अर्जुन ने "The Mind Trap" नामक किताब को घर लाकर सबसे पहले उसे अपने कमरे में रखा और पूरी तरह से एकाग्र होकर उसे पढ़ने का मन बनाया। वह जानता था कि यह किताब उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकती है, और इस बार वह किसी भी कीमत पर अपनी सफलता की राह को पहचानना चाहता था। जैसे ही उसने किताब खोलकर पहले पन्ने पर नजर डाली, एक अजीब सी ऊर्जा महसूस होने लगी।
किताब का पहला हिस्सा अर्जुन को बहुत सामान्य सा लगा। वह सोचने लगा, "क्या ये सच में मुझे कोई गहरी जानकारी देने वाली किताब है?" लेकिन जैसे-जैसे वह किताब को और ध्यान से पढ़ता गया, उसके भीतर एक गहरी हलचल महसूस होने लगी। "The Mind Trap" किताब के पन्नों पर एक के बाद एक ऐसी रहस्यमयी तकनीकें और सिद्धांत थे, जिनसे उसे कभी सोचा भी नहीं था। किताब ने उसे बताया कि इंसान के अवचेतन मन (subconscious mind) को कैसे नियंत्रित किया जाए और कैसे दूसरों के फैसलों पर प्रभाव डाला जा सकता है।
अर्जुन को शुरुआत में यकीन नहीं हुआ। उसने सोचा, "क्या ये सच हो सकता है? क्या हम सच में दूसरों के दिमाग को इस तरह प्रभावित कर सकते हैं?" लेकिन जैसे-जैसे वह किताब को और गहराई से पढ़ता गया, उसे यह एहसास हुआ कि यह कोई सामान्य किताब नहीं थी। इसमें दी गई तकनीकें और प्रयोग बिल्कुल अद्भुत थे, जो इंसान के दिमाग को पूरी तरह से बदलने की क्षमता रखते थे। किताब में दिए गए प्रयोगों का उद्देश्य था, दिमाग के अंदर मौजूद उन छिपी शक्तियों को जागृत करना, जिन्हें लोग सामान्यत: नजरअंदाज कर देते थे। अर्जुन के लिए यह सब बहुत नया था, और उसे यह महसूस हो रहा था कि वह किसी गहरे रहस्य की ओर बढ़ रहा था।
किताब के अगले हिस्से में एक तकनीक पर विस्तार से बताया गया था, जिसे "Mental Anchoring" कहा जाता था। इसमें यह बताया गया था कि इंसान अपने विचारों और भावनाओं को नियंत्रित करने के लिए अपनी शारीरिक स्थितियों का प्रयोग कर सकता है। इसके अलावा, "Influence Tactics" का भी उल्लेख था, जिसमें यह बताया गया था कि कैसे आप अपनी आवाज़, हाव-भाव और शब्दों का प्रयोग कर दूसरों के फैसलों पर प्रभाव डाल सकते हैं। अर्जुन ने पहले तो इन सिद्धांतों को मजाक समझा, लेकिन जैसे-जैसे वह आगे बढ़ा, उसे यह समझ में आया कि यह सिर्फ मानसिक खेल नहीं, बल्कि एक तरह से मनोवैज्ञानिक हथियार है।
अर्जुन को यह महसूस हुआ कि अगर वह इन तकनीकों को सही तरीके से इस्तेमाल करता है, तो वह अपनी ज़िंदगी की दिशा को पूरी तरह बदल सकता है। उसकी मानसिकता अब पूरी तरह से बदल चुकी थी। पहले वह खुद को एक असफल इंसान समझता था, लेकिन अब उसकी सोच में बदलाव आ चुका था। उसने यह ठान लिया कि वह अपनी ज़िंदगी को एक नई दिशा देगा, और इसके लिए उसे किसी भी नए और अनजाने रास्ते पर चलने से डर नहीं लगेगा।
एक रात अर्जुन अपनी माँ के पास बैठा था। वह अपनी ज़िंदगी के बारे में माँ से बात करना चाहता था। वह जानता था कि उसकी माँ हमेशा उसकी परेशानियों को समझती हैं और उसे बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं, लेकिन आज उसे कुछ अलग ही करना था। उसने किताब में पढ़ी एक तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला किया। अर्जुन ने बिना किसी चिंता के कहा, "माँ, क्या आपको नहीं लगता कि मुझे अब सपोर्ट करना चाहिए?"
माँ ने कुछ पल के लिए उसे देखा और फिर चुप रहीं। अर्जुन को लगा कि वह शायद कोई गलती कर रहा है, लेकिन तभी माँ ने धीरे से कहा, "तुम ठीक कह रहे हो, अर्जुन। मुझे तुम पर पूरा भरोसा है।"
यह सुनकर अर्जुन चौंक गया। यह पहली बार था जब उसकी माँ ने उसे इस तरह से समर्थन दिया था। वह हमेशा अर्जुन की मेहनत को लेकर संशय में रहती थीं, और अब उन्होंने अचानक उसे पूरा समर्थन दिया था। अर्जुन के मन में एक सवाल उठा, "क्या यह सिर्फ एक संयोग था, या सच में मैंने अपनी माँ के दिमाग को प्रभावित किया?" उसकी आँखों में एक नई चमक थी, क्योंकि उसने पहली बार महसूस किया था कि वह इन मानसिक तकनीकों का सही तरीके से इस्तेमाल कर सकता है।
अर्जुन ने अपनी माँ से कुछ और बातें कीं, और जैसे-जैसे वह अपनी मां के साथ गहरे विषयों पर बात करता गया, उसे यह अहसास होने लगा कि वह सच में इस किताब से कुछ बड़ा सीख सकता है। उसने धीरे-धीरे अपनी दिनचर्या में इन तकनीकों को शामिल करना शुरू किया। वह जानता था कि उसे किसी भी तरह के बदलाव को अपने अंदर लाने के लिए समय और धैर्य की आवश्यकता होगी। लेकिन अब उसे विश्वास था कि अगर उसने सही तरीके से मेहनत की, तो वह किसी भी स्थिति को अपने अनुकूल बना सकता था।
अर्जुन ने अपनी पूरी ज़िंदगी को एक नई दिशा देने का संकल्प लिया। किताब में दी गई हर तकनीक को ध्यान से अपनाते हुए, उसने तय किया कि वह केवल अपने अवचेतन मन को ही नहीं, बल्कि दूसरों के अवचेतन मन को भी सही तरीके से प्रभावित करेगा।
अब अर्जुन की ज़िंदगी में कुछ अलग होने की शुरुआत हो चुकी थी। उसे पूरी उम्मीद थी कि इस किताब से वह अपनी असफलताओं को पार कर पाएगा और सफलता की नई ऊँचाइयों तक पहुँच सकेगा। लेकिन क्या सच में यह किताब उसके जीवन में इतना बड़ा बदलाव ला पाएगी? क्या वह अपनी ज़िंदगी को उस नए रास्ते पर ले जा सकेगा, जिसका सपना उसने हमेशा देखा था? यह सवाल अब उसकी जिंदगी के सबसे बड़े रहस्य की तरह बन चुका था