पहली दस्तक
रात गहरी हो चुकी थी। सड़कों पर कुत्तों की भयानक आवाजें गूंज रही थीं। चाँद बादलों के पीछे छुप चुका था और आसमान में घने अंधकार के अलावा कुछ भी नहीं था।
रीना, जो एक छोटे से ब्यूटी पार्लर में काम करती थी, आज बेहद थकी हुई थी। उसके पैर दर्द से कांप रहे थे, लेकिन मन को सुकून था कि कल छुट्टी थी।
लेकिन, उसे क्या पता था कि यह छुट्टी उसकी ज़िंदगी की सबसे भयानक रात बनने वाली थी।
जैसे ही वह अपने छोटे से किराए के कमरे में पहुँची, फोन की घंटी बजी।
"तुम्हारा ऑर्डर डिलीवर कर दिया गया है।"
रीना चौंक गई।
"मैंने तो कोई ऑर्डर किया ही नहीं!"
फिर भी, उसने दरवाज़ा खोला। बाहर कोई नहीं था, बस एक काला बॉक्स रखा था।
हवा में अजीब-सी ठंडक थी।
काँपते हुए हाथों से उसने बॉक्स उठाया और अंदर लाई।
जैसे ही उसने उसे खोला, भीतर से एक जला हुआ, पुराना हेयर ड्रायर निकला।
उसके हैंडल पर काले दाग थे, जैसे खून के निशान हों। लेकिन सबसे डरावनी बात यह थी कि हेयर ड्रायर पर किसी की जली हुई उंगलियों के निशान थे।
पहली मौत की चीख"यह मुझे कहाँ से मिला?" रीना बुदबुदाई।
उसने अपने दोस्त कविता को बुलाया।
"ये बहुत डरावना दिख रहा है," कविता ने घूरते हुए कहा।
"अरे, मैं इसे इस्तेमाल करके देखती हूँ," रीना ने कहा और प्लग में हेयर ड्रायर डाल दिया।
"वूऊऊऊऊ..."
ड्रायर ने अचानक खतरनाक आवाज़ें निकालनी शुरू कर दीं।
फिर अचानक, उससे तेज़ हवा के साथ आग की लपटें निकलने लगीं।
कविता ज़ोर से चीखी।
हेयर ड्रायर से भयानक आग निकली और कविता के सिर के बालों में लग गई।
"बचाओ!!"
उसकी चीखें पूरे घर में गूंजने लगीं।
रीना बदहवास होकर बाल्टी से पानी फेंकने दौड़ी, लेकिन जब उसने कविता की तरफ देखा, तो उसकी आँखें खौफ से फटी की फटी रह गईं।
कविता का पूरा शरीर जलकर कोयले में बदल चुका था।
उसके चेहरे पर दर्द के भाव जमे हुए थे, जैसे मरते वक्त उसने भयंकर यातना सही हो।
पुलिस की जाँच और अनकहा डररीना के पड़ोसियों ने शोर सुना और पुलिस को बुलाया।
इंस्पेक्टर राकेश ठाकुर अपनी टीम के साथ पहुँचे। उन्होंने जब कविता की जली हुई लाश देखी, तो उनका भी चेहरा सफेद पड़ गया।
"ये शॉर्ट सर्किट का केस लग रहा है," एक पुलिस वाले ने कहा।
लेकिन इंस्पेक्टर ठाकुर ने हेयर ड्रायर को गौर से देखा।
"यह जलने के बाद भी बिल्कुल ठीक है? इसका वायर भी जला नहीं?"
वह कुछ सोच ही रहे थे कि अचानक हेयर ड्रायर अपने आप टेबल से गिर पड़ा।
कमरे में एक सिहरन दौड़ गई।
रीना कांपते हुए बोली, "सर... ये कोई आम हादसा नहीं है..."
रहस्य की परतें खुलती हैंउसी रात, रीना ने सपने में देखा—
एक लड़की चीख रही थी, आग में जल रही थी।
"मुझे बचाओ!! उन्होंने मुझे जला दिया!!"
रीना हड़बड़ाकर उठी।
उसके हाथ-पैर ठंडे पड़ चुके थे।
उसे समझ नहीं आ रहा था कि यह सपना था या किसी आत्मा का संदेश।
भूत-प्रेत से बचने का आखिरी उपायडर के मारे, रीना अगले दिन गाँव के एक जाने-माने तांत्रिक बाबा के पास पहुँची।
"बाबा, यह हेयर ड्रायर... यह श्रापित है!"
बाबा ने ध्यान से हेयर ड्रायर को देखा और मंत्र बुदबुदाने लगे।
अचानक, हेयर ड्रायर हवा में उठ गया और खुद-ब-खुद घूमने लगा।
फिर उसमें से एक लड़की की आवाज़ आई—
"मुझे जलाया... अब मैं सबको जलाऊंगी!!"
रीना डर से काँपने लगी।
बाबा ने गंभीर स्वर में कहा, "बेटी, यह हेयर ड्रायर नहीं, एक मौत का सामान है। यह उस लड़की की आत्मा से बंधा हुआ है जिसे इसके साथ जलाकर मार दिया गया था।"
अंतिम लड़ाई
रीना को सारा सच समझ में आ चुका था।
उसने बाबा के बताए मंत्र से आत्मा को मुक्त करने का निर्णय लिया।
जैसे ही उसने मंत्र पढ़ना शुरू किया, घर की लाइट्स झपकने लगीं।
"तू मुझे रोक नहीं सकती, रीना!!"
कविता की आत्मा प्रकट हो गई। उसके आँखों से खून बह रहा था, नाखून लंबे और नुकीले हो चुके थे।
उसने रीना की गर्दन पकड़ ली।
रीना तड़प उठी।
लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी—
"तेरा बदला पूरा हुआ, अब मुक्त हो जा!!"
"आआअअअअअअ!!!"
आत्मा ने भयानक चीख मारी और तेज़ लपटों में घिरकर राख बन गई।
रीना फर्श पर गिर पड़ी।
अगली सुबह, पुलिस ने रिपोर्ट में लिखा—
"एक अज्ञात हादसा, कोई जीवित गवाह नहीं।"
रीना ने राहत की सांस ली।
लेकिन जब उसने अपना फोन उठाया, तो एक मैसेज आया—
"अब अगली बारी किसकी होगी?"
रीना के रोंगटे खड़े हो गए।
क्या डरावनी कहानी खत्म हो गई थी?
या... यह बस शुरुआत थी?
"भूतिया चीज़ों को मत छेड़ो... वरना अगली बारी तुम्हारी हो सकती है।"