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पुनर्विवाह;राह नफरत की

🇮🇳Swara_parth
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Synopsis

Chapter 1 - पुनर्विवाह;राह नफरत भरी-1

उपरोक्त कहानी श्रृंखला काल्पनिक है और इसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है, यदि कोई संबंध है तो इसे एक संयोग माना जाना चाहिए... साथ ही यह कहानी श्रृंखला किसी कहानी या उपन्यास से प्रेरित नहीं है....

यह मेरे द्वारा रचित मराठी कहानी "पुनर्विवाह प्रवास द्वेषाचा" द्वारा अनुवादित है!

 विवाह व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, हिंदू संस्कृति के अनुसार विवाह व्यक्ति के जीवन का अभिन्न अंग है।

 शादी से इंसान को कुछ न कुछ मिलता है... किसी को खुशी मिलती है, किसी को दुख, किसी को अपने सपने पूरे करने की खुशी... तो किसी को निराशा... हां, लेकिन कुछ न कुछ मिलता जरूर  है...

 साथ ही इस कहानी के नायक शिव शास्त्री को भी अपनी शादी में एक अविस्मरणीय उपहार मिला...जो है, "नफरत.."

इस नफरतसे उनका जीवन उलट गया... पहले से ही मितभाषी शिव को अपनी पहली शादी में नफरत के अलावा कुछ नहीं मिला और इस नफरत ने बदल दी संपूर्ण शिव और उनका परिवार...

 सबसे पहले, विवाह में नफरत के कारण, शिव के जीवन में सारा प्यार खत्म हो गया...साथ ही महिलाओं के प्रति प्यार, विश्वास और सम्मान भी...

 लेकिन अचानक शिव के जीवन में कुछ ऐसा हुआ, उन्हें परिवार के कारण, आपणेे मर्जी के खिलाफ दूसरी शादी करनी पड़ी, क्या शिव अपनी पहली शादी के गहरे घाव झेलकर वो दूसरी शादी में सफल हो सकते हैं...?

शिव की पुनर्विवाह की यात्रा पर अधारित यह कहानी श्रृंखला है  " पुनर्विवाह: रिश्ता नफ़रत का..."

स्थान-

इंदौर उच्च न्यायालय...

आज पूरे देश का ध्यान इंदौर हाईकोर्ट के सामने था, ई-मीडिया समाचार संपादक, पत्रकार... सभी कोर्ट के बाहर खड़े थे.

 एक मीडिया कमेंटेटर जोर जोर से चिल्लाता है, "क्या देश के मशहूर वकील शिव शास्त्री गृह मंत्री के बेटे को बचा सकते हैं?"

 एक रिपोर्टर कह रहे थे, "शिव शास्त्री जैसे धन के लालची लोगों के कारण गृह मंत्री के बेटे जैसे बच्चे छोटे अपराध माने जाते हैं।"

 तो इधर कोर्ट में विरोधी वकील- ''सर, हमारे पास सीसीटीवी फुटेज है, इस फुटेज के मुताबिक आरोपी सीधे सामने लड़की को छेड रहा था.

 शिव शास्त्री- ऑब्जेक्शन योर ऑनर!

 जज- ऑब्जेक्शन सस्टीन!

 शिव शास्त्री- धन्यवाद यूरोनर, सर अब अगर हम देखे गए फुटेज की तस्वीरों की सत्यता की जांच करते हैं, तो यह नकली है,

क्योंकि मेरे क्लायंट समीर उस दिन अपने पिता के कार्यालय में लोगों की समस्याओं का समाधान कर रहे थे,

यह उनका सीसीटीवी फुटेज है.. सर, आजकल (लड़की को देखते हुए वह वादी है) पैसे के लिए किसी पर भी आसानी से आरोप लगा देता है और जितना चाहे उतना पैसा वसूल लेता है, बशर्ते सामने वाला पूरी तरह शामिल हो।

 जज-  क्लर्क, कौन सी सीसीटीवी फुटेज असली है, यह जाचने के लिये दोनों फूटेजेस लैब भेजा था,.... उस फुटेज की रिपोर्ट कहां है?

 तभी क्लर्क सामने आकर, ''सर यह दोनो फुटेज की रिपोर्ट...

जज दोनों रिपोर्टों की पुष्टि करते हैं, ' यह रिपोर्ट साबित करती है, कि समीर वाघचौरे अपने पिता के कार्यालय में लोगों की समस्याओं का समाधान कर रहे थे.. वह फुटेज असली है और दूसरा फुटेज मनगढ़ंत है। .. तो यह अदालत समीर वाकचौरे को बाईज्जत रीहा कर रही है.. अदालत ख़त्म हो गई!"

 वादी लड़की शिव शास्त्री के सामने आकर, "सर, आप जैसे वकीलों का सम्मान किया जाना चाहिए,  आप जैसे वकील है तो, इसलिए सच झूठ है और झूठ सच आसान से साबित होता है।"

 शिव- " मॅम, आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि मैंने इस फुटेज को खुद जाकर शूट नहीं किया है,

इसे फुटेज लैब द्वारा जांचा गया था और तुम लड़कियों, को केवल व्याख्यान देने की आदत है, और वास्तव में तूम जैसी लड़कीया पैसे के लालच में रईस लड़को पर झूठा आरोप करते है। 

और इसलिए ही मैं इन लड़कों को तुम जैसी लड़कियों के आरोपों से बचाता रहता हूं।

लड़की निराशा से मुस्कुरहाट के साथ, "सर, मुफ़्त में नहीं छोडते हो, इस के बदले आप अपनी जेब ज़्यादा पैसो से भर लेते हो... लेकिन याद रखें, सर.. जिस दिन आप इस से उब जाओगे... उस दिन आप आईने में नजर भी नही मिला पाओगे।

शिव उसके सामने अपना हाथ जोड़कर "चुप रहो! तुम कोई मेरी माँ या बहन नहीं हो जो तूम्हारा लेक्चर सूनू ...

अब तुम यहाँ से जा सकती हो.. वैसे भी अगर मुझे दस मिनट बात करनी है, तो मैं एक लाख लेता हू और तुम जैसी लड़कियाँ यह ऑफॉर्ड नहीं कर सकतीं।

 लड़की नाराज होकर शिव के सामने से चली जाती है....

 तभी शिवा के मोबाइल पर कॉल आया,

छोटी मॉं "हैलो, शिव... जल्दी घर आ जाओ, मेहमान कब से इंतज़ार कर रहे हैं?"

 शिव- मेहमानों को मुझसे पूछकर बुलाया गया था... नहीं? तो उन मेहमानों को आप ही संभालो.. अभी मेरे पास समय नहीं है....!

 यह कहकर शिवा गुस्से में कॉल काट देता है, मैंने छोटी में को इंतजार न करने के लिए कहा था, वैसे वह जानती है... मैं शादी नाम की इस अजीब चीज से दूर भाग था हूं...।

जैसे ही शिवा कोर्ट के बाहर आता है, जैसे ही वो मीडिया के सामने आते हैं तो सारी मीडिया उस पर टूट पड़ती है।

 रिपोर्टर- सर, आपको शर्म नहीं आती, एक अपराधी को निर्दोष साबित कर देते हो?"

 शिव- देखिए रिपोर्टर, मैं अपना काम करता हूं और अगर वह सच में निर्दोष है तो आप उसे अपराधी कैसे साबित कर सकते हैं...? तो  क्या आपका मतलब है, अदालत सच को झूठ और झूठ को सच कर देती है... यह अदालत का अवमान ​​है, धारा 23k 34f के अनुसार आप पर कानूनी कारवाई होगी।"

शिव की कानूनी कारवाई के धमकी के कारण रिपोर्टर वहा से गायब हो गये।

 तभी शिव को गृह मंत्री का फोन आता है, "हैलो शिव सर, धन्यवाद! आज आपकी वजह से मेरा बेटा निर्दोष साबित हो गया, मैं आपका एहसान कभी नहीं चुका सकता..."

 शिव- गृह मंत्रीजी, आप अच्छे से जानते हैं, की ॲडोव्होकेट शिव शास्त्री किसी पर एहसान नहीं करता...जैसा कि आपने तय किया है, ग्वालियर में पुराना एंटीक बंगला, मेरे भाई के नाम पर कर दो..

 गृह मंत्री  मुस्कुराते हुए कहते हैं, 'और अगर मैं अपना वादा तोड़ दूं तो?'

 शिव शास्त्री ने भी मुस्कुराते हुए कहा, "आप अपना वादा तोड़ सकते हैं, लेकिन आप यह भी मत भूलो की, अनजाने में आपके बेटे ने मेरे सामने अपना गुन्हा कबूल कर लिया था और मैंने इसे एक छिपे हुए कैमरे से रिकॉर्ड कर लिया था।

 अब अगर वो वीडियो मीडिया के सामने दे दिया जाए तो मुझे तो कोई दिक्कत नहीं, लेकिन आपको दिक्कत होगी... आपकी पद- प्रतिष्ठा खत्म हो जाएगी... सोचिए?

 गृह मंत्री अब घबरा गए, ''यह क्या है शिव सर.. मैं तो मजाक कर रहा था, .. आपको वो बंगला पसंद है तो.. कल अपने भाई को रजिस्टर ऑफिस में बुलाओ.. तुरंत वह बंगला आपके भाई के नाम हो जाएगा. ..

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