Ek Betuki Dosti ft. Rajesh Maltii
एक बेतुकी दोस्ती ft. राजेश मालती
यह कहानी रोहाना और काजू की दोस्ती की है जिसमें रोहाना नादान , समझदार होती है । और काजू रोहाना से 2 साल बड़ा होता है तो समझदार भी होता है । पर सिर्फ दोस्ती और फैसले लेने में । रोहाना अपनी तरह दूसरों को भी मासूम समझती थी । काजू नाम में जैसा था वैसा दिखने में नहीं था । वह दिखने में एक हैंडसम लड़का था,
नए साल की शुरुआत के साथ रोहाना की नई क्लास की शुरुआत होती है । जहां रोहाना काजू को देखती हैं काजू पिछले साल के पेपर में फेल हो जाता है । जिसके वजह से काजू इस क्लास में रह जाता है । रोहाना काजू को दूसरे लड़कों के साथ देखती है तो खुद को बचना चाहती थी । ताकि काजू रोहाना को ना देख सके । पर पहली क्लास मैं ही काजू को पता चल जाता है । कि रोहन इस क्लास मैं आ गई है । क्योंकि क्लास में मैंम आती हैं । और रोहाना को बोलते हैं खड़ी हो जाओ । फिर मैंम बोलती हैं सारे बच्चे रोहाना के लिए ताली बजाओ । क्योंकि रोहाना पूरे स्कूल में तीसरी रैंक पर आई है । हमारे पूरे स्कूल को रोहाना के ऊपर नाजन है। रोहाना जैसे स्टूडेंट के वजह से हमारे हमारे स्कूल की रिपीटेशन बची है । पर दूसरी ही तरफ रोहाना अपने आप को अन सिक्योर फिल कर रही थी। क्योंकि रोहाना को काजू ने अब देख लिया था । रोहाना और काजू गांव के एक अच्छे दोस्त हैं। जो कि अब 5 साल बाद काजू रोहाना को अपने क्लास में देखा है। और काजू खुश हो जाता है । की उसका एक पुराना दोस्त कई साल बाद दोबारा क्लास रूम में मिला।
कुछ टाईम बाद स्कूल में लंच के टाईम काजू रोहाना से बात करने के लिए रोहाना को ढूंढता है । पर पूरा स्कूल घूमने के बाद रोहाना कहीं नहीं मिलती । रोहाना के हाई एस रैंक देख कर कुछ स्टूडेंट रोहाना के दोस्त बन जाते हैं । पहले ही दिन में। जिसमें लड़के और लड़किया दोनों शामिल थे। रोहाना अपने नए दोस्तों के साथ स्कूल के छत पर लंच करने जाती हैं । जिसके कारण वर्ष काजू को रोहाना पूरे स्कूल में नहीं मिलती। रोहाना के जो नए दोस्त है वह सब बैकबेंचर थे । और गंदे भी। लंच के खत्म होने के बाद रोहाना को काजू क्लास में देखा है । काजू ने बहुत हिम्मत करी रोहाना से बात करने की पर पूरे स्कूल टाईम पर नहीं कर पाया । और रोहाना को ढूंढने के चक्कर में काजू ने लंच भी नहीं कर।
कुछ देर बाद स्कूल की छुट्टी होने का टाईम आने वाला था। और काजू ने अपने सारे मेल और फीमेल दोस्तों को रोहाना की बारे में बताता है। काजू की दोस्त सीखा ने कहा मैं जाकर बात करू रोहाना से । काजू ने मना कर दिया । फिर सीखा ने कहा की एक काम करो । कि तुम अपनी सारी बात एक पेज में लिख दो । और रोहाना को दे दो । रोहाना खुद पढ़ लेगी । काजू ने पेज पर लिख तो दिया । पर रोहाना को देने की हिम्मत नहीं हुई । अब स्कूल की छुट्टी हो जाती है । और काजू और रोहाना अपने-अपने घर चले जाते हैं।
काजू रात को सोचता है रोहाना की बरी में ,और रोहाना भी सोचती है । पर ज्यादा ध्यान नहीं देती । और खाना खाने के बाद पढ़ाई पर लग जाती है । काजू रोहाना के साथ अपने पुराने बातें सोच कर खुश होता है जो । उसने गांव में उसके साथ बिताए थे। वो तलाब के किनारे घूमना, इमली के पेड़ पर झूमना , और आंगनबाड़ी की लाइन में लगना... और काजू बोलता है शायद अच्छे दिन थे वह । और कहता है कि कल उससे बात करूंगा । और फिर सोने चला जाता है।
आगे की कहानी अगले पाठ में
एक बेटू की दोस्ती पाठ 2
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The writer name of Rajesh Maltii