Chapter 2 - भाग २

। " खो ज ,अच्छी या बुरी ? चैप्टर १

नीला पत्थर। भाग २

  ( अबतक , मनोज सूजन के कॉल पर जम्मू जा पहुंचे हैं जहां जिसे सुनहरा पत्ता जो कि सूजन ने पुराने किले के सुरंग से निकाला होता हैं । उसके बारे मैं बता चलता है । अब आगे :::)

"यहां आतंकी के खौफ के वजह से आर्मी की कड़ी नजर थी । जहां आर्मी को यहां किसी आतंकी के बारे मैं पता चलता है जो कि इसी गांव के पुराने किले मैं छिपा है । इसी वजह से आर्मी की एक यूनिट को यहां भेजा गया था ।

  " जो कि हमारे घर मेहमान की तरह आए थे । जिनका मिशन किले के आतंकियों को मारना था । इसी बीच आतंकियों को इस बारे मैं भनक लग जाती हैं जिसकी वजह से आतंकी सूजन की मां जब बाजार गई हुई होती हैं तब उसे उठा लेते है । सूजन उस वक्त काम के सिलसिले मैं शहर गया हुआ होता हैं । जब ३ दिन बाद वो घर लौटता हैं तब उसकी मां घर पर नहीं होती है ।

"जब वहां रुके आर्मी के जवानों से पूछा जाता हैं तो वो ३ दिन से घर नहीं आई होती हैं और वो गांव गई हुई होती हैं ऐसा बताते है ।

  "  इसी वजह से सूजन चिंतित हो जाता है । अपनी मां को ढूंढने के लिए वो निकल पड़ता है ।बाजार

जाने पर उसे एक आदमी एक चिठ्ठी देता है और चला जाता है। उस चिट्ठी मैं लिखा हुआ होता है कि अपनी मां को बचाना चाहता है तो आर्मी के लोगो को झूठ बताकर किले मैं आ जा । (हालांकि ये उन आतंकियों की चाल होती ताकि वो किसी मासूम को बंदी बना के फौजीयो से भाग सके )

  "अपनी मां की वजह से सूजन घर पे आ कर। ऑफिसर को गांव जा रहा हु ऐसा झूठ भटके सूजन सीधे किले मैं चला जाता है । जहां पे सूजन को आतंकी बंदी बना लेते है। और उसे अपनी मां के पास ले आते है जो कि बेहोश पड़ी हुई दिखाई देती हैं।  "सूजन को आतंकी वहां पे किसी तलाश मैं आएगी दिखाई देते क्योंकि आतंकियों का सरदार उनके लोगो को   सुरंग के बारे मैं कुछ बाते सुना रहे थे । इतनी देर क्यों लग रही है ।

"जहां उन आतंकियों को बता चलता है कि जो २ लोग उन्होंने सुरंग मैं भेजे हुए थे वो मारे जा चुके है । आतंकियों का सरदार काफी चिंतित हो जाता हैं । अब किसको भेजे क्योंकि आतंकी काफी कम थे जो कि उन्हें फौज के खिलाफ लगने वाले थे इसीलिए उन्होंने सूजन को कुएं के अंदर भेजने का फैसला करते हैं। 

"सुरंग किले के अंदर एक सुखी हुई कुएं मैं बनाई गई होती हैं । सूजन को आतंकी कुएं मैं उतर देते हैं और उसे सुरंग से नक्शा लाने के लिए कहकर सरदार जाने के लिए कहता है । 

"पहले सूजन काफी मना करता है  लेकिन अपनी मां को आतंकी मार देंगे इसी वजह से सूजन सुरंग के अंदर चला जाता है ।  जहां कुछ दूरी चलने के बाद सूजन को उन दो आतंकियों की लाशे मिलती है। जिनके मुंह से अजीब सा झांक निकलते हुए दिखाई पड़ती है । सूजन समझ जाता है कि उनको किसी सांप ने कटा हुआ होता है । सूजन आगे बढ़ने लगता है कुछ देर बाद सुरंग को ऊपर से गोलियों और बम का आवाज आता है । सूजन समझ जाता है कि फौज ने हमला किया हैं और अब उसकी मां सुरक्षित है । इसलिए सूजन आगे ना जाते हुए पीछे मुड़ने लगता है। "तभी उसे अजीब सी रोशनी दिखाई देती है । उस रोशनी की वजह से सूजन फिरसे सुरंग के अंदर जाने लगता है । कुछ दूरी चलने के बाद सूजन को दो चमकते हुए सुनहरे पत्ते दिखाई देते है । जो कि सोने के लग रहे थे लेकिन वो चमक रहे थे । सूजन उन पत्तों को उठाके अपने साथ रख लेता है । उस सुरंग मैं उस जगह पे काफी सारी लाशे पड़ी हुई होती है जो कि पुरानी और सड़ चुकी थी कुछ लाशे नई भी होती है कुछ दिन पुरानी  साथी ही मैं काफी सारे इंसानों के कंकाल हड्डियां पड़ी हुई होती है । जो कि काफी सालों पुरानी नजर आ रही थी । ऐसा लग रहा था कि यह किसीको जंग हुई हो । आगे के सुरंग के जहां तक नजर जाए वह तक कंकाल ही दिखाई पड़ रहे थे। साथी ही मैं वहां काफी ज्यादा बदबू भी आ रही थी  इससे सूजन काफी डरा हुआ होता है  । तभी सूजन

तभी सुरंग को कुछ दूरी पे  सांप दिखाई पड़ता  है  जो कि काफी बड़ा होता है लगभग सूजन जितना बड़ा और वो सांप सूजन की तरफ तेजी से बढ़ने लगता है। सूजन ये देखके घबरा जाता है और उसके हाथों से हड़बड़ी मैं अपने साथ लाई हुई टॉर्च गिर जाती है । सूजन वैसे ही अंधेरे मैं कुएं की तरफ भागने लगता है  सांप काफी तेजी से सूजन का पीछा कर रहा था । हालांकि सूजन उस सांप से काफी दूर चल जा चुका होता है। 

" कुछ देर चलने के बाद सूजन सुरंग के मुंह पे आ जाता है और कुएं मैं आने के बाद नीचे से आवाज लगाता है।

  "हालांकि किसी की भी आवाज न आने पर सूजन कुएं से चढ़कर ऊपर आने लग जाता है । ऊपर आने के बाद सूजन को पता चलता है कि वहां कोई नहीं है । और अपनी मां भी नहीं है इससे सूजन समझ जाता है कि उसकी मां सुरक्षित है और उसे फौज ले गई होगी । इसी वजह से सूजन किले के बाहर निकलता है और उन चमकीले पत्तों को उजाले मैं देखने की इच्छा होती है ताकि वो क्या है पता चल सके । इसीलिए जैसे ही सूजन एक पत्ता बाहर निकालता है वो पत्ता गर्म होके जलने लग जाता है । सूजन के काफी कोशिशों के बावजूद पत्ता जलकर गायब हो जाता है ।

" इससे सु समझ जाता है कि पत्ता जरा सी भी गर्मी सह नहीं सकता इसलिए सूजन दूसरे पत्ते को अच्छे से छुपते हुए घर की तरफ निकल जाता हैं।

"घर पहुंचने के बाद जब सूरज अपनी मां को ढूंढता है तो उसकी मां उसे नहीं मिलती इसी वजह से वो आर्मी के ऑफिसर से मिलकर अपनी मां के बारे मैं पूछने का निर्णय करता है।

"सूजन पत्ते को किसीको देना नहीं चाहता था क्योंकि वो उसने हासिल किया था साथ ही वो उसे जानने के लिए काफी उत्सुक था इसलिए वो पत्ते को घर पर ही छुपा देता है। और आर्मी कैंप जो कि पास मैं ही था वहां चला जाता हैं।

   "इसी सिलसिले मैं सूजन की मुलाकात आर्मी कैंप के मेजर रवि कुमार से होती है। जो उस मिशन मैं शामिल थे । मेजर से बात करने करने के बाद सूजन को पता चलता है कि आतंकी और आर्मी के बीच फायरिंग मैं सूजन की मां को गोली लग जाती है जिसकी वजह से वो मारी जाती है। हालांकि उनका मिशन फैल हो जाता है । आतंकियों का सरदार जो कि काफी लोगों को मार चुका होता है और वो बैठडा आर्मी कैंप हमले का  मास्टरमाइंड होता वो और उसके कुछ साथी इसी बीच भाग जाते है।

   " मेजर की बाते सुनकर सूजन टूट जाता है उसके आंख से आंसू निकल आते है । "सूजन का अपनी मां के सिवा कोई नहीं होता है । इसलिए वो काफी ज्यादा गुस्सा हो जाता है और उस हादसे का जिम्मेदार फौज को और उन आतंकवादियों को मानता है।

  इसी वजह से सूजन पत्ते के बारे मैं और कुएं के बारे मैं आर्मी से कुछ भी नहीं कहता और चला आता है।

  " कुछ दिन बीत जाने के बाद समाचार मैं सूजन मनोज के बारे मैं बता चलता है । की एक मशहूर Archeologist (आर्कियोलॉजिस्ट) मनोज जिसने काफी सारी नई नई खोजे की हुई है। इसी वजह से सूजन को लगता है कि वह । मनोज को चुपके से अपने घर बुलाएगा और इस के बारे मैं जानकारी लेगा साथ ही मैं आतंकियों का सरदार किसी नक्शे के बारे मैं बता रहा था । जो कि किसी बड़े खजाने का हो सकता है इसी लालच मैं मनोज को सूजन कॉल करता है।

(सूजन की सारी बातों को सुनकर थोड़ा डर जाता है क्योंकि ये मामला सरकारी खजाने का भी हो सकता है । साथ ही में उनपर नजर आतंकियों की थी जो कि सूजन को ढूंढ रहे थे । लेकिन मनोज को उत्सुकता भी काफी थी क्योंकि नई चीजों को ढूंढना ही मनोज का पेशा था । इसी वजह से मनोज सूजन के साथ इस बारे मैं और पता करने का फैसला करता है ।)

" ताकि उसे पता चले कि ये पत्ता किस पेड़ का हैं। और उस सुरंग मैं क्या है ?

(क्रमशः)...

 

पार्ट ३

       " हेलो  दोस्तों मेरा नाम ज्ञानेश्वर पाटील है। ये मेरी पहली कहानी है जो कि अभी इसके काफी पार्ट आने बाकी है । ये कहानी खोज अच्छी या बुरी ? इस चैप्टर की पहली कहानी है। अभी कहानी मैं काफी कुछ आना बाकी है।  इसके दूसरे चैप्टर को भी मैने लिखना शुरू किया है जो कि एक हॉरर स्टोरी होने वाली है । और में दावे के साथ कह सकता हु कि वो इससे भी काफी अच्छी है ।

      "इस स्टोरी मैं मैने ज्यादा बातचीत नहीं डाली है सीधे मुद्दे की बात की है । आपको किस तरह की स्टोरी चाहिए कमेंट जरूर करना ।

My instagraam handle : @lifeisstory221

यह पे आप मुझसे बाते कर सकते हैं।

धन्यवाद  ।

अगला पार्ट ३ कल आ जाएगा