मुश्किल होता जाता है|

हर श्रेणी में चार स्तर होते हैं- प्राथमिक, माध्यम, उन्नत और शिखर |

जहाँग वान अकादमी का सबसे कम उम्र गुरु था, केवल १९ साल का| उसका कल्टीवेशन केवल ३- डान ज्हेंकी शिखर श्रेणी का था|

ली युआन उससे ऊंची श्रेणी का था|

हर स्तर का अंतर बहुत ज्यादा था और लगभग न पार किये जा सकने वाला|

पाह!

जैसे ही सबने सोचा कि ली युआन पक्का जहाँग वान के मुँह पर मारेगा,और उसको चकरा देगा, एक करारी सी आवाज़ आई| सबने तुरंत ही ली युआन के चेहरे पर एक लाल निशान देखा और देखा कि ताज़े खून के साथ उसके बहुत से दांत टूटकर फ़र्श पर गिरे थे|

" कैसे ... यह कैसे मुमकिन है ?"

 सभी अपने स्थान पर हक्के बक्के से खड़े रह गए और पागल होने की कगार पर थे|