अब आगे _
जयपुर _राजस्थान_ इंडिया
भावेश ने वेद को काम सौंपे 10 दिन के ऊपर हो गया था | पर अभी तक कोई रिजल्ट नहीं मिला..? यहां तक भावेश ने जितनी बार वेद के आदमियों से पता लगवाने की कोशिश किया तो उसके आदमी सिर्फ एक ही बात कहते थे कि उनके बॉस इंडिया में नहीं है..!
भावेश आज परेशान था क्योंकि उसे वेद लोहिया पर बहुत गुस्सा आने लगा था कि इसका (1%) एक परसेंट भी काम अभी तक उसने किया नहीं है, वह सिर्फ अपने काम में ही बिजी है... पता नहीं बार-बार वह इंडिया से बाहर क्या करने जाता है..?
अपने भाई को इतना परेशान देख उसका छोटा भाई बलराम बोला_" भाई सा... आपने उसे काम ही क्यों दिया..? मुझे तो लगता है, इसका सिर्फ नाम ही बड़ा है... बाकी काम कुछ नहीं करता..! "😡
भावेश अपने भाई को इतना परेशान देख उसे समझाते हुए बोला_" बलराम सब्र से कम लो, जैसे हमने 2 साल सब्र किया है वैसे कुछ दिन और कर लेते हैं, वैसे आदमी बहुत काम का है.. इसलिए आज तक कोई काम अधूरा नहीं छोड़ा है..! "
यह सुन बलराम बोल_" हां भाई सा, आप सही कह रहे हैं पर यह काम तो करना चाहिए ना..? कहीं ऐसा ना हो कि यह अपना हाथ उठा दे... कहीं टाइम बर्बाद करने के बाद आकर यह ना कहे कि उससे नहीं होगा..? या वह करेगा ही नहीं..? मुझे तो कुछ ऐसा ही लगता है..! "
भावेश अपने भाई बलराम को यकीन दिलाते हुए कहा_" तुम परेशान मत हो, मैं उसे कॉल करता हूं..! "
भावेश के पास टाइगर का नंबर था, उसने उसे कॉल लगाया | इस वक्त वेद और टाइगर कैलिफोर्निया में थे और टाइगर वेद का राइट हैंड है, उसका सब काम वही संभालता था और उसका कॉल रिसीव नहीं किया |
After one month _
देखते देखते एक महीना बीत गया | अब जाकर वेद कैलिफोर्निया से इंडिया आया और वह इंडिया आया तो भावेश को पता चल गया है, और जैसे दो दिन बिता की भावेश भागते हुए मुंबई आ गया |
भावेश का जो मैटर था, वह तो वेद के ध्यान से निकल ही गया था और वह भावेश को भूल भी गया था |
वेद इस वक्त अपने लग्जरियस रूम में लेटा हुआ था, तो वही लिविंग एरिया में भावेश उसका इंतजार कर रहा था और उसे इंतजार करना ही पड़ेगा क्योंकि वेद किसी के इशारों पर नहीं नाश्ता बल्कि वह लोगों को ना चाहता है..!
भावेश 2 घंटे तक लिविंग एरिया में बैठा रहा, उसके बाद वेद फाइनली रेडी होकर अपनी शर्ट के स्लीव्स को फोल्ड करते हुए सीढ़ियों से उतरती नीचे आ रहा था और आते ही वह डाइनिंग टेबल के पास जाके चेयर को पीछे किया और बैठा..!
दो सर्वेंट उसके के लिए ब्रेकफास्ट टेबल पर लगने लगे, भावेश चुपचाप देख रहा था क्योंकि उसकी हिम्मत नहीं कि वह बीच में बोले..!
तभी टाइगर वेद के पास आया और खड़ा हो ग्रीट किया और साथ ही साथ में भावेश के बारे में बताने लगा कि_" वह एक महीना पहले अपनी प्रॉब्लम लेकर आया था और हमने उसका काम स्टार्ट भी किया था, पर अर्जेंट मलेशिया जाने की वजह से उसका काम होल्ड पर रह गया है ..! "
टाइगर बोलते जा रहा था, तो वही वेद सुन रहा था और ब्रेकफास्ट करने लगा और ब्रेकफास्ट करने के बाद उसने टाइगर की तरफ देख कहा_" अगर तुमने उसका काम स्टार्ट किया था.. तो तुम ही उसे निपटा लो, वैसे भी हमें अभी कहीं बाहर नहीं जाना.. तो तुम जाकर देख लो..! "
वेद का इतना कहना कि टाइगर अपनी नजर नीचे करते हुए कहा_" बॉस वे गाँव वाले थोड़े जिद्दी किस्म के लोग है, मुझे नहीं लगता वह जमीन खाली करेंगे..? "
टाइगर इतना ही बोला होगा कि वेद बिना उसके तरफ देखिए बोला_" पैसे की महक और जरूरत जो है अच्छे-अच्छे की नियत खराब कर देती है, तो तुम नोट की गढ्ढी उनके सामने फेंको सब के सब लाइन पर आ जाएंगे, सिर्फ नाटक करते हैं वह लोग..! "
वेद की कही हुई बातें टाइगर बहुत अच्छे से समझ गया और वहां से भावेश के पास आकर बताते हुए कहा _" तुम्हारा काम बहुत जल्द हो जाएगा..! "
ये सुन भावेश बोला_" मैं तुमसे रिक्वेस्ट करता हूं प्लीज मेरा काम जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी करो, क्योंकि पहले ही मेरे दो सारे इसमें बर्बाद हो गया है, पर अब मैं नहीं बर्बाद करना चाहता हूं..! "
टाइगर ने भावेश को समझ के वहां से भेज दिया, उसके बाद वह अपना दिमाग लगाने लगा कि इन लोगों से कैसे निपटना है..? क्योंकि इस बार वह अकेला नहीं जाने वाला था, वह भी समझ गया था कि यह लोग सीधे तो नहीं मानेंगे..!
अगली सुबह बालमपुर गांव_
टाइगर और टाइगर के साथ कुछ बॉडीगार्ड्स बलरामपुर गांव सुबह-सुबह पहुंच गए थे, वहा पर कुछ लोगों ने दुकान चालू कर दिया था तो कुछ लोग चालू कर रहे थे, तो अभी कुछ लोगों की दुकान चालू नहीं था |
टाइगर खड़ा होकर सभी की तरफ देख रहा था | धीरे-धीरे कर के सभी दुकाने चालू हो गया, टाइगर तेज आवाज में सभी को इकट्ठा किया और उसको देखकर सभी लोग एक महीने पहले वाली बातें याद आने लगा कि यह आदमी पहले भी यहां आ चुका है..!
अब तो तपस्वी की भी आ गए थे और वह दांत पीसते हुए आगे आए क्योंकि इस बार बहुत लोगों का माथा गरम हो चुका था बार-बार आना जगह खाली करवाने के लिए, किसी को भी पसंद नहीं आ रहा था |
तपस्वी जी गुस्से में बोले_" तुम तो बड़े बेशर्म आदमी हो उसे दिन इतना बेज्जती और जलील करके तुम्हें यहां से भेजा फिर भी तुम मुंह उठा कर आ गये | "
तपस्वी जी बोल ही रही थी कि बाकी के लोगों ने भी बोलना चालू कर दिया और धीरे-धीरे अरगुमेंट बनने लगा, जो सब देखकर टाइगर को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा |
भला टाइगर क्यों शांति से अब पेश आएगा वह भी वार्निंग देते हुए कहा_" यह दूसरी बार तुम लोगों को मैं बताने आ रहा हूं, इसके बाद तुम लोगों को मौका नहीं दूंगा, बदले में तुम्हें जितनी भी रकम चाहिए तुम लोग ले सकते हो... 10 लाख...? "
" तेरी तो..! " तपस्वी की बौखलाते हुए बोले
वही टाइगर आगे बोला_" 15 लाख... 20 लाख...! "
टाइगर का इस तरह से ज़मीन नीलामी करना किसी को भी अच्छा नहीं लगा, सबसे ज्यादा तपस्वी जी का तो खून खौलने लगा | वह बढ़ते हुए टाइगर का कॉलर पकड़े..!
तो वही टाइगर मुस्कुराते हुए आगे कहा-" अगर इससे भी तुम लोगों का पेट नहीं भरने वाला तो अपना मुंह खोल सकते हो तुम्हें कितना चाहिए इस जमीन के बदले..? मुंह मांगे रकम तुम लोगों को दिया जाएगा..!"
टाइगर इतना बोलकर सभी के तरफ देखने लगा और वह जानता था कि लोग कितने लालची होते हैं, और यह बात सच निकला है क्योंकि कुछ लोगों का नियत खराब होने लगा था और यह बात टाइगर अच्छे से समझ चुका कुछ लोग तो थे जो बिल्कुल भी अपना ईमान नहीं देख सकते सब अच्छे लोग स्वाभिमान वाले हो यह जरूरी तो नहीं..!
तपस्वी जी के साथ-साथ बहुत लोगों ने टाइगर के ऊपर अपना भड़ास निकाल तो कुछ लोग शांति से अपना दिमाग लगाने लगे |
तपस्वी की पीछे नहीं हट रहे थे, तो वही टाइगर भी पीछे हटने का नाम नहीं ले रहा और देखते ही देखते हाथापाई ही हो गया | अब यह सिलसिला और भी बढ़ने लगा |
टाइगर तो था ही पहलवान पर वो बूढ़े लोगों के ऊपर हाथ नहीं उठाना चाहता था इसलिए वह खुद को बहुत कंट्रोल कर रखा था तो वही कुछ लोगों को बर्दाश्त नहीं हुआ और वह मारपीट भी उतारू हो गए तो टाइगर के बॉडीगार्ड में उसी में शामिल हो गये |
शाम वक़्त _EIM Villa
बात इतनी बढ़ गई थी कि मारपीट तक आ गई और वेद को ना पता चले ऐसा हो ही नहीं सकता..? वेद को लगा था टाइगर इन सब से निपट लेगा पर ऐसा हुआ नहीं..!
भावेश ने जब पहली बार वेद को यह प्रॉब्लम बताया था, तब वेद ने बहुत हल्के में लिया था | पर अब वेद को ऐसा लग रहा था कि अब उसे खुद इस प्रॉब्लम को सॉल्व करना चाहिए...!
क्योंकि उसके आदमियों पर मामूली से लोगों ने हाथ जो उठाया था वह अंदर ही अंदर बौखला गया था क्योंकि उसके गार्ड को जहां तहां चोट लगा हुआ था |
पर वेद को ऐसे लोगों से भिड़ने में मजा भी आता है, वह चाहता था कि उसके टक्कर देने वाला कोई हो..?
वह अब अजीब तरह से मुस्कुराने लगा और अपने दूसरे गार्ड से कहा_" बनारस जाने के लिए चौपर रेडी करो..! "
To be continue...
(कैसा रहेगा..? वेद का बनारस का सफर)
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