नज़रों का खेल
भीड़ से भरे उस माहौल में ह्योन्जिन अपनी ही दुनिया में खोया था। वह वहाँ किसी को खोजने नहीं आया था, लेकिन फिर भी... एक अजनबी एहसास उसके दिल में हलचल मचा गया।
एक पल—बस एक पल के लिए उसकी नज़रें किसी से टकराईं। वह चेहरा नहीं देख सका, लेकिन उन आँखों में कुछ था... एक जानी-पहचानी सी लय, एक भूला हुआ एहसास।
क्या यह सिर्फ़ एक संयोग था, या फिर किस्मत कोई इशारा कर रही थी?
किस्मत का इशारा
स्टेज रोशनी से जगमगा रहा था, हर ओर तालियों की गूँज थी। रूही आज एक विजेता थी। उसे अपने इस सफर पर गर्व था, लेकिन वह इस बात से अनजान थी कि किस्मत आज उससे एक और इम्तिहान लेने वाली थी।
"And the award for Best New Artist goes to… Ruhi!"
रूही स्टेज की ओर बढ़ी, लेकिन जैसे ही उसने ट्रॉफी लेने के लिए हाथ बढ़ाया, उसके कदम ठिठक गए।
वही आवाज़… वही मौजूदगी…
जब नज़रें ऊपर उठाईं, तो सामने ह्योन्जिन खड़ा था।
उसने कभी नहीं सोचा था कि जिस शख्स ने उसे इस राह पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी थी, आज वही उसे यह मुकाम सौंपने खड़ा होगा।
क्या यह बस एक इत्तेफाक था, या फिर उनकी अधूरी कहानी का नया अध्याय शुरू होने वाला था?